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कुरआन मजीद

Quran in Hindi

95. सूरह अत-तिन – 1-8

सूरह तीन के संक्षिप्त विषय

यह सूरह मक्की है. इस में 8 आयतें हैं।

  • इस की प्रथम आयत में “तीन” शब्द, जिस का अर्थः इंजीर है, के आने के कारण इस का यह नाम रखा गया है। [
  • इस की आयत 1 से 3 तक उन स्थानों को गवाही में प्रस्तुत किया गया है जिन से बड़े बड़े नबी उठे और मार्गदर्शन का प्रकाश फैला।

1 “ती” का अर्थ हैः इन्जीर। इसी शब्द से इस सूरह का नाम लिया गया है।
फलस्तीन तथा शाम जो प्राचीन युग से नबियों के केंद्र चले आ रहे थे, जैतून
तथा इंजीर की उपज का क्षेत्र था। और मक्के के लोग इन देशों में व्यापार के
लिये जाया करते थे, इसलिये वे उनकी मुहब्बत से भली भाँती परिचित थे।
तूर” पर्वत सीना के मरुस्थल में है। यहीं पर मूसा (अलैहिस्सलाम) को धर्म विधान प्रदान किया गया था।
“शान्ति नगर” से अभिप्रायः मक्का नगर है। और इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की दुआ के कारण इस का नाम शान्ति का नगर रखा गया है। जिस में अन्तिम नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पूरे मानव विश्व के पथ प्रदर्शक बना कर भेजे गये।
इस की भूमिका यह है कि सर्व प्रथम उत्साह शील नबियों के केन्द्रों को शपथ अर्थात साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर के यह बताया गया है कि अल्लाह ने इन्सान को अति उत्तम रूप रेखा में सर्वोच्च स्वभाव एवं योग्यताओं के साथ पैदा किया है। परन्तु इस उच्चता को स्थित रखने तथा इन उत्तम योग्यताओं को उभारने के लिये उस का यह नियम बनाया है किः जो ईमान (विश्वास) तथा सत्कर्म की राह अपनायेंगे, जो कुर्जीन की राह है और इस राह की कठिनाईयों से संघर्ष करने का साहस करेंगे तो उन्हें परलोक में अपने प्रयासों का भरपूर पुरस्कार मिलेगा। और जो संसारिक स्वार्थ और सुख के लिये इस राह की कठिनाईयों का सामना करने का साहस नहीं करेंगे, अल्लाह उन्हें उसी राह पर छोड़ देगा। और अन्ततः उस गढ़े में जा गिरेंगे जो इस के राहियों का भाग्य है।
भावार्थ यह है कि जब इन्सानों के दो भेद है तो न्यायोचित यही है कि उन के कर्मों के फल भी दो हो। फिर अल्लाह जो न्यायधीशों का न्यायधीश है वह न्याय क्यो नहीं करेगा?। (तर्जुमानुल कुन)

  • आयत 4 से 6 तक में बताया गया है कि अल्लाह ने इन्सान को उत्तम रूप पर पैदा किया है ताकि वह ऊँचा स्थान प्राप्त करे। किन्तु वह नीचा बन गया और बहुत नीची खाई में जा पड़ा। फिर जिस ने ईमान और सदाचार कर के ऊँचा स्थान प्राप्त कर लिया, तो वह सफल हो गया। और उस के लिये अनन्त प्रतिफल है।
  • आयत 7 से 8 तक में कहा गया है कि अल्लाह सब से बड़ा न्यायधीश है। तो उस के यहाँ यह कैसे हो सकता है कि अच्छे-बुरे सब परिणाम में बराबर हो जायें? या दोनों का कोई परिणाम और प्रतिफल ही न हो? यह बात न्यायोचित नहीं है।

सूरह अत-तिन | Surah At Tin in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

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وَالتِّينِ وَالزَّيْتُونِ ‎ ﴾ 1 ﴿

Transliteration

वत तीनि वज़ ज़ैतून

हिंदी अनुवाद

इंजीर तथा ज़ैतून की शपथ!

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وَطُورِ سِينِينَ ‎ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

वतूरि सीनीन

हिंदी अनुवाद

एवं "तूरे सीनीन" की शपथ!

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‏ وَهَٰذَا الْبَلَدِ الْأَمِينِ ‎ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

व हाज़ल बलादिल अमीन

हिंदी अनुवाद

और इस शान्ति के नगर की शपथ!

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لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنسَانَ فِي أَحْسَنِ تَقْوِيمٍ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

लक़द खलक नल इन्साना फ़ी अहसनि तक़वीम

हिंदी अनुवाद

हमने इनसान को मनोहर रूप में पैदा किया है।

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ثُمَّ رَدَدْنَاهُ أَسْفَلَ سَافِلِينَ ‎ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

सुम्मा रदद नाहू अस्फला साफिलीन

हिंदी अनुवाद

फिर उसे सबसे नीचे गिरा दिया।

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‏ إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ أَجْرٌ غَيْرُ مَمْنُونٍ ‎ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

इल्लल लज़ीना आमनू व अमिलुस सालिहाति फ़लहुम अजरुन गैरु ममनून

हिंदी अनुवाद

परन्तु, जो ईमान लाये तथा सदाचार किये, उनके लिए ऐसा बदला है, जो कभी समाप्त नहीं होगा।

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فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِالدِّينِ ‎ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

फ़मा युकज्ज़िबुका बअ’दू बिददीन

हिंदी अनुवाद

फिर (तुम मानव जाति) प्रतिफल (बदले) के दिन को क्यों झुठलाते हो?

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أَلَيْسَ اللَّهُ بِأَحْكَمِ الْحَاكِمِينَ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

अलैसल लाहू बि अह्कमिल हाकिमीन

हिंदी अनुवाद

क्या अल्लाह सब अधिकारियों से बढ़ कर अधिकारी नहीं है?

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