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कुरआन मजीद

Quran in Hindi

30. सूरह अर-रूम – 1-60

सूरह रूम के संक्षिप्त विषय

यह सूरह मक्की है. इस में 60 आयतें है।

  • इस सूरह में रूमियों के बारे में एक भविष्यवाणी की गई है इसी लिये इस को यह नाम दिया गया है।
  • इस में आख़िरत का विश्वास दिलाया गया है जो संसार की वास्तविक्ता पर विचार करने से पैदा होता है तथा इस से कि अल्लाह का प्रत्येक वचन पूरा होता है।
  • इस में रूमियों की विजय की भविष्यवाणी की गई है और इस से विश्व के स्वामी तथा आखिरत की ओर ध्यान दिलाया गया है।
  • अल्लाह की निशानियों में सोच-विचार का आमंत्रण दिया गया है जो आकाशों तथा धरती में फैली हुई है और परलोक का विश्वास दिलाती है।
  • तौहीद के सत्य तथा शिर्क के असत्य होने के प्रमाण प्रस्तुत किये गये हैं और यह बताया गया है कि तौहीद स्वाभाविक धर्म है।अल्लाह की आज्ञा के पालन तथा पाप से बचने के निर्देश दिये गये हैं और इस पर उत्तम परिणाम की शुभ सूचना दी गई है।
  • अन्त में फिर बात प्रलय तथा परलोक की ओर फिर गई है।

सूरह अर-रूम | Surah Room in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

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الم ﴾ 1 ﴿

Transliteration

अलिफ़ – लाम्- मीम्

हिंदी अनुवाद

अलिफ, लाम, मीम।

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غُلِبَتِ الرُّومُ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

गुलि – बतिर्रूम

हिंदी अनुवाद

पराजित हो गये रूमी।

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فِي أَدْنَى الْأَرْضِ وَهُم مِّن بَعْدِ غَلَبِهِمْ سَيَغْلِبُونَ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

फ़ी अद्नल् – अर्जि व हुम् मिम्बअ्दि ग़ – लबिहिम् स – यग्लिबून

हिंदी अनुवाद

समीप की धरती में और वे अपने पराजित होने के पश्चात् जल्द ही विजयी हो जायेंगे!

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فِي بِضْعِ سِنِينَ ۗ لِلَّهِ الْأَمْرُ مِن قَبْلُ وَمِن بَعْدُ ۚ وَيَوْمَئِذٍ يَفْرَحُ الْمُؤْمِنُونَ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

फ़ी बिज्अिसिनी – न, लिल्लाहिल् – अम्रु मिन् क़ब्लु व मिम्ब अ्दु, व यौमइजिंय् – यफ़्रहुल् – मुअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

कुछ वर्षों में, अल्लाह ही का अधिकार है पहले (भी) और बाद में (भी) और उस दिन प्रसन्न होंगे ईमान वाले।

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بِنَصْرِ اللَّهِ ۚ يَنصُرُ مَن يَشَاءُ ۖ وَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

बिनस्रिल्लाहि, यन्सुरु मंय्यशा-उ, व हुवल् अज़ीजुर्रहीम

हिंदी अनुवाद

अल्लाह की सहायता से तथा वही अति प्रभुत्वशाली, दयावान् है।

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وَعْدَ اللَّهِ ۖ لَا يُخْلِفُ اللَّهُ وَعْدَهُ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

वअदल्लाहि, ला युखलिफुल्लाहु वअदहू, वलाकिन्ना अकसरन्नाासि ला यालमून

हिंदी अनुवाद

ये अल्लाह का वचन है, नहीं विरुध्द करेगा अल्लाह अपने वचन[1] के और परन्तु अधिक्तर लोग ज्ञान नहीं रखते। 1. इन आयतों के अन्दर दो भविष्वाणियाँ की गई हैं। जो क़ुर्आन शरीफ़ तथा स्वयं नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के सत्य होने का ऐतिहासिक प्रमाण है। यह वह यूग था जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और मक्का के क़ुरैश के बीच युध्द आरंभ हो गया था। रूम के राजा क़ैसर को उस समय, ईरान के राजा किस्रा ने पराजित कर दिया था। जिस से मक्का वासी प्रसन्न थे। क्यों कि वह अग्नि के पुजारी थे। और रूमी ईसाई अकाशीय धर्म के अनुयायी थे। और कह रहे थे कि हम मिश्रणवादी भी इसी प्रकार मुसलमानों को पराजित कर देंगे जिस प्रकार रूमियों को ईरानियों ने पराजय किया। इसी पर यह दो भविष्यवाणी की गई की रूमी कुछ वर्षों में फिर विजयी हो जायेंगे और यह भविष्यवाणी इस के साथ पूरी होगी कि मुसलमान भी उसी समय विजय हो कर प्रसन्न हो रहे होंगे। और ऐसा ही हुआ कि 9 वर्ष के भीतर रूमियों ने ईरानियों को पराजित कर दिया।

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يَعْلَمُونَ ظَاهِرًا مِّنَ الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَهُمْ عَنِ الْآخِرَةِ هُمْ غَافِلُونَ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

यअ्लमू – न ज़ाहिरम् मिनल्- हयातिद्दुन्या व हुम् अनिल् – आख़िरति हुम् गाफ़िलून

हिंदी अनुवाद

वे तो जानते हैं बस ऊपरी सांसारिक जीवन को तथा[1] वे परलोक से अचेत हैं। 1. अर्थात सुख-सुविधा और आन्नद को। और वह इस से अचेत हैं कि एक और जीवन भी है जिस में कर्मों के परिणाम सामने आयेंगे। बल्कि यही देखा जाता है कि कभी एक जाति उन्नति कर लेने के पश्चात् असफल हो जाती है।

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أَوَلَمْ يَتَفَكَّرُوا فِي أَنفُسِهِم ۗ مَّا خَلَقَ اللَّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا إِلَّا بِالْحَقِّ وَأَجَلٍ مُّسَمًّى ۗ وَإِنَّ كَثِيرًا مِّنَ النَّاسِ بِلِقَاءِ رَبِّهِمْ لَكَافِرُونَ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

अ – वलम् य – तफ़क्करू फ़ी अन्फुसिहिम्, मा ख़ – लक़ल्लाहुस् – समावाति वल्अर् – ज़ व मा बैनहुमा इल्ला बिल्हक्कि व अ – जलिम् – मुसम्मन्, व इन् – न कसीरम् – मिनन्नासि बिलिका – इ रब्बिहिम् लकाफिरून

हिंदी अनुवाद

क्या और उन्होंने अपने में सोच-विचार नहीं किया कि नहीं उत्पन्न किया है अल्लाह ने आकाशों तथा धरती को और जो कुछ उन[1] दोनों के बीच है, परन्तु सत्यानुसार और एक निश्चित अवधि के लिए? और बहुत-से लोग अपने पालनहार से मिलने का इन्कार करने वाले हैं। 1. विश्व की व्यवस्था बता रही है कि यह अकारण नहीं, बल्कि इस का कुछ अभिप्राय है।

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أَوَلَمْ يَسِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَيَنظُرُوا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ ۚ كَانُوا أَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً وَأَثَارُوا الْأَرْضَ وَعَمَرُوهَا أَكْثَرَ مِمَّا عَمَرُوهَا وَجَاءَتْهُمْ رُسُلُهُم بِالْبَيِّنَاتِ ۖ فَمَا كَانَ اللَّهُ لِيَظْلِمَهُمْ وَلَٰكِن كَانُوا أَنفُسَهُمْ يَظْلِمُونَ ﴾ 9 ﴿

Transliteration

अ-व लम् यसीरू फ़िल्अर्ज़ि फ़-यन्जुरू कै-फ का-न आ़कि – बतुल्लज़ी – न मिन् कब्लिहिम्, कानू अशद् – द मिन्हुम् – कुव्वतंव् – व असारुल् – अर् – ज़ व अ- मरूहा अक्स र मिम्मा अ़ मरूहा व जाअत्हुम् रुसुलुहुम् बिल्बय्यिनाति, फ़मा कानल्लाहु लियज़्लिमहुम् व लाकिन् कानू अन्फु-सहुम् यज़्लिमून

हिंदी अनुवाद

क्या वे चले-फिरे नहीं धरती में, फिर देखते कि कैसा रहा उनका परिणाम, जो इनसे पहले थे? वे इनसे अधिक थे शक्ति में। उन्होंने जोता-बोया धरती को और उसे आबाद किया, उससे अधिक, जितना इन्होंने आबाद किया और आये उनके पास उनके रसूल खुली निशानियाँ (प्रमाण) लेकर। तो नहीं था अल्लाह कि उनपर अत्याचार करता और परन्तु वे स्वयं अपने ऊपर अत्याचार कर रहे थे।

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ثُمَّ كَانَ عَاقِبَةَ الَّذِينَ أَسَاءُوا السُّوأَىٰ أَن كَذَّبُوا بِآيَاتِ اللَّهِ وَكَانُوا بِهَا يَسْتَهْزِئُونَ ﴾ 10 ﴿

Transliteration

सुम्-म का-न आ़कि बतल्लज़ी – न असाउस्सूआ अन् कज़्ज़बू बिआयातिल्लाहि व कानू बिहा यस्तह्ज़िऊन*

हिंदी अनुवाद

फिर हो गया उनका बुरा अन्त, जिन्होंने बुराई की, इसलिए कि उन्होंने झूठ कहा अल्लाह की आयतों को और वे उनका उपहास कर रहे थे।

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اللَّهُ يَبْدَأُ الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيدُهُ ثُمَّ إِلَيْهِ تُرْجَعُونَ ﴾ 11 ﴿

Transliteration

अल्लाहु यबदऊल खल्का सुम्मा यूईदुहू सुम्मा इलैहि तुरजऊन

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही उत्पत्ति का आरंभ करता है, फिर उसे दुहरायेगा तथा उसी की ओर, तुम फेरे[1] जाओगे। 1. अर्थात प्रलय के दिन अपने संसारिक अच्छे-बुरे कामों का प्रतिकार पाने के लिये।

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وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ يُبْلِسُ الْمُجْرِمُونَ ﴾ 12 ﴿

Transliteration

व यौ – म तकूमुस्सा- अ़तु युब्लिसुल् – मुज्रिमून

हिंदी अनुवाद

और जब स्थापित होगी प्रलय, तो निराश[1] हो जायेंगे अपराधी। 1. अर्थात अपनी मुक्ति से और चकित हो कर रह जोयेंगे।

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وَلَمْ يَكُن لَّهُم مِّن شُرَكَائِهِمْ شُفَعَاءُ وَكَانُوا بِشُرَكَائِهِمْ كَافِرِينَ ﴾ 13 ﴿

Transliteration

व लम् यकुल् – लहुम् मिन् शु – रकाइहिम् शु- फ़आ़ – उ व कानू बिशु – रकाइहिम् काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

और नहीं होगा उनके साझियों में उनका अभिस्तावक (सिफ़ारिशी) और वे अपने साझियों का इन्कार करने वाले[1] होंगे। 1. क्यों कि वह देख लेंगे कि उन्हें सिफ़ारिश करने का कोई अधिकार नहीं होगा। (देखियेः सूरह अन्आम, आयतः23)

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وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ يَوْمَئِذٍ يَتَفَرَّقُونَ ‎ ﴾ 14 ﴿

Transliteration

व यौ-म तकूमुस्सा- अ़तु यौमइज़िंय्-य-तफर्रकून

हिंदी अनुवाद

और जिस दिन स्थापित होगी प्रलय, तो उस दिन सब अलग अलग हो जायेंगे।

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فَأَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَهُمْ فِي رَوْضَةٍ يُحْبَرُونَ ﴾ 15 ﴿

Transliteration

फ़-अम्मल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति फ़हुम् फ़ी रौज़तिंय्-युह्-बरून

हिंदी अनुवाद

तो जो ईमान लाये तथा सदाचार किये, वही स्वर्ग में प्रसन्न किये जायेंगे।

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وَأَمَّا الَّذِينَ كَفَرُوا وَكَذَّبُوا بِآيَاتِنَا وَلِقَاءِ الْآخِرَةِ فَأُولَٰئِكَ فِي الْعَذَابِ مُحْضَرُونَ ‎ ﴾ 16 ﴿

Transliteration

व अम्मल्लज़ी-न क-फ़रू व कज़्ज़बू बिआयातिना व लिक़ाइल्-आख़िरति फ-उलाइ-क फिल्अज़ाबि मुह्ज़रून

हिंदी अनुवाद

और जिन्होंने क्फ़्र किया और झुठलाया हमारी आयतों को और परलोक के मिलन को, तो वही यातना में उपस्थित किये हुए होंगे।

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فَسُبْحَانَ اللَّهِ حِينَ تُمْسُونَ وَحِينَ تُصْبِحُونَ ﴾ 17 ﴿

Transliteration

फ़सुब्हानल्लाहि ही-न तुम्सू-न व ही-न तुस्बिहून

हिंदी अनुवाद

अतः, तुम अल्लाह की पवित्रता का वर्णन संध्या तथा सवेरे किया करो।

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وَلَهُ الْحَمْدُ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَعَشِيًّا وَحِينَ تُظْهِرُونَ ﴾ 18 ﴿

Transliteration

व लहुल- हम्दु फिस्समावाति वलअर्ज़ि व अशिय्यंव्-व ही-न तुज्हिरून

हिंदी अनुवाद

तथा उसी की प्रशंसा है आकाशों तथा धरती में तीसरे पहर तथा जब दो पहर हो।

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يُخْرِجُ الْحَيَّ مِنَ الْمَيِّتِ وَيُخْرِجُ الْمَيِّتَ مِنَ الْحَيِّ وَيُحْيِي الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ۚ وَكَذَٰلِكَ تُخْرَجُونَ ‎ ﴾ 19 ﴿

Transliteration

युख़्रिजुल् – हय् – य मिनल् – मय्यिति व युख़्रिजुल – मय्यि – त मिनल् – हय्यि व युह़्यिल्-अर्-ज़ बअ्-द मौतिहा, व कज़ालि- क तुख़्रजून*

हिंदी अनुवाद

वह निकालता है[1] जीवित से निर्जीव को तथा निकालता है निर्जीव से जीव को और जीवित कर देता है धरती को, उसके मरण (सूखने) के पश्चात् और इसी प्रकार, तुम (भी) निकाले जाओगे। 1. यहाँ से यह बताया जा रहा है कि प्रलय हो कर परलोक में सब को पुनः जीवित किया जाना संभव है और उस का प्रमाण दिया जा रहा है। इसी के साथ यह भी बताया जा रहा है कि इस विश्व का स्वामी और व्यवस्थापक अल्लाह ही है, अतः पूज्य भी केवल वही है।

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وَمِنْ آيَاتِهِ أَنْ خَلَقَكُم مِّن تُرَابٍ ثُمَّ إِذَا أَنتُم بَشَرٌ تَنتَشِرُونَ ﴾ 20 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातिही अन् ख़-ल-क़कुम् मिन् तुराबिन् सुम्-म इज़ा अन्तुम् ब-शरुन् तन्तशिरून

हिंदी अनुवाद

और उसकी (शक्ति) के लक्षणों में से ये भी है कि तुम्हें उत्पन्न किया मिट्टी से, फिर अब तुम मनुष्य हो (कि धरती में) फैलते जा रहे हो।

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وَمِنْ آيَاتِهِ أَنْ خَلَقَ لَكُم مِّنْ أَنفُسِكُمْ أَزْوَاجًا لِّتَسْكُنُوا إِلَيْهَا وَجَعَلَ بَيْنَكُم مَّوَدَّةً وَرَحْمَةً ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ ‎ ﴾ 21 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातिही अन् ख़-ल-क़ लकुम् मिन् अन्फुसिकुम् अज़्वाजल् – लितस्कुनू इलैहा व ज-अ़-ल बैनकुम् मवद्द-तंव्-व रह़्म-तन्, इन्-न फ़ी ज़ालि-क लआयातिल् – लिकौमिंय् – य – तफ़क्करून

हिंदी अनुवाद

तथा उसकी निशानियों (लक्षणें) में से ये (भी) है कि उत्पन्न किये, तुम्हारे लिए, तुम्हीं में से जोड़े, ताकि तुम शान्ति प्राप्त करो उनके पास तथा उत्पन्न कर दिया तुम्हारे बीच प्रेम तथा दया, वास्तव में, इसमें कई निशाननियाँ हैं उन लोगों के लिए, जो सोच-विचार करते हैं।

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وَمِنْ آيَاتِهِ خَلْقُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَاخْتِلَافُ أَلْسِنَتِكُمْ وَأَلْوَانِكُمْ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّلْعَالِمِينَ ‎ ﴾ 22 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातिही ख़ल्कुस्समावाति वलअर्ज़ि वख़्तिलाफु – अल्सि नतिकुम् व अल्वानिकुम्, इन् – न फ़ी ज़ालि – क लआयातिल् – लिल् – आलिमीन

हिंदी अनुवाद

तथा उसकी निशानियों में से है, आकाशों तथा धरती को पैदा करना तथा तुम्हारी बोलियों और रंगों का विभिन्न होना। निश्चय इसमें कई निशानियाँ हैं, ज्ञानियों[1] के लिए। 1. क़ुर्आन ने यह कह कर कि भाषाओं और वर्ग-वर्ण का भेद अल्लाह की रचना की निशानियाँ हैं, उस भेद-भाव को सदा के लिये समाप्त कर दिया जो पक्षपात, आपसी बैर और वर्ग का आधार बनते हैं। और संसार की शान्ति का भेद करने का कारण होते हैं। (देखियेः सूरह ह़ुजुरात, आयतः13) यदि आज भी इस्लाम की इस शिक्षा को अपना लिया जाये तो संसार शान्ति का गहवारा बन सकता है।

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وَمِنْ آيَاتِهِ مَنَامُكُم بِاللَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَابْتِغَاؤُكُم مِّن فَضْلِهِ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَسْمَعُونَ ‎ ﴾ 23 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातिही मनामुकुम् बिल्लैलि वन्नहारि वब्तिग़ा उकुम् मिन् फ़ज़्लिही, इन् – न फ़ी ज़ालि-क ल-आयातिल्-लिकौमिंय्यस् – मअून

हिंदी अनुवाद

तथा उसकी निशानियों में से है, तुम्हारा सोना रात्रि में तथा दिन में और तुम्हारा खोज करना उसकी अनुग्रह (जीविका) का। वास्तव में, इसमें कई निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो सुनते हैं।

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وَمِنْ آيَاتِهِ يُرِيكُمُ الْبَرْقَ خَوْفًا وَطَمَعًا وَيُنَزِّلُ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَيُحْيِي بِهِ الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَعْقِلُونَ ﴾ 24 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातिही युरीकुमुल् – बर् – क़ खौफंव् वत – मअंव् – व युनज्जिलु मिनस्- समा-इ मा-अन् फ्युह्यी बिहिल् – अर्-ज़ बअ्-द मौतिहा, इन् – न फ़ी ज़ालि – क लआयातिल् लिकौमिंय्यअ्किलून

हिंदी अनुवाद

और उसकी निशानियों में से (ये भी) है कि वह दिखाता है तुम्हें बिजली को, भय तथा आशा बनाकर और उतारता है आकाश से जल, फिर जीवित करता है उसके द्वारा धरती को, उसके मरण के पश्चात्, वस्तुतः, इसमें कई निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो सोचते हैं।

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وَمِنْ آيَاتِهِ أَن تَقُومَ السَّمَاءُ وَالْأَرْضُ بِأَمْرِهِ ۚ ثُمَّ إِذَا دَعَاكُمْ دَعْوَةً مِّنَ الْأَرْضِ إِذَا أَنتُمْ تَخْرُجُونَ ﴾ 25 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातही अन् तकूमस्समा उ वल् अर्जु बिअम्रिही, सुम्-म इज़ा दआ़कुम् दअ्-वतम्-मिनल् अर्ज़ि इज़ा अन्तुम् तख़्रुजून

हिंदी अनुवाद

और उसकी निशानियों में से है कि स्थापित हैं आकाश तथा धरती उसके आदेश से। फिर जब तुम्हें पुकारेगा एक बार धरती से, तो सहसा तुम निकल पड़ोगे।

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وَلَهُ مَن فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ كُلٌّ لَّهُ قَانِتُونَ ‎ ﴾ 26 ﴿

Transliteration

व लहू मन् फ़िस्समावाति वल्अर्जि, कुल्लुल् – लहू कानितून

हिंदी अनुवाद

और उसी का है, जो आकाशों तथा धरती में है। सब उसी के अधीन हैं।

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وَهُوَ الَّذِي يَبْدَأُ الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيدُهُ وَهُوَ أَهْوَنُ عَلَيْهِ ۚ وَلَهُ الْمَثَلُ الْأَعْلَىٰ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ ﴾ 27 ﴿

Transliteration

व हुवल्लज़ी यब्दउल् – ख़ल्क़ सुम् – म युईदुहू व हु-व अह़्वनु अ़लैहि, व लहुल्-म-सलुल्-अअ्ला फिस्समावाति वलअर्जि व हुवल् अ़ज़ीजुल हकीम*

हिंदी अनुवाद

तथा वही है, जो आरंभ करता है उत्पत्ति का, फिर वह उसे दुहरायेगा और वह अति सरल है उसपर और उसी का सर्वोच्च गुण है आकाशों तथा धरती में और वही प्रभुत्वशाली, तत्वज्ञ है।

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ضَرَبَ لَكُم مَّثَلًا مِّنْ أَنفُسِكُمْ ۖ هَل لَّكُم مِّن مَّا مَلَكَتْ أَيْمَانُكُم مِّن شُرَكَاءَ فِي مَا رَزَقْنَاكُمْ فَأَنتُمْ فِيهِ سَوَاءٌ تَخَافُونَهُمْ كَخِيفَتِكُمْ أَنفُسَكُمْ ۚ كَذَٰلِكَ نُفَصِّلُ الْآيَاتِ لِقَوْمٍ يَعْقِلُونَ ﴾ 28 ﴿

Transliteration

ज – र – ब लकुम् म- सलम् मिन् अन्फुसिकुम्, हल् – लकुम् मिम्मा म – लकत् ऐमानुकुम् मिन् शु-रका – अ फ़ी मा रज़क्नाकुम् फ़ अन्तुम् फ़ीहि सवाउन् तख़ाफूनहुम् कखी फ़तिकुम् अन्फु सकुम्, कज़ालि-क नुफस्सिलुल् – आयाति लिकौमिंय-यअ्किलून

हिंदी अनुवाद

उसने एक उदाहरण दिया है स्वयं तुम्हाराः क्या तुम्हारे[1] दासों में से तुम्हारा कोई साझी है उसमें, जो जीविका प्रदान की है हमने तुम्हें, तो तुम उसमें उसके बराबर हो, उनसे डरते हो जैसे अपनों से डरते हो? इसी प्रकार, हम वर्णन करते हैं आयतों का, उन लोगों के लिए, जो समझ रखते हैं। 1. परलोक और एकेश्वरवाद के तर्कों का वर्णन करने के पश्चात् इस आयत में शुध्द एकेश्वरवाद के प्रमाण प्रस्तुत किये जा रहे हैं कि जब तुम स्वयं अपने दासों को अपनी जीविका में साझी नहीं बना सकते तो जिस अल्लाह ने सब को बनाया है उस की वंदना उपासना में दूसरों को कैसे साझी बनाते हो?

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‏ بَلِ اتَّبَعَ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَهْوَاءَهُم بِغَيْرِ عِلْمٍ ۖ فَمَن يَهْدِي مَنْ أَضَلَّ اللَّهُ ۖ وَمَا لَهُم مِّن نَّاصِرِينَ ﴾ 29 ﴿

Transliteration

बलित्-त-बअ़ल्लज़ी-न ज़-लमू अह़्वा-अहुम् बिग़ैरि अिल्मिन् फ़ – मंय्यह्दी मन् अज़ल्लल्लाहु, व मा लहुम् मिन्-नासिरीन

हिंदी अनुवाद

बल्कि चले हैं अत्याचारी अपनी मनमानी पर बिना समझे, तो कौन राह दिखाये उसे, जिसे अल्लाह ने कुपथ कर दिया हो? और नहीं है उनका कोई सहायक।

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فَأَقِمْ وَجْهَكَ لِلدِّينِ حَنِيفًا ۚ فِطْرَتَ اللَّهِ الَّتِي فَطَرَ النَّاسَ عَلَيْهَا ۚ لَا تَبْدِيلَ لِخَلْقِ اللَّهِ ۚ ذَٰلِكَ الدِّينُ الْقَيِّمُ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ ‎ ﴾ 30 ﴿

Transliteration

फ़- अकिम् वज्ह – क लिद्दीनि हनीफ़न्, फित्- रतल्लाहिल्लती फ़ -तरन्ना – स अ़लैहा, ला तब्दी-ल लिख़ल्किल्लाहि, जालिकद् – दीनुल् कय्यिमु व लाकिन्-न अक्सरन्नासि ला यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

तो (हे नबी!) आप सीधा रखें अपना मुख इस धर्म की दिशा में, एक ओर होकर, उस स्वभाव पर, पैदा किया है अल्लाह ने मनुष्यों को जिस[1] पर। बदलना नहीं है अल्लाह के धर्म को, यही स्वभाविक धर्म है, किन्तु अधिक्तर लोग नहीं[2] जानते। 1. एक ह़दीस में कुछ इस प्रकार आया है कि प्रत्येक शिशु प्रकृति (नेचर, अर्थात इस्लाम) पर जन्म लेता है। परन्तु उस के माँ-बाप उसे यहूदी या ईसाई या मजूसी बना देते हैं। (देखिये सह़ीह़ मुस्लिमः 2656) और यदि उस के माता पिता हिन्दु अथवा बुध्द या और किछ हैं तो वे अपने सिशु को अपने धर्म के रंग में रंग देते हैं। आयत का भावार्थ यह है कि स्वभाविक धर्म इस्लाम और तौह़ीद को न बदलो बल्कि सह़ीह पालन-पोषण द्वारा अपने शिशु को इसी स्वभाविक धर्म इस्लाम की शिक्षा। 2. इसी लिये वह इस्लाम और तौह़ीद को नहीं पहचानते।

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مُنِيبِينَ إِلَيْهِ وَاتَّقُوهُ وَأَقِيمُوا الصَّلَاةَ وَلَا تَكُونُوا مِنَ الْمُشْرِكِينَ ﴾ 31 ﴿

Transliteration

मुनीबी – न इलैहि वत्तकूहु व अकीमुस्- सला-त व ला तकूनू मिनल्- मुश्रिकीन

हिंदी अनुवाद

ध्यान करके अल्लाह की ओर और डरो उससे तथा स्थापना करो नमाज़ की और न हो जाओ मुश्रिकों में से।

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مِنَ الَّذِينَ فَرَّقُوا دِينَهُمْ وَكَانُوا شِيَعًا ۖ كُلُّ حِزْبٍ بِمَا لَدَيْهِمْ فَرِحُونَ ‎ ﴾ 32 ﴿

Transliteration

मिनल्लज़ी – न फ़र्रकू दीनहुम् व कानू शि-यअ़न्, कुल्लु हिज़्बिम् बिमा लदैहिम् फ़रिहून

हिंदी अनुवाद

उनमें से जिन्होंने अलग बना लिया अपना धर्म और हो गये कई गिरोह, प्रत्येक गिरोह उसीमें[1] जो उसके पास है, मगन है। 1. वह समझता है कि मैं ही सत्य पर हूँ और उन्हें तथ्य की कोई चिन्ता नहीं।

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وَإِذَا مَسَّ النَّاسَ ضُرٌّ دَعَوْا رَبَّهُم مُّنِيبِينَ إِلَيْهِ ثُمَّ إِذَا أَذَاقَهُم مِّنْهُ رَحْمَةً إِذَا فَرِيقٌ مِّنْهُم بِرَبِّهِمْ يُشْرِكُونَ ﴾ 33 ﴿

Transliteration

व इज़ा मस्सन्ना-स जुर्रुन् दऔ रब्बहुम् मुनीबी – न इलैहि सुम – म इज़ा अज़ाकहुम मिन्हु रह्म तन् इज़ा फ़रीकुम् मिन्हुम् बिरब्बिहिम् युश्रिकून

हिंदी अनुवाद

और जब पहुँचता है मनुष्यों को कोई दुःख, तो वह पुकारते हैं अपने पालनहार को ध्यान लगाकर उसकी ओर। फिर जब वह चखाता है उनको, अपनी ओर से कोई दया, तो सहसा एक गिरोह उनमें से अपने पालनहार के साथ शिर्क करने लगता है।

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لِيَكْفُرُوا بِمَا آتَيْنَاهُمْ ۚ فَتَمَتَّعُوا فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ ‎ ﴾ 34 ﴿

Transliteration

लियक्फूरू बिमा आतैनाहुम्, फ़- तमत्तअू, फ़सौ-फ़ तअ्लमून

हिंदी अनुवाद

ताकि वे कृतघ्न हो जायें (उसके), जो हमने प्रदान किया है उन्हें। तो तुम आन्नद ले लो, तुम्हें शीघ्र ही ज्ञान हो जायेगा।

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أَمْ أَنزَلْنَا عَلَيْهِمْ سُلْطَانًا فَهُوَ يَتَكَلَّمُ بِمَا كَانُوا بِهِ يُشْرِكُونَ ﴾ 35 ﴿

Transliteration

अम् अन्ज़ल्ना अ़लैहिम् सुल्तानन् फ़हु व य-तकल्लमु बिमा कानू बिही युश्रिकून

हिंदी अनुवाद

क्या हमने उतारा है उनपर कोई प्रमाण, जो वर्णन करता है उसका, जिसे वे अल्लाह का साझी बना[1] रहे हैं। 1. यह प्रश्न नकारात्मक है अर्थात उन के पास इस का कोई प्रमाण नहीं है।

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وَإِذَا أَذَقْنَا النَّاسَ رَحْمَةً فَرِحُوا بِهَا ۖ وَإِن تُصِبْهُمْ سَيِّئَةٌ بِمَا قَدَّمَتْ أَيْدِيهِمْ إِذَا هُمْ يَقْنَطُونَ ﴾ 36 ﴿

Transliteration

व इज़ा अज़क़्नन्ना-स रहम तन् फ़रिहू बिहा, व इन् तुसिब्हुम् सय्यि-अतुम्-बिमा क़द्द-मत् ऐदीहिम् इज़ा हुम् यक़्नतून

हिंदी अनुवाद

और जब हम चखाते हैं लोगों को कुछ दया, तो वे उसपर इतराने लगते हैं और यदि पहुँचता है उन्हें कोई दुःख उनके करतूतों के कारण, तो वह सहसा निराश हो जाते हैं।

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‏ أَوَلَمْ يَرَوْا أَنَّ اللَّهَ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَن يَشَاءُ وَيَقْدِرُ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ ﴾ 37 ﴿

Transliteration

अ-व लम् यरौ अन्नल्ला ह यब्सुतुर्रिज्-क़ लिमंय्यशा-उ व यक्दिरु, इन्-न फ़ी ज़ालि-क लआयातिल् लिकौमिंय् – युअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

क्या उन्होंने नहीं देखा कि अल्लाह फैला देता है जीविका, जिसके लिए चाहता है और नापकर देता है? निश्चय इसमें बहुत-सी निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो ईमान लाते हैं।

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فَآتِ ذَا الْقُرْبَىٰ حَقَّهُ وَالْمِسْكِينَ وَابْنَ السَّبِيلِ ۚ ذَٰلِكَ خَيْرٌ لِّلَّذِينَ يُرِيدُونَ وَجْهَ اللَّهِ ۖ وَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ ﴾ 38 ﴿

Transliteration

फ़-आति ज़ल्कुरबा हक़्क़हू वल्मिस्की – न वब्नस्सबीलि, ज़ालि-क ख़ैरुल्-लिल्लज़ी-न युरीदू न वज्हल्लाहि व उलाइ-क हुमुल्-मुफ्लिहून

हिंदी अनुवाद

तो दो समीपवर्तियों को उनका अधिकार तथा निर्धनों और यात्रियों को। ये उत्तम है उन लोगों के लिए, जो चाहते हों अल्लाह की प्रसन्नता और वही सफल होने वाले हैं।

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وَمَا آتَيْتُم مِّن رِّبًا لِّيَرْبُوَ فِي أَمْوَالِ النَّاسِ فَلَا يَرْبُو عِندَ اللَّهِ ۖ وَمَا آتَيْتُم مِّن زَكَاةٍ تُرِيدُونَ وَجْهَ اللَّهِ فَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُضْعِفُونَ ﴾ 39 ﴿

Transliteration

व मा आतैतुम् मिर्रिबल्-लि-यरबु-व फ़ी अम्वालिन्नासि फ़ला यरबू अिन्दल्लाहि व मा आतैतुम् मिन् ज़कातिन् तुरीदू-न वज्हल्लाहि फ़-उलाइ-क हुमुल्-मुज्अिफून

हिंदी अनुवाद

और जो तुम व्याज देते हो, ताकि अधिक हो जाये लोगों के धनों[1] में मिलकर, तो वह अधिक नहीं होता अल्लाह के यहाँ तथा तुम जो ज़कात देते हो, चाहते हुए अल्लाह की प्रसन्नता, तो वही लोग सफल होने वाले हैं। 1. इस आयत में सामाजिक अधिकारों की ओर ध्यान दिलाया गया है कि जब सब कुछ अल्लाह ही का दिया हुआ है तो तुम्हें अल्लाह की प्रसन्नता के लिये सब का अधिकार देना चाहिये। ह़दीस में है कि जो व्याज खाता-खिलाता है और उसे लिखता तथा उस पर गवाही देता है उस पर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने धिक्कार किया है।

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اللَّهُ الَّذِي خَلَقَكُمْ ثُمَّ رَزَقَكُمْ ثُمَّ يُمِيتُكُمْ ثُمَّ يُحْيِيكُمْ ۖ هَلْ مِن شُرَكَائِكُم مَّن يَفْعَلُ مِن ذَٰلِكُم مِّن شَيْءٍ ۚ سُبْحَانَهُ وَتَعَالَىٰ عَمَّا يُشْرِكُونَ ﴾ 40 ﴿

Transliteration

अल्लाहुल्लज़ी ख़-ल-क़कुम् सुम्-म र-ज़-क़कुम् सुम्-म युमीतुकुम् सुम-म युह्यीकुम्, हल् मिन् शु-रकाइकुम् मंय्यफ्अ़लु मिन् ज़ालिकुम् मिन् शैइन्, सुब्हानहू व तआला अ़म्मा युश्रिकून*

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही है, जिसने उत्पन्न किया है तुम्हें, फिर तुम्हें जीविका प्रदान की, फिर तुम्हें मारेगा, फिर जीवित करेगा, तो क्या तुम्हारे साझियों में से कोई है, जो इसमें से कुछ कर सके? वह पवित्र है और उच्च है, उनके साझी बनाने से। 1. इस में फिर एकेश्वरवाद का वर्णन तथा शिर्क का खण्डन किया है।

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ظَهَرَ الْفَسَادُ فِي الْبَرِّ وَالْبَحْرِ بِمَا كَسَبَتْ أَيْدِي النَّاسِ لِيُذِيقَهُم بَعْضَ الَّذِي عَمِلُوا لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ ﴾ 41 ﴿

Transliteration

ज़-हरल-फ़सादु फिल्-बर्रि वल-बहरि बिमा क-सबत् ऐदिन्नासि लियुज़ी-क़हुम् बअ्ज़ल्लज़ी-अ़मिलू, लअ़ल्लहुम् यर्जिअून

हिंदी अनुवाद

फैल गया उपद्रव जल तथा[1] थल में लोगों के करतूतों के कारण, ताकि वह चखाये उन्हें उनका कुछ कर्म, संभवतः वे रूक जायें। 2. आयत में बताया गया है कि इस विश्व में जो उपद्रव तथा अत्याचार हो रहा है यह सब शिर्क के कारण हो रहा है। जब लोगों ने एकेश्वाद को छोड़ कर शिर्क अपना लिया तो अत्याचार और उपद्रव होने लगा। क्यों कि न एक अल्लाह का भय रह गया और न उस के नियमों का पालन।

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قُلْ سِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَانظُرُوا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِينَ مِن قَبْلُ ۚ كَانَ أَكْثَرُهُم مُّشْرِكِينَ ﴾ 42 ﴿

Transliteration

कुल सीरू फ़िलअर्ज़ि फ़न्जुरू कै-फ़ का-न आकि-बतुल्लज़ी न मिन् क़ब्लु, का-न अक्सरुहुम् मुश्रिकीन

हिंदी अनुवाद

आप कह दें कि चलो-फिरो धरती में, फिर देखो कि कैसा रहा उनका अन्त, जो इनसे पहले थे। उनमें अधिक्तर मुश्रिक थे।

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فَأَقِمْ وَجْهَكَ لِلدِّينِ الْقَيِّمِ مِن قَبْلِ أَن يَأْتِيَ يَوْمٌ لَّا مَرَدَّ لَهُ مِنَ اللَّهِ ۖ يَوْمَئِذٍ يَصَّدَّعُونَ ﴾ 43 ﴿

Transliteration

फ़- अकिम् वज्ह – क लिद्दीनिल् – क़य्यिमि मिन् क़ब्लि अंय्यअ्ति-य यौमुल ला मरद् – द लहू मिनल्लाहि यौमइजिंय् – यस्सद्दअून

हिंदी अनुवाद

अतः, आप सीधा रखें अपना मुख सत्धर्म की दिशा में, इससे पहले कि आ जाये वह दिन, जिसे फिरना नहीं है अल्लाह की ओर से, उस दिन लोग अलग-अलग हो[1] जायेंगे। 1. अर्थात ईमान वाले और काफ़िर।

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مَن كَفَرَ فَعَلَيْهِ كُفْرُهُ ۖ وَمَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِأَنفُسِهِمْ يَمْهَدُونَ ﴾ 44 ﴿

Transliteration

मन् क- फ़ – रफ़ – अ़लैहि कुफ्रुहू व मन अ़मि – ल सालि हन् फ़लिअन्फुसिहिम् यम्हदून

हिंदी अनुवाद

जिसने कुफ़्र किया, तो उसीपर उसका कुफ़्र है और जिसने सदाचार किया, तो वे अपने ही लिए (सफलता का मार्ग) बना रहे हैं।

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لِيَجْزِيَ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ مِن فَضْلِهِ ۚ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْكَافِرِينَ ‎ ﴾ 45 ﴿

Transliteration

लि यज्ज़ि-यल्लज़ी-न आमनू व अमिलुस्-सालिहाति मिन् फ़ज्लिही, इन्नहू ला युहिब्बुल्-काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

ताकि अल्लाह बदला दे उन्हें, जो ईमान लाये तथा सदाचार किये, अपने अनुग्रह से। निश्चय वह प्रेम नहीं करता काफ़िरों से।

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وَمِنْ آيَاتِهِ أَن يُرْسِلَ الرِّيَاحَ مُبَشِّرَاتٍ وَلِيُذِيقَكُم مِّن رَّحْمَتِهِ وَلِتَجْرِيَ الْفُلْكُ بِأَمْرِهِ وَلِتَبْتَغُوا مِن فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ ‎ ﴾ 46 ﴿

Transliteration

व मिन् आयातिही अंय्युरसिलर्-रिया-ह मुबश्शिरातिंव्-व लियुज़ी – क़कुम् मिर्रह्मतिही व लितज्रि-यल्फुल्कु बिअम्रिही व लितब्तगू मिन् फ़ज़्लिही व लअ़ल्लकुम् तश्कुरून

हिंदी अनुवाद

और उसकी निशानियों में से है कि भेजता है वायु को शुभ सूचना देने के लिए और ताकि चखाये तुम्हें अपनी दया (वर्षा) में से और ताकि नाव चले उसके आदेश से और ताकि तुम खोजो उसकी जीविका और ताकि तुम कृतज्ञ बनो।

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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا مِن قَبْلِكَ رُسُلًا إِلَىٰ قَوْمِهِمْ فَجَاءُوهُم بِالْبَيِّنَاتِ فَانتَقَمْنَا مِنَ الَّذِينَ أَجْرَمُوا ۖ وَكَانَ حَقًّا عَلَيْنَا نَصْرُ الْمُؤْمِنِينَ ‎ ﴾ 47 ﴿

Transliteration

व ल – क़द् अरसल्ना मिन् कब्लि-क रुसुलन् इला कौमिहिम् फ़जाऊहुम् बिल्बय्यिनाति फ़न्त-क़म्ना मिनल्लज़ी-न अज्-रमू, व का-न हक़्क़न् अलैना नसरुल् – मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

और हमने भेजा आपसे पहले रसूलों को, उनकी जातियों की ओर। तो वे लाये उनके पास खुली निशानियाँ, अन्ततः, हमने बदला ले लिया उनसे, जिन्होंने अपराध किया और अनिवार्य था हमपर ईमान वालों की सहायता[1] करना। 1. आयत में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) तथा आप के अनुयायियों को सांत्वना दी जा रही है।

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اللَّهُ الَّذِي يُرْسِلُ الرِّيَاحَ فَتُثِيرُ سَحَابًا فَيَبْسُطُهُ فِي السَّمَاءِ كَيْفَ يَشَاءُ وَيَجْعَلُهُ كِسَفًا فَتَرَى الْوَدْقَ يَخْرُجُ مِنْ خِلَالِهِ ۖ فَإِذَا أَصَابَ بِهِ مَن يَشَاءُ مِنْ عِبَادِهِ إِذَا هُمْ يَسْتَبْشِرُونَ ‎ ﴾ 48 ﴿

Transliteration

अल्लाहुल्लज़ी युर्सिलुर् – रिया – ह फतुसीरु सहाबन् फ़ – यब्सुतुहू फिस्समा – इ कै – फ़ यशा- उ व यज् – अलुहू कि सफ़न् फ़ – तरल् – वद् – क यख़्रुजु मिन् खिलालिही फ़-इज़ा असा-ब बिही मंय्यशा-उ मिन् अिबादिही इज़ा हुम् यस्तबशिरून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही है, जो वायुओं को भेजता है, फिर वह बादल उठाती हैं, फिर वह उसे फैलाता है आकाश में, जैसे चाहता है और उसे घंघोर बना देता है। तो तुम देखते हो बूंदों को निकलते उसके बीच से, फिर जब उसे पहुँचाता है जिसे चाहता है, अपने भक्तों में से, तो सहसा वे प्रफुल्ल हो जाते हें।

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وَإِن كَانُوا مِن قَبْلِ أَن يُنَزَّلَ عَلَيْهِم مِّن قَبْلِهِ لَمُبْلِسِينَ ﴾ 49 ﴿

Transliteration

व इन कानू मिन् क़ब्लि अंय्युनज़्ज़-ल अ़लैहिम् मिन् क़ब्लिही लमुब्लिसीन

हिंदी अनुवाद

यद्यपि वे थे इससे पहले कि उनपर उतारी जाये, अति निराश।

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فَانظُرْ إِلَىٰ آثَارِ رَحْمَتِ اللَّهِ كَيْفَ يُحْيِي الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ۚ إِنَّ ذَٰلِكَ لَمُحْيِي الْمَوْتَىٰ ۖ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ ﴾ 50 ﴿

Transliteration

फन्जुर् इला आसारि रह्मतिल्लाहि कै-फ़ युह़्यिल-अर्-ज़ बअ्-द मौतिहा, इन्- न ज़ालि-क लमुह्यिल् – मौता व हु-व अ़ला कुल्लि शैइन कदीर

हिंदी अनुवाद

तो देखो अल्लाह की दया के लक्षणों को, वह कैसे जीवित करता है धरती को, उसके मरण के पश्चात्, निश्चय वही जीवित करने वाला है मुर्दों को तथा वह सब कुछ कर सकता है।

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وَلَئِنْ أَرْسَلْنَا رِيحًا فَرَأَوْهُ مُصْفَرًّا لَّظَلُّوا مِن بَعْدِهِ يَكْفُرُونَ ﴾ 51 ﴿

Transliteration

व ल-इन् अरसल्ना रीहन् फ़-रऔहु मुस्फ़र्रल् लज़ल्लू मिम् – बअ्दिही यक्फुरून

हिंदी अनुवाद

और यदि हम भेज दें उग्र वायु, फिर वे देख लें उसे (खेती को) पीली, तो इसके पश्चात् कुफ्र करने लगते हैं।

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فَإِنَّكَ لَا تُسْمِعُ الْمَوْتَىٰ وَلَا تُسْمِعُ الصُّمَّ الدُّعَاءَ إِذَا وَلَّوْا مُدْبِرِينَ ﴾ 52 ﴿

Transliteration

फ़- इन्न- क ला तुस्मिअुल्-मौता व ला तुस्मिअुस्-सुम्मद्-दुआ-अ इज़ा वल्लौ मुदबिरीन

हिंदी अनुवाद

तो (हे नबी!) आप नहीं सुना सकेंगे मुर्दों[1] को और नहीं सुना सकेंगे बहरों को पुकार, जब वे भाग रहे हों, पीठ फेरकर। 1. अर्थात जिन की अन्तरात्मा मर चुकी हो और सत्य सुनने के लिये तैयार न हों।

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وَمَا أَنتَ بِهَادِ الْعُمْيِ عَن ضَلَالَتِهِمْ ۖ إِن تُسْمِعُ إِلَّا مَن يُؤْمِنُ بِآيَاتِنَا فَهُم مُّسْلِمُونَ ﴾ 53 ﴿

Transliteration

व मा अन्-त बिहादिल्-अुम्यि अ़न् ज़ला – लतिहिम्, इन् तुस्मिअु इल्ला मंय्युअ्मिनु बिआयातिना फ़हुम् मुस्लिमून*

हिंदी अनुवाद

तथा नहीं हैं आप मार्ग दर्शाने वाले अंधों को उनके कुपथ से, आप सुना सकेंगे उन्हींको, जो ईमान लाते हैं हमारी आयतों पर, फिर वही मुस्लिम हैं।

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اللَّهُ الَّذِي خَلَقَكُم مِّن ضَعْفٍ ثُمَّ جَعَلَ مِن بَعْدِ ضَعْفٍ قُوَّةً ثُمَّ جَعَلَ مِن بَعْدِ قُوَّةٍ ضَعْفًا وَشَيْبَةً ۚ يَخْلُقُ مَا يَشَاءُ ۖ وَهُوَ الْعَلِيمُ الْقَدِيرُ ﴾ 54 ﴿

Transliteration

अल्लाहुल्लज़ी ख़-ल-क़कुम् मिन् जुअ्फिन् सुम्-म ज-अ़-ल मिम्बअ्दि जुअ्फिन् कुव्वतन् सुम्-म ज-अ़-ल मिम्-बअ्दि कुव्वतिन् जुअ्फ़ंव-व शै-बतन्, यख़्लुकु मा यशा-उ व हुवल् – अ़लीमुल्क़दीर

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही है, जिसने उत्पन्न किया तुम्हें निर्बल दशा से, फिर प्रदान किया निर्बलता के पश्चात् बल, फिर कर दिया बल के पश्चात् निर्बल तथा बूढ़ा,[1] वह उत्पन्न करता है, जो चाहता है और वही सर्वज्ञ, सब सामर्थ्य रखने वाला है। 1. अर्थात एक व्यक्ति जन्म से मरण तक अल्लाह के सामर्थ्य के अधीन रहता है फिर उस की वंदना में उस के अधीन होने और उस के पुनः पैदा कर देने के सामर्थ्य को अस्वीकार क्यों करते है?

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وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ يُقْسِمُ الْمُجْرِمُونَ مَا لَبِثُوا غَيْرَ سَاعَةٍ ۚ كَذَٰلِكَ كَانُوا يُؤْفَكُونَ ﴾ 55 ﴿

Transliteration

व यौ-म तकूमुस्सा- अ़तु युक्सिमुल् मुज्रिमू – न मा लबिसू ग़ै-र सा- अ़तिन्, कज़ालि-क कानू युअफ़कून

हिंदी अनुवाद

और जिस दिन व्याप्त होगी प्रलय, तो शपथ लेंगे अपराधी कि वे नहीं रहे क्षणभर[1] के सिवा और इसी प्रकार, वे बहकते रहे। 1. अर्थात संसार में।

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وَقَالَ الَّذِينَ أُوتُوا الْعِلْمَ وَالْإِيمَانَ لَقَدْ لَبِثْتُمْ فِي كِتَابِ اللَّهِ إِلَىٰ يَوْمِ الْبَعْثِ ۖ فَهَٰذَا يَوْمُ الْبَعْثِ وَلَٰكِنَّكُمْ كُنتُمْ لَا تَعْلَمُونَ ‎ ﴾ 56 ﴿

Transliteration

व कालल्लज़ी – न ऊतुल अिल्-म वल-ईमा-न ल-क़द् लबिस्तुम् फ़ी किताबिल्लाहि इला यौमिल् – बअ्सि फ़- हाज़ा यौमुल् -बअ्सि व लाकिन्नकुम् कुन्तुम् ला तअ्लमून

हिंदी अनुवाद

तथा कहेंगे, जो ज्ञान दिये गये तथा ईमान कि तुम रहे हो अल्लाह के लेख में प्रलय के दिन तक, तो अब ये प्रलय का दिन है और परन्तु, तुम विश्वास नहीं रखते थे।

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فَيَوْمَئِذٍ لَّا يَنفَعُ الَّذِينَ ظَلَمُوا مَعْذِرَتُهُمْ وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ ‎ ﴾ 57 ﴿

Transliteration

फ़यौमइज़िल् – ला यन्फअुल्लज़ी-न ज़-लमू मअ्ज़ि – रतुहुम् व ला हुम् युस्तअ्-तबून

हिंदी अनुवाद

तो उस दिन, नहीं काम देगा अत्याचारियों को उनका तर्क और न उनसे क्षमायाचना करयी जायेगी।

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وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِي هَٰذَا الْقُرْآنِ مِن كُلِّ مَثَلٍ ۚ وَلَئِن جِئْتَهُم بِآيَةٍ لَّيَقُولَنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا إِنْ أَنتُمْ إِلَّا مُبْطِلُونَ ‎ ﴾ 58 ﴿

Transliteration

व ल-कद् ज़रब्ना लिन्नासि फी हाज़ल्-कुरआनि मिन् कुल्लि म-सलिन्, व ल-इन् जिअ्-तहुम् बिआयातिल् ल-यकूलन्नल्लज़ी-न क-फ़रू इन् अन्तुम् इल्ला मुब्तिलून

हिंदी अनुवाद

और हमने वर्णन कर दिया है लोगों के लिए इस क़ुर्आन में प्रत्येक उदाहरण का और यदि आप ले आयें उनके पास कोई निशानी, तो भी अवश्य कह देंगे, जो काफ़िर हो गये कि तुम तो केवल झूठ बनाते हो।

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كَذَٰلِكَ يَطْبَعُ اللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِ الَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ ﴾ 59 ﴿

Transliteration

कज़ालि-क यत्बअुल्लाहु अ़ला कुलूबिल्लज़ी-न ला यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

इसी प्रकार, मुहर लगा देता है अल्लाह उनके दिलों पर, जो समझ नहीं रखते।

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فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ ۖ وَلَا يَسْتَخِفَّنَّكَ الَّذِينَ لَا يُوقِنُونَ ﴾ 60 ﴿

Transliteration

फ़स्बिर् इन्-न वअ्दल्लाहि हक़्कुंव् – व ला यस्तखिफ्फन्नकल्लज़ी-न ला यूक़िनून*

हिंदी अनुवाद

तो आप सहन करें, वास्तव में, अल्लाह का वचन सत्य है और कदापि वो आप[1] को हल्का न समझें, जो विश्वास नहीं रखते। 1. अन्तिम आयत में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को धैर्य तथा साहस रखने का आदेश दिया गया है। और अल्लाह ने जो विजय देने तथा सहायता करने का वचन दिया है उस के पूरा होने और निराश न होने के लिये कहा जा रहा है।

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