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कुरआन मजीद

Quran in Hindi

39. सूरह अज-ज़ुमर – 1-75

सूरह जुमर के संक्षिप्त विषय

यह सूरह मक्की है, इस में 75 आयतें हैं।

  • इस सूरह की आयत 71 तथा 73 में (जुमर) शब्द आया है। जिस का अर्थ हैः समूह तथा गिरोह। और इसी से सूरह का नाम लिया गया है।
  • इस की आरंभिक आयतों में कुन की मूल शिक्षा को प्रमाणों (दलीलों) के साथ प्रस्तुत किया गया है कि आज्ञा पालन (वंदना) मात्र अल्लाह ही के लिये है। फिर आगे आयत 20 तक दोनों गिरोहः जो धर्म का पालन करते और केवल अल्लाह की वंदना (इबादत) करते हैं तथा जो दूसरों की पूजा करते हैं उन के मध्य अन्तर बताया गया है। फिर आयत 35 तक कुन को मानने वालों की विशेषतायें और उन का प्रतिफल बताया गया है और विरोधियों को बुरे परिणाम से सावधान किया गया है।
  • आयत 36 से 52 तक ऐसे समझाया गया है कि (तौहीद) उभर कर सामने आ जाये। और ईमान लाने की भावना पैदा हो जाये। फिर आयत 63 तक अल्लाह को मानने की प्रेरणा दी गई है।
  • अन्तिम आयतों में यह बताया गया है कि एक अल्लाह की वंदना ही सच्च है। फिर प्रलय की कुछ दशाओं की झलक दिखा कर (नेकों) सदाचारियों और बुरों के अलग-अलग स्थानों की ओर जाने, और उन के अन्तिम परिणाम को बताया गया है।

सूरह अज-ज़ुमर | Surah Zumar in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

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تَنزِيلُ الْكِتَابِ مِنَ اللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ ‎ ﴾ 1 ﴿

Transliteration

तन्ज़ीलुल्-किताबि मिनल्लाहिल् अ़ज़ीज़ल्-हकीम

हिंदी अनुवाद

इस पुस्तक का अवतरित होना अल्लाह अति प्रभावशाली, तत्वज्ञ की ओर से है।

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إِنَّا أَنزَلْنَا إِلَيْكَ الْكِتَابَ بِالْحَقِّ فَاعْبُدِ اللَّهَ مُخْلِصًا لَّهُ الدِّينَ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

इन्ना अन्ज़ल्ना इलैकल्-किता-ब बिल्-हक़्क़ि फ़अ्बुदिल्ला-ह मुख़्लिसल्-लहुद्दीन

हिंदी अनुवाद

हमने आपकी ओर ये पुस्तक सत्य के साथ अवतरित की है। अतः, इबादत (वंदना) करो अल्लाह की शुध्द करते हुए उसके लिए धर्म को।

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‏ أَلَا لِلَّهِ الدِّينُ الْخَالِصُ ۚ وَالَّذِينَ اتَّخَذُوا مِن دُونِهِ أَوْلِيَاءَ مَا نَعْبُدُهُمْ إِلَّا لِيُقَرِّبُونَا إِلَى اللَّهِ زُلْفَىٰ إِنَّ اللَّهَ يَحْكُمُ بَيْنَهُمْ فِي مَا هُمْ فِيهِ يَخْتَلِفُونَ ۗ إِنَّ اللَّهَ لَا يَهْدِي مَنْ هُوَ كَاذِبٌ كَفَّارٌ ‎ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

अला लिल्लाहिद्- दीनुल्-ख़ालिसु, वल्लज़ीनत्त-ख़ज़ू मिन् दूनिही औलिया-अ. मा नअ्बुदुहुम् इल्ला लियुक़र्रिबूना इलल्लाहि जुल्फा, इन्नल्ला-ह यह्कुमु बैनहुम् फ़ीमा हुम् फ़ीहि यख़्तलिफ़ू-न, इन्नल्ला-ह ला यह्दी मन् हु-व काज़िबुन् कफ़्फ़ार

हिंदी अनुवाद

सुन लो! शुध्द धर्म अल्लाह ही के लिए (योग्य) है तथा जिन्होंने बना रखा है अल्लाह के सिवा संरक्षक, वे कहते हैं कि हम तो उनकी वंदना इसलिए करते हैं कि वह समीप कर देंगें हमें अल्लाह[1] से। वास्तव में, अल्लाह ही निर्णय करेगा उनके बीच जिसमें वे विभेद कर रहे हैं। वास्तव में, अल्लाह उसे सुपथ नहीं दर्शाता जो बड़ा मिथ्यावादी, कृतघ्न हो। 1. मक्का के काफ़िर यह मानते थे कि अल्लाह ही वास्तविक पूज्य है। परन्तु वह यह समझते थे कि उस का दरबार बहुत ऊँचा है इस लिये वह इन पूज्यों को माध्यम बनाते थे। ताकि इन के द्वारा उन की प्रार्थनायें अल्लाह तक पहुँच जायें। यही बात साधारणतः मुश्रिक कहते आये हैं। इन तीन आयतों में उन के इसी कुविचार का खण्डन किया गया है। फिर उन में कुछ ऐसे थे जो समझते थे कि अल्लाह के संतान हैं। कुछ, फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ कहते, और कुछ, नबियों (ईसा) को अल्लाह का पुत्र कहते थे। यहाँ इसी का खण्न किया गया है।

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لَّوْ أَرَادَ اللَّهُ أَن يَتَّخِذَ وَلَدًا لَّاصْطَفَىٰ مِمَّا يَخْلُقُ مَا يَشَاءُ ۚ سُبْحَانَهُ ۖ هُوَ اللَّهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

लौ अरादल्लाहु अंय्यत्तख़ि-व-लदल्लस्तफ़ा मिम्मा यख़्लुक़ु मा यशा-उ सुब्हानहू, हुवल्लाहुल्-वाहिदुल् क़ह्हार

हिंदी अनुवाद

यदि अल्लाह चाहता कि अपने लिए संतान बनाये, तो चुन लेता उसमें से, जिसे पैदा करता है, जिसे चाहता। वह पवित्र है! वही अल्लाह अकेला सबपर प्रभावशाली है।

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خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ بِالْحَقِّ ۖ يُكَوِّرُ اللَّيْلَ عَلَى النَّهَارِ وَيُكَوِّرُ النَّهَارَ عَلَى اللَّيْلِ ۖ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ۖ كُلٌّ يَجْرِي لِأَجَلٍ مُّسَمًّى ۗ أَلَا هُوَ الْعَزِيزُ الْغَفَّارُ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

ख़-लक़स्समावाति वल्अर्ज़ बिल्हक़्क़ि युकव्विरुल्-लै-ल अ़लन्नहारि व युकव्विरुन्-नहा-र अ़ललू-लैलि व सख़्ख़-रश्-शम्-स वल्क़-म-र, कुल्लुंय्-यज्री लि-अ-जलिम् मुसम्मन्, अला हुवल्-अ़ज़ीज़ुल्-ग़फ़्फ़ार

हिंदी अनुवाद

उसने पैदा किया है आकाशों तथा धरती को सत्य के आधार पर। वह लपेट देता है रात्रि को दिन पर तथा दिन को रात्रि पर तथा वशवर्ती किया सूर्य और चन्द्रमा को। प्रत्येक चल रहा है, अपनी निर्धारित अवधि के लिए। सावधान! वही अत्यंत प्रभावशाली, क्षमी है।

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خَلَقَكُم مِّن نَّفْسٍ وَاحِدَةٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَأَنزَلَ لَكُم مِّنَ الْأَنْعَامِ ثَمَانِيَةَ أَزْوَاجٍ ۚ يَخْلُقُكُمْ فِي بُطُونِ أُمَّهَاتِكُمْ خَلْقًا مِّن بَعْدِ خَلْقٍ فِي ظُلُمَاتٍ ثَلَاثٍ ۚ ذَٰلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُ ۖ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ فَأَنَّىٰ تُصْرَفُونَ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

ख़-ल-क़कुम् मिन् नफ्सिंव्वाहि-दतिन् सुम्-म ज-अ़-ल मिन्हा ज़ौ-जहा व अन्ज़-ल लकुम् मिनल्-अन्आ़मि समानि-य-त अज़्वाजिन्, यख़्लुक़ुकुम् फ़ी बुतूनि उम्म- हातिकुम् ख़ल्क़म्-मिम्बअ्दि ख़ल्क़िन् फ़ी ज़ुलुमातिन् सलासिन्, ज़ालिकुमुल्लाहु रब्बुकुम् लहुल्- मुल्कु, ला इला-ह इल्ला हु-व फ़-अन्ना तुस्रफ़ून

हिंदी अनुवाद

उसने तुम्हें पैदा किया एक प्राण से, फिर बनाया उसीसे उसका जोड़ा तथा अवतरित किये तुम्हारे लिए पशुओं में से आठ जोड़े। वह पैदा करता है तुम्हें तुम्हारी माताओं के गर्भाषयों में एक रूप में, एक रूप के पश्चात्, तीन अंधेरों में, यही अल्लाह है तुम्हारा पालनहार, उसी का राज्य है। कोई ( सच्चा) वंदनीय नहीं, उसके सिवा। तो तुम कहाँ फिराये जा रहे हो?

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إِن تَكْفُرُوا فَإِنَّ اللَّهَ غَنِيٌّ عَنكُمْ ۖ وَلَا يَرْضَىٰ لِعِبَادِهِ الْكُفْرَ ۖ وَإِن تَشْكُرُوا يَرْضَهُ لَكُمْ ۗ وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِزْرَ أُخْرَىٰ ۗ ثُمَّ إِلَىٰ رَبِّكُم مَّرْجِعُكُمْ فَيُنَبِّئُكُم بِمَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ ۚ إِنَّهُ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

इन् तक्फ़ुरु फ़-इन्नल्ला-ह ग़निय्युन् अ़न्कुम्, व ला यर्ज़ा लिअिबादिहिल्-कुफ़्-र व इन् तश्कुरू यर्-ज़हु लकुम्, व ला तज़िरु वाज़ि-रतुंव्-विज़्-र उख़्रा, सुम्- म इला रब्बिकुम् मर्जिअुकुम् फ़-युनब्बिउकुम् बिमा कुन्तुम् तअ्मलू-न, इन्नहू अ़लीमुम्-बिज़ातिस्सुदूर

हिंदी अनुवाद

यदि तुम कृतघ्न बनो, तो अल्लाह निस्पृह है तुमसे और वह प्रसन्न नहीं होता अपने भक्तों की कृतघ्नता से और यदि कृतज्ञता करो, तो वह प्रसन्न हो जायेगा तुमसे और नहीं बोझ उठायेगा कोई उठाने वाला दूसरों का बोझ। फिर तुम्हारे पालनहार ही की ओर तुम्हारा फिरना है। तो वह तुम्हें सूचित कर देगा तुम्हारे कर्मों से। वास्तव में, वह भली-भाँति जानने वाला है दिलों के भेदों को।

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وَإِذَا مَسَّ الْإِنسَانَ ضُرٌّ دَعَا رَبَّهُ مُنِيبًا إِلَيْهِ ثُمَّ إِذَا خَوَّلَهُ نِعْمَةً مِّنْهُ نَسِيَ مَا كَانَ يَدْعُو إِلَيْهِ مِن قَبْلُ وَجَعَلَ لِلَّهِ أَندَادًا لِّيُضِلَّ عَن سَبِيلِهِ ۚ قُلْ تَمَتَّعْ بِكُفْرِكَ قَلِيلًا ۖ إِنَّكَ مِنْ أَصْحَابِ النَّارِ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

व इज़ा मस्सल्-इन्सा-न ज़ुर्रुन् दआ़ रब्बहू मुनीबन् इलैहि सुम्-म इज़ा ख़व्व-लहू निअ्-मतम् मिन्हु नसि-य मा का-न यद्अू इलैहि मिन् क़ब्लु व ज-अ़-ल लिल्लाहि अन्दादल् लियुज़िल्-ल अ़न् सबीलिही, क़ुल् त-मत्तअ् बिकुफ़्रि-क क़लीलन् इन्न-क मिन् अस्हाबिन्नार

हिंदी अनुवाद

तथा जब पहुँचता है मनुष्य को कोई दुःख तो पुकारता है अपने पालनहार को, ध्यानमग्न होकर उसकी ओर। फिर जब हम उसे प्रदान करते हैं कोई सुख अपनी ओर से, तो भूल जाता है उसे, जिसके लिए वह पुकार रहा था इससे पूर्व तथा बना लेता है अल्लाह का साझी, ताकि कुपथ करे उसकी डगर से। आप कह कदें कि आनन्द ले ले अपने कुफ़्र का, थोड़ा सा। वास्तव में, तू नारकियों में है।

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أَمَّنْ هُوَ قَانِتٌ آنَاءَ اللَّيْلِ سَاجِدًا وَقَائِمًا يَحْذَرُ الْآخِرَةَ وَيَرْجُو رَحْمَةَ رَبِّهِ ۗ قُلْ هَلْ يَسْتَوِي الَّذِينَ يَعْلَمُونَ وَالَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ ۗ إِنَّمَا يَتَذَكَّرُ أُولُو الْأَلْبَابِ ﴾ 9 ﴿

Transliteration

अम्मन् हु-व क़ानितुन् आना-अल्लैलि साजिदंव्-व क़ाइमंय्यहू-ज़रुल्-आख़िर-त व यर्जू रह्म-त रब्बिही, क़ुल् हल् यस्तविल्-लज़ी-न-यलमू-न वल्लजी-न ला यअ्लमू-न, इन्नमा य-तज़क्करु उलुल्-अल्बाब

हिंदी अनुवाद

तो क्या जो आज्ञाकारी रहा हो रात्रि के क्षणों में सज्दा करते हुए तथा खड़ा रहकर, (और) डर रहा हो परलोक से तथा आशा रखता हो अल्लाह की दया की, आप कहें कि क्या समान हो जायेंगे जो ज्ञान रखते हों तथा जो ज्ञान नहीं रखते? वास्तव में, शिक्षा ग्रहण करते हैं मतिमान लोग ही।

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قُلْ يَا عِبَادِ الَّذِينَ آمَنُوا اتَّقُوا رَبَّكُمْ ۚ لِلَّذِينَ أَحْسَنُوا فِي هَٰذِهِ الدُّنْيَا حَسَنَةٌ ۗ وَأَرْضُ اللَّهِ وَاسِعَةٌ ۗ إِنَّمَا يُوَفَّى الصَّابِرُونَ أَجْرَهُم بِغَيْرِ حِسَابٍ ﴾ 10 ﴿

Transliteration

क़ुल् या अिबादिल्लज़ी-न आमनुत्तक़ू रब्बकुम्, लिल्लज़ी-न अह्सनू फ़ी हाज़िहिद्-दुन्या ह-स-नतुन्, व अर्जुल्लाहि वासि-अ़तुन्, इन्नमा युवफ़्फ़स्- साबिरू-न अज्रहुम् बिग़ैरि हिसाब

हिंदी अनुवाद

आप कह दें उन भक्तों से, जो ईमान लाये तथा डरे अपने पालनहार से कि उन्हीं के लिए जिन्होंने सदाचार किये इस संसार में, बड़ी भलाई है तथा अल्लाह की धरती विस्तृत है और धैर्यवान ही अपना पूरा प्रतिफल अगणित दिये जायेंगे।

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قُلْ إِنِّي أُمِرْتُ أَنْ أَعْبُدَ اللَّهَ مُخْلِصًا لَّهُ الدِّينَ ﴾ 11 ﴿

Transliteration

क़ुल् इन्नी उमिर्तु अन् अअ्बुदल्ला-ह मुख़्लिसल्-लहुद्दीन

हिंदी अनुवाद

आप कह दें कि मुझे आदेश दिया गया है कि इबादत (वंदना) करूँ अल्लाह की, शुध्द करके उसके लिए धर्म को।

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وَأُمِرْتُ لِأَنْ أَكُونَ أَوَّلَ الْمُسْلِمِينَ ﴾ 12 ﴿

Transliteration

व उमिर्तु लि-अन् अकू-न अव्वलल्-मुस्लिमीन

हिंदी अनुवाद

तथा मुझे आदेश दिया गया है कि प्रथम आज्ञाकारी हो जाऊँ।

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قُلْ إِنِّي أَخَافُ إِنْ عَصَيْتُ رَبِّي عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ ﴾ 13 ﴿

Transliteration

क़ुल् इन्नी अख़ाफ़ु इन् अ़सैतु रब्बी अ़ज़ा-ब यौमिन् अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

आप कह दें: मैं डरता हूँ, यदि मैं अवैज्ञा करूँ अपने पालनहार की, एक बड़े दिन की यातना से।

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قُلِ اللَّهَ أَعْبُدُ مُخْلِصًا لَّهُ دِينِي ﴾ 14 ﴿

Transliteration

कुलिल्ला-ह अअ्बुदु मुख़्लिसल्-लहू दीनी

हिंदी अनुवाद

आप कह दें: अल्लाह ही की इबादत (वंदना) मैं कर रहा हूँ, शुध्द करके उसके लिए अपने धर्म को।

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فَاعْبُدُوا مَا شِئْتُم مِّن دُونِهِ ۗ قُلْ إِنَّ الْخَاسِرِينَ الَّذِينَ خَسِرُوا أَنفُسَهُمْ وَأَهْلِيهِمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ أَلَا ذَٰلِكَ هُوَ الْخُسْرَانُ الْمُبِينُ ﴾ 15 ﴿

Transliteration

फ़अ्बुदू मा शिअ्तुम् मिन् दूनिही, क़ुल् इन्नल्-ख़ासिरीनल्लज़ी-न ख़ासिरू अन्फ़ु-सहुम् व अह्लीहिम् यौमल्- क़ियामति, अला ज़ालि क हुवल् ख़ुस्रानुल्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

अतः तुम इबादत (वंदना) करो जिसकी चाहो, उसके सिवा। आप कह दें: वास्तव में, क्षतिग्रस्त वही हैं, जिन्होंने क्षतिग्रस्त कर लिया स्वयं को तथा अपने परिवार को प्रलय के दिन। सावधान! यही खुली क्षति है।

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لَهُم مِّن فَوْقِهِمْ ظُلَلٌ مِّنَ النَّارِ وَمِن تَحْتِهِمْ ظُلَلٌ ۚ ذَٰلِكَ يُخَوِّفُ اللَّهُ بِهِ عِبَادَهُ ۚ يَا عِبَادِ فَاتَّقُونِ ﴾ 16 ﴿

Transliteration

लहुम् मिन् फ़ौक़िहिम् ज़ु-ललुम्-मिनन्नारि व मिन् तह्तिहिम् ज़ु-ललुन्, ज़ालि-क युख़व्विफ़ुल्लाहु बिही अिबादहू, या अिबादि फ़त्तक़ून

हिंदी अनुवाद

उन्हीं के लिए छत्र होंगे अग्नि के, उनके ऊपर से तथा उनके नीचे से छत्र होंगे। यही है, डरा रहा है अल्लाह जिससे, अपने भक्तों को। हे मेरे भक्तो! मुझी से डरो।

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وَالَّذِينَ اجْتَنَبُوا الطَّاغُوتَ أَن يَعْبُدُوهَا وَأَنَابُوا إِلَى اللَّهِ لَهُمُ الْبُشْرَىٰ ۚ فَبَشِّرْ عِبَادِ ﴾ 17 ﴿

Transliteration

वल्लज़ीनज्-त-नबुत्ताग़ू-त अंय्यअ्बुदूहा व अनाबू इलल्लाहि लहुमुल्- बुशरा फ़-बश्शिर् अिबाद

हिंदी अनुवाद

जो बचे रहे ताग़ूत (असुर)[1] की पूजा से तथा ध्यानमग्न हो गये अल्लाह की ओर, तो उन्हीं के लिए शुभ सूचना है। अतः, आप शुभ सूचना सुना दें मेरे भक्तों को। 1. अल्लाह के अतिरिक्त मिथ्या पूज्यों से।

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الَّذِينَ يَسْتَمِعُونَ الْقَوْلَ فَيَتَّبِعُونَ أَحْسَنَهُ ۚ أُولَٰئِكَ الَّذِينَ هَدَاهُمُ اللَّهُ ۖ وَأُولَٰئِكَ هُمْ أُولُو الْأَلْبَابِ ﴾ 18 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न यस्तमिअूनल्-क़ौ-ल फ़-यत्तबिअू न अह्स-नहू, उलाइ-कल्लज़ी-न हदाहुमुल्लाहु व उलाइ-क हुम् उलुल्-अल्बाब

हिंदी अनुवाद

जो ध्यान से सुनते हैं इस बात को, फिर अनुसरण करते हैं इस सर्वोत्तम बात का, तो वही हैं, जिन्हें सुपथ दर्शा दिया है अल्लाह ने तथा वही मतिमान हैं।

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‏ أَفَمَنْ حَقَّ عَلَيْهِ كَلِمَةُ الْعَذَابِ أَفَأَنتَ تُنقِذُ مَن فِي النَّارِ ﴾ 19 ﴿

Transliteration

अ-फ़-मन् हक्-क़ अ़लैहि कलि-मतुल्- अ़ज़ाबि, अ-फ़ अन्-त तुन्क़िज़ु मन् फ़िन्नार

हिंदी अनुवाद

तो क्या जिसपर यातना की बात सिध्द हो गयी, क्या आप निकाल सकेंगे उसे, जो नरक में हैं?

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لَٰكِنِ الَّذِينَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ لَهُمْ غُرَفٌ مِّن فَوْقِهَا غُرَفٌ مَّبْنِيَّةٌ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ ۖ وَعْدَ اللَّهِ ۖ لَا يُخْلِفُ اللَّهُ الْمِيعَادَ ‎ ﴾ 20 ﴿

Transliteration

लाकिनिल्लज़ीनत्तक़ौ रब्बहुम् लहुम् ग़ु-रफ़ुम् – मिन् फ़ौक़िहा ग़ु-रफ़ुम् – मब्निय्यतुन् तज्री मिन् तह्तिहल्-अन्हारु, वअ्दल्लाहि, ला युख़्लिफ़ुल्लाहुल- मीआ़द

हिंदी अनुवाद

किन्तु, जो अपने पालनहार से डरे, उन्हीं के लिए उच्च भवन हैं। जिनके ऊपर निर्मित भवन हैं। प्रवाहित हैं जिनमें नहरें, ये अल्लाह का वचन है और अल्लाह वचन भंग नहीं करता।

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أَلَمْ تَرَ أَنَّ اللَّهَ أَنزَلَ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَسَلَكَهُ يَنَابِيعَ فِي الْأَرْضِ ثُمَّ يُخْرِجُ بِهِ زَرْعًا مُّخْتَلِفًا أَلْوَانُهُ ثُمَّ يَهِيجُ فَتَرَاهُ مُصْفَرًّا ثُمَّ يَجْعَلُهُ حُطَامًا ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَذِكْرَىٰ لِأُولِي الْأَلْبَابِ ﴾ 21 ﴿

Transliteration

अलम् त-र अन्नल्ला-ह अन्ज़-ल मिनस्समा-इ मा-अन् फ़-स-ल-कहू यनाबी-अ़ फ़िल्अर्ज़ि सुम्- म युख़्-रिजु बिही ज़र्अम्-मुख़्तलिफ़न् अल्वानुहू सुम्-म यहीजु फ़-तराहु मुस्फ़र्रन् सुम्-म यज्-अ़लुहू हुतामन्, इन्-न फ़ी ज़ालि-क लज़िक्रा लि-उलिल्-अल्बाब

हिंदी अनुवाद

क्या तुमने नहीं देखा[1] कि अल्लाह ने उतारा आकाश से जल? फिर प्रवाहित कर दिये उसके स्रोत धरती में। फिर निकालता है उससे खेतियाँ विभिन्न रंगों की। फिर सूख जाती हैं, तो तुम देखते हो उन्हें पीली, फिर उसे चूर-चूर कर देता है। निश्चय इसमें बड़ी शिक्षा है मतिमानों के लिए। 1. इस आयत में अल्लाह के एक नियम की ओर संकेत है जो सब में समान रूप से प्रचलित है। अर्थात वर्षा से खेती का उगना और अनेक स्थितियों से गुज़र कर नाश हो जाना। इसे मतिमानों के लिये शिक्षा कहा गया है। क्योंकि मनुष्य की भी यही दशा है। वह शिशु जन्म लेता है फिर युवक और बूढ़ा हो जाता है। और अंततः संसार से चला जाता है।

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أَفَمَن شَرَحَ اللَّهُ صَدْرَهُ لِلْإِسْلَامِ فَهُوَ عَلَىٰ نُورٍ مِّن رَّبِّهِ ۚ فَوَيْلٌ لِّلْقَاسِيَةِ قُلُوبُهُم مِّن ذِكْرِ اللَّهِ ۚ أُولَٰئِكَ فِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ ‎ ﴾ 22 ﴿

Transliteration

अ-फ़ मन् श-रहल्लाहु सद्- रहू लिल्इस्लामि फ़हु-व अ़ला नूरिम्-मिर्रब्बिही, फ़-वैलुल्-लिल्क़ासि-यति क़ुलूबुहुम् मिन् ज़िक्रिल्लाहि, उलाइ-क फ़ी ज़लालिम्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

तो क्या खोल दिया हो अल्लाह ने जिसका सीना इस्लाम के लिए, तो वह एक प्रकाश पर हो अपने पालनहार की ओर से। तो विनाश है जिनके दिल कड़े हो गये अल्लाह के स्मरण से, वही खुले कुपथ में हैं।

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اللَّهُ نَزَّلَ أَحْسَنَ الْحَدِيثِ كِتَابًا مُّتَشَابِهًا مَّثَانِيَ تَقْشَعِرُّ مِنْهُ جُلُودُ الَّذِينَ يَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ ثُمَّ تَلِينُ جُلُودُهُمْ وَقُلُوبُهُمْ إِلَىٰ ذِكْرِ اللَّهِ ۚ ذَٰلِكَ هُدَى اللَّهِ يَهْدِي بِهِ مَن يَشَاءُ ۚ وَمَن يُضْلِلِ اللَّهُ فَمَا لَهُ مِنْ هَادٍ ﴾ 23 ﴿

Transliteration

अल्लाहु नज़्ज़-ल अह्स-नल्-हदीसि किताबम्-मु-तशाबिहम्-मसानि-य तक़्शअिर्रु मिन्हु जुलूदुल्लज़ी – न यख़्शौ-न रब्बहुम् सुम्-म तलीनु जुलूदुहुम् व क़ुलूबुहुम् इला ज़िक्रिल्लाहि, ज़ालि-क हुदल्लाहि यह्दी बिही मंय्यशा-उ, व मंय्युज़्लिलिल्लाहु फ़मा लहू मिन् हाद

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही है, जिसने सर्वोत्तम ह़दीस (क़ुर्आन) को अवतरित किया है। ऐसी पुस्तक, जिसकी आयतें मिलती-जुलती बार-बार दुहराई जाने वाली हैं। जिसे (सुनकर) खड़े हो जाते हैं उनके रूँगटे, जो डरते हैं अपने पालनहार से। फिर कोमल हो जाते हैं उनके अंग तथा दिल, अल्लाह के स्मरण की ओर। यही है अल्लाह का मार्गदर्शन, जिसके द्वारा वह संमार्ग पर लगा देता है, जिसे चाहता है और जिसे अल्लाह कुपथ कर दे, तो उसका कोई पथदर्शक नहीं है।

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أَفَمَن يَتَّقِي بِوَجْهِهِ سُوءَ الْعَذَابِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۚ وَقِيلَ لِلظَّالِمِينَ ذُوقُوا مَا كُنتُمْ تَكْسِبُونَ ﴾ 24 ﴿

Transliteration

अ-फ़ मंय्-यत्तक़ी बिवज्हिही सूअल्-अ़ज़ाबि यौमल्- क़ियामति, व क़ी-ल लिज़्ज़ालिमी न ज़ूक़ू मा कुन्तुम् तक्सिबून

हिंदी अनुवाद

तो क्या जो अपनी रक्षा करेगा अपने मुख[1] से, बुरी यातना से, प्रलय के दिन? तथा कहा जायेगा अत्याचारियों सेः चखो, जो तुम कर रहे थे। 1. इस लिये कि उस के हाथ पीछे बंधे होंगे। वह अच्छा है या जो स्वर्ग के सुख में होगा वह अच्छा है?

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كَذَّبَ الَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ فَأَتَاهُمُ الْعَذَابُ مِنْ حَيْثُ لَا يَشْعُرُونَ ‎ ﴾ 25 ﴿

Transliteration

कज़्ज़बल्-लज़ी-न मिन् क़ब्लिहिम् फ़-अताहुमुल्-अ़ज़ाबु मिन् हैसु ला यश्अु‍रून

हिंदी अनुवाद

झुठला दिया उन्होंने, जो इनसे पूर्व थे। तो आ गयी यातना उनके पास, जहाँ से उन्हें अनुमान (भी) न था।

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فَأَذَاقَهُمُ اللَّهُ الْخِزْيَ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا ۖ وَلَعَذَابُ الْآخِرَةِ أَكْبَرُ ۚ لَوْ كَانُوا يَعْلَمُونَ ﴾ 26 ﴿

Transliteration

फ़-अज़ा-क़हुमुल्लाहुल्-ख़िज़्-य फ़िल्- हयातिद्दुन्या व ल-अ़ज़ाबुल्-आख़िरति अक्बरु. लौ कानू यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

तो चखा दिया अल्लाह ने उन्हें अपमान, सांसारिक जीवन में और आख़िरत (परलोक) की यातना निश्चय अत्यधिक बड़ी है। क्या ही अच्छा होता, यदि वे जानते।

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وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِي هَٰذَا الْقُرْآنِ مِن كُلِّ مَثَلٍ لَّعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُونَ ﴾ 27 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् ज़रब्ना लिन्नासि फ़ी हाज़ल्-कुर्आनि मिन् कुल्लि म -सलिल्-लअ़ल्लहुम् य-तज़क्करून

हिंदी अनुवाद

और हमने मनुष्य के लिए इस क़ुर्आन में प्रत्येक उदाहरण दिये हैं, ताकि वे शिक्षा ग्रहण करें।

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قُرْآنًا عَرَبِيًّا غَيْرَ ذِي عِوَجٍ لَّعَلَّهُمْ يَتَّقُونَ ﴾ 28 ﴿

Transliteration

क़ुर्आनन् अ़-रबिय्यन् ग़ै-र ज़ी अि-वजिल्-लअ़ल्लहुम् यत्तक़ून

हिंदी अनुवाद

अरबी भाषा में क़ुर्आन, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है, ताकि वे अल्लाह से डरें।

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ضَرَبَ اللَّهُ مَثَلًا رَّجُلًا فِيهِ شُرَكَاءُ مُتَشَاكِسُونَ وَرَجُلًا سَلَمًا لِّرَجُلٍ هَلْ يَسْتَوِيَانِ مَثَلًا ۚ الْحَمْدُ لِلَّهِ ۚ بَلْ أَكْثَرُهُمْ لَا يَعْلَمُونَ ﴾ 29 ﴿

Transliteration

ज़-रबल्लाहु म-सलर्-रजुलन् फ़ीहि शु-रका-उ मु-तशाकिसू-न व रजुलन् स- लमल्-लि-रजुलिन्, हल् यस्तवियानि म-सलन्, अल्हम्दु लिल्लाहि, बल् अक्सरुहुम् ला यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ने एक उदाहरण दिया है एक व्यक्ति का, जिसमें बहुत-से परस्पर विरोधी साझी हैं तथा एक व्यक्ति पूरा एक व्यक्ति का (दास) है। तो क्या दशा में दोनों समान हो जायेंगे?[1] सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, बल्कि उनमें से अधिक्तर नहीं जानते। 1. इस आयत में मिश्रणवादी और एकेश्वरवादी की दशा का वर्णन किया गया है कि मिश्रणवादी अनेक पूज्यों को प्रसन्न करने में व्याकूल रहता है। तथा एकेश्वरवादी शान्त हो कर केवल एक अल्लाह की इबादत करता है और एक ही को प्रसन्न करता है।

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إِنَّكَ مَيِّتٌ وَإِنَّهُم مَّيِّتُونَ ﴾ 30 ﴿

Transliteration

इन्न-क मय्यितुंव् व इन्नहुम् मिय्यतून

हिंदी अनुवाद

(हे नबी!) निश्चय आपको मरना है तथा उन्हें भी मरना है।

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ثُمَّ إِنَّكُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ عِندَ رَبِّكُمْ تَخْتَصِمُونَ ‎ ﴾ 31 ﴿

Transliteration

सुम्-म इन्नकुम् यौमल्-क़ियामति अिन्-द रब्बिकुम् तख़्तसिमून*

हिंदी अनुवाद

फिर तुम सभी[1] प्रलय के दिन अल्लाह के समक्ष झगड़ोगे। 1. और वहाँ तुम्हारे झगड़े का निर्णय और सब का अन्त सामने आ जायेगा। इस आयत में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की मौत को सिध्द किया गया है। जिस प्रकार सूरह आले इमरान, आयतः144 में आप की मौत का प्रमाण बताया गया है।

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فَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّن كَذَبَ عَلَى اللَّهِ وَكَذَّبَ بِالصِّدْقِ إِذْ جَاءَهُ ۚ أَلَيْسَ فِي جَهَنَّمَ مَثْوًى لِّلْكَافِرِينَ ﴾ 32 ﴿

Transliteration

फ़-मन् अज़्लमु मिम्मन् क-ज़-ब अ़लल्लाहि व कज़्ज़-ब बिस्सिद्क़ि इज़् जा-अहू, अलै-स फ़ी जहन्न-म मस्वल्-लिल् – काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

तो उससे बड़ा अत्याचारी कौन हो सकता है जो अल्लाह पर झूठ बोले तथा सच को झुठलाये, जब उसके पास आ गया? तो क्या नरक में नहीं है, ऐसे काफ़िरों का स्थान?

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وَالَّذِي جَاءَ بِالصِّدْقِ وَصَدَّقَ بِهِ ۙ أُولَٰئِكَ هُمُ الْمُتَّقُونَ ﴾ 33 ﴿

Transliteration

वल्लज़ी जा-अ बिस्सिद्क़ि व सद्द-क़ बिही उलाइ-क हुमुल्-मुत्तक़ून

हिंदी अनुवाद

तथा जो सत्य लाये[1] और जिसने उसे सच माना, तो वही (यातना से) सुरक्षित रहने वाले हैं। 1. इस से अभिप्राय अन्तिम नबी जनाब मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हैं।

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لَهُم مَّا يَشَاءُونَ عِندَ رَبِّهِمْ ۚ ذَٰلِكَ جَزَاءُ الْمُحْسِنِينَ ﴾ 34 ﴿

Transliteration

लहुम् मा यशाऊ-न अिन्- द रब्बिहिम्, ज़ालि-क जजाउल् – मुह्सिनीन

हिंदी अनुवाद

उन्हीं के लिए है, जो वह चाहेंगे उनके पालनहार के यहाँ और यही सदाचारियों का प्रतिफल है।

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لِيُكَفِّرَ اللَّهُ عَنْهُمْ أَسْوَأَ الَّذِي عَمِلُوا وَيَجْزِيَهُمْ أَجْرَهُم بِأَحْسَنِ الَّذِي كَانُوا يَعْمَلُونَ ‎ ﴾ 35 ﴿

Transliteration

लि – युकफ़िफ़रल्लाहु अ़न्हुम् अस्व-अल्लज़ी अ़मिलू व यज्ज़ि -यहुम् अज्रहुम् बि- अह्सनिल्लज़ी कानू यअ्मलून

हिंदी अनुवाद

ताकि अल्लाह क्षमा कर दे, जो कुकर्म उन्होंने किये हैं तथा उन्हें प्रदान करे उनका प्रतिफल उनके उत्तम कर्मों के बदले, जो वे कर रहे थे।

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أَلَيْسَ اللَّهُ بِكَافٍ عَبْدَهُ ۖ وَيُخَوِّفُونَكَ بِالَّذِينَ مِن دُونِهِ ۚ وَمَن يُضْلِلِ اللَّهُ فَمَا لَهُ مِنْ هَادٍ ﴾ 36 ﴿

Transliteration

अ-लैसल्लाहु बिकाफ़िन् अ़ब्दहू, व युख़व्विफ़ून-क बिल्लज़ी-न मिन् दूनिही, व मंय्युज़्लि-लिल्लाहु फ़मा लहू मिन् हाद

हिंदी अनुवाद

क्या अल्लाह प्रयाप्त नहीं है अपने भक्त के लिए? तथा वह आपको डराते हैं उनसे, जो उसके सिवा हैं तथा जिसे अल्लाह कुपथ कर दे, तो नहीं है उसे कोई सुपथ दर्शाने वाला।

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‏ وَمَن يَهْدِ اللَّهُ فَمَا لَهُ مِن مُّضِلٍّ ۗ أَلَيْسَ اللَّهُ بِعَزِيزٍ ذِي انتِقَامٍ ﴾ 37 ﴿

Transliteration

व मंय्यदिल्लाहु फ़मा लहू मिम्-मुज़िल्लिन्, अ-लैसल्लाहु बि-अ़ज़ीज़िन् ज़िन्तिक़ाम

हिंदी अनुवाद

और जिसे अल्लाह सुपथ दर्शा दे, तो नहीं है उसे कोई कुपथ करने वाला। क्या नहीं है अल्लाह प्रभुत्वशाली, बदला लेने वाला?

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وَلَئِن سَأَلْتَهُم مَّنْ خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ لَيَقُولُنَّ اللَّهُ ۚ قُلْ أَفَرَأَيْتُم مَّا تَدْعُونَ مِن دُونِ اللَّهِ إِنْ أَرَادَنِيَ اللَّهُ بِضُرٍّ هَلْ هُنَّ كَاشِفَاتُ ضُرِّهِ أَوْ أَرَادَنِي بِرَحْمَةٍ هَلْ هُنَّ مُمْسِكَاتُ رَحْمَتِهِ ۚ قُلْ حَسْبِيَ اللَّهُ ۖ عَلَيْهِ يَتَوَكَّلُ الْمُتَوَكِّلُونَ ﴾ 38 ﴿

Transliteration

व ल-इन् स-अल्तहुम् मन् ख़-लक़स्समावाति वल्अर्-ज़ ल-यक़ूलुन्-नल्लाहु क़ुल् अ-फ़-रऐतुम् मा तद्अू-न मिन् दूनिल्लाहि इन् अरा-दनियल्लाहु बिज़ुर्रिन् हल् हुन्-न काशिफ़ातु ज़ुर्रिही औ अरा-दनी बिरह्मतिन् हल् हुन्-न मुम्सिकातु रह्मतिही, क़ुल् हस्बियल्लाहु अ़लैहि य-तवक्कलुलू- मु-तवक्किलून

हिंदी अनुवाद

और यदि आप, उनसे प्रश्न करें कि किसने पैदा किया है आकाशों तथा धरती को? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। आप कहिये कि तुम बताओ, जिसे तुम अल्लाह के सिवा पुकारते हो, यदि अल्लाह मुझे कोई हानि पहुँचाना चाहे, तो क्या ये उसकी हानि दूर कर सकता हैं? अथवा मेरे साथ दया करना चाहे, तो क्या ये रोक सकते हैं उसकी दया को? आप कह दें कि मुझे पर्याप्त है अल्लाह और उसीपर भरोसा करते हैं, भरोसा करने वाले।

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قُلْ يَا قَوْمِ اعْمَلُوا عَلَىٰ مَكَانَتِكُمْ إِنِّي عَامِلٌ ۖ فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ ﴾ 39 ﴿

Transliteration

क़ुल् या क़ौमिअ्मलू अ़ला मकानतिकुम् इन्नी आ़मिलुन् फ़सौ-फ़ तअ्लमून

हिंदी अनुवाद

आप कह दें कि हे मेरी जाति के लोगो! तुम काम करो अपने स्थान पर, मैंभी काम कर रहा हूँ। तो शीघ्र ही तुम्हें ज्ञान हो जायेगा।

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مَن يَأْتِيهِ عَذَابٌ يُخْزِيهِ وَيَحِلُّ عَلَيْهِ عَذَابٌ مُّقِيمٌ ﴾ 40 ﴿

Transliteration

मंय्यअ्तीहि अ़ज़ाबुंय् – युख़्ज़ीहि व यहिल्लु अ़लैहि अ़ज़ाबुम्-मुक़ीम

हिंदी अनुवाद

कि किसके पास आती है ऐसी यातना, जो उसे अपमानित कर दे तथा उतरती है किसके ऊपर स्थायी यातना?

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إِنَّا أَنزَلْنَا عَلَيْكَ الْكِتَابَ لِلنَّاسِ بِالْحَقِّ ۖ فَمَنِ اهْتَدَىٰ فَلِنَفْسِهِ ۖ وَمَن ضَلَّ فَإِنَّمَا يَضِلُّ عَلَيْهَا ۖ وَمَا أَنتَ عَلَيْهِم بِوَكِيلٍ ﴾ 41 ﴿

Transliteration

इन्ना अन्ज़ल्ना अ़लैकल्-किता-ब लिन्नासि बिल्हक़्क़ि फ़-मनिह्तदा फ़लिनफ़्सिही व मन् जल्-ल फ़-इन्नमा यज़िल्लु अ़लैहा व मा अन्-त अ़लैहिम् बि-वकील*

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, हमने ही अवतरित की है आपपर ये पुस्तक, लोगों के लिए सत्य के साथ। तो जिसने मार्गदर्शन प्राप्त कर लिया, तो उसके अपने (लाभ के) लिए है तथा जो कुपथ हो गया, तो वह कुपथ होता है अपने ऊपर तथा आप उनपर संरक्षक नहीं हैं।

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‏ اللَّهُ يَتَوَفَّى الْأَنفُسَ حِينَ مَوْتِهَا وَالَّتِي لَمْ تَمُتْ فِي مَنَامِهَا ۖ فَيُمْسِكُ الَّتِي قَضَىٰ عَلَيْهَا الْمَوْتَ وَيُرْسِلُ الْأُخْرَىٰ إِلَىٰ أَجَلٍ مُّسَمًّى ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ ﴾ 42 ﴿

Transliteration

अल्लाहु य-तवफ़्फ़ल्-अन्फ़ु-स ही-न मौतिहा वल्लती लम् तमुत् फ़ी मनामिहा फ़-युम्सिकुल्लती क़ज़ा अ़लैहल्-मौ-त व युर्सिलुल्-उख़्रा इला अ-जलिम्-मुसम्मन्, इन्-न फ़ी ज़ालि-क लआयातिल् लिक़ौमिंय्य- तफ़क्करून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही खींचता है प्राणों को, उनके मरण के समय तथा जिसके मरण का समय नहीं आया, उसकी निद्रा में। फिर रोक लेता है जिसपर निर्णय कर दिया हो मरण का तथा भेज देता है अन्य को, एक निर्धारित समय तक के लिए। वास्तव में, इसमें कई निशानियाँ हैं उनके लिए, जो मनन-चिन्तन[1] करते हों। 1. इस आयत में बताया जा रहा है कि मरण तथा जीवन अल्लाह के नियंत्रण में हैं। निद्रा में प्राणों को खींचने का अर्थ है, उन की संवेदन शक्ति को समाप्त कर देना। अतः कोई इस निद्रा की दशा पर विचार करे तो यह समझ सकता है कि अल्लाह मुर्दों को भी जीवित कर सकता है।

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أَمِ اتَّخَذُوا مِن دُونِ اللَّهِ شُفَعَاءَ ۚ قُلْ أَوَلَوْ كَانُوا لَا يَمْلِكُونَ شَيْئًا وَلَا يَعْقِلُونَ ‎ ﴾ 43 ﴿

Transliteration

अमित्त – ख़ज़ू मिनू दूनिल्लाहि शु-फ़आ़-अ, क़ुल् अ-व लौ कानू ला यम्लिकू-न शैअंव्-व ला यअ्किलून

हिंदी अनुवाद

क्या उन्होंने बना लिए हैं अल्लाह के अतिरिक्त बहुत-से अभिस्तावक (सिफ़ारिशी)? आप कह दें: क्या (ये सिफ़ारिश करेंगे) यदि वे अधिकार न रखते हों किसी चीज़ का और न ही समझ सकते हों?

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قُل لِّلَّهِ الشَّفَاعَةُ جَمِيعًا ۖ لَّهُ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ ثُمَّ إِلَيْهِ تُرْجَعُونَ ﴾ 44 ﴿

Transliteration

क़ुल् लिल्लाहिश्-शफ़ा-अ़तु जमीअ़न्, लहू मुल्कुस्समावाति वल्अर्ज़ि, सुम्-म इलैहि तुर्जअून

हिंदी अनुवाद

आप कह दें कि अनुशंसा (सिफ़ारिश) तो सब अल्लाह के अधिकार में है। उसी के लिए है आकाशों तथा धरती का राज्य। फिर उसी की ओर तुम फिराये जाओगे।

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وَإِذَا ذُكِرَ اللَّهُ وَحْدَهُ اشْمَأَزَّتْ قُلُوبُ الَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِالْآخِرَةِ ۖ وَإِذَا ذُكِرَ الَّذِينَ مِن دُونِهِ إِذَا هُمْ يَسْتَبْشِرُونَ ﴾ 45 ﴿

Transliteration

व इज़ा ज़ुकिरल्लाहु वह्दहुश्-म-अज़्ज़त् क़ुलूबुल्लज़ी-न ला युअ्मिनू-न बिल्-आख़िरति व इज़ा ज़ुकिरल्लज़ी-न मिन् दूनिही इज़ा हुम् यस्तब्शिरून

हिंदी अनुवाद

तथा जब वर्णन किया जाता है अकेले अल्लाह का, तो संकीर्ण होने लगते हैं उनके दिल, जो ईमान नहीं रखते आख़िरत[1] पर तथा जब वर्णन किया जाता है उनका, जो उसके सिवा हैं, तो वे सहसा प्रसन्न हो जाते हैं। 1. इस में मुश्रिकों की दशा का वर्णन किया जा रहा है कि वह अल्लाह की महिमा और प्रेम को स्वीकार तो करते हैं फिर भी जब अकेले अल्लाह की महिमा तथा प्रशंसा का वर्णन किया जाता है तो प्रसन्न नहीं होते जब तक दूसरे पीरों-फ़क़ीरों तथा देवताओं के चमत्कार की चर्चा न की जाये।

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قُلِ اللَّهُمَّ فَاطِرَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ عَالِمَ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ أَنتَ تَحْكُمُ بَيْنَ عِبَادِكَ فِي مَا كَانُوا فِيهِ يَخْتَلِفُونَ ﴾ 46 ﴿

Transliteration

कुलिल्लाहुम्-म फ़ातिरस्-समावाति वल्अर्ज़ि आ़लिमल् – ग़ैबि वश्शहा-दति अन्-त तह्कुमु बै-न अिबादि-क फ़ीमा कानू फ़ीहि यख़्तलिफ़ून

हिंदी अनुवाद

(हे नबी!) आप कहें: हे अल्लाह आकाशों तथा धरती के पैदा करने वाले, परोक्ष तथा प्रत्यक्ष के ज्ञानी! तू ही निर्णय करेगा अपने भक्तों के बीच, जिस बात में वे झगड़ रहे थे।

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‏ وَلَوْ أَنَّ لِلَّذِينَ ظَلَمُوا مَا فِي الْأَرْضِ جَمِيعًا وَمِثْلَهُ مَعَهُ لَافْتَدَوْا بِهِ مِن سُوءِ الْعَذَابِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۚ وَبَدَا لَهُم مِّنَ اللَّهِ مَا لَمْ يَكُونُوا يَحْتَسِبُونَ ﴾ 47 ﴿

Transliteration

व लौ अन्-न लिल्लज़ी-न ज़-लमू मा फ़िल्-अर्ज़ि जमीअंव्-व मिस्-लहू म अ़हू – लफ़्तदौ बिही मिन् सूइल्-अज़ाबि यौमल् – क़ियामति, व बदा लहुम् मिनल्लाहि मा लम् यकूनू यह्तसिबून

हिंदी अनुवाद

और यदि उनका, जिन्होंने अत्याचार किया है, जो कुछ धरती में है, सब हो जाये तथा उसके समान उसके साथ और आ जाये, तो वे उसे दण्ड में दे देंगे[1] घोर यातना के बदले, प्रलय के दिन तथा खुल जायेगी उनके लिए अल्लाह की ओर, से वो बात, जिसे वे समझ नहीं रहे थे। 1. परन्तु वह सब स्वीकार्य नहीं होगा। (देखियेः सूरह बक़रह, आयतः48, तथा सूरह आले इमरान, आयतः91)

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وَبَدَا لَهُمْ سَيِّئَاتُ مَا كَسَبُوا وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ ﴾ 48 ﴿

Transliteration

व बदा लहुम् सय्यिआतु मा क-सबू व हा-क़ बिहिम् मा कानू बिही यस्तह्ज़िऊन

हिंदी अनुवाद

तथा खुल जायेंगी उनके लिए उनके करतूतों की बुराईयाँ और उन्हें घेर लेगा, जिसका वे उपहास कर रहे थे।

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فَإِذَا مَسَّ الْإِنسَانَ ضُرٌّ دَعَانَا ثُمَّ إِذَا خَوَّلْنَاهُ نِعْمَةً مِّنَّا قَالَ إِنَّمَا أُوتِيتُهُ عَلَىٰ عِلْمٍ ۚ بَلْ هِيَ فِتْنَةٌ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَهُمْ لَا يَعْلَمُونَ ﴾ 49 ﴿

Transliteration

फ़-इज़ा मस्सल्-इन्सा-न ज़ुर्रुन् दआ़ना सुम्-म इज़ा ख़व्वल्नाहु निअ्-मतम् मिन्ना क़ा-ल इन्नमा ऊतीतुहू अ़ला अिल्मिन्, बल् हि-य फ़ित्-नतुंव्-व लाकिन्-न अक्स रहुम् ला यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

और जब पहुँचता है मनुष्यों को कोई दुःख, तो हमें पुकारता है। फिर जब हम प्रदान करते हैं कोई सुख अपनी ओर से, तो कहता हैः ये तो मुझे प्रदान किया गया है ज्ञान के कारण। बल्कि, ये एक परीक्षा है। किन्तु, लोगों में से अधिक्तर (इसे) नहीं जानते।

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قَدْ قَالَهَا الَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ فَمَا أَغْنَىٰ عَنْهُم مَّا كَانُوا يَكْسِبُونَ ﴾ 50 ﴿

Transliteration

क़द् क़ा-लहल्लज़ी-न मिन् क़ब्लिहिम् फ़मा अग़्ना अ़न्हुम् मा कानू यक्सिबून

हिंदी अनुवाद

यही बात, उन लोगों ने भी कही थी, जो इनसे पूर्व थे। तो नहीं काम आया उनके, जो कुछ वे कमा रहे थे।

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فَأَصَابَهُمْ سَيِّئَاتُ مَا كَسَبُوا ۚ وَالَّذِينَ ظَلَمُوا مِنْ هَٰؤُلَاءِ سَيُصِيبُهُمْ سَيِّئَاتُ مَا كَسَبُوا وَمَا هُم بِمُعْجِزِينَ ﴾ 51 ﴿

Transliteration

फ़-असा-बहुम् सय्यिआतु मा क-सबू, वल्लज़ी-न ज़-लमू मिन् हाउला-इ सयुसीबुहुम् सय्यिआतु मा क-सबू व मा हुम् बिमुअ्जिज़ीन

हिंदी अनुवाद

फिर आ पड़े उनपर उनके सब कुकर्म और जो अत्याचार किये हैं इनमें से, आ पड़ेंगे उनपर (भी) उनके कुकर्म तथा वे (हमें) विवश करने वाले नहीं हैं।

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أَوَلَمْ يَعْلَمُوا أَنَّ اللَّهَ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَن يَشَاءُ وَيَقْدِرُ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ ‎ ﴾ 52 ﴿

Transliteration

अ-व लम् यअ्लम् अन्नल्ला-ह यब्सुतुर्रिज़्- क़ लिमंय्यशा – उ व यक़्दिरु, इन्-न फ़ी ज़ालि-क ल-आयातिल् लिकौमिंय्युअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

क्या उन्हें ज्ञान नहीं कि अल्लाह फैलाता है जीविका, जिसके लिए चाहता है तथा नापकर देता है (जिसके लिए चाहता है)? निश्चय इसमें कई निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो ईमान रखते हैं।

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قُلْ يَا عِبَادِيَ الَّذِينَ أَسْرَفُوا عَلَىٰ أَنفُسِهِمْ لَا تَقْنَطُوا مِن رَّحْمَةِ اللَّهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ يَغْفِرُ الذُّنُوبَ جَمِيعًا ۚ إِنَّهُ هُوَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ ﴾ 53 ﴿

Transliteration

क़ुल् या अिबादि-यल्लज़ी-न अस्-रफ़ू अ़ला अन्फुसिहिम्’ ला तक़्नतू मिर्रह्मतिल्लाहि, इन्नल्ला-ह यग़्फ़िरुज़्-ज़ुनू-ब जमीअ़न्, इन्नहू हुवल्-ग़फ़ूरुर्रहीम

हिंदी अनुवाद

आप कह दें मेरे उन भक्तों से, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार किये हैं कि तुम निराश[1] न हो अल्लाह की दया से। वास्तव में, अल्लाह क्षमा कर देता है सब पापों को। निश्चय वह अति क्षमी, दयावान् है। 1. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास कुछ मुश्रिक आये जिन्हों ने बहुत जानें मारीं और बहुत व्यभिचार किये थे। और कहाः वास्तव में आप जो कुछ कह रहे हैं वह बहुत अच्छा है। तो आप बातयें कि हम ने जो कुकर्म किये हैं उन के लिये कोई कफ़्फ़ारा (प्रायश्चित) है? उसी पर क़ुर्क़ान की आयत 68 और यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारीः 4810)

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وَأَنِيبُوا إِلَىٰ رَبِّكُمْ وَأَسْلِمُوا لَهُ مِن قَبْلِ أَن يَأْتِيَكُمُ الْعَذَابُ ثُمَّ لَا تُنصَرُونَ ﴾ 54 ﴿

Transliteration

व अनीबू इला रब्बिकुम् व अस्लिमू लहू मिन् क़ब्लि अंय्यअ्ति-यकुमुल्-अ़ज़ाबु सुम्-म ला तुन्सरून

हिंदी अनुवाद

तथा झुक पड़ो अपने पालनहार की ओर और आज्ञाकारी हो जाओ उसके, इससे पूर्व कि तुमपर यातना आ जाये, फिर तुम्हारी सहायता न की जाये।

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وَاتَّبِعُوا أَحْسَنَ مَا أُنزِلَ إِلَيْكُم مِّن رَّبِّكُم مِّن قَبْلِ أَن يَأْتِيَكُمُ الْعَذَابُ بَغْتَةً وَأَنتُمْ لَا تَشْعُرُونَ ﴾ 55 ﴿

Transliteration

वत्तबिअू अह्स-न मा उन्ज़ि-ल इलैकुम् मिर्रब्बिकुम् मिन् क़ब्लि अंय्यअ्ति-यकुमुल्-अ़ज़ाबु बग़्-ततंव्-व अन्तुम् ला तश्अुरून

हिंदी अनुवाद

तथा पालन करो उस सर्वोत्तम (क़र्आन) का, जो अवतरित किया गया है तुम्हारी ओर तुम्हारे पालनहार की ओर से, इससे पूर्व कि आ पड़े तुमपर यातना और तुम्हें ज्ञान न हो।

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أَن تَقُولَ نَفْسٌ يَا حَسْرَتَىٰ عَلَىٰ مَا فَرَّطتُ فِي جَنبِ اللَّهِ وَإِن كُنتُ لَمِنَ السَّاخِرِينَ ﴾ 56 ﴿

Transliteration

अन् तक़ू-ल नफ़्सुंय्या-हस्-रता अ़ला मा फ़र्रत्तु फ़ी जम्बिल्लाहि व इन् कुन्तु ल- मिनस्साख़िरीन

हिंदी अनुवाद

(ऐसा न हो कि) कोई व्यक्ति कहे कि हाय संताप! इस बात पर कि मैं आलस्य किया अल्लाह के पक्ष में तथा मैं उपहास करने वालों में रह गया।

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أَوْ تَقُولَ لَوْ أَنَّ اللَّهَ هَدَانِي لَكُنتُ مِنَ الْمُتَّقِينَ ‎ ﴾ 57 ﴿

Transliteration

औ तक़ू-ल लौ अन्नल्ला-ह हदानी लकुन्तु मिनल्-मुत्तक़ीन

हिंदी अनुवाद

अथवा कहे कि यदि अल्लाह मुझे सुपथ दिखाता, तो मैं डरने वालों में से हो जाता।

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أَوْ تَقُولَ حِينَ تَرَى الْعَذَابَ لَوْ أَنَّ لِي كَرَّةً فَأَكُونَ مِنَ الْمُحْسِنِينَ ‎ ﴾ 58 ﴿

Transliteration

औ तक़ू-ल ही-न तरल्-अ़ज़ा-ब लौ अन्-न ली कर्र-तन् फ़- अकू-न मिनल-मुह्सिनीन

हिंदी अनुवाद

अथवा कहे जब देख ले यातना को कि यदि मुझे (संसार में) फिरकर जाने का अवसर हो जाये, तो मैं अवश्य सदाचारियों में से हो जाऊँगा।

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بَلَىٰ قَدْ جَاءَتْكَ آيَاتِي فَكَذَّبْتَ بِهَا وَاسْتَكْبَرْتَ وَكُنتَ مِنَ الْكَافِرِينَ ﴾ 59 ﴿

Transliteration

बला क़द् जाअत्-क आयाती फ़-कज़्ज़ब्-त बिहा वस्तक्बर्-त व कुन्-त मिनल्-काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

हाँ, आईं तुम्हारे पास मेरी निशानियाँ, तो तुमने उन्हें झुठला दिया और अभिमान किया तथा तुम थे ही काफ़िरों में से।

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وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ تَرَى الَّذِينَ كَذَبُوا عَلَى اللَّهِ وُجُوهُهُم مُّسْوَدَّةٌ ۚ أَلَيْسَ فِي جَهَنَّمَ مَثْوًى لِّلْمُتَكَبِّرِينَ ﴾ 60 ﴿

Transliteration

व यौमल्-क़ियामति तरल्लज़ी-न क-ज़बू अ़लल्लाहि वुजूहुहुम् मुस्वद्द-तुन्, अलै-स फ़ी जहन्न-म मस्वल्-लिल्मु – तकब्बिरीन

हिंदी अनुवाद

और प्रलय के दिन आप उन्हें देखेंगे, जिन्होंने अल्लाह पर झूठ बोले कि उनके मुख काले होंगे। तो क्या नरक में नहीं है अभिमानियों का स्थान?

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وَيُنَجِّي اللَّهُ الَّذِينَ اتَّقَوْا بِمَفَازَتِهِمْ لَا يَمَسُّهُمُ السُّوءُ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ ﴾ 61 ﴿

Transliteration

व युनज्जिल्लाहुल्-लज़ीनत्तक़ौ बि-मफ़ा-ज़तिहिम् ला यमस्सुहुमुस्सू-उ व ला हुम् यह्ज़नून

हिंदी अनुवाद

तथा बचा लेगा अल्लाह जो आज्ञाकारी रहे, उन्हें, उनकी सफलता के साथ। नहीं लगेगा उन्हें कोई दुःख और न वे उदासीन होंगे।

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اللَّهُ خَالِقُ كُلِّ شَيْءٍ ۖ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ وَكِيلٌ ﴾ 62 ﴿

Transliteration

अल्लाहु ख़ालिक़ु क़ुल्लि शैइंव्-व हु-व अ़ला कुल्लि शैइंव् – वकील

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही प्रत्येक वस्तु का पैदा करने वाला तथा वही प्रत्येक वस्तु का रक्षक है।

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لَّهُ مَقَالِيدُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۗ وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِ اللَّهِ أُولَٰئِكَ هُمُ الْخَاسِرُونَ ﴾ 63 ﴿

Transliteration

लहू मक़ालीदुस्- समावाति वल्अर्ज़ि, वल्लज़ी-न क-फ़रू बि-आयातिल्लाहि उलाइ-क हुमुल्-ख़ासिरून

हिंदी अनुवाद

उसी के अधिकार में हैं आकाशों तथा धरती की कुंजियाँ[1] तथा जिन्होंने नकार दिया अल्लाह की आयतों को, वही क्षति में हैं। 1. अर्थात सब का विधाता तथा स्वामी वही है। वही सब की व्यवस्था करता है। और सब उसी के अधीन तथा अधिकार में हैं।

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قُلْ أَفَغَيْرَ اللَّهِ تَأْمُرُونِّي أَعْبُدُ أَيُّهَا الْجَاهِلُونَ ﴾ 64 ﴿

Transliteration

क़ुल् अ-फ़ ग़ैरल्लाहि तअ्मुरून्नी अअ्बुदु अय्युहल्-जाहिलून

हिंदी अनुवाद

आप कह दें: तो क्या अल्लाह से अन्य की तुम मुझे इबादत (वंदना) करने का आदेश देते हो, हे अज्ञानो?

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وَلَقَدْ أُوحِيَ إِلَيْكَ وَإِلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِكَ لَئِنْ أَشْرَكْتَ لَيَحْبَطَنَّ عَمَلُكَ وَلَتَكُونَنَّ مِنَ الْخَاسِرِينَ ﴾ 65 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् ऊहि-य इलै-क व इलल्लज़ी-न मिन् क़ब्लि-क ल-इन् अश्रक्-त ल-यहू-बतनू-न अ़-मलु-क व ल-तकूनन्-न मिनल्- ख़ासिरीन

हिंदी अनुवाद

तथा वह़्यी की गई है आपकी ओर तथा उन (नबियों) की ओर, जो आपसे पूर्व (हुए) कि यदि आपने शिर्क किया, तो अवश्य व्यर्थ हो जायेगा आपका कर्म तथा आप हो जायेंगे[1] क्षतिग्रस्तों में से। 1. इस आयत का भावार्थ यह है कि यदि मान लिया जाये कि आप के जीवन का अन्त शिर्क पर हुआ, और क्षमा याचना नहीं की तो आप के भी कर्म नष्ट हो जायेंगे। ह़ालाँकि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और सभी नबी शिर्क से पाक थे। इस लिये कि उन का संदेश ही एकेश्वरवाद और शिर्क का खण्डन है। फिर भी इस में संबोधित नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को किया गया है। और यह साधारण नियम बताया गया कि शिर्क के साथ अल्लाह के हाँ कोई कर्म स्वीकार्य नहीं। तथा ऐसे सभी कर्म निष्फल होंगे जो एकेश्वरवाद की आस्था पर आधारित न हों। चाहे वह नबी हो या उस का अनुयायी हो।

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بَلِ اللَّهَ فَاعْبُدْ وَكُن مِّنَ الشَّاكِرِينَ ﴾ 66 ﴿

Transliteration

बलिल्ला-ह फ़अ्बुद् व कुम् मिनश्-शाकिरीन

हिंदी अनुवाद

बल्कि आप अल्लाह ही की इबादत (वंदना) करें तथा कृज्ञयों में रहें।

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وَمَا قَدَرُوا اللَّهَ حَقَّ قَدْرِهِ وَالْأَرْضُ جَمِيعًا قَبْضَتُهُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ وَالسَّمَاوَاتُ مَطْوِيَّاتٌ بِيَمِينِهِ ۚ سُبْحَانَهُ وَتَعَالَىٰ عَمَّا يُشْرِكُونَ ﴾ 67 ﴿

Transliteration

व मा क़-दरुल्ला-ह हक़्-क़ क़द्रिही वल्अर्ज़ु जमीअ़न् क़ब्-ज़तुहू यौमल्-क़ियामति वस्समावातु मत्विय्यातुम् बि-यमीनिही, सुब्हानहू व लआ़ला अ़म्मा युश्रिकून

हिंदी अनुवाद

तथा उन्होंने अल्लाह का सम्मान नहीं किया, जैसे उसका सम्मान करना चाहिये था और धरती पूरी उसकी एक मुट्ठी में होगी, प्रलय के दिन तथा आकाश लपेटे हुए होंगे उसके हाथ[1] में। वह पवित्र तथा उच्च है उस शिर्क से, जो वे कर रहे हैं। 1. ह़दीस में आता है कि एक यहूदी विद्वान नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास आया और कहाः हम अल्लाह के विषय में (अपनी धर्म पुस्तकों में) यह पाते हैं कि प्रलय के दिन आकाशों को एक उंगली, तथा भूमि को एक उंगली पर और पेड़ों को एक उंगली, जल तथा तरी को एक उंगली पर और समस्त उत्पत्ति को एक उंगली पर रख लेगा, तथा कहेगाः "मैं ही राजा हूँ।" यह सुन कर आप हँस पड़े। और इसी आयत को पढ़ा। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीसः 4812, 6519, 7382, 7413)

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وَنُفِخَ فِي الصُّورِ فَصَعِقَ مَن فِي السَّمَاوَاتِ وَمَن فِي الْأَرْضِ إِلَّا مَن شَاءَ اللَّهُ ۖ ثُمَّ نُفِخَ فِيهِ أُخْرَىٰ فَإِذَا هُمْ قِيَامٌ يَنظُرُونَ ﴾ 68 ﴿

Transliteration

व नुफ़ि-ख़ फ़िस्सूरि फ़-सअि-क़ मन् फ़िस्समावाति व मन् फिल्अर्ज़ि इल्ला मन् शा-अल्लाहु, सुम्-म नुफ़ि-ख़ फ़ीहि उख़्रा फ़-इज़ा हुम् कियामुंय् – यन्ज़ुरून

हिंदी अनुवाद

तथा सूर (नरसिंधघा) फूँका[1] जायेगा, तो निश्चेत होकर गिर जायेंगे, जो आकाशों तथा धरती में हैं। परन्तु जिसे अल्लाह चाहे, फिर उसे पुनः फूँका जायेगा, तो सहसा सब खड़े देख रहे होंगे। 1. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहाः दूसरी फूँक के पश्चात् सब से पहले मैं सिर उठाऊँगा। तो मूसा अर्श पकड़े हुये खड़े होंगे। मूझे ज्ञान नहीं कि वह ऐसे ही रह गये थे, या फूँकने के पश्चात् मुझ से पहले उठ चुके होंगे। (सह़ीह़ बुख़ारीः 4813) दूसरी ह़दीस में है कि दोनों फूकों के बीच चालीस की अवधि होगी। और मनुष्य की दुमची की हड्डी के सिवा सब सड़ जायेगा। और उसी से उस को फिर बनाया जायेगा। (सह़ीह़ बुख़ारीः 4814)

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وَأَشْرَقَتِ الْأَرْضُ بِنُورِ رَبِّهَا وَوُضِعَ الْكِتَابُ وَجِيءَ بِالنَّبِيِّينَ وَالشُّهَدَاءِ وَقُضِيَ بَيْنَهُم بِالْحَقِّ وَهُمْ لَا يُظْلَمُونَ ﴾ 69 ﴿

Transliteration

व अश्र-क़तिल्-अर्जु बिनूरि रब्बिहा व वुज़िअल्-किताबु व जी-अ बिन्नबिय्यी-न वश्शु-हदा-इ व क़ुज़ि-य बैनहुम् बिल्हक़्क़ि व हुम् ला युज़्लमून

हिंदी अनुवाद

तथा जगमगाने लगेगी धरती, अपने पालनहार की ज्योति से और प्रस्तुत किये जायेंगे कर्म लेख तथा लाया जायेगा नबियों और साक्षियों को तथा निर्णय किया जायेगा उनके बीच सत्य (न्याय) के साथ और उनपर अत्याचार नहीं किया जायेगा।

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وَوُفِّيَتْ كُلُّ نَفْسٍ مَّا عَمِلَتْ وَهُوَ أَعْلَمُ بِمَا يَفْعَلُونَ ﴾ 70 ﴿

Transliteration

व वुफ़्फ़ि-यत् कुल्लु नफ़्सिम्-मा अ़मिलत् व हु-व अअ्लमु बिमा यफ़्अ़लून

हिंदी अनुवाद

तथा पूरा-पूरा दिया जायेगा प्रत्येक जीव को, उसका कर्मफल तथा वह भली-भाँति जानने वाला है उसे, जो वे कर रहे हैं।

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وَسِيقَ الَّذِينَ كَفَرُوا إِلَىٰ جَهَنَّمَ زُمَرًا ۖ حَتَّىٰ إِذَا جَاءُوهَا فُتِحَتْ أَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَا أَلَمْ يَأْتِكُمْ رُسُلٌ مِّنكُمْ يَتْلُونَ عَلَيْكُمْ آيَاتِ رَبِّكُمْ وَيُنذِرُونَكُمْ لِقَاءَ يَوْمِكُمْ هَٰذَا ۚ قَالُوا بَلَىٰ وَلَٰكِنْ حَقَّتْ كَلِمَةُ الْعَذَابِ عَلَى الْكَافِرِينَ ﴾ 71 ﴿

Transliteration

व सीक़ल्लज़ी-न क-फ़रू इला जहन्न म ज़ु-मरन्, हत्ता इज़ा जाऊहा फ़ुतिहत् अब्वाबुहा व क़ा-ल लहुम् ख़-ज़-नतुहा अलम् यअ्तिकुम् रुसुलुम्-मिन्कुम् यत्लू-न अ़लैकुम् आयाति रब्बिकुम् व युन्ज़िरू – नकुम् लिक़ा-अ यौमिकुम् हाज़ा, क़ालू बला व लाकिन् हक़्क़त् कलि-मतुल्-अ़ज़ाबि अ़लल्- काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

तथा हाँके जायेंगे, जो काफ़िर हो गये नरक की ओर, झुण्ड बनाकर। यहाँतक कि जब वे उसके पास आयेंगे, तो खोल दिये जायेंगे उसके द्वार तथा उनसे कहेंगे उसके रक्षक (फ़रिश्तेः) क्या नहीं आये तुम्हारे पास रसूल तुममें से, जो तुम्हें सुनाते, तुम्हारे पालनहार की आयतें तथा सचेत करते तुम्हें, इस दिन का सामना करने से? वे कहेंगेः क्यों नहीं? परन्तु, सिध्द हो गया यातना का शब्द, काफ़िरों पर।

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‏ قِيلَ ادْخُلُوا أَبْوَابَ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۖ فَبِئْسَ مَثْوَى الْمُتَكَبِّرِينَ ﴾ 72 ﴿

Transliteration

क़ीलद्ख़ुलू अब्वा-ब जहन्न-म ख़ालिदी-न फ़ीहा फ़-बिअ्-स मस्वल्-मु-तकब्बिरीन

हिंदी अनुवाद

कहा जायेगा कि प्रवेश कर जाओ नरक के द्वारों में, सदावासी होकर उसमें। तो बुरा है घमंडियों का निवास स्थान।

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وَسِيقَ الَّذِينَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ إِلَى الْجَنَّةِ زُمَرًا ۖ حَتَّىٰ إِذَا جَاءُوهَا وَفُتِحَتْ أَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَا سَلَامٌ عَلَيْكُمْ طِبْتُمْ فَادْخُلُوهَا خَالِدِينَ ﴾ 73 ﴿

Transliteration

व सीक़ल्लज़ीनत्तक़ौ रब्बहुम् इलल्-जन्नति ज़ु-मरन्, हत्ता इज़ा जाऊहा व फ़ुतिहत् अब्वाबुहा व क़ा-ल लहुम् ख़-ज़ – नतुहा सलामुन् अ़लैकुम् तिब्तुम् फ़द्खुलूहा ख़ालिदीन

हिंदी अनुवाद

तथा भेज दिये जायेंगे, जो लोग डरते रहे अपने पालनहार से, स्वर्ग की ओर झुण्ड बनाकर। यहाँतक कि जब वे आ जायेंगे उसके पास तथा खोल दिये जायेंगे उसके द्वार और कहेंगे उनसे उसके रक्षकः सलाम है तुमपर, तुम प्रसन्न रहो। तुम प्रवेश कर जाओ उसमें, सदावासी होकर।

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وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي صَدَقَنَا وَعْدَهُ وَأَوْرَثَنَا الْأَرْضَ نَتَبَوَّأُ مِنَ الْجَنَّةِ حَيْثُ نَشَاءُ ۖ فَنِعْمَ أَجْرُ الْعَامِلِينَ ﴾ 74 ﴿

Transliteration

व क़ालुल्-हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी स-द-क़ना वअ्दहू व और- सनल्-अर्-ज़ न-तबव्व-उ मिनल्-जन्नति हैसु नशा-उ फ़निअ्-म अज् रुल्-आ़मिलीन

हिंदी अनुवाद

तथा वे कहेंगेः सब प्रशंसा अल्लाह के लिए हैं, जिसने सच कर दिखाया हमसे अपना वचन तथा हमें उत्तराधिकारी बना दिया इस धरती का, हम रहें स्वर्ग में, जहाँ चाहें। क्या ही अच्छा है कार्यकर्ताओं[1] का प्रतिफल। 1. अर्थात एकेश्वरवादी सदाचारियों का।

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وَتَرَى الْمَلَائِكَةَ حَافِّينَ مِنْ حَوْلِ الْعَرْشِ يُسَبِّحُونَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ ۖ وَقُضِيَ بَيْنَهُم بِالْحَقِّ وَقِيلَ الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ ﴾ 75 ﴿

Transliteration

व तरल्-मलाइ-क-त हाफ़्फ़ी-न मिन् हौलिल्-अ़र्शि युसब्बिहू-न बि-हम्दि रब्बिहिम् व क़ुज़ि-य बैनहुम् बिल्हक़्क़ि व क़ीलल्-हम्दु लिल्लाहि रब्बिल्-आ़लमीन

हिंदी अनुवाद

तथा आप देखेंगे फ़रिश्तों को घेरे हुए अर्श (सिंहासन) के चतुर्दिक, वे पवित्रता गान कर रहे होंगे अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ, निर्णय कर दिया जायेगा लोगों के बीच सत्य के साथ तथा कह दिया जायेगा कि सब प्रशंसा अल्लाह, सर्वलोक के पालनहार के लिए है।[1] 1. अर्थात जब ईमान वाले स्वर्ग में और मुश्रिक नरक में चले जायेंगे तो उस समय का चित्र यह होगा कि अल्लाह के अर्श को फ़रिश्ते हर ओर से घेरे हुये उस की पवित्रता तथा प्रशंसा का गान कर रहे होंगे।

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