सूरह दुखान के संक्षिप्त विषय
यह सूरह मक्की है, इस में 59 आयतें हैं।
- इस की आयत 10 में आकाश से दुखान (धुवें) के निकलने की चर्चा है इसलिये इस का नाम सूरह दुखान है।
- इस की आरंभिक आयतों में कुन का महत्व बताया गया है। फिर आयत 7-8 में कुन उतारने वाले का परिचय कराया गया है।
- आयत 9 से 33 तक फिरऔन की जाति के विनाश और बनी इस्राईल की सफलता को एक ऐतिहासिक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है कि रसूल के विरोधियों का दुष्परिणाम कैसा हुआ। और उन के अनुयायी किस प्रकार सफल हुये ।
- आयत 34 से 57 तक दूसरे जीवन के इन्कार तथा उस का विश्वास कर के जीवन व्यतीत करने का अलग-अलग फल बताया गया है जो प्रलय के दिन सामने आयेगा।
- अन्तिम आयतों में उन को सावधान किया गया है जो कुन का आदर नहीं करते। अर्थात इस सूरह के आरंभिक विषय ही में इस का अन्त भी किया गया है।
- हदीस में है कि जब मक्कावासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कड़ा विरोध किया तो आप ने अल्लाह से दुआ की, कि यूसुफ (अलैहिस्सलाम) के अकाल के समान इन पर भी सात वर्ष का अकाल भेज दे। और फिर उन पर ऐसा अकाल आया कि प्रत्येक चीज़ का नाश कर दिया गया। और वह मुर्दार खाने पर बाध्य हो गये । और यह दशा हो गयी कि जब वह आकाश की ओर देखते तो भूक के कारण धूवाँ जैसा दिखाई देता था। (देखियेः सहीह बुखारीः 4823, 4824)
सूरह अद-दुखान | Surah Dukhan in Hindi
بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।