X
Logo
कुरआन मजीद

Quran in Hindi

96. सूरह अल-अलक – 1- 19

सूरह अलक के संक्षिप्त विषय

यह सूरह मक्की है, इस में 19 आयते है।

  • इस की आयत 2 में इन्सान के अलक अर्थात बंधे हुये रक्त से पैदा किये जाने की चर्चा की गई है। इस लिये इस का यह नाम रखा गया है।
  • इस की आयत 1 से 5 तक में कुन पढ़ने का निर्देश दिया गया है। तथा बताया गया है कि अल्लाह ने मनुष्य को कैसे पैदा किया और ज्ञान प्रदान किया है।
  • इस की आयत 6 से 8 तक इन्सान को चेतावनी दी गयी है कि वह अल्लाह के इन उपकारों का आदर न कर के कैसे उल्लंघन करता है। जब कि उसे फिर अल्लाह ही के पास पहुंचना है।
  • आयत 9 से 14 तक उस की निन्दा की गई है जो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का विरोध करता था और आप की राह में बाधायें उत्पत्व करता था।
  • आयत 15 से 18 तक विरोधियों को बुरे परिणाम की चेतावनी दी गई है।
  • अन्त में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और ईमान वालों को निर्देश दिया गया है कि उस की बात न मानो और अल्लाह की वंदना में लगे रहो।

हदीस में है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पहले सच्चा सपना देखते थे फिर जिब्रील आये और आप को यह (पाँच) आयतें पढ़ाई। (सहीह बुखारीः 4955)

अबू जहल ने कहा कि यदि मुहम्मद को काबा के पास नमाज़ पढ़ते देखा तो उस की गर्दन रौद दूंगा। जब आप को इस की सूचना मिली तो कहाः यदि

1 यह सूरह मक्की है। और इस की प्रथम पाँच आयते पहली वह्मी (प्रकाशना) है जैसा कि बुखारी (हदीस नं. 4953) और मुस्लिम (हदीस नं 160) में आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) से उल्लिखित है। इस का दूसरा भाग उस समय उतरा जब मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को आप के मूर्ति पूजक चचा अबू जहल ने “काबा” के पास नमाज़ से रोक दिया। सूरह के अन्त में आप को निर्भय हो कर नमाज अदा करने और धमकियों पर ध्यान न देने के लिये कहा गया है।वह ऐसा करता तो फरिश्ते उसे पकड़ लेते। (सहीह बुखारीः 4958)

सूरह अल-अलक | Surah Alaq in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

Play

اقْرَأْ بِاسْمِ رَبِّكَ الَّذِي خَلَقَ ﴾ 1 ﴿

Transliteration

इक़रअ बिस्मि रब्बिकल लज़ी खलक

हिंदी अनुवाद

अपने पालनहार के नाम से पढ़, जिसने पैदा किया।

Play

‏ خَلَقَ الْإِنسَانَ مِنْ عَلَقٍ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

खलाक़ल इंसाना मिन अलक़

हिंदी अनुवाद

जिस ने मनुष्य को रक्त को लोथड़े से पैदा किया।

Play

اقْرَأْ وَرَبُّكَ الْأَكْرَمُ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

इक़रअ व रब्बुकल अकरम

हिंदी अनुवाद

पढ़, और तेरा पालनहार बड़ा दया वाला है।

Play

‏ الَّذِي عَلَّمَ بِالْقَلَمِ ‎ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी अल्लमा बिल क़लम

हिंदी अनुवाद

जिस ने लेखनी के द्वारा ज्ञान सिखाया।

Play

عَلَّمَ الْإِنسَانَ مَا لَمْ يَعْلَمْ ‎ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

अल्लमल इंसान मालम यअ’लम

हिंदी अनुवाद

इन्सान को उसका ज्ञान दिया जिस को वह नहीं जानता था।[1] 1. (1-5) इन आयतों में प्रथम वह़्यी (प्रकाशना) का वर्णन है। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) मक्का से कुछ दूर "जबले नूर" (ज्योति पर्वत) की एक गुफा में जिस का नाम "ह़िरा" है जा कर एकांत में अल्लाह को याद किया करते थे। और वहीं कई दिन तक रह जाते थे। एक दिन आप इसी गुफा में थे कि अकस्मात आप पर प्रथम वह़्यी (प्रकाशना) ले कर फ़रिश्ता उतरा। और आप से कहाः "पढ़ो"। आप ने कहाः मैं पढ़ना नहीं जानता। इस पर फ़रिश्ते ने आप को अपने सीने से लगा कर दबाया। इसी प्रकार तीन बार किया और आप को पाँच आयतें सुनाईं। यह प्रथम प्रकाशना थी। अब आप मुह़म्मद पुत्र अब्दुल्लाह से मुह़म्मद रसूलुल्लाह हो कर डरते काँपते घर आये। इस समय आप की आयु 40 वर्ष थी। घर आ कर कहा कि मुझे चादर उढ़ा दो। जब कुछ शांत हुये तो अपनी पत्नी ख़दीजा (रज़ियल्लाहु अन्हा) को पूरी बात सुनाई। उन्हों ने आप को सांत्वना दी और अपने चचा के पुत्र "वरक़ा बिन नौफ़ल" के पास ले गईं जो ईसाई विद्वान थे। उन्हों ने आप की बात सुन कर कहाः यह वही फ़रिश्ता है जो मूसा (अलैहिस्सलाम) पर उतारा गया था। काश मैं तुम्हारी नबुव्वत (दूतत्व) के समय शक्तिशाली युवक होता और उस समय तक जीवित रहता जब तुम्हारी जाति तुम्हें मक्का से निकाल देगी! आप ने कहाः क्या लोग मुझे निकाल देंगे? वरक़ा ने कहाः कभी ऐसा नहीं हुआ कि जो आप लाये हैं उस से शत्रुता न की गई हो। यदि मैं ने आप का वह समय पाया तो आप की भरपूर सहायता करूँगा। परन्तु कुछ ही समय गुज़रा था कि वरक़ा का देहाँत हो गया। और वह समय आया जब आप को 13 वर्ष बाद मक्का से निकाल दिया गया। और आप मदीना की ओर हिजरत (प्रस्थान) कर गये। (देखियेः इब्ने कसीर) आयत संख्या 1 से 5 तक निर्देश दिया गया है कि अपने पालनहार के नाम से उस के आदेश क़ुर्आन का अध्ययन करो जिस ने इन्सान को रक्त के लोथड़े से बनाया। तो जिस ने अपनी शक्ति और दक्षता से जीता जागता इन्सान बना दिया वह उसे पुनः जीवित कर देने की भी शक्ति रखता है। फिर ज्ञान अर्थात क़ुर्आन प्रदान किये जाने की शुभ सूचना दी गई है।

Play

كَلَّا إِنَّ الْإِنسَانَ لَيَطْغَىٰ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

कल्ला इन्नल इंसाना लयत्गा

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, इन्सान सरकशी करता है।

Play

أَن رَّآهُ اسْتَغْنَىٰ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

अर रआहुस तग्ना

हिंदी अनुवाद

इसलिए कि वह स्वयं को निश्चिन्त (धनवान) समझता है।

Play

إِنَّ إِلَىٰ رَبِّكَ الرُّجْعَىٰ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

इन्ना इला रब्बिकर रुज आ

हिंदी अनुवाद

निःसंदेह, फिर तेरे पालनहार की ओर पलट कर जाना है।[1] 1. (6-8) इन आयतों में उन को धिक्कारा है जो धन के अभिमान में अल्लाह की अवज्ञा करते हैं और इस बात से निश्चिन्त हैं कि एक दिन उन्हें अपने कर्मों का जवाब देने के लिये अल्लाह के पास जाना भी है।

Play

أَرَأَيْتَ الَّذِي يَنْهَىٰ ‎ ﴾ 9 ﴿

Transliteration

अरा अय्तल लज़ी यन्हा

हिंदी अनुवाद

क्या तुमने उसे देखा जो रोकता है।

Play

عَبْدًا إِذَا صَلَّىٰ ﴾ 10 ﴿

Transliteration

अब्दन इज़ा सल्ला

हिंदी अनुवाद

एक भक्त को, जब वह नमाज़ अदा करे।

Play

‏ أَرَأَيْتَ إِن كَانَ عَلَى الْهُدَىٰ ﴾ 11 ﴿

Transliteration

अरा अयता इन काना अलल हुदा

हिंदी अनुवाद

भला देखो तो, यदि वह सीधे मार्ग पर हो।

Play

أَوْ أَمَرَ بِالتَّقْوَىٰ ﴾ 12 ﴿

Transliteration

अव अमरा बित तक्वा

हिंदी अनुवाद

या अल्लाह से डरने का आदेश देता हो?

Play

‏ أَرَأَيْتَ إِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ ﴾ 13 ﴿

Transliteration

अरा ऐता इन कज्ज़बा व तवल्ला

हिंदी अनुवाद

और देखो तो, यदि उसने झुठलाया तथा मुँह फेरा हो?[1] 1. (9-13) इन आयतों में उन पर धिक्कार है जो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के विरोध पर तुल गये। और इस्लाम और मुसलमानों की राह में रुकावट डालते और नमाज़ से रोकते हैं।

Play

أَلَمْ يَعْلَم بِأَنَّ اللَّهَ يَرَىٰ ﴾ 14 ﴿

Transliteration

अलम यअलम बिअन्नल लाहा यरा

हिंदी अनुवाद

क्या वह नहीं जानता कि अल्लाह उसे देख रहा है?

Play

كَلَّا لَئِن لَّمْ يَنتَهِ لَنَسْفَعًا بِالنَّاصِيَةِ ‎ ﴾ 15 ﴿

Transliteration

कल्ला लइल लम यन्तहि लनस फ़अम बिन नासियह

हिंदी अनुवाद

निश्चय यदि वह नहीं रुकता, तो हम उसे माथे के बल घसेटेंगे।

Play

‏ نَاصِيَةٍ كَاذِبَةٍ خَاطِئَةٍ ‎ ﴾ 16 ﴿

Transliteration

नासियतिन काज़िबतिन खातिअह

हिंदी अनुवाद

झूठे और पापी माथे के बल।

Play

‏ فَلْيَدْعُ نَادِيَهُ ‎ ﴾ 17 ﴿

Transliteration

फ़ल यद्उ नादियह

हिंदी अनुवाद

तो वह अपनी सभा को बुला ले।

Play

سَنَدْعُ الزَّبَانِيَةَ ‎ ﴾ 18 ﴿

Transliteration

सनद उज़ ज़बानियह

हिंदी अनुवाद

हम भी नरक के फ़रिश्तों को बुलायेंगे।[1] 1. (14-18) इन आयतों में सत्य के विरोधी को दुष्परिणाम की चेतावनी है।

Play

‏ كَلَّا لَا تُطِعْهُ وَاسْجُدْ وَاقْتَرِب ۩ ‎ ﴾ 19 ﴿

Transliteration

कल्ला ला तुतिअहु वस्जुद वकतरिब *सज्दा*

हिंदी अनुवाद

(हे भक्त) कदापि उसकी बात न सुनो तथा सज्दा करो और मेरे समीप हो जाओ.[1] 1. (19) इस में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आप के माध्यम से साधारण मुसलमानों को निर्देश दिया गया है कि सहनशीलता के साथ किसी धमकी पर ध्यान न देते हुये नमाज़ अदा करते रहो ताकि इस के द्वारा तुम अल्लाह के समीप हो जाओ।

Play