सूरह हुमज़ह के संक्षिप्त विषय
यह सूरह मक्की है, इस में 9 आयतें हैं।
- इस का नाम ((सूरह हुमज़ह)) है क्यों कि इस की प्रथम आयत में यह शब्द आया है जिस का अर्थ है: व्यंग करना, ताना मारना, गीबत करना आदि।[1]
- यह सूरह भी मक्की युग की आरंभिक सूरतों में से है। इस का विषय धन के पुजारियों को सावधान करना है कि जिन की यह दशा होगी वह अवश्य अपने कुकर्म का दण्ड पायेंगे|
- इस की आयत 1 से 3 तक में धन के पुजारियों के आचरण का चित्र दिखाया गया है और उन्हें सचेत किया गया है कि यह आचरण अवश्य विनाश का कारण है।
- आयत 4 से 9 तक में धन के पुजारियों का परलोक में दुष्परिणाम बताया गया है।
Surah Humaza in Hindi
بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।
وَيْلٌ لِّكُلِّ هُمَزَةٍ لُّمَزَةٍ ﴾ 1 ﴿
वैलुल लिकुल्ली हुमज़तिल लुमजह
विनाश हो उस व्यक्ति का, जो कचोके लगाता रहता है और चौटे करता रहता है।
ٱلَّذِى جَمَعَ مَالًا وَعَدَّدَهُۥ ﴾ 2 ﴿
अल्लज़ी जमआ मालव व अद ददह
जिसने धन एकत्र किया और उसे गिन-गिन कर रखा।
يَحْسَبُ أَنَّ مَالَهُۥٓ أَخْلَدَهُۥ ﴾ 3 ﴿
यह सबु अन्ना मा लहू अख्लदह
क्या वह समझता है कि उसका धन उसे संसार में सदा रखेगा?[1]
1. (1-3) इन आयतों में धन के पुजारियों के अपने धन के घमंड में दूसरों का अपमान करने और उन की कृपणता (कंजूसी) का चित्रण किया गया है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि यह आचरण विनाशकारी है, धन किसी को संसार में सदा जीवित नहीं रखेगा, एक समय आयेगा कि उसे सब कुछ छोड़ कर ख़ाली हाथ जाना पड़ेगा।
كَلَّا لَيُنۢبَذَنَّ فِى ٱلْحُطَمَةِ ﴾ 4 ﴿
कल्ला लयुम बज़न्ना फिल हुतमह
कदापि ऐसा नहीं होगा। वह अवश्य ही 'ह़ुतमा' में फेंका जायेगा।
وَمَآ أَدْرَىٰكَ مَا ٱلْحُطَمَةُ ﴾ 5 ﴿
वमा अदराका मल हुतमह
और तुम क्या जानो कि 'ह़ुतमा' क्या है?
نَارُ ٱللَّهِ ٱلْمُوقَدَةُ ﴾ 6 ﴿
नारुल लाहिल मूक़दह
वह अल्लाह की भड़काई हुई अग्नि है।
ٱلَّتِى تَطَّلِعُ عَلَى ٱلْأَفْـِٔدَةِ ﴾ 7 ﴿
अल्लती तत तलिऊ अलल अफ इदह
जो दिलों तक जा पहूँचेगी।
إِنَّهَا عَلَيْهِم مُّؤْصَدَةٌ ﴾ 8 ﴿
इननहा अलैहिम मुअ सदह
वह, उसमें बन्द कर दिये जायेंगे।
فِى عَمَدٍ مُّمَدَّدَةٍۭ ﴾ 9 ﴿
फ़ी अमदिम मुमद ददह
लँबे-लँबे स्तंभों में।[1]
1. (4-9) इन आयतों के अन्दर परलोक में धन के पुजारियों के दुष्परिणाम से अवगत कराया गया है कि उन को अपमान के साथ नरक में फेंक दिया जायेगा। जो उन्हें खण्ड कर देगी और दिलों तक जो कुविचारों का केंद्र हैं पहुँच जायेगी, और उस में इन अपराधियों को फेंक कर ऊपर से बन्द कर दिया जायेगा।