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कुरआन मजीद

Quran in Hindi

40. सूरह अल-गाफिर – 1-85

सूरह मुमिन के संक्षिप्त विषय

यह सूरह मक्की है, इस में 85 आयतें हैं।

  • इस सूरह की आयत नं 28 में एक मूमिन व्यक्ति की कथा का वर्णन किया गया है जिस ने फिरऔन के दरबार में मूसा (अलैहिस्सलाम) का खुल कर साथ दिया था। इसलिये इस का नाम सूरह मुमिन रखा गया है।
  • इस सूरह का दूसरा नाम (सूरह ग़ाफ़िर) भी है। क्योंकि इस की आयत नं० 3 में (ग़ाफ़िरुज्जम्ब) अर्थातः (पाप क्षमा करने वाला) का शब्द आया है।
  • इस की आरंभिक आयतों में उस अल्लाह के गुण बताये गये हैं जिस ने कुन उतारा है। फिर आयत 4 से 6 तक उन्हें बुरे परिणाम की चेतावनी दी गई है जो अल्लाह की आयतों में विवाद खड़ा करते हैं।
  • आयत 7 से 9 तक ईमान वालों को यह शुभसूचना सुनाई गई है कि रिश्ते उन की क्षमा के लिये दुआ करते हैं। इस के पश्चात् काफिरों और मुश्रिकों को सावधान किया गया है। और उन्हें शिक्षा दी गई है।
  • आयत 23 से 46 तक मूसा (अलैहिस्सलाम) के विरुद्ध फिरऔन के विवाद और एक मूमिन के मूसा (अलैहिस्सलाम) का भरपूर साथ देने तथा फिरऔन के परिणाम को विस्तार के साथ बताया गया है। फिर उन को सावधान किया गया जो अंधे हो कर बड़े बनने वालों के पीछे चलते हैं और ईमान वालों को साहस दिया गया है।
  • अन्तिम आयतों में अल्लाह के धर्म में विवाद करने वालों को सावधान करते हुये कुफ्र तथा शिर्क के बुरे परिणाम से सचेत किया गया है।

सूरह अल-गाफिर | Surah Al Ghafir in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

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حم ﴾ 1 ﴿

Transliteration

हा-मीम्

हिंदी अनुवाद

ह़ा मीम।

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تَنزِيلُ الْكِتَابِ مِنَ اللَّهِ الْعَزِيزِ الْعَلِيمِ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

तन्ज़ीलुल्-किताबि मिनल्लाहिल् अज़ीज़ल्-अ़लीम

हिंदी अनुवाद

इस पुस्तक का उतरना अल्लाह की ओर से है, जो सब चीज़ों और गुणों को जानने वाला है।

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غَافِرِ الذَّنبِ وَقَابِلِ التَّوْبِ شَدِيدِ الْعِقَابِ ذِي الطَّوْلِ ۖ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ إِلَيْهِ الْمَصِيرُ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

ग़ाफ़िरिज़्-ज़म्बि व क़ाबिलित्तौबि शदीदिल्-अिक़ाबि ज़ित्तौलि, ला इला-ह इल्ला हु-व, इलैहिल्-मसीर

हिंदी अनुवाद

पाप क्षमा करने, तौबा स्वीकार करने, क्षमायाचना का स्वीकारी, कड़ी यातना देने वाला, समाई वाला, जिसके सिवा कोई ( सच्चा) वंदनीय नहीं। उसी की ओर (सबको) जाना है।

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مَا يُجَادِلُ فِي آيَاتِ اللَّهِ إِلَّا الَّذِينَ كَفَرُوا فَلَا يَغْرُرْكَ تَقَلُّبُهُمْ فِي الْبِلَادِ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

मा युजादिलु फ़ी आयातिल्लाहि इल्लल्लज़ी-न क-फ़रू फ़ला यग़्-रुर् क त-क़ल्लुबुहुम् फिल्-बिलाद

हिंदी अनुवाद

नहीं झगड़ते हैं अल्लाह की आयतों में उनके सिवा, जो काफ़िर हो गये। अतः, धोखे में न डाल दे आपको उनकी यातायात देशों में।

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كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوحٍ وَالْأَحْزَابُ مِن بَعْدِهِمْ ۖ وَهَمَّتْ كُلُّ أُمَّةٍ بِرَسُولِهِمْ لِيَأْخُذُوهُ ۖ وَجَادَلُوا بِالْبَاطِلِ لِيُدْحِضُوا بِهِ الْحَقَّ فَأَخَذْتُهُمْ ۖ فَكَيْفَ كَانَ عِقَابِ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

कज़्ज़बत् क़ब्लहुम् क़ौमु नूहिंव्वल्-अह्ज़ाबु मिम्बअ्दिहिम् व हम्मत् कुल्लु उम्म-तिम्-बि-रसूलिहिम् लियअ्ख़ुज़ूहु व जादलू बिल्बातिल लियुद्हिज़ू बिहिल्हक़्-क़ फ़-अख़ज़्तुहुम् फ़कै-फ़ का-न अिक़ाब

हिंदी अनुवाद

झुठलाया इनसे पूर्व, नूह़ की जाति ने तथा बहुत-से समुदायों ने उनके पश्चात् तथा विचार किया प्रत्येक समुदाय ने अपने रसूल को बंदी बना लेने का तथा विवाद किया असत्य के सहारे, ताकि असत्य बना दें सत्य को। तो हमने उन्हें पकड़ लिया। फिर कैसी रही हमारी यातना?

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وَكَذَٰلِكَ حَقَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ عَلَى الَّذِينَ كَفَرُوا أَنَّهُمْ أَصْحَابُ النَّارِ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

व कज़ालि-क हक़्क़त् कलि-मतु रब्बि-क अ़लल्लज़ी-न क- फ़रू अन्नहुम् अस्हाबुन्-नार

हिंदी अनुवाद

और इसी प्रकार, सिध्द हो गई आपके पालनहार की बात उनपर, जो काफ़िर हो गये कि वही नारकी हैं।

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الَّذِينَ يَحْمِلُونَ الْعَرْشَ وَمَنْ حَوْلَهُ يُسَبِّحُونَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَيُؤْمِنُونَ بِهِ وَيَسْتَغْفِرُونَ لِلَّذِينَ آمَنُوا رَبَّنَا وَسِعْتَ كُلَّ شَيْءٍ رَّحْمَةً وَعِلْمًا فَاغْفِرْ لِلَّذِينَ تَابُوا وَاتَّبَعُوا سَبِيلَكَ وَقِهِمْ عَذَابَ الْجَحِيمِ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न यह्मिलूनल्-अ़र्-श व मन् हौलहू युसब्बिहू-न बिहन्दि-रब्बिहिम् व युअ्मिनू-न बिही व यस्तग़्फ़िरू-न लिल्लज़ी-न आमनू रब्बना वसिअ्-त कुल्-ल शैइर्रह्म-तंव्-व अिल्मन् फ़ग़्फ़िर् लिल्लज़ी – न ताबू वत्त-बअू सबील-क वक़िहिम् अ़ज़ाबल्-जहीम

हिंदी अनुवाद

वे (फ़रिश्ते) जो अपने ऊपर उठाये हुए हैं अर्श (सिंहासन) को तथा जो उसके आस-पास हैं, वे पवित्रता गान करते रहते हैं अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ तथा उसपर ईमान रखते हैं और क्षमा याचना करते रहते हैं उनके लिए, जो ईमान लाये हैं।[1] हे हमारे पालनहार! तूने घेर रखा है प्रत्येक वस्तु को (अपनी) दया तथा ज्ञान से। अतः, क्षमा कर दे उनको जो क्षमा माँगें तथा चलें तेरे मार्ग पर तथा बचा ले उन्हें, नरक की यातना से। 1. यहाँ फ़रिश्तों के दो गिरोह का वर्णन किया गया है। एक वह जो अर्श को उठाये हुये है। और दूसरा वह जो अर्श के चारों ओर घूम कर अल्लाह की प्रशंसा का गान और ईमान वालों के लिये क्षमायाचना कर रहा है।

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رَبَّنَا وَأَدْخِلْهُمْ جَنَّاتِ عَدْنٍ الَّتِي وَعَدتَّهُمْ وَمَن صَلَحَ مِنْ آبَائِهِمْ وَأَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّيَّاتِهِمْ ۚ إِنَّكَ أَنتَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

रब्बना व अद्ख़िल्हुम् जन्नाति अ़द्नि-निल्लती वअ़त्त-हुम् व मन् स-ल-ह मिन् आबाइहिम् व अज़्वाजिहिम् व ज़ुर्रिय्यातिहिम्, इन्न-क अन्तल्-अ़ज़ीज़ुल् हकीम

हिंदी अनुवाद

हे हमारे पालनहार! तथा प्रवेश कर दे उन्हें ,उन स्थायी स्वर्गों में, जिनका तूने उन्हें वचन दिया है तथा जो सदाचारी हैं, उनके पूर्वजों, पत्नियों और उनकी संतानों में से। निश्चय तू सब चीज़ों और गुणों को जानने वाला है।

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وَقِهِمُ السَّيِّئَاتِ ۚ وَمَن تَقِ السَّيِّئَاتِ يَوْمَئِذٍ فَقَدْ رَحِمْتَهُ ۚ وَذَٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ ﴾ 9 ﴿

Transliteration

वक़िहिमुस्सय्यिआति, व मन् तक़िस्सय्यिआति यौमइज़िन् फ़-क़द् रहिम्-तहू, व ज़ालि-क हुवल् फ़ौज़ुल्- अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

तथा उन्हें सुरक्षित रख दुष्कर्मों से तथा तूने जिसे बचा लिया दुष्कर्मों से उस दिन, तो दया कर दी उसपर और यही बड़ी सफलता है।

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إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا يُنَادَوْنَ لَمَقْتُ اللَّهِ أَكْبَرُ مِن مَّقْتِكُمْ أَنفُسَكُمْ إِذْ تُدْعَوْنَ إِلَى الْإِيمَانِ فَتَكْفُرُونَ ‎ ﴾ 10 ﴿

Transliteration

इन्नल्लज़ी-न क-फ़रू युनादौ-न ल-मक़्तुल्लाहि अक्बरु मिम्मक़्तिकुम् अन्फ़ु सकुम् इज़् तुद्औ़-न इलल्-ईमानि फ़-तक्फ़ुरून

हिंदी अनुवाद

जिन लोगों ने कुफ़्र किया है, उन्हें (प्रलय के दिन) पुकारा जायेगा कि अल्लाह का क्रोध तुमपर उससे अधिक था, जितना तुम्हें आज अपने ऊपर क्रोध आ रहा है, जब तुम संसार में ईमान की ओर बुलाये[1] जा रहे थे। 1. आयत का अर्थ यह है कि जब काफ़िर लोग प्रलय के दिन यातना देखेंगे तो अपने ऊपर क्रोधित होंगे। उस समय उन से पुकार कर यह कहा जायेगा कि जब संसार में तुम्हें ईमान की ओर बुलाया जाता था फिर भी तुम कुफ़्र करते थे तो अल्लाह को इस से अधिक क्रोध होता था जितना आज तुम्हें अपने ऊपर हो रहा है।

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قَالُوا رَبَّنَا أَمَتَّنَا اثْنَتَيْنِ وَأَحْيَيْتَنَا اثْنَتَيْنِ فَاعْتَرَفْنَا بِذُنُوبِنَا فَهَلْ إِلَىٰ خُرُوجٍ مِّن سَبِيلٍ ﴾ 11 ﴿

Transliteration

क़ालू रब्बना अ-मत्त-नस्नतैनि व अह्यै -तनस्नतैनि फ़अ्-तरफ़्ना बिज़ुनूबिना फ़-हल् इला ख़ुरूजिम् मिन् सबील

हिंदी अनुवाद

वे कहेंगेः हे हमारे पालनहार! तूने हमें दो बार मारा[1] तथा जीवित (भी) दो बार किया। अतः, हमने मान लिया अपने पापों को। तो क्या (यातना से) निकलने की कोई राह (उपाय) है? 1. देखियेः सूरह बक़रह आयतः28

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ذَٰلِكُم بِأَنَّهُ إِذَا دُعِيَ اللَّهُ وَحْدَهُ كَفَرْتُمْ ۖ وَإِن يُشْرَكْ بِهِ تُؤْمِنُوا ۚ فَالْحُكْمُ لِلَّهِ الْعَلِيِّ الْكَبِيرِ ﴾ 12 ﴿

Transliteration

ज़ालिकुम् बिअन्नहू इज़ा दुअि – यल्लाहु वह्दहू क-फ़र्तुम् व इंय्युश्-रक् बिही तुअ्मिनू, फ़ल्- हुक्मु लिल्लाहिल् अ़लिय्यिल् – कबीर

हिंदी अनुवाद

(ये यातना) इस कारण है कि जब तुम्हें (संसार में) बुलाया गया अकेले अल्लाह की ओर, तो तुमने कुफ़्र कर दिया और यदि शिर्क किया जाता उसके साथ, तो तुम मान लेते थे। तो आदेश देने का अधिकार अल्लाह को है, जो सर्वोच्च, सर्वमहान् है।

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هُوَ الَّذِي يُرِيكُمْ آيَاتِهِ وَيُنَزِّلُ لَكُم مِّنَ السَّمَاءِ رِزْقًا ۚ وَمَا يَتَذَكَّرُ إِلَّا مَن يُنِيبُ ﴾ 13 ﴿

Transliteration

हुवल्लज़ी युरीकुम् आयातिही व युनज़्ज़िलु लकुम् मिनस्समा – इ रिज़्क़न्, व मा य-तज़क्करु इल्ला मंय्युनीब

हिंदी अनुवाद

वही दिखाता है तुम्हें अपनी निशानियाँ तथा उतारता है तुम्हारे लिए आकाश से जीविका और शिक्षा ग्रहण नहीं करता, परन्तु वही, जो (उसकी ओर) ध्यान करता है।

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فَادْعُوا اللَّهَ مُخْلِصِينَ لَهُ الدِّينَ وَلَوْ كَرِهَ الْكَافِرُونَ ﴾ 14 ﴿

Transliteration

फ़द्अुल्ला-ह मुख़्लिसी-न लहुद्दी-न व लौ करिहल्- काफ़िरून

हिंदी अनुवाद

तो तुम पुकारो अल्लाह को शुध्द करके उसके लिए धर्म को, यद्यपि बुरा लगे काफ़िरों को।

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رَفِيعُ الدَّرَجَاتِ ذُو الْعَرْشِ يُلْقِي الرُّوحَ مِنْ أَمْرِهِ عَلَىٰ مَن يَشَاءُ مِنْ عِبَادِهِ لِيُنذِرَ يَوْمَ التَّلَاقِ ﴾ 15 ﴿

Transliteration

रफ़ीअुद्-द-रजाति ज़ुल्अर्शि युल्क़िर्-रू-ह मिन् अम्रिही अ़ला मंय्यशा- उ मिन् अिबादिही लि-युन्ज़ि-र यौमत्तलाक़

हिंदी अनुवाद

वह उच्च श्रेणियों वाला अर्श का स्वामी है। वह उतारता है अपने आदेश से रूह़[1] (वह़्यी), जिसपर चाहता है, अपने भक्तों में से, ताकि वह सचेत करे, मिलने के दिन से। 1. यहाँ वह़्यी को रूह़ कहा गया है क्यों कि जिस प्रकार रूह़ (आत्मा) मनुष्य के जीवन का कारण होती है वैसे ही प्रकाशना भी अन्तरात्मा को जीवित करती है।

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يَوْمَ هُم بَارِزُونَ ۖ لَا يَخْفَىٰ عَلَى اللَّهِ مِنْهُمْ شَيْءٌ ۚ لِّمَنِ الْمُلْكُ الْيَوْمَ ۖ لِلَّهِ الْوَاحِدِ الْقَهَّارِ ﴾ 16 ﴿

Transliteration

यौ-म हुम् बारिज़ू-न, ला यख़्फ़ा अ़लल्लाहि मिन्हुम् शैउन्, लि-मनिल्-मुल्कुल्-यौ-म, लिल्लाहिल्-वाहिदिल्-क़ह्हार

हिंदी अनुवाद

जिस दिन सब लोग (जीवित होकर) निकल पड़ेंगे। नहीं छुपी होगी अल्लाह पर उनकी कोई चीज़। किसका राज्य है आज?[1] अकेले प्रभुत्वशाली अल्लाह का। 1. अर्थात प्रलय के दिन। (सह़ीह़ बुख़ारीः4812)

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الْيَوْمَ تُجْزَىٰ كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ ۚ لَا ظُلْمَ الْيَوْمَ ۚ إِنَّ اللَّهَ سَرِيعُ الْحِسَابِ ﴾ 17 ﴿

Transliteration

अल्यौ-म तुज्ज़ा कुल्लु नफ़्सिम्- बिमा क-सबत्, ला ज़ुल्मल्- यौ-म, इन्नल्ला-ह सरीअुल्-हिसाब

हिंदी अनुवाद

आज प्रतिकार दिया जायेगा प्रत्येक प्राणी को, उसके करतूत का। कोई अत्याचार नहीं है आज। वास्तव में, अल्लाह अति शीघ्र ह़िसाब लेने वाला है।

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وَأَنذِرْهُمْ يَوْمَ الْآزِفَةِ إِذِ الْقُلُوبُ لَدَى الْحَنَاجِرِ كَاظِمِينَ ۚ مَا لِلظَّالِمِينَ مِنْ حَمِيمٍ وَلَا شَفِيعٍ يُطَاعُ ﴾ 18 ﴿

Transliteration

व अन्ज़िर्हुम् यौमल-आज़ि-फ़ति इज़िल्-क़ुलूबु ल-दलू- हनाजिरि काज़िमी-न, मा लिज़्ज़ालिमी – न मिन् हमीमिंव्-व ला शफ़ीअिंय्-युता- अु

हिंदी अनुवाद

तथा आप सावधान कर दें उन्हें आगामी समीप दिन से, जब दिल मुँह को आ रहे होंगे। लोग शोक से भरे होंगे। नहीं होगा अत्याचारियों का कोई मित्र, न कोई सिफ़ारिशी, जिसकी बात मानी जाये।

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يَعْلَمُ خَائِنَةَ الْأَعْيُنِ وَمَا تُخْفِي الصُّدُورُ ﴾ 19 ﴿

Transliteration

यअ्लमु ख़ाइ-नतल्-अअ्युनि व मा तुख़्फ़िस्सुदूर

हिंदी अनुवाद

वह जानता है आँखों की चोरी तथा जो (भेद) सीने छुपाते हैं।

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وَاللَّهُ يَقْضِي بِالْحَقِّ ۖ وَالَّذِينَ يَدْعُونَ مِن دُونِهِ لَا يَقْضُونَ بِشَيْءٍ ۗ إِنَّ اللَّهَ هُوَ السَّمِيعُ الْبَصِيرُ ﴾ 20 ﴿

Transliteration

वल्लाहु यक़्ज़ी बिल्हक्कि वल्लज़ी-न यद्अू-न मिन् दूनिही ला यक्ज़ू-न बिशैइन्, इन्नल्ला-ह हुवस्समीअुल्-बसीर

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही निर्णय करेगा सत्य के साथ तथा जिन्हें वे पुकारते हैं अल्लाह के अतिरिक्त, वे कोई निर्णय नहीं कर सकते। निश्चय अल्लाह ही भली-भाँति सुनने-देखने वाला है।

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أَوَلَمْ يَسِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَيَنظُرُوا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِينَ كَانُوا مِن قَبْلِهِمْ ۚ كَانُوا هُمْ أَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً وَآثَارًا فِي الْأَرْضِ فَأَخَذَهُمُ اللَّهُ بِذُنُوبِهِمْ وَمَا كَانَ لَهُم مِّنَ اللَّهِ مِن وَاقٍ ﴾ 21 ﴿

Transliteration

अ-व लम् यसीरू फ़िल्अर्ज़ि फ़-यन्ज़ुरू कै-फ़ का-न आ़क़ि- बतुल्लज़ी-न कानू मिन् क़ब्लिहिम्, कानू हुम् अशद्-द मिन्हुम् क़ुव्व-तंव्-व आसारन् फ़िल्अर्ज़ि फ़-अ-ख़- ज़हुमुल्लाहु बिज़ुनुबिहिम्, व मा का-न लहुम् मिनल्लाहि मिंव्वाक़

हिंदी अनुवाद

क्या वह चले-फिरे नहीं धरती में, ताकि देखते कि कैसा रहा उनका परिणाम, जो इनसे पूर्व थे? वे इनसे अधिक थे बल में तथा अधिक चिन्ह छोड़ गये धरती में। तो पकड़ लिया अल्लाह ने उन्हें उनके पापों के कारण और नहीं था उनके लिए अल्लाह से कोई बचाने वाला।

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ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ كَانَت تَّأْتِيهِمْ رُسُلُهُم بِالْبَيِّنَاتِ فَكَفَرُوا فَأَخَذَهُمُ اللَّهُ ۚ إِنَّهُ قَوِيٌّ شَدِيدُ الْعِقَابِ ‎ ﴾ 22 ﴿

Transliteration

ज़ालि – क बि-अन्नहुम् कानत् तअ्तीहिम् रुसुलुहुम् बिल्बय्यिनाति फ़-क-फ़रू फ़-अ-ख़-ज़हुमुल्लाहु, इन्नहू क़विय्युन् शदीदुल्-अिक़ाब

हिंदी अनुवाद

ये इस कारण हुआ कि उनके पास लाते थे हमारे रसूल खुली निशानियाँ, तो उन्होंने कुफ़्र किया। अन्ततः, पकड़ लिया उन्हें अल्लाह ने। वस्तुतः, वह अति शक्तिशाली, घोर यातना देने वाला है।

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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا مُوسَىٰ بِآيَاتِنَا وَسُلْطَانٍ مُّبِينٍ ﴾ 23 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् अर्सल्ना मूसा बिआयातिना व सुल्तानिम् मुबीन

हिंदी अनुवाद

तथा हमने भेजा मूसा को अपनी निशानियों और हर प्रकार के प्रमाण के साथ।

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إِلَىٰ فِرْعَوْنَ وَهَامَانَ وَقَارُونَ فَقَالُوا سَاحِرٌ كَذَّابٌ ﴾ 24 ﴿

Transliteration

इला फ़िर्-औं-न व हामा-न व क़ारू-न फ़क़ालू साहिरुन् कज़्ज़ाब

हिंदी अनुवाद

फ़िरऔन और (उसके मंत्री) हामान तथा क़ारून के पास। तो उन्होंने कहाः ये तो बड़ा झूठा जादूगर है।

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فَلَمَّا جَاءَهُم بِالْحَقِّ مِنْ عِندِنَا قَالُوا اقْتُلُوا أَبْنَاءَ الَّذِينَ آمَنُوا مَعَهُ وَاسْتَحْيُوا نِسَاءَهُمْ ۚ وَمَا كَيْدُ الْكَافِرِينَ إِلَّا فِي ضَلَالٍ ‎ ﴾ 25 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा जा-अहुम् बिल्हक़्क़ि मिन् अिन्दिना क़ालुक़्तुलू अब्नाअल्लज़ी-न आमनू म-अ़हू वस्तह्यू निसा-अहुम्, व मा कैदुल्-काफ़िरी-न इल्ला फ़ी ज़लाल

हिंदी अनुवाद

तो जब वह उनके पास सत्य लाया हमारी ओर से, तो सबने कहाः वध कर दो उनके पुत्रों को, जो ईमान लोये हैं उसके साथ तथा जीवित रहने दो उनकी स्त्रियों को और काफ़िरों का षड्यंत्र निष्फल (व्यर्थ) ही हुआ।[1] 1. अर्थात फ़िरऔन और उस की जाति का। जब मूसा (अलैहिस्सलाम) और उन की जाति बनी इस्राईल को कोई हानि नहीं हुई। इस से उन की शक्ति बढ़ती ही गई यहाँ तक कि वह पवित्र स्थान के स्वामी बन गये।

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وَقَالَ فِرْعَوْنُ ذَرُونِي أَقْتُلْ مُوسَىٰ وَلْيَدْعُ رَبَّهُ ۖ إِنِّي أَخَافُ أَن يُبَدِّلَ دِينَكُمْ أَوْ أَن يُظْهِرَ فِي الْأَرْضِ الْفَسَادَ ﴾ 26 ﴿

Transliteration

व क़ा-ल फ़िर्औनु ज़रूनी अक़्तुल मूसा वल्यद्अु रब्बहू इन्नी अख़ाफ़ु अंय्यु-बद्दि-ल दी-नकुम् औ अंय्युज़्हि-र फ़िल्अर्ज़िल्-फ़साद

हिंदी अनुवाद

और कहा फ़िरऔन ने (अपने प्रमुखों सेः) मुझे छोड़ो, मैं वध कर दूँ मूसा को और उसे चाहिये कि पुकारे अपने पालनहार को। वास्तव में, मैं डरता हूँ कि वह बदल देगा तुम्हारे धर्म[1] को अथवा पैदा कर देगा इस धरती (मिस्र) में उपद्रव। 1. अर्थात शिर्क तथा देवी-देवता की पूजा से रोक कर एक अल्लाह की इबादत में लगा देगा। जो उपद्रव तथा अशान्ति का कारण बन जायेगा और देश हमारे हाथ से निकल जायेगा।

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وَقَالَ مُوسَىٰ إِنِّي عُذْتُ بِرَبِّي وَرَبِّكُم مِّن كُلِّ مُتَكَبِّرٍ لَّا يُؤْمِنُ بِيَوْمِ الْحِسَابِ ﴾ 27 ﴿

Transliteration

व क़ा-ल मूसा इन्नी उज़्तु बिरब्बी व रब्बिकुम् मिन् कुल्लि मु-तकब्बिरिल्-ला युअ्मिनु बियौमिल्-हिसाब

हिंदी अनुवाद

तथा मूसा ने कहाः मैंने शरण ली है अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की प्रत्येक अहंकारी से, जो ईमान नहीं रखता ह़िसाब के दिन पर।

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وَقَالَ رَجُلٌ مُّؤْمِنٌ مِّنْ آلِ فِرْعَوْنَ يَكْتُمُ إِيمَانَهُ أَتَقْتُلُونَ رَجُلًا أَن يَقُولَ رَبِّيَ اللَّهُ وَقَدْ جَاءَكُم بِالْبَيِّنَاتِ مِن رَّبِّكُمْ ۖ وَإِن يَكُ كَاذِبًا فَعَلَيْهِ كَذِبُهُ ۖ وَإِن يَكُ صَادِقًا يُصِبْكُم بَعْضُ الَّذِي يَعِدُكُمْ ۖ إِنَّ اللَّهَ لَا يَهْدِي مَنْ هُوَ مُسْرِفٌ كَذَّابٌ ﴾ 28 ﴿

Transliteration

व क़ा-ल रजुलुम्-मुअ्मिनुम्-मिन् आलि फ़िर्-औ़-न यक्तुमु ईमानहू अ-तक़्तुलू-न रजुलन् अंय्यक़ू-ल रब्बियल्लाहु व क़द् जा-अकुम् बिल्- बय्यिनाति मिर्रब्बिकुम्, व इंय्यकु काज़िबन् फ़-अ़लैहि कज़िबुहू व इंय्यकु सादिक़ंय्-युसिब्कुम् बअ्ज़ुल्लज़ी यअिदुकुम्, इन्नल्ला-ह ला यह्दी मन् हु-व मुस्-रिफ़ुन् कज़्ज़ाब

हिंदी अनुवाद

तथा कहा एक ईमान वाले व्यक्ति ने फ़िरऔन के घराने के, जो छुपा रहा था अपना ईमानः क्या तुम वध कर दोगे एक व्यक्ति को कि वह कह रहा हैः मेरा पालनहार अल्लाह है? जबकि वह तुम्हारे पास लाया है खुली निशानियाँ तुम्हारे पालनहार की ओर से? और यदि वह झूठा हो, तो उसी के ऊपर है उनका झूठ और यदि सच्चा हो, तो आ पड़ेगा वह कुछ, जिसकी तुम्हें धमकी दे रहा है। वास्तव में, अल्लाह मार्गदर्शन नहीं देता उसे, जो उल्लंघनकारी बहुत झूठा हो।

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يَا قَوْمِ لَكُمُ الْمُلْكُ الْيَوْمَ ظَاهِرِينَ فِي الْأَرْضِ فَمَن يَنصُرُنَا مِن بَأْسِ اللَّهِ إِن جَاءَنَا ۚ قَالَ فِرْعَوْنُ مَا أُرِيكُمْ إِلَّا مَا أَرَىٰ وَمَا أَهْدِيكُمْ إِلَّا سَبِيلَ الرَّشَادِ ﴾ 29 ﴿

Transliteration

या क़ौमि लकुमुल्-मुल्कुल्-यौ-म ज़ाहिरी-न फ़िल्अर्ज़ि फ़- मंय्यन्सुरुना मिम्बअ्सिल्लाहि इन् जा-अना, क़ा-ल फ़िर्औनु मा उरीकुम् इल्ला मा अरा व मा अह्दीकुम् इल्ला सबीलर्-रशाद

हिंदी अनुवाद

हे मेरी जाति के लोगो! तुम्हारा राज्य है आज, तुम प्रभावशाली हो धरती में, तो कौन हमारी रक्षा करेगा अल्लाह की यातना से, यदि वह हमपर आ जाये? फ़िरऔन ने कहाः मैं तुम सब को वही समझा रहा हूँ, जिसे मैं उचित समझता हूँ और तुम्हें सीधी ही राह दिखा रहा हूँ।

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وَقَالَ الَّذِي آمَنَ يَا قَوْمِ إِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُم مِّثْلَ يَوْمِ الْأَحْزَابِ ﴾ 30 ﴿

Transliteration

व क़ालल्लज़ी आम-न या क़ौमि इन्नी अख़ाफ़ु अ़लैकुम् मिस्-ल यौमिल्-अह्ज़ाब

हिंदी अनुवाद

तथा उसने कहा, जो ईमान लायाः हे मेरी जाति! मैं तुमपर डरता हूँ (अगले) समुदायों के दिन जैसे (दिन)[1] से। 1. अर्थात उन की यातना के दिन जैसे दिन से।

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مِثْلَ دَأْبِ قَوْمِ نُوحٍ وَعَادٍ وَثَمُودَ وَالَّذِينَ مِن بَعْدِهِمْ ۚ وَمَا اللَّهُ يُرِيدُ ظُلْمًا لِّلْعِبَادِ ﴾ 31 ﴿

Transliteration

मिस्-ल दअ्बि क़ौमि नूहिंव्-व आ़दिंव्-व समू-द वल्लज़ी-न मिम्बअ्दिहिम्, व मल्लाहु युरीदु ज़ुल्मल् – लिल्अिबाद

हिंदी अनुवाद

नूह़ की जाति की जैसी दशा से तथा आद और समूद की एवं जो उनके पश्चात् हुए तथा अल्लाह नहीं चाहता कोई अत्याचार भक्तों के लिए।

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وَيَا قَوْمِ إِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ يَوْمَ التَّنَادِ ﴾ 32 ﴿

Transliteration

व या क़ौमि इन्नी अख़ाफ़ु अ़लैकुम् यौमत्तनाद

हिंदी अनुवाद

तथा हे मेरी जाति! मैं डर रहा हूँ तुमपर, एक-दूसरे को पुकारने के दिन[1] से। 1. अर्थात प्रलय के दिन से जब भय के कारण एक-दूसरे को पुकारेंगे।

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يَوْمَ تُوَلُّونَ مُدْبِرِينَ مَا لَكُم مِّنَ اللَّهِ مِنْ عَاصِمٍ ۗ وَمَن يُضْلِلِ اللَّهُ فَمَا لَهُ مِنْ هَادٍ ﴾ 33 ﴿

Transliteration

यौ-म तुवल्लू-न मुद्बिरी-न मा लकुम् मिनल्लाहि मिन् आ़सिमिन् व मंय्युज़्लिलिल्लाहु फ़मा लहू मिन् हाद

हिंदी अनुवाद

जिस दिन तुम पीछे फिरकर भागोगे, नहीं होगा तुम्हें अल्लाह से कोई बचाने वाला तथा जिसे अल्लाह कुपथ कर दे, तो उसका कोई पथ पर्दर्शक नहीं।

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وَلَقَدْ جَاءَكُمْ يُوسُفُ مِن قَبْلُ بِالْبَيِّنَاتِ فَمَا زِلْتُمْ فِي شَكٍّ مِّمَّا جَاءَكُم بِهِ ۖ حَتَّىٰ إِذَا هَلَكَ قُلْتُمْ لَن يَبْعَثَ اللَّهُ مِن بَعْدِهِ رَسُولًا ۚ كَذَٰلِكَ يُضِلُّ اللَّهُ مَنْ هُوَ مُسْرِفٌ مُّرْتَابٌ ﴾ 34 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् जा-अकुम् यूसुफ़ु मिन् क़ब्लु बिल्बय्यिनाति फ़मा ज़िल्तुम् फ़ी शक्किम् मिम्मा जा- अकुम् बिही, हत्ता इज़ा ह-ल- क क़ुल्तुम् लंय्यब्-अ़सल्लाहु मिम्बअ्दिही रसूलन्, कज़ालि-क युज़िल्लुल्लाहु मन् हु-व मुस्रिफ़ुम्-मुर्ताब

हिंदी अनुवाद

तथा आये यूसुफ़ तुम्हारे पास इससे पूर्व खुले प्रमाणों के साथ, तो तुम बराबर संदेह में रहे उससे, जो तुम्हारे पास लाये। यहाँतक कि जब वे मर गये, तो तुमने कहा कि कदापि नहीं भेजेगा अल्लाह उनके पश्चात् कोई रसूल।[1] इसी प्रकार अल्लाह कुपथ कर देता है उसे, जो उल्लंघनकारी डाँवाडोल हो। 1. अर्थात तुम्हारा आचरण ही प्रत्येक नबी का विरोध रहा है। इसी लिये तुम समझते थे कि अब कोई रसूल नहीं आयेगा।

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الَّذِينَ يُجَادِلُونَ فِي آيَاتِ اللَّهِ بِغَيْرِ سُلْطَانٍ أَتَاهُمْ ۖ كَبُرَ مَقْتًا عِندَ اللَّهِ وَعِندَ الَّذِينَ آمَنُوا ۚ كَذَٰلِكَ يَطْبَعُ اللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ قَلْبِ مُتَكَبِّرٍ جَبَّارٍ ﴾ 35 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न युजादिलू-न फ़ी आयातिल्लाहि बिग़ैरि सुल्तानिन् अताहुम्, कबु-र मक़्तन् अिन्दल्लाहि व अिन्दल्लज़ी-न आमनू, कज़ालि-क यत्बअुल्लाहु अ़ला कुल्लि क़ल्बि मु-तकब्बिरिन् जब्बार

हिंदी अनुवाद

जो झगड़ते हैं अल्लाह की आयतों में, बिना किसी ऐसे प्रमाण के, जो उनके पास आया हो। तो ये बड़े क्रोध की बात है अल्लाह के समीप तथा उनके समीप, जो ईमान लाये हैं। इसी प्रकार, अल्लाह मुहर लगा देता है प्रत्येक अहंकारी अत्याचारी के दिल पर।

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‏ وَقَالَ فِرْعَوْنُ يَا هَامَانُ ابْنِ لِي صَرْحًا لَّعَلِّي أَبْلُغُ الْأَسْبَابَ ‎ ﴾ 36 ﴿

Transliteration

व क़ा-ल फ़िर्-औ़नु या हामानुब्नि-ली सर्हल्-लअ़ल्ली अब्लुग़ुल्-अस्बाब

हिंदी अनुवाद

तथा कहा फ़िरऔन ने कि हे हामान! मेरे लिए बना दो एक उच्च भवन, संभवतः मैं उन मार्गों तक पहुच सकूँ।

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أَسْبَابَ السَّمَاوَاتِ فَأَطَّلِعَ إِلَىٰ إِلَٰهِ مُوسَىٰ وَإِنِّي لَأَظُنُّهُ كَاذِبًا ۚ وَكَذَٰلِكَ زُيِّنَ لِفِرْعَوْنَ سُوءُ عَمَلِهِ وَصُدَّ عَنِ السَّبِيلِ ۚ وَمَا كَيْدُ فِرْعَوْنَ إِلَّا فِي تَبَابٍ ﴾ 37 ﴿

Transliteration

अस्बाबस्समावाति फ़- अत्तलि-अ़ इला इलाहि मूसा व इन्नी ल-अज़ुन्नुहू काज़िबन्, व कज़ालि-क ज़ुय्यि-न लिफ़िर्-औ़-न सू-उ अ़ं-मलिही व सुद्-द अ़निस्सबीलि, व मा कैदु फ़िर्-औ़-न इल्ला फ़ी तबाब

हिंदी अनुवाद

आकाश के मार्गों तक, मैं देखूँ मूसा के पूज्य (उपास्य) को और निश्चय मैं उसे झूठा समझ रहा हूँ और इसी प्रकार, शोभनीय बना दिया गया फ़िरऔन के लिए उसका दुष्कर्म तथा रोक दिया गया संमार्ग से और फ़िरऔन का षड्यंत्र विनाश ही में रहा।

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وَقَالَ الَّذِي آمَنَ يَا قَوْمِ اتَّبِعُونِ أَهْدِكُمْ سَبِيلَ الرَّشَادِ ﴾ 38 ﴿

Transliteration

व क़ालल्लज़ी आम-न या क़ौमित्तबिअूनि अह्दिकुम् सबीलर्रशाद

हिंदी अनुवाद

तथा उसने कहा जो ईमान लायाः हे मेरी जाति! मेरी बात मानो, मैं तुम्हें सीधी राह बता रहा हूँ।

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يَا قَوْمِ إِنَّمَا هَٰذِهِ الْحَيَاةُ الدُّنْيَا مَتَاعٌ وَإِنَّ الْآخِرَةَ هِيَ دَارُ الْقَرَارِ ﴾ 39 ﴿

Transliteration

या क़ौमि इन्नमा हाज़िहिल्-हयातुद्-दुन्या मताअुं-व इन्नल् – आख़िर-त हि-य दारुल्-क़रार

हिंदी अनुवाद

हे मेरी जाति! ये सांसारिक जीवन कुछ साम्यिक लाभ है तथा वास्तव में, परलोक ही स्थायी निवास है।

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مَنْ عَمِلَ سَيِّئَةً فَلَا يُجْزَىٰ إِلَّا مِثْلَهَا ۖ وَمَنْ عَمِلَ صَالِحًا مِّن ذَكَرٍ أَوْ أُنثَىٰ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَأُولَٰئِكَ يَدْخُلُونَ الْجَنَّةَ يُرْزَقُونَ فِيهَا بِغَيْرِ حِسَابٍ ﴾ 40 ﴿

Transliteration

मन् अ़मि-ल सय्यि-अतन् फ़ला युज्ज़ा इल्ला मिस्लहा व मन् अ़मि-ल सालिहम् – मिन् ज़-करिन् औ अुन्सा व हु-व मुअ्मिनून् फ़-उलाइ-क यद्खुलूनल्-जन्न-त युर्ज़क़ू न फ़ीहा बिग़ैरि हिसाब

हिंदी अनुवाद

जिसने दुष्कर्म किया, तो उसे उसी के समान प्रतिकार दिया जायेगा तथा जो सुकर्म करेगा; नर अथवा नारी में से और वह ईमान वाला (एकेश्वरवादी) हो, तो वही प्रवेश करेंगे स्वर्ग में। जीविका दिये जायेंगे उसमें अगणित।

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وَيَا قَوْمِ مَا لِي أَدْعُوكُمْ إِلَى النَّجَاةِ وَتَدْعُونَنِي إِلَى النَّارِ ﴾ 41 ﴿

Transliteration

व या क़ौमि मा ली अद्अूकुम् इलन्नजाति व तद्अूननी इलन्नार

हिंदी अनुवाद

तथा हे मेरी जाति! क्या बात है कि मैं बुला रहा हूँ तुम्हें मुक्ति की ओर तथा तुम बुला रहे हो मुझे नरक की ओर?

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تَدْعُونَنِي لِأَكْفُرَ بِاللَّهِ وَأُشْرِكَ بِهِ مَا لَيْسَ لِي بِهِ عِلْمٌ وَأَنَا أَدْعُوكُمْ إِلَى الْعَزِيزِ الْغَفَّارِ ﴾ 42 ﴿

Transliteration

तद्अूननी लि-अक्फ़ु-र बिल्लाहि व उशिर-क बिही मा लै-स ली बिही अिल्मुंव्-व अ-न अद्अूकुम् इलल् अ़ज़ीज़िल्-ग़फ़्फ़ार

हिंदी अनुवाद

तुम मुझे बुला रहे हो, ताकि मैं कुफ़्र करूँ अल्लाह के साथ और साझी बनाऊँ उसका उसे, जिसका मुझे कोई ज्ञान नहीं है तथा मैं बुला रहा हूँ तुम्हें, प्रभावशाली, अति क्षमी की ओर।

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لَا جَرَمَ أَنَّمَا تَدْعُونَنِي إِلَيْهِ لَيْسَ لَهُ دَعْوَةٌ فِي الدُّنْيَا وَلَا فِي الْآخِرَةِ وَأَنَّ مَرَدَّنَا إِلَى اللَّهِ وَأَنَّ الْمُسْرِفِينَ هُمْ أَصْحَابُ النَّارِ ‎ ﴾ 43 ﴿

Transliteration

ला ज-र-म अन्नमा तद्अूननी इलैहि लै-स लहू दअ्-वतुन् फ़िद्-दुन्या व ला फ़िल्-आख़िरति व अन्- न मरद्-दना इलल्लाहि व नल्-मुस्रिफ़ी-न हुम् अस्हाबुन्नार

हिंदी अनुवाद

निश्चित है कि तुम जिसकी ओर मूझे बुला[1] रहे हो, वह पुकारने योग्य नहीं है, न लोक में, न परलोक में तथा हमें जाना है अल्लाह ही की ओर तथा वास्तव में, अतिक्रमी ही नारकी हैं। 1. क्योंकि लोक तथा परलोक में कोई सहायता नही कर सकते। (देखियेः सूरह फ़ातिर, आयतः140, तथा सूरह अह़्क़ाफ़, आयतः 5)

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فَسَتَذْكُرُونَ مَا أَقُولُ لَكُمْ ۚ وَأُفَوِّضُ أَمْرِي إِلَى اللَّهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ بَصِيرٌ بِالْعِبَادِ ﴾ 44 ﴿

Transliteration

फ़-सतज़्कुरू- न मा अक़ूलु लकुम् व उफ़व्विज़ु अम्री इलल्लाहि, इन्नल्ला-ह बसीरुम्-बिल्अिबाद

हिंदी अनुवाद

तो तुम याद करोगे, जो मैं कह रहा हूँ तथा मैं समर्पित करता हूँ अपना मामला अल्लाह को। वास्तव में, अल्लाह देख रहा है भक्तों को।

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فَوَقَاهُ اللَّهُ سَيِّئَاتِ مَا مَكَرُوا ۖ وَحَاقَ بِآلِ فِرْعَوْنَ سُوءُ الْعَذَابِ ﴾ 45 ﴿

Transliteration

फ़-वक़ाहुल्लाहु सय्यिआति मा म करू व हा-क़ बि-आलि फ़िर्-औ़-न सूउल्-अ़ज़ाब

हिंदी अनुवाद

तो अल्लाह ने उसे सुरक्षित कर दिया, उनके षड्यंत्र की बुराईयों से और घेर लिया फ़िरऔनियों को बुरी यातना ने।

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النَّارُ يُعْرَضُونَ عَلَيْهَا غُدُوًّا وَعَشِيًّا ۖ وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ أَدْخِلُوا آلَ فِرْعَوْنَ أَشَدَّ الْعَذَابِ ﴾ 46 ﴿

Transliteration

अन्नारु युअ्-रज़ू-न अ़लैहा ग़ुदुव्वंव्-व अ़शिय्यन् व यौ-म तक़ूमुस्सा-अ़तु, अद्ख़िलू आ-ल फ़िर्-औ-न अशद्दल्- अ़ज़ाब

हिंदी अनुवाद

वे[1] प्रस्तुत किये जाते हैं अग्नि पर, प्रातः तथा संध्या तथा जिस दिन प्रलय स्थापित होगी, (ये आदेश होगा) कि डाल दो फ़िरऔनियों को कड़ी यातना में। 1. ह़दीस में है कि जब तुम में से कोई मरता है तो (क़ब्र में) उस पर प्रातः संध्या उस का स्थान प्रस्तुत किया जाता है। (अर्थात स्वार्गी है तो स्वर्ग और नारकी है तो नरक)। और कहा जाता है कि यही प्रलय के दिन तेरा स्थान होगा। (सह़ीह़ बुख़ारीः 1379, मुस्लिमः 2866)

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وَإِذْ يَتَحَاجُّونَ فِي النَّارِ فَيَقُولُ الضُّعَفَاءُ لِلَّذِينَ اسْتَكْبَرُوا إِنَّا كُنَّا لَكُمْ تَبَعًا فَهَلْ أَنتُم مُّغْنُونَ عَنَّا نَصِيبًا مِّنَ النَّارِ ‎ ﴾ 47 ﴿

Transliteration

व इज़् य-तहाज्जू-न फ़िन्नारि फ़-यक़ूलुज़्-ज़ु-अ़फ़ा-उ लिल्लज़ीनस्तक्बरू इन्ना कुन्ना लकुम् त-बअ़न् फ़-हल् अन्तुम् मुग़्नू-न अ़न्ना नसीबम्-मिनन्नार

हिंदी अनुवाद

तथा जब वे झगड़ेंगे अग्नि में, तो कहेंगे निर्बल उनसे, जो बड़े बनकर रहेः हम तुम्हारे अनुयायी थे, तो क्या तुम, दूर करोगे हमसे अग्नि का कुछ भाग?

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‏ قَالَ الَّذِينَ اسْتَكْبَرُوا إِنَّا كُلٌّ فِيهَا إِنَّ اللَّهَ قَدْ حَكَمَ بَيْنَ الْعِبَادِ ﴾ 48 ﴿

Transliteration

क़ालल्लज़ीनस्तक्बरू इन्ना कुल्लुन् फ़ीहा इन्नल्ला-ह क़द् ह-क-म बैनल्-अिबाद

हिंदी अनुवाद

वे कहेंगे, जो बड़े बनकर रहेः हमसब इसीमें हैं। अल्लाह निर्णय कर चुका है भक्तों (बंदों) के बीच।

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وَقَالَ الَّذِينَ فِي النَّارِ لِخَزَنَةِ جَهَنَّمَ ادْعُوا رَبَّكُمْ يُخَفِّفْ عَنَّا يَوْمًا مِّنَ الْعَذَابِ ﴾ 49 ﴿

Transliteration

व क़ालल्लज़ी-न फ़िन्नारि लि-ख़-ज़-नति जहन्न – मद्अू रब्बकुम् युख़फ़्फ़िफ़् अ़न्ना यौमम् मिनल्-अ़ज़ाब

हिंदी अनुवाद

तथा कहेंगे जो अग्नि में हैं, नरक के रक्षकों सेः अपने पालनहार से प्रार्थना करो कि हमसे हल्की कर दे किसी दिन, कुछ यातना।

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قَالُوا أَوَلَمْ تَكُ تَأْتِيكُمْ رُسُلُكُم بِالْبَيِّنَاتِ ۖ قَالُوا بَلَىٰ ۚ قَالُوا فَادْعُوا ۗ وَمَا دُعَاءُ الْكَافِرِينَ إِلَّا فِي ضَلَالٍ ﴾ 50 ﴿

Transliteration

क़ालू अ-व लम् तकु तअ्तीकुम् रुसुलुकुम् बिल्बय्यिनाति, क़ालू बला, क़ालू फ़द्अू व मा दुआ़उल्-काफ़िरी-न इल्ला फ़ी ज़लाल

हिंदी अनुवाद

वे कहेंगेः क्या नहीं आये तुम्हारे पास, तुम्हारे रसूल, खुले प्रमाण लेकर? वे कहेंगेः क्यों नहीं? वे कहेंगेः तो तुम ही प्रार्थना करो और काफ़िरों की प्रार्थना व्यर्थ ही होगी।

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إِنَّا لَنَنصُرُ رُسُلَنَا وَالَّذِينَ آمَنُوا فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَيَوْمَ يَقُومُ الْأَشْهَادُ ﴾ 51 ﴿

Transliteration

इन्ना ल-नन्सुरु रुसु-लना वल्लज़ी-न आमनू फ़िल्हयातिद्-दुन्या व यौ म यक़ूमुल्- अश्हाद

हिंदी अनुवाद

निश्चय हम सहायता करेंगे अपने रसूलों की तथा उनकी, जो ईमान लायें, सांसारिक जीवन में तथा जिस दिन[1] साक्षी खड़े होंगे। 1. अर्थात प्रलय के दिन, जब अम्बिया और फ़रिश्ते गवाही देंगे।

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يَوْمَ لَا يَنفَعُ الظَّالِمِينَ مَعْذِرَتُهُمْ ۖ وَلَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوءُ الدَّارِ ﴾ 52 ﴿

Transliteration

यौ-म ला यन्फ़ अुज़्ज़ालिमी – न मअ्ज़ि – रतुहुम् व लहुमुल्-लअ्-नतु व लहुम् सूउद्-दार

हिंदी अनुवाद

जिस दिन नहीं लाभ पहुँचायेगी अत्याचारियों को उनकी क्षमा याचना तथा उन्हीं के लिए धिक्कार और उन्हीं के लिए बुरा घर है।

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وَلَقَدْ آتَيْنَا مُوسَى الْهُدَىٰ وَأَوْرَثْنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ الْكِتَابَ ﴾ 53 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् आतैना मूसल्हुदा व औरस्ना बनी इस्राईलल्-किताब

हिंदी अनुवाद

तथा हमने प्रदान किया मूसा को मार्गदर्शन और हमने उत्तराघिकारी बनाया इस्राईल की संतान को पुस्तक (तौरात) का।

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هُدًى وَذِكْرَىٰ لِأُولِي الْأَلْبَابِ ﴾ 54 ﴿

Transliteration

हुदंव्-व ज़िक्रा लि-उलिल्-अल्बाब

हिंदी अनुवाद

जो मार्गदर्शन तथा शिक्षा थी समझ वालों के लिए।

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فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَاسْتَغْفِرْ لِذَنبِكَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ بِالْعَشِيِّ وَالْإِبْكَارِ ﴾ 55 ﴿

Transliteration

फ़स्बिर् इन्- न वअ्दल्लाहि हक़्क़ुंव् – वस्तग़्फ़िर् लि-ज़म्बि-क व सब्बिह् बिहम्दि रब्बि-क बिल्अ़शिय्यि वल्-इब्कार

हिंदी अनुवाद

तो (हे नबी!) आप धैर्य रखें। वास्तव में, अल्लाह का वचन[1] सत्य है तथा क्षमा माँगें अपने पाप[2] की तथा पवित्रता का वर्णन करते रहें अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ, संध्या और प्रातः। 1. नबियों की सहायता करने का। 2. अर्थात भूल-चूक की। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः मैं दिन में 70 बार क्षमा माँगता हूँ। और 70 बार से अधिक तौबा करता हूँ। (सह़ीह़ बुफ़ारीः 6307) जब कि अल्लाह ने आप को निर्दोष (मासूम) बनाया है।

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إِنَّ الَّذِينَ يُجَادِلُونَ فِي آيَاتِ اللَّهِ بِغَيْرِ سُلْطَانٍ أَتَاهُمْ ۙ إِن فِي صُدُورِهِمْ إِلَّا كِبْرٌ مَّا هُم بِبَالِغِيهِ ۚ فَاسْتَعِذْ بِاللَّهِ ۖ إِنَّهُ هُوَ السَّمِيعُ الْبَصِيرُ ﴾ 56 ﴿

Transliteration

इन्नल्लज़ी-न युजादिलू-न फ़ी आयातिल्लाहि बिग़ैरि सुल्तानिन् अताहुम् इन् फ़ी सुदूरिहिम् इल्ला किब्रुम्-मा हुम् बिबालिग़ीहि फ़स्तअिज़् बिल्लाहि, इन्नहू हुवस्समीअुल्-बसीर

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, जो झगड़ते हैं अल्लाह की आयतों में, बिना किसी प्रमाण के, जो आया[1] हो उनके पास, तो उनके दिलों में बड़ाई के सिवा कुछ नहीं है, जिस तक वे पहुचने वाले नहीं हैं। अतः, आप अल्लाह की शरण लें। वास्तव में, वही सब कुछ सुनने-जानने वाला है। 1. अर्थात बिना किसी ऐसे प्रमाण के जो अल्लाह की ओर से आया हो। उन के सब प्रमाण वे हैं जो उन्हों ने अपने पूर्वजों से सीखे हैं। जिन की कोई वास्तविक्ता नहीं है।

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لَخَلْقُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ أَكْبَرُ مِنْ خَلْقِ النَّاسِ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ ﴾ 57 ﴿

Transliteration

ल-ख़ल्क़ुस्समावाति वल्अर्ज़ि अक्बरु मिन् ख़ल्क़िन्नासि व लाकिन्-न अक्सरन्नासि ला यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

निश्चय आकाशों तथा धरती को पैदा करना, अधिक बड़ा है, मनुष्य को पैदा करने से। परन्तु, अधिक्तर लोग ज्ञान नहीं रखते।[1] 1. और मनुष्य के पुनः जीवित किये जाने का इन्कार करते हैं।

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وَمَا يَسْتَوِي الْأَعْمَىٰ وَالْبَصِيرُ وَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَلَا الْمُسِيءُ ۚ قَلِيلًا مَّا تَتَذَكَّرُونَ ﴾ 58 ﴿

Transliteration

व मा यस्तविल्-अअ्मा वल्बसीरु वल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति व लल्- मुसी-उ, क़लीलम् – मा त-तज़क्करून

हिंदी अनुवाद

तथा समान नहीं होता अंधा तथा आँख वाला और न जो ईमान लाये और सत्कर्म किये हैं और दुष्कर्मी। तुम (बहुत) कम ही शिक्षा ग्रहण करते हो।

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إِنَّ السَّاعَةَ لَآتِيَةٌ لَّا رَيْبَ فِيهَا وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يُؤْمِنُونَ ﴾ 59 ﴿

Transliteration

इन्नस्सा-अ़-त लआति-यतुल्-ला रै-ब फ़ीहा व लाकिन्-न अक्सरन्नासि ला युअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

निश्चय, प्रलय आनी ही है। जिसमें कोई संदेह नहीं। परन्तु, अधिक्तर लोग ईमान (विश्वास) नहीं रखते।

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وَقَالَ رَبُّكُمُ ادْعُونِي أَسْتَجِبْ لَكُمْ ۚ إِنَّ الَّذِينَ يَسْتَكْبِرُونَ عَنْ عِبَادَتِي سَيَدْخُلُونَ جَهَنَّمَ دَاخِرِينَ ﴾ 60 ﴿

Transliteration

व क़ा-ल रब्बुकुमुद्-अूनी अस्तजिब् लकुम्, इन्नल्लज़ी-न यस्तक्बिरू-न अ़न् अिबादती स-यद्ख़ुलू-न जहन्न-म दाख़िरीन

हिंदी अनुवाद

तथा कहा है तुम्हारे पालनहार ने कि मुझीसे प्रार्थना[1] करो, मैं तुम्हारी प्रार्थना स्वीकार करूँगा। वास्तव में, जो अभिमान (अहंकार) करेंगे मेरी इबादत (वंदना-प्रार्थना) से, तो वे प्रवेश करेंगे नरक में अपमानित होकर। 1. ह़दीस में है कि प्रार्थना ही वंदना है। फिर आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने यही आयत पढ़ी। (तिर्मिज़ीः 2969) इस ह़दीस की सनद ह़सन है।

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اللَّهُ الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ اللَّيْلَ لِتَسْكُنُوا فِيهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ۚ إِنَّ اللَّهَ لَذُو فَضْلٍ عَلَى النَّاسِ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَشْكُرُونَ ﴾ 61 ﴿

Transliteration

अल्लाहुल्लज़ी ज-अ़-ल लकुमुल्लै-ल लितस्कुनू फ़ीहि वन्नहा-र मुब्सिरन्, इन्नल्ला-ह लज़ू फ़ज़्लिन् अ़लन्नासि व लाकिन्-न अक्सरन्नासि ला यश्कुरून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही ने तुम्हारे लिए रात्रि बनाई, ताकि तुम विश्राम करो उसमें तथा दिन को प्रकाशमान बनाया।[1] वस्तुतः, अल्लाह बड़ा उपकारी है लोगों के लिए। किन्तु, अधिक्तर लोग कृतज्ञ नहीं होते। 1. ताकि तुम जीविका प्राप्त करने के लिये दौड़-धूप करो।

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ذَٰلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُمْ خَالِقُ كُلِّ شَيْءٍ لَّا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ فَأَنَّىٰ تُؤْفَكُونَ ﴾ 62 ﴿

Transliteration

ज़ालिकुमुल्लाहु रब्बुकुम् ख़ालिक़ु कुल्लि शैइन्. ला इला-ह इल्ला हु-व फ़-अन्ना तुअ्फ़कून

हिंदी अनुवाद

यही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है, प्रत्येक वस्तु का रचयिता, उत्पत्तिकार। नहीं है कोई ( सच्चा) वंदनीय उसके सिवा, फिर तुम कहाँ बहके जाते हो?

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كَذَٰلِكَ يُؤْفَكُ الَّذِينَ كَانُوا بِآيَاتِ اللَّهِ يَجْحَدُونَ ﴾ 63 ﴿

Transliteration

कज़ालि-क युअ्-फ़कुल्लज़ी-न कानू बिआयातिल्लाहि यज्हदून

हिंदी अनुवाद

इसी प्रकार, बहका दिये जाते हैं वे, जो अल्लाह की आयतों को नकारते हैं।

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اللَّهُ الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ الْأَرْضَ قَرَارًا وَالسَّمَاءَ بِنَاءً وَصَوَّرَكُمْ فَأَحْسَنَ صُوَرَكُمْ وَرَزَقَكُم مِّنَ الطَّيِّبَاتِ ۚ ذَٰلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُمْ ۖ فَتَبَارَكَ اللَّهُ رَبُّ الْعَالَمِينَ ﴾ 64 ﴿

Transliteration

अल्लाहुल्लज़ी ज-अ़-ल लकुमुल्-अर्-ज़ क़रारंव्-वस्समा-अ बिनाअंव्-व सव्व रकुम् फ़ अह्स-न सु-व-रकुम् व र-ज़- क़कुम् मिनत्तय्यिबाति, ज़ालिकुमुल्लाहु रब्बुकुम् फ़-तबा-रकल्लाहु रब्बुल्-आ़लमीन

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही है, जिसने बनाया तुम्हारे लिए धरती को निवास स्थान तथा आकाश को छत और तुम्हारा रूप बनाया, तो सुन्दर रूप बनाया तथा तुम्हें जीविका प्रदान की स्व्छ चीज़ों से। वही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है, तो शुभ है अल्लाह, सर्वलोक का पालनहार।

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هُوَ الْحَيُّ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ فَادْعُوهُ مُخْلِصِينَ لَهُ الدِّينَ ۗ الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ ﴾ 65 ﴿

Transliteration

हुवल्-हय्यु ला इला-ह इल्ला हु-व फ़द्अूहु मुख़्लिसी – न लहुद्दी-न, अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल्-आ़लमीन

हिंदी अनुवाद

वह जीवित है, कोई ( सच्चा) वंदनीय नहीं है, उसके सिवा। अतः, विशेष रूप से उसकी इबादत करते हुए उसी को पुकारो। सब प्रशंसा सर्वलोक के पालनहार, अल्लाह के लिए हैं।

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قُلْ إِنِّي نُهِيتُ أَنْ أَعْبُدَ الَّذِينَ تَدْعُونَ مِن دُونِ اللَّهِ لَمَّا جَاءَنِيَ الْبَيِّنَاتُ مِن رَّبِّي وَأُمِرْتُ أَنْ أُسْلِمَ لِرَبِّ الْعَالَمِينَ ﴾ 66 ﴿

Transliteration

क़ुल् इन्नी नुहीतु अन् अअ्बुदल्लज़ी-न तद्अू-न मिन् दूनिल्लाहि लम्मा जा अनियल् बय्यिनातु मिर्रब्बी व उमिर्तु अन् उस्लि-म लि-रब्बिल्-आ़लमीन

हिंदी अनुवाद

आप कह दें: निश्चय मुझे रोक दिया गया है कि इबादत करूँ उनकी, जिन्हें तुम पुकारते हो अल्लाह के सिवा, जब आ गये मेरे पास खुले प्रमाण तथा मुझे आदेश दिया गया है कि मैं सर्वलोक के पालनहार का आज्ञाकारी रहूँ।

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هُوَ الَّذِي خَلَقَكُم مِّن تُرَابٍ ثُمَّ مِن نُّطْفَةٍ ثُمَّ مِنْ عَلَقَةٍ ثُمَّ يُخْرِجُكُمْ طِفْلًا ثُمَّ لِتَبْلُغُوا أَشُدَّكُمْ ثُمَّ لِتَكُونُوا شُيُوخًا ۚ وَمِنكُم مَّن يُتَوَفَّىٰ مِن قَبْلُ ۖ وَلِتَبْلُغُوا أَجَلًا مُّسَمًّى وَلَعَلَّكُمْ تَعْقِلُونَ ﴾ 67 ﴿

Transliteration

हुवल्लज़ी ख़-ल-क़कुम् मिन् तुराबिन् सुम्- म मिन् नुत्फ़तिन् सुम्-म मिन् अ़-ल-क़तिन् सुम्-म युख़िरजुकुम् तिफ़्लन् सुम्-म लितब्लुग़ू अशुद्-दकुम् सुम्-म लि-तकूनू शुयूख़न् व मिन्कुम् मंय्यु-तवफ़्फ़ा मिन् क़ब्लु व लि- तब्लुग़ू अ- जलम् – मुसम्मंव्-व लअ़ल्लकुम् तअ्क़िलून

हिंदी अनुवाद

वही है, जिसने तुम्हें पैदा किया मिट्टी से, फिर वीर्य से, फिर बंधे रक्त से, फिर तुम्हें निकालता है (गर्भाशयों से) शिशु बनाकर। फिर बड़ा करता है, ताकि तुम अपनी पूरी शक्ति को पहुँचो। फिर बूढ़े हो जाओ तथा तुममें कुछ इससे पहले ही मर जाते हैं और ये इसलिए होता है, ताकि तुम अपनी निश्चित आयु को पहुँच जाओ तथा ताकि तुम समझो।[1] 1. अर्थात तुम यह समझो कि जो अल्लाह तुम्हें अस्तित्व में लाता है तथा गर्भ से ले कर आयु पूरी होने तक तुम्हारा पालन-पोषण करता है तुम स्वयं अपने जीवन और मरण के विषय में कोई अधिकार नहीं रखते तो फिर तुम्हें वंदना भी उसी एक की करनी चाहिये। यही समझ-बूझ का निर्णय है।

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هُوَ الَّذِي يُحْيِي وَيُمِيتُ ۖ فَإِذَا قَضَىٰ أَمْرًا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُ كُن فَيَكُونُ ﴾ 68 ﴿

Transliteration

हुवल्लज़ी युह्यी व युमीतु फ़-इज़ा क़ज़ा अम्ररन् फ़-इन्नमा यफ़लु लहू कुन् फ़-यकून

हिंदी अनुवाद

वही है, जो तुम्हें जीवन देता तथा मारता है, फिर जब वह किसी कार्य का निर्णय करता है, तो कहता हैः "हो जा", तो वह हो जाता है।

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أَلَمْ تَرَ إِلَى الَّذِينَ يُجَادِلُونَ فِي آيَاتِ اللَّهِ أَنَّىٰ يُصْرَفُونَ ﴾ 69 ﴿

Transliteration

अलम् त-र इलल्लज़ी-न युजादिलू-न फ़ी आयातिल्लाहि, अन्ना युस्रफ़ून

हिंदी अनुवाद

क्या आपने नहीं देखा कि जो झगड़ते[1] हैं अल्लाह की आयतों में, वे कहाँ बहकाये जा रहे हैं? 1. अर्थात अल्लाह की आयतों का विरोध करते हैं।

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الَّذِينَ كَذَّبُوا بِالْكِتَابِ وَبِمَا أَرْسَلْنَا بِهِ رُسُلَنَا ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ ‎ ﴾ 70 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न कज़्ज़बू बिल्किताबि व बिमा अर्सल्ना बिही रुसु-लना, फ़सौ-फ़ यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

जिन्होंने झुठला दिया पुस्तक को और उसे, जिसके साथ हमने भेजा अपने रसूलों को, तो शीघ्र ही वे जान लेंगे।

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إِذِ الْأَغْلَالُ فِي أَعْنَاقِهِمْ وَالسَّلَاسِلُ يُسْحَبُونَ ﴾ 71 ﴿

Transliteration

इज़िल्-अग़्लालु फ़ी अअ्नाक़िहिम् वस्सलासिलु युस्हबून

हिंदी अनुवाद

जब तौक़ होंगे उनके गलों में तथा बेड़ियाँ, वे खींचे जायेंगे।

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فِي الْحَمِيمِ ثُمَّ فِي النَّارِ يُسْجَرُونَ ﴾ 72 ﴿

Transliteration

फ़िल्हमीमि सुम्-म फ़िन्नारि युस्जरून

हिंदी अनुवाद

खौलते पानी में, फिर अग्नि में झोंक दिये जायेंगे।

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ثُمَّ قِيلَ لَهُمْ أَيْنَ مَا كُنتُمْ تُشْرِكُونَ ‎ ﴾ 73 ﴿

Transliteration

सुम्-म क़ी-ल लहुम् ऐ-न मा कुन्तुम् तुश्रिकून

हिंदी अनुवाद

फिर कहा जायेगा उनसेः कहाँ हैं वे, जिन्हें तुम साझी बना रहे थे।

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مِن دُونِ اللَّهِ ۖ قَالُوا ضَلُّوا عَنَّا بَل لَّمْ نَكُن نَّدْعُو مِن قَبْلُ شَيْئًا ۚ كَذَٰلِكَ يُضِلُّ اللَّهُ الْكَافِرِينَ ﴾ 74 ﴿

Transliteration

मिन् दूनिल्लाहि, क़ालू ज़ल्लू अ़न्ना बल्-लम् नकुन्- नद्अू मिन् क़ब्लु शैअन्, कज़ालि-क युज़िल्लुल्लाहुल्-काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

अल्लाह के सिवा? वे कहेंगे कि वे खो गये हम से, बल्कि, हम नहीं पुकारते थे इससे पूर्व, किसी चीज़ को। इसी प्रकार, अल्लाह कुपथ कर देता है काफ़िरों को।

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ذَٰلِكُم بِمَا كُنتُمْ تَفْرَحُونَ فِي الْأَرْضِ بِغَيْرِ الْحَقِّ وَبِمَا كُنتُمْ تَمْرَحُونَ ﴾ 75 ﴿

Transliteration

ज़ालिकुम् बिमा कुन्तुम् तफ़्रहू-न फ़िल्अर्ज़ि बिग़ैरिल्-हक़्क़ि व बिमा कुन्तुम् तम्रहून

हिंदी अनुवाद

ये यातना इसलिए है कि तुम धरती में अवैध इतराते थे तथा इस कारण कि तुम अकड़ते थे।

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ادْخُلُوا أَبْوَابَ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۖ فَبِئْسَ مَثْوَى الْمُتَكَبِّرِينَ ﴾ 76 ﴿

Transliteration

उद्ख़ुलू अब्वा-ब जहन्न-म ख़ालिदी-न फ़ीहा फ़बिअ्-स मस्वल्- मु-तकब्बिरीन

हिंदी अनुवाद

प्रवेश कर जाओ नरक के द्वारों में, सदावासी होकर उसमें। तो बुरा स्थान है अभिमानियों का।

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فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ ۚ فَإِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِي نَعِدُهُمْ أَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَيْنَا يُرْجَعُونَ ﴾ 77 ﴿

Transliteration

फ़स्बिर् इन्-न वअ्दल्लाहि हक़्क़ुन् फ़-इम्मा नुरि-यन्न-क बअ्ज़ल्लज़ी नअिदुहुम् औ न तवफ़्फ़-यन्न-क फ़-इलैना युर्जअून

हिंदी अनुवाद

तो आप धैर्य रखें निश्चय अल्लाह का वचन सत्य है। फिर यदि आपको दिखा दें उस (यातना) में से, जिसका वचन उन्हें दे रहे हैं या आपका निधन कर दें, तो वह हमारी ओर ही फेरे जायेंगे।[1] 1. अर्थता प्रलय के दिन। फिर वह अपनी यातना देख लेंगे।

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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا رُسُلًا مِّن قَبْلِكَ مِنْهُم مَّن قَصَصْنَا عَلَيْكَ وَمِنْهُم مَّن لَّمْ نَقْصُصْ عَلَيْكَ ۗ وَمَا كَانَ لِرَسُولٍ أَن يَأْتِيَ بِآيَةٍ إِلَّا بِإِذْنِ اللَّهِ ۚ فَإِذَا جَاءَ أَمْرُ اللَّهِ قُضِيَ بِالْحَقِّ وَخَسِرَ هُنَالِكَ الْمُبْطِلُونَ ﴾ 78 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् अर्सल्ना रुसुलम् – मिन् क़ब्लि-क मिन्हुम् मन् क़सस्ना अ़लै-क व मिन्हुम् मल्लम् नक़्सुस् अ़लै-क, व मा का-न लि- रसूलिन् अंय्यअ्ति-य बिआ-यतिन् इल्ला बि-इज़्निल्लाहि फ़-इज़ा जा- अ अम्रुल्लाहि क़ुज़ि-य बिल्-हक़्क़ि व ख़सि-र हुनालिकल्- मुब्तिलून

हिंदी अनुवाद

तथा (हे नबी!) हम भेज चुके हैं बहुत-से रसूलों को आपसे पूर्व, जिनमें से कुछ का वर्णन हम आपसे कर चुके हैं तथा कुछ का वर्णन आपसे नहीं किया है तथा किसी रसूल के (वश)[1] में ये नहीं था कि वह कोई आयत (चमत्कार) ले आये, परन्तु अल्लाह की अनुमति से। फिर जब आ जायेगा अल्लाह का आदेश, तो निर्णय कर दिया जायेगा सत्य के साथ और क्षति में पड़ जायेंगे वहाँ, क्षूठे लोग। 1. मक्का के काफ़िर लोग, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से यह माँग कर रहे थे कि आप अपने सत्य रसूल होने के प्रमाण में कोई चमत्कार दिखायें। जिस के अनेक उत्तर आगामी आयतों में दिये जा रहे हैं।

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اللَّهُ الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ الْأَنْعَامَ لِتَرْكَبُوا مِنْهَا وَمِنْهَا تَأْكُلُونَ ﴾ 79 ﴿

Transliteration

अल्लाहुल्लज़ी ज-अ़-ल लकुमुल्- अन्आ़-म लि-तर्कबू मिन्हा व मिन्हा तअ्कुलून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही है, जिसने बनाये तुम्हारे लिए चौपाये, ताकि सवारी करो कुछ पर और कुछ को खाओ।

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وَلَكُمْ فِيهَا مَنَافِعُ وَلِتَبْلُغُوا عَلَيْهَا حَاجَةً فِي صُدُورِكُمْ وَعَلَيْهَا وَعَلَى الْفُلْكِ تُحْمَلُونَ ﴾ 80 ﴿

Transliteration

व लकुम् फ़ीहा मनाफ़िअु व लि-तब्लुग़ू अ़लैहा हा-जतन् फ़ी सुदूरिकुम् व अ़लैहा व अ़लल्-फ़ुल्कि तुह्मलून

हिंदी अनुवाद

तथा तुम्हारे लिए उनमें बहुत लाभ हैं और ताकि तुम उनपर पहुँचो, उस आवश्यक्ता को, जो तुम्हारे[1] दिलों में है तथा उनपर और नावों पर तुम्हें सवार किया जाता है। 1. अर्थात दूर की यात्रा करो।

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‏ وَيُرِيكُمْ آيَاتِهِ فَأَيَّ آيَاتِ اللَّهِ تُنكِرُونَ ﴾ 81 ﴿

Transliteration

व युरीकुम् आयातिही फ़-अय्-य आयातिल्लाहि तुन्किरून

हिंदी अनुवाद

तथा वह दिखाता है तुम्हें अपनी निशानियाँ। तो तुम अल्लाह की किन-किन निशानियों का इन्कार करोगे?

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أَفَلَمْ يَسِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَيَنظُرُوا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ ۚ كَانُوا أَكْثَرَ مِنْهُمْ وَأَشَدَّ قُوَّةً وَآثَارًا فِي الْأَرْضِ فَمَا أَغْنَىٰ عَنْهُم مَّا كَانُوا يَكْسِبُونَ ﴾ 82 ﴿

Transliteration

अ-फ़ लम् यसीरू फ़िल्अर्ज़ि फ़-यन्ज़ुरू कै-फ़ का-न आ़क़ि बतुल्लज़ी – न मिन् क़ब्लिहिम्, कानू अक्स-र मिन्हुम् व अशद्-द क़ुव्वतंव् व आसारन् फ़िल्अर्ज़ि फ़मा अ़ग्ना अ़न्हुम् मा कानू यक्सिबून

हिंदी अनुवाद

तो क्या वह चले-फिरे नहीं धरती में, ताकि देखते कि कैसा रहा उनका परिणाम, जो उनसे पूर्व थे? वे उनसे अधिक कड़े थे, शक्ति में और धरती में अधिक चिन्ह[1] छोड़ गये। तो नहीं आया उनके काम, जो वे कर रहे थे। 1. अर्थात निर्माण तथा भवन इत्यादि।

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فَلَمَّا جَاءَتْهُمْ رُسُلُهُم بِالْبَيِّنَاتِ فَرِحُوا بِمَا عِندَهُم مِّنَ الْعِلْمِ وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ ﴾ 83 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा जा-अत्हुम् रुसुलुहुम् बिल्बय्यिनाति फ़रिहू बिमा अिन्दहुम् मिनल्-अिल्मि व हा-क़ बिहिम् मा कानू बिही यस्तह्ज़िऊन

हिंदी अनुवाद

जब आये उनके पास हमारे रसूल, निशानियाँ लेकर, तो वे इतराने लगे उस ज्ञान पर,[1] जो उनके पास था और घेर लिया उन्हें उसने जिसका वे उपहास कर रहे थे। 1. अर्थात सत्यविरोधी ज्ञान।

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فَلَمَّا رَأَوْا بَأْسَنَا قَالُوا آمَنَّا بِاللَّهِ وَحْدَهُ وَكَفَرْنَا بِمَا كُنَّا بِهِ مُشْرِكِينَ ﴾ 84 ﴿

Transliteration

फ़- लम्मा रऔ बअ्-सना क़ालू आमन्ना बिल्लाहि वह्-दहू व क-फर्ना बिमा कुन्ना बिही मुश्रि कीन

हिंदी अनुवाद

तो जब उन्होंने देखा हमारी यातना को, तो कहने लगेः हम ईमान लाये अकेले अल्लाह पर तथा नकार दिया उसे, जिसे उसका साझी बना रहे थे।

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فَلَمْ يَكُ يَنفَعُهُمْ إِيمَانُهُمْ لَمَّا رَأَوْا بَأْسَنَا ۖ سُنَّتَ اللَّهِ الَّتِي قَدْ خَلَتْ فِي عِبَادِهِ ۖ وَخَسِرَ هُنَالِكَ الْكَافِرُونَ ﴾ 85 ﴿

Transliteration

फ़-लम् यकु यन्फ़अुहुम् ईमानुहुम् लम्मा रऔ बअ्-सना, सुन्नतल्लाहिल्लती क़द् ख़-लत् फ़ी अिबादिही व ख़सि-र हुनालिकल्-काफ़िरून

हिंदी अनुवाद

तो ऐसा नहीं हुआ कि उन्हें लाभ पहुँचाता उनका ईमान, जब उन्होंने देख लिया हमारी यातना को। यही अल्लाह का नियम है, जो उसके भक्तों में चला आ रहा है और क्षति में पड़ गये यहीं काफ़िर।

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