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कुरआन मजीद

Quran in Hindi

43. सूरह अज-जुखरूफ – 1 – 89

सूरह ज़ुख़रुफ़ के संक्षिप्त विषय

यह सूरह मक्की है, इस में 89 आयतें हैं।

  • इस की आयत 35 में ((ज़ुख़रुफ़)) शब्द आया है। जिस से यह नाम लिया गया है। जिस का अर्थ हैः सोना-शोभा ।
  • इस की आरंभिक आयतें कुन के लाभ और उस की बड़ाई को उजागर करती है। फिर उन निशानियों की ओर ध्यान दिलाया गया है जिन पर विचार करने से अल्लाह के अकेले पूज्य होने का विश्वास होता है। फिर आयत 15 से 25 तक रिश्तों को अल्लाह का साझी बनाने को अनुचित बताया गया है। फिर आयत 26 से 33 तक इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) के मुर्तियों से विरक्त होने के एलान को प्रस्तुत किया गया है। और बताया गया है कि मक्कावासी जो उन्हीं के वंश से है वे शिर्क तथा मुर्तियों की पूजा के पक्षपाती हो गये हैं। और अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के इस लिये विरोधी बन गये है कि आप एक अल्लाह के पूज्य होने का आमंत्रण दे रहे हैं।
  • आयत 34 से 45 तक तनिक संसारिक लाभ के लिये परलोक तथा वह्यी और रिसालत के इन्कार कर देने के परिणाम को बताया गया है। और फिर मूसा (अलैहिस्सलाम) की कुछ दशाओं का वर्णन किया गया है। जिस से यह बात सामने आती है कि वह भी तौहीद का प्रचार करते थे और उन के विरोधियों ने अपना परिणाम देख लिया।
  • अन्तिम आयतों में विरोधियों के लिये चेतावनी तथा सदाचारियों के लिये शुभसूचना के साथ अपराधियों को उन के दुष्परिणाम से सावधान, और कुछ संदेहों को दूर किया गया है।

सूरह अज-जुखरूफ | Surah Az-Zukhruf in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

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حم ﴾ 1 ﴿

Transliteration

हा-मीम्

हिंदी अनुवाद

ह़ा मीम।

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‏ وَالْكِتَابِ الْمُبِينِ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

वल्-किताबिल्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

शपथ है प्रत्यक्ष (खुली) पुस्तक की।

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إِنَّا جَعَلْنَاهُ قُرْآنًا عَرَبِيًّا لَّعَلَّكُمْ تَعْقِلُونَ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

इन्ना जअ़ल्नाहु कुर्आनन् अ़-रबिय्यल् लअ़ल्लकुम् तअ्क़िलून

हिंदी अनुवाद

इसे हमने बनाया है अरबी क़ुर्आन, ताकि वे इसे समझ सकें।

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وَإِنَّهُ فِي أُمِّ الْكِتَابِ لَدَيْنَا لَعَلِيٌّ حَكِيمٌ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

व इन्नहू फ़ी उम्मिल्-किताबि लदैना ल-अ़लिय्युन् हकीम

हिंदी अनुवाद

तथा वह मूल पुस्तक[1] में है, हमारे पास, बड़ा उच्च तथा ज्ञान से परिपूर्ण है। 1. मूल पुस्तक से अभिप्राय लौह़े मह़फ़ूज़ (सुरक्षित पुस्तक) है। जिस से सभी आकाशीय पुस्तकें अलग कर के अवतरित की गई हैं। सूरह वाक़िआ में इसी को "किताबे मक्नून" कहा गया है। सूरह बुरूज में इसे "लौह़े मह़फ़ूज़" कहा गया है। सूरह शुअरा में कहा गया है कि यह अगले लोगों की पुस्तकों में है। सूरह आला में कहा गया है कि यह विषय पहली पुस्तकों में भी अंकित है। सारांश यह है कि क़ुर्आन के इन्कार करने का कोई कारण नहीं। तथा क़ुर्आन का इन्कार सभी पहली पुस्तकों का इन्कार करने के बराबर है।

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أَفَنَضْرِبُ عَنكُمُ الذِّكْرَ صَفْحًا أَن كُنتُمْ قَوْمًا مُّسْرِفِينَ ‎ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

अ-फ़ नज़्-रिबु अ़न्कुमुज़्ज़िक्-र सफ़्हन् अन् कुन्तुम् क़ौमम्-मुस्रिफ़ीन

हिंदी अनुवाद

तो क्या हम फेर दें, इस शिक्षा को, तुमसे, इसलिए कि तुम उल्लंघनकारी लोग हो?

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وَكَمْ أَرْسَلْنَا مِن نَّبِيٍّ فِي الْأَوَّلِينَ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

व कम् अर्सल्ना मिन्-नबिय्यिन् फ़िल्-अव्वलीन

हिंदी अनुवाद

तथा हमने भेजे हैं बहुत-से नबी (गुज़री हुयी) जातियों में।

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وَمَا يَأْتِيهِم مِّن نَّبِيٍّ إِلَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

व मा यअ्तीहिम् मिन् नबिय्यिन् इल्ला कानू बिही यस्तह्ज़िऊन

हिंदी अनुवाद

और नहीं आता रहा उनके पास कोई नबी, परन्तु वे उसके साथ उपहास करते रहे।

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‏ فَأَهْلَكْنَا أَشَدَّ مِنْهُم بَطْشًا وَمَضَىٰ مَثَلُ الْأَوَّلِينَ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

फ़ अह्लक्ना अशद्-द मिन्हुम् बत्शंव् व मज़ा म-सलुल्- अव्वलीन

हिंदी अनुवाद

तो हमने विनाश कर दिया इनसे[1] अधिक शक्तिवानों का तथा ग़ुज़र चुका है अगलों का उदाहरण। 1. अर्थात मक्का वासियों से।

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وَلَئِن سَأَلْتَهُم مَّنْ خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ لَيَقُولُنَّ خَلَقَهُنَّ الْعَزِيزُ الْعَلِيمُ ﴾ 9 ﴿

Transliteration

व ल-इन् स-अल्तहुम् मन् ख़-लक़स्समावाति वल्अर्ज़ ल-यक़ूलन्-न ख़-ल-कहुन्नल्-अ़ज़ीजुल्-अ़लीम

हिंदी अनुवाद

और यदि आप प्रश्न करें उनसे कि किसने पैदा किया है आकाशों तथा धरती को? तो अवश्य कहेंगेः उन्हें पैदा किया है बड़े प्रभावशाली, सब कुछ जानने वाले ने।

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الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ الْأَرْضَ مَهْدًا وَجَعَلَ لَكُمْ فِيهَا سُبُلًا لَّعَلَّكُمْ تَهْتَدُونَ ﴾ 10 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी ज-अ़-ल लकुमुल्-अर्-ज़ मह्दंव् ज-अ़-ल लकुम् फ़ीहा सुबुलल्-लअ़ल्लकुम् तह्तदून

हिंदी अनुवाद

जिसने बनाया तुमहारे लिए धरती को पालना और बनाये उसमें तुम्हारे लिए मार्ग, ताकि तुम मार्ग पा सको।[1] 1. एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिये।

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وَالَّذِي نَزَّلَ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً بِقَدَرٍ فَأَنشَرْنَا بِهِ بَلْدَةً مَّيْتًا ۚ كَذَٰلِكَ تُخْرَجُونَ ‎ ﴾ 11 ﴿

Transliteration

वल्लज़ी नज़्ज़-ल मिनस्समा-इ मा अम्-बि क-दरिन् फ़-अन्शर्न बिही बल्द-तम्-मैतन् कज़ालि-क तुख़्-रजून

हिंदी अनुवाद

तथा जिसने उतारा आकाश से जल, एक विशेष मात्रा में। फिर जीवित कर दिया उसके दवारा मुर्दा भूमि को। इसी प्रकार, तुम (धरती से) निकाले जाओगे।

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وَالَّذِي خَلَقَ الْأَزْوَاجَ كُلَّهَا وَجَعَلَ لَكُم مِّنَ الْفُلْكِ وَالْأَنْعَامِ مَا تَرْكَبُونَ ﴾ 12 ﴿

Transliteration

वल्लज़ी ख़-लक़ल्-अज़्वा-ज कुल्लहा व ज-अ़-ल लकुम् मिनल्-फ़ुल्कि वल्-अन्आ़मि मा तर्-कबून

हिंदी अनुवाद

तथा जिसने पैदा किये सब प्रकार के जोड़े तथा बनाईं तुम्हारे लिए नौकायें तथा पशु जिनपर तुम सवार होते हो।

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لِتَسْتَوُوا عَلَىٰ ظُهُورِهِ ثُمَّ تَذْكُرُوا نِعْمَةَ رَبِّكُمْ إِذَا اسْتَوَيْتُمْ عَلَيْهِ وَتَقُولُوا سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ ﴾ 13 ﴿

Transliteration

लि-तस्तवू अ़ला ज़ुहूरिही सुम्-म तज़्कुरू निअ्-म-त रब्बिकुम् इज़स्तवैतुम् अ़लैहि व तक़ूलू सुब्हानल्लज़ी सख़्ख़-र लना हाज़ा व मा कुन्ना लहू मुक़्रिनीन

हिंदी अनुवाद

ताकि तुम सवार हो उनके ऊपर, फिर याद करो अपने पालनहार के प्रदान को, जब सवार हो जाओ उसपर और ये[1] कहोः पवित्र है वह, जिसने वश में कर दिया हमारे लिए इसे। अन्यथा हम इसे वश में नहीं कर सकते थे। 1. आदरणीय अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ऊँट पर सवार होते तो तीन बार अल्लाहु अक्बर कहते फिर यही आयत "मुन्क़लिबून" तक पढ़ते। और कुछ और प्रार्थना के शब्द कहते थे जो दुआओं की पुस्तकों में मिलेंगे। (सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीस संख्याः 1342)

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وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ ﴾ 14 ﴿

Transliteration

व इन्ना इला रब्बिना ल-मुन्क़लिबून

हिंदी अनुवाद

तथा हम अवश्य ही अपने पालनहार ही की ओर फिरकर जाने वाले हैं।

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وَجَعَلُوا لَهُ مِنْ عِبَادِهِ جُزْءًا ۚ إِنَّ الْإِنسَانَ لَكَفُورٌ مُّبِينٌ ﴾ 15 ﴿

Transliteration

व ज-अ़लू लहू मिन् अिबादिही जुज़्अन्, इन्नल्-इन्सा-न ल-कफ़ूरुम्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

और बना लिया उन्होंने[1] उसके भक्तों में से कुछ को उसका अंश। वास्तव में, मनुष्य खुला कृतघ्न है। 1. जैसे मक्का के मुश्रिक लोग फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ मानते थे। और ईसाईयों ने ईसा (अलैहिस्सलाम) को अल्लाह का पुत्र माना। और किसी ने आत्मा को प्रमात्मा तथा अवतारों को प्रभु बना दिया। और फिर उन्हें पूजने लगे।

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أَمِ اتَّخَذَ مِمَّا يَخْلُقُ بَنَاتٍ وَأَصْفَاكُم بِالْبَنِينَ ﴾ 16 ﴿

Transliteration

अमित्त-ख़-ज़ मिम्मा यख़्लुक़ु बनातिंव्-व अस्फ़ाकुम् बिल्-बनीन

हिंदी अनुवाद

क्या अल्लाह ने उसमें से, जो पैदा करता है, पुत्रियाँ बना ली हैं तथा तुम्हें विशेष कर दिया है पुत्रों के साथ?

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وَإِذَا بُشِّرَ أَحَدُهُم بِمَا ضَرَبَ لِلرَّحْمَٰنِ مَثَلًا ظَلَّ وَجْهُهُ مُسْوَدًّا وَهُوَ كَظِيمٌ ﴾ 17 ﴿

Transliteration

व इज़ा बुश्शि-र अ-हदुहुम् बिमा ज़-र-ब लिर्रह्मानि म-सलन् ज़ल्-ल वज्हुहू मुस्वद्-दंव्-व हु-व कज़ीम

हिंदी अनुवाद

जबकि उनमें से किसी को शुभ सूचना दी जाये उस (के जन्म लेने) की, जिसका उसने उदाहरण दिया है अत्यंत कृपाशील के लिए, तो उसका मुख काला[1] हो जाता है और शोक से भर जाता है। 1. इस्लाम से पूर्व यही दशा थी कि यदि किसी के हाँ बच्ची जन्म लेती तो लज्जा के मारे उस का मुख काला हो जाता। और कुछ अरब के क़बीले उसे जन्म लेते ही जीवित गाड़ दिया करते थे। किन्तु इस्लाम ने उस को सम्मान दिया। तथा उस की रक्षा की। और उस के पालनपोषण को पुण्य कर्म घोषित किया। ह़दीस में है कि जो पुत्रियों के कारण दुःख झेले और उन के साथ उपकार करे तो उस के लिये वे नरक से पर्दा बनेंगी। (सह़ीह़ बुख़ारीः 5995, सह़ीह़ मुस्लिमः2629) आज भी कुछ पापी लोग गर्भ में बच्ची का पता लगते ही गर्भपात करा देते हैं। जिस को इस्लाम बहुत बड़ा अत्याचार समझता है।

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أَوَمَن يُنَشَّأُ فِي الْحِلْيَةِ وَهُوَ فِي الْخِصَامِ غَيْرُ مُبِينٍ ‎ ﴾ 18 ﴿

Transliteration

अ- व मंयुनश्श-उ फिल्-हिल्यति व हु-व- फ़िल्ख़िसामि ग़ैरु मुबीन

हिंदी अनुवाद

क्या (अल्लाह के लिए) वह है, जिसका पालनपोषण आभूषण में किया जाता है तथा वह विवाद में खुलकर बात नहीं कर सकती?

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وَجَعَلُوا الْمَلَائِكَةَ الَّذِينَ هُمْ عِبَادُ الرَّحْمَٰنِ إِنَاثًا ۚ أَشَهِدُوا خَلْقَهُمْ ۚ سَتُكْتَبُ شَهَادَتُهُمْ وَيُسْأَلُونَ ﴾ 19 ﴿

Transliteration

व ज-अ़लुल् मलाइ-कतल्लज़ी-न हुम् अिबादुर्रह्मानि इनसान्, अ- शहिदू ख़ल्कहुम्, स-तुक्तबु शहा-दतुहुम् व युस्-अलून

हिंदी अनुवाद

और उन्होंने बना दिया फ़रिश्तों को, जो अत्यंत कृपाशील के भक्त हैं, पुत्रियाँ। क्या वे उपस्थित थे उनकी उत्पत्ति के समय? लिख ली जायेगी उनकी गवाही और उनसे पूछ होगी।

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وَقَالُوا لَوْ شَاءَ الرَّحْمَٰنُ مَا عَبَدْنَاهُم ۗ مَّا لَهُم بِذَٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۖ إِنْ هُمْ إِلَّا يَخْرُصُونَ ‎ ﴾ 20 ﴿

Transliteration

व क़ालू लौ शा – अर्रह्मानु मा अ़बद्नाहुम्, मा लहुम् बिज़ालि-क मिन् अिल्मिन् इन् हुम् इल्ला यख़्-रुसून

हिंदी अनुवाद

तथा उन्होंने कहा कि यदि अत्यंत कृपाशील चाहता, तो हम उनकी इबादत नहीं करते। उन्हें इसका कोई ज्ञान नहीं। वह केवल तीर-तुक्के चला रहे हैं।

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أَمْ آتَيْنَاهُمْ كِتَابًا مِّن قَبْلِهِ فَهُم بِهِ مُسْتَمْسِكُونَ ﴾ 21 ﴿

Transliteration

अम् आतैनाहुम् किताबम्-मिन् क़ब्लिही फ़हुम् बिही मुस्तम्सिकून

हिंदी अनुवाद

क्या हमने उन्हें प्रदान की है कोई पुस्तक इससे पहले, जिसे वे दृढ़ता से पकड़े हुए हैं?[1] 1. अर्थात क़ुर्आन से पहले की किसी ईश-पुस्तक में अल्लाह के सिवा किसी और की उपासना की शिक्षा दी ही नहीं गई है कि वह कोई पुस्तक ला सकें।

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بَلْ قَالُوا إِنَّا وَجَدْنَا آبَاءَنَا عَلَىٰ أُمَّةٍ وَإِنَّا عَلَىٰ آثَارِهِم مُّهْتَدُونَ ﴾ 22 ﴿

Transliteration

बलू क़ा-लू इन्ना वजद्ना आबा-अना अ़ला उम्म-तिंव्व इन्ना अ़ला आसारिहिम् मुह्तदून

हिंदी अनुवाद

बल्कि, ये कहते हैं कि हमने पाया है अपने पूर्वजों को एक रीति पर और हम उन्हीं के पद्चिन्हों पर चल रहे हैं।

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وَكَذَٰلِكَ مَا أَرْسَلْنَا مِن قَبْلِكَ فِي قَرْيَةٍ مِّن نَّذِيرٍ إِلَّا قَالَ مُتْرَفُوهَا إِنَّا وَجَدْنَا آبَاءَنَا عَلَىٰ أُمَّةٍ وَإِنَّا عَلَىٰ آثَارِهِم مُّقْتَدُونَ ﴾ 23 ﴿

Transliteration

व कज़ालि-क मा अर्सल्ना मिन् क़ब्लि-क फ़ी क़र्-यतिम् मिन् नज़ीरिन् इल्ला क़ा-ल मुत्-रफ़ूहा इन्ना वजद्ना आबा-अना अ़ला उम्म- तिंव्व इन्ना अ़ला आसारिहिम्-मुक़्तदून

हिंदी अनुवाद

तथा (हे नबी!) इसी प्रकार, हमने नहीं भेजी आपसे पूर्व किसी बस्ती में कोई सावधान करने वाला, परन्तु कहा उसके सुखी लोगों नेः हमने पाया है अपने पूर्वजों को एक रीति पर और हम निश्चय उन्हीं के पद्चिन्हों पर चल रहे हैं।[1] 1. आयत का भावार्थ यह है कि प्रत्येक युग के काफ़िर अपने पूर्वजों के अनुसरण के कारण अपने शिर्क और अंधविश्वास पर स्थित रहे।

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قَالَ أَوَلَوْ جِئْتُكُم بِأَهْدَىٰ مِمَّا وَجَدتُّمْ عَلَيْهِ آبَاءَكُمْ ۖ قَالُوا إِنَّا بِمَا أُرْسِلْتُم بِهِ كَافِرُونَ ﴾ 24 ﴿

Transliteration

क़ा-ल अ-व लौ जिअ्तुकुम् बि-अह्दा मिम्मा वजत्तुम् अ़लैहि आबा-अकुम्, क़ालू इन्ना बिमा उर्सिल्तुम् बिही काफ़िरून

हिंदी अनुवाद

नबी ने कहाः क्या (तुम उन्हीं का अनुगमन करोगे) यद्पि मैं लाया हूँ तुम्हारे पास उससे अधिक सीधा मार्ग, जिसपर तुमने पाया है अपने पूर्वजों को? तो उन्होंने कहाः हम, जिस (धर्म) के साथ तुम भेजे गये हो, उसे मानने वाले नहीं है।

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فَانتَقَمْنَا مِنْهُمْ ۖ فَانظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِينَ ‎ ﴾ 25 ﴿

Transliteration

फ़न्त-क़म्ना मिन्हुम् फ़न्जुर् कै-फ़ का-न आ़कि-बतुल् मुकज़्ज़िबीन

हिंदी अनुवाद

अन्ततः, हमने बदला चुका लिया उनसे। तो देखो कि कैसा रहा झुठलाने वालों का दुष्परिणाम।

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وَإِذْ قَالَ إِبْرَاهِيمُ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِ إِنَّنِي بَرَاءٌ مِّمَّا تَعْبُدُونَ ‎ ﴾ 26 ﴿

Transliteration

व इज़् क़ा-ल इब्राहीमु लि-अबीहि व क़ौमिही इन्ननी बराउम् मिम्मा तअ्बुदून

हिंदी अनुवाद

तथा याद करो, जब कहा इब्राहीम ने अपने पिता तथा अपनी जाति सेः निश्चय मैं विरक्त हूँ उससे, जिसकी वंदना तुम करते हो।

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‏ إِلَّا الَّذِي فَطَرَنِي فَإِنَّهُ سَيَهْدِينِ ﴾ 27 ﴿

Transliteration

इल्लल्लज़ी फ़-त-रनी फ़-इन्नहू स-यह्दीन

हिंदी अनुवाद

उसके अतिरिक्त, जिसने मुझे पैदा किया है। वही मुझे राह दिखायेगा।

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وَجَعَلَهَا كَلِمَةً بَاقِيَةً فِي عَقِبِهِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ ‎ ﴾ 28 ﴿

Transliteration

व ज-अ़-लहा कलि मतम्-बाक़ि-यतन् फ़ी अ़क़िबिही लअ़ल्लहुम् यर्जिअून

हिंदी अनुवाद

तथा छोड़ गया वह इस बात (एकेश्वरवाद) को[1] अपनी संतान में, ताकि वे शिर्क से बचते रहें। 1. आयत 26 से 28 तक का भावार्थ यह है कि यदि तुम्हें अपने पूर्वजों ही का अनुगमन करना है तो अपने पूर्वज इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) का अनुगमन करो। जो शिर्क से विरक्त तथा एकेश्वरवादी थे। और अपनी संतान में एकेश्वरवाद (तौह़ीद) की शिक्षा छोड़ गये ताकि लोग शिर्क से बचते रहें।

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بَلْ مَتَّعْتُ هَٰؤُلَاءِ وَآبَاءَهُمْ حَتَّىٰ جَاءَهُمُ الْحَقُّ وَرَسُولٌ مُّبِينٌ ﴾ 29 ﴿

Transliteration

बल् मत्तअ्तु हाउला-इ व आबा-अहुम हत्ता जा- अहुमुल्-हक़्क़ु व रसूलुम्- मुबीन

हिंदी अनुवाद

बल्कि, मैंने इन्हें तथा इनके बाप-दादा को जीवन का सामान दिया। यहाँ तक कि आ गया उनके पास सत्य (क़ुर्आन) और एक खुला रसूल।[1] 1. अर्थात मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)।

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وَلَمَّا جَاءَهُمُ الْحَقُّ قَالُوا هَٰذَا سِحْرٌ وَإِنَّا بِهِ كَافِرُونَ ‎ ﴾ 30 ﴿

Transliteration

व लम्मा जा-अहुमुल्-हक़्क़ु क़ालू हाज़ा सिह्-रूंव् व इन्ना बिही काफ़िरून

हिंदी अनुवाद

तथा जब आ गया उनके पास सत्य, तो उन्होंने कह दिया कि ये जादू है तथा हम, इसे मानने वाले नहीं हैं।

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وَقَالُوا لَوْلَا نُزِّلَ هَٰذَا الْقُرْآنُ عَلَىٰ رَجُلٍ مِّنَ الْقَرْيَتَيْنِ عَظِيمٍ ﴾ 31 ﴿

Transliteration

व क़ालू लौ ला नुज़्ज़ि-ल हाज़ल्-कुर्आनु अ़ला रजुलिम्-मिनल क़र्-यतैनि अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

तथा उन्होंने कहा कि क्यों नहीं उतारा[1] गया ये क़ुर्आन, दो बस्तियों में से किसी बड़े व्यक्ति पर? 1. मक्का के काफ़िरों ने कहा कि यदि अल्लाह को रसूल ही भेजना था तो मक्का और ताइफ़ के नगरों में से किसी प्रधान व्यक्ति पर क़ुर्आन उतार देता। अब्दुल्लाह का अनाथ-निर्धन पुत्र मुह़म्मद तो कदापि इस के योग्य नहीं है।

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أَهُمْ يَقْسِمُونَ رَحْمَتَ رَبِّكَ ۚ نَحْنُ قَسَمْنَا بَيْنَهُم مَّعِيشَتَهُمْ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا ۚ وَرَفَعْنَا بَعْضَهُمْ فَوْقَ بَعْضٍ دَرَجَاتٍ لِّيَتَّخِذَ بَعْضُهُم بَعْضًا سُخْرِيًّا ۗ وَرَحْمَتُ رَبِّكَ خَيْرٌ مِّمَّا يَجْمَعُونَ ﴾ 32 ﴿

Transliteration

अ-हुम् यक़्सिमू-न रह्म-त रब्बि-क, नह्नु क़सम्ना बैनहुम् मई-श-तहुम् फ़िल् हयातिद्-दुन्या व रफ़अ्ना बअ्-ज़हुम् फ़ौ- क़ बअ्ज़िन् द रजातिल् – लि- यत्तख़ि-ज़ बअ्ज़ुहुम् बअ्ज़न् सुख़्-रिय्यन्, व रह्मतु रब्बि-क ख़ैरुम्-मिम्मा यज्मअून

हिंदी अनुवाद

कया वही बाँटते[1] हैं आपके पालनहार की दया? हमने बाँटी है, उनके बीच, उनकी जीविका सांसारिक जीवन में तथा हमने उच्च किया है, उनमें से एक को दूसरे पर, कई श्रेणियाँ। ताकि एक-दूसरे से सेवा कार्य लें तथा आपके पालनहार की दया[1] उससे उत्तम है, जिसे वे इकट्ठा कर रहे हैं। 1. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह ने जैसे संसारिक धन्य-धान्य में लोगों की विभिन्न श्रेणियाँ बनाई हैं उसी प्रकार नबूवत और रिसालत, जो उस की दया हैं, उन को भी जिस के लिये चाहा प्रदान किया है। 2. अर्थात प्रलोक में स्वर्ग सदाचारी भक्तों को मिलेगी।

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وَلَوْلَا أَن يَكُونَ النَّاسُ أُمَّةً وَاحِدَةً لَّجَعَلْنَا لِمَن يَكْفُرُ بِالرَّحْمَٰنِ لِبُيُوتِهِمْ سُقُفًا مِّن فِضَّةٍ وَمَعَارِجَ عَلَيْهَا يَظْهَرُونَ ‎ ﴾ 33 ﴿

Transliteration

व लौ ला अंय्यकूनन्नासु उम्म-तंव्वहि-दतल् ल-जअ़ल्ना लिमंय्यक्फ़ुरु बिर्रह्मानि लि-बुयूतिहिम् सुक़ुफम्-मिन् फ़िज़्ज़तिंव् व मआ़रि-ज अ़लैहा यज़्हरून

हिंदी अनुवाद

और यदि ये बात न होती कि सभी लोग एक ही नीति पर हो जाते, तो हम अवश्य बना देते उनके लिए, जो कुफ्र करते हैं अत्यंत कृपाशील के साथ, उनके घरों की छतें चाँदी की तथा सीढ़ियाँ जिनपर वे चढ़ते हैं।

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وَلِبُيُوتِهِمْ أَبْوَابًا وَسُرُرًا عَلَيْهَا يَتَّكِئُونَ ﴾ 34 ﴿

Transliteration

व लिबुयूतिहिम् अब्वाबंव्-व सुरुरन् अ़लैहा यत्तकिऊन

हिंदी अनुवाद

तथा उनके घरों के द्वार और तख़्त जिनपर वे तकिये लगाये[1] रहते हैं। अर्थात सब मायामोह में पड़ जाते।

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وَزُخْرُفًا ۚ وَإِن كُلُّ ذَٰلِكَ لَمَّا مَتَاعُ الْحَيَاةِ الدُّنْيَا ۚ وَالْآخِرَةُ عِندَ رَبِّكَ لِلْمُتَّقِينَ ﴾ 35 ﴿

Transliteration

व जुख़्-रुफ़न्, व इन् कुल्लु ज़ालि क लम्मा मताअुल्- हयातिद्-दुन्या, वल्- आख़िरतु अिन्- द रब्बि-क लिल्-मुत्तकीन

हिंदी अनुवाद

तथा बना देते शोभा। नहीं हैं ये सब कुछ, परन्तु सांसारिक जीवन के सामान तथा आख़िरत[1] (परलोक) आपके पालनहार के यहाँ केवल आज्ञाकारियों के लिए है। 1. भावार्थ यह है कि संसारिक धन्य-धान्य का अल्लाह के हाँ कोई महत्व नहीं है।

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وَمَن يَعْشُ عَن ذِكْرِ الرَّحْمَٰنِ نُقَيِّضْ لَهُ شَيْطَانًا فَهُوَ لَهُ قَرِينٌ ﴾ 36 ﴿

Transliteration

व मंय्यअ्शु अ्न् ज़िक्रिर्-रह्मानि नुक़य्यिज़् लहू शैतानन् फ़हु-व लहू क़रीन

हिंदी अनुवाद

और जो व्यक्ति अत्यंत कृपाशील (अल्लाह) के स्मरण से अंधा हो जाता है, तो हम उसपर एक शैतान नियुक्त कर देते हैं, जो उसका साथी हो जाता है।

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وَإِنَّهُمْ لَيَصُدُّونَهُمْ عَنِ السَّبِيلِ وَيَحْسَبُونَ أَنَّهُم مُّهْتَدُونَ ﴾ 37 ﴿

Transliteration

व इन्नहुम् ल-यसुद्द्नहुम् अ़निस्सबीलि व यह्सबू-न अन्नहुम् मुह्तदून

हिंदी अनुवाद

और वे (शैतान) उन्हें रोकते हैं सीधी राह से तथा वे समझते हैं कि वे सीधी राह पर हैं।

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حَتَّىٰ إِذَا جَاءَنَا قَالَ يَا لَيْتَ بَيْنِي وَبَيْنَكَ بُعْدَ الْمَشْرِقَيْنِ فَبِئْسَ الْقَرِينُ ﴾ 38 ﴿

Transliteration

हत्ता इज़ा जा-अना क़ा-ल या लै-त बैनी व बैन-क बुअ्दल्-मश्रिक़ैनि फ़-बिअ्सल्-क़रीन

हिंदी अनुवाद

यहाँ तक कि जब वह हमारे पास आयेगा, तो ये कामना करेगा कि मेरे तथा तेरे (शैतान के) बीच पश्चिम तथा पूर्व की दूरी होती। तू बुरा साथी है।

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‏ وَلَن يَنفَعَكُمُ الْيَوْمَ إِذ ظَّلَمْتُمْ أَنَّكُمْ فِي الْعَذَابِ مُشْتَرِكُونَ ﴾ 39 ﴿

Transliteration

व लंय्यन्फ़-अ़कुमुल्-यौ-म इज़् ज़लम्तुम् अन्नकुम् फ़िल्- अ़ज़ाबि मुश्तरिकून

हिंदी अनुवाद

(उनसे कहा जायेगाः) और तुम्हें कदापि कोई लाभ नहीं होगा आज, जबकि तुमने अत्याचार कर लिया है। वास्तव में, तुम सब यातना में साझी रहोगे।

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‏ أَفَأَنتَ تُسْمِعُ الصُّمَّ أَوْ تَهْدِي الْعُمْيَ وَمَن كَانَ فِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ ﴾ 40 ﴿

Transliteration

अ-फ़-अन्-त तुस्मिअुस्सुम्-म औ तह्दिल्-अुम्-य व मन् का-न फ़ी ज़लालिम् – मुबीन

हिंदी अनुवाद

तो (हे नबी!) क्या आप सुना लेंगे बहरों को या सीधी राह दिखा देंगे अंधों को तथा उन्हें, जो खुले कुपथ[1] में हों? 1. अर्थ यह है कि जो सच्च को न सुने तथा दिल का अंधा हो तो आप के सीधी राह दिखाने का उस पर कोई प्रभाव नहीं होगा।

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فَإِمَّا نَذْهَبَنَّ بِكَ فَإِنَّا مِنْهُم مُّنتَقِمُونَ ‎ ﴾ 41 ﴿

Transliteration

फ़-इम्मा नज़्ह-बन्-न बि-क फ़-इन्ना मिन्हुम् मुन्तक़िमून

हिंदी अनुवाद

फिर यदि हम आपको (संसार से) ले जायें, तो भी हम उनसे बदला लेने वाले हैं।

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أَوْ نُرِيَنَّكَ الَّذِي وَعَدْنَاهُمْ فَإِنَّا عَلَيْهِم مُّقْتَدِرُونَ ﴾ 42 ﴿

Transliteration

औ नूरि-यन्नकल्लज़ी व-अ़द्नाहुम् फ़-इन्ना अ़लैहिम् मुक़्तदिरून

हिंदी अनुवाद

अथवा आपको दिखा दें, जिस (यातना) का हमने उनको वचन दिया है, तो निश्चय हम उनपर सामर्थ्य रखने वाले हैं।

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فَاسْتَمْسِكْ بِالَّذِي أُوحِيَ إِلَيْكَ ۖ إِنَّكَ عَلَىٰ صِرَاطٍ مُّسْتَقِيمٍ ﴾ 43 ﴿

Transliteration

फ़स्तम्सिक् बिल्लज़ी ऊहि-य इलै-क इन्न-क अ़ला सिरातिम्- मुस्तक़ीम

हिंदी अनुवाद

तो (हे नबी!) आप दृढ़ता से पकड़े रहें उसे, जो हम आपकी ओर वह़्यी कर रहे हैं। वास्तव में, आप सीधी राह पर हैं।

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وَإِنَّهُ لَذِكْرٌ لَّكَ وَلِقَوْمِكَ ۖ وَسَوْفَ تُسْأَلُونَ ﴾ 44 ﴿

Transliteration

व इन्नहू ल-ज़िक्रुल्-ल-क व लिक़ौमि-क व सौ-फ़ तुस्अलून

हिंदी अनुवाद

निश्चय ये क़ुर्आन, आपके लिए तथा आपकी जाति के लिए एक शिक्षा[1] है और जल्द ही तुमसे प्रश्न[2] किया जायेगा। 1. इस का पालन करने के संबन्ध में। 2. पहले नबियों से पूछने का अर्थ उन की पुस्तकों तथा शिक्षाओं में यह बात देखनी है।

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وَاسْأَلْ مَنْ أَرْسَلْنَا مِن قَبْلِكَ مِن رُّسُلِنَا أَجَعَلْنَا مِن دُونِ الرَّحْمَٰنِ آلِهَةً يُعْبَدُونَ ﴾ 45 ﴿

Transliteration

वस्अल् मन् अर्सल्ना मिन् क़ब्लि-क मिर्रुसुलिना, अ-जअ़ल्ना मिन् दूनिर्रह्मानि आलि-हतंय्-युअ्बदून*

हिंदी अनुवाद

तथा हे नबी! आप पूछ लें उनसे जिन्हें हमने भेजा है, आपसे पहले, अपने रसूलों में से कि क्या हमने बनाये हैं अत्यंत कृपाशील के अतिरिक्त वंदनीय, जिनकी वंदना की जाये?

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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا مُوسَىٰ بِآيَاتِنَا إِلَىٰ فِرْعَوْنَ وَمَلَئِهِ فَقَالَ إِنِّي رَسُولُ رَبِّ الْعَالَمِينَ ﴾ 46 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् अर्सल्ना मूसा बिआयातिना इला फिर्-औ़-न व म-लइही फ़क़ा-ल इन्नी रसूलु रब्बिल्-आ़लमीन

हिंदी अनुवाद

तथा हमने भेजा मूसा को अपनी निशानियों के साथ फ़िरऔन और उसके प्रमुखों की ओर। तो उसने कहाः वास्तव में, मैं सर्वलोक के पालनहार का रसूल हूँ।

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فَلَمَّا جَاءَهُم بِآيَاتِنَا إِذَا هُم مِّنْهَا يَضْحَكُونَ ﴾ 47 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा जा-अहुम् बिआयातिना इज़ा हुम् मिन्हा यज़्हकून

हिंदी अनुवाद

और जब वह उनके पास लाया हमारी निशानियाँ, तो सहसा वे उनकी हँसी उड़ाने लगे।

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وَمَا نُرِيهِم مِّنْ آيَةٍ إِلَّا هِيَ أَكْبَرُ مِنْ أُخْتِهَا ۖ وَأَخَذْنَاهُم بِالْعَذَابِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ ﴾ 48 ﴿

Transliteration

व मा नुरीहिम् मिन् आ-यतिन् इल्ला हि-य अक्बरु मिन् उख़्तिहा व अख़ज़्नाहुम् बिल्अ़ज़ाबि लअ़ल्लहुम् यर्जिअून

हिंदी अनुवाद

तथा हम उन्हें एक से बढ़ कर एक निशानी दिखाते रहे और हमने पकड़ लिया उन्हें यातना में, ताकि वे (ठट्ठा) से रुक जायें।

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‏ وَقَالُوا يَا أَيُّهَ السَّاحِرُ ادْعُ لَنَا رَبَّكَ بِمَا عَهِدَ عِندَكَ إِنَّنَا لَمُهْتَدُونَ ﴾ 49 ﴿

Transliteration

व क़ालू या अय्युहस्-साहिरुद्अु लना रब्ब-क बिमा अ़हि-द अिन्द-क इन्नना ल-मुह्तदून

हिंदी अनुवाद

और उन्होंने कहाः हे जादूगर! प्रार्थना कर हमारे लिए अपने पालनहार से, उस वचन के आधार पर, जो तुझसे किया है। वास्तव में, हम सीधी राह पर आ जायेंगे।

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فَلَمَّا كَشَفْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ إِذَا هُمْ يَنكُثُونَ ﴾ 50 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा कशफ़्ना अ़न्हुमुल्-अ़ज़ा-ब इज़ा हुम् यन्कुसून

हिंदी अनुवाद

तो जैसे ही हमने दूर की उनसे यातना, तो वे सहसा वचन तोड़ने लगे।

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وَنَادَىٰ فِرْعَوْنُ فِي قَوْمِهِ قَالَ يَا قَوْمِ أَلَيْسَ لِي مُلْكُ مِصْرَ وَهَٰذِهِ الْأَنْهَارُ تَجْرِي مِن تَحْتِي ۖ أَفَلَا تُبْصِرُونَ ﴾ 51 ﴿

Transliteration

व नादा फिर्औनु फ़ी क़ौमिही क़ा-ल या क़ौमि अलै-स ली मुल्कु मिस्-र व हाज़ि हिल-अन्हारु तज्रि मिन् तह्ती अ- फ़ला तुब्सिरून

हिंदी अनुवाद

तथा पुकारा फ़िरऔन ने अपनी जाति में। उसने कहाः हे मेरी जाति! क्या नहीं है मेरे लिए मिस्र का राज्य तथा ये नहरें, जो बह रही हैं मेरे नीचे से? तो क्या तुम देख नहीं रहे हो?

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أَمْ أَنَا خَيْرٌ مِّنْ هَٰذَا الَّذِي هُوَ مَهِينٌ وَلَا يَكَادُ يُبِينُ ‎ ﴾ 52 ﴿

Transliteration

अम् अ-न ख़ैरुम् मिन् हाज़ल्लज़ी हु-व महीनुंव-व ला यकादु युबीन

हिंदी अनुवाद

मैं अच्छा हूँ या वह जो अपमानित (हीन) है और खुलकर बोल भी नहीं सकता?

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فَلَوْلَا أُلْقِيَ عَلَيْهِ أَسْوِرَةٌ مِّن ذَهَبٍ أَوْ جَاءَ مَعَهُ الْمَلَائِكَةُ مُقْتَرِنِينَ ﴾ 53 ﴿

Transliteration

फ़-लौ ला उल्क़ि-य अ़लैहि अस्वि-रतुम् मिन् ज़-हबिन् औ जा-अ म अ़हुल् मलाइ-कतु मुक़्तरिनीन

हिंदी अनुवाद

क्यों नहीं उतारे गये उसपर सोने के कंगन अथवा आये फ़रिश्ते उसके साथ पंक्ति बाँधे हुए?[1] 1. अर्थात यदि मूसा (अलैहिस्सलाम) अल्लाह का रसूल होता तो उस के पास राज्य, और हाथों में सोने के कंगन तथा उस की रक्षा के लिये फ़रिश्तों को उस के साथ रहना चाहिये था। जैसे मेरे पास राज्य, हाथों में सोने के कंगन तथा सुरक्षा के लिये सेना है।

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فَاسْتَخَفَّ قَوْمَهُ فَأَطَاعُوهُ ۚ إِنَّهُمْ كَانُوا قَوْمًا فَاسِقِينَ ﴾ 54 ﴿

Transliteration

फ़स्तख़फ़्-फ़ क़ौमहू फ़-अताअूहु, इन्नहुम् कानू क़ौमन् फ़ासिकी-न

हिंदी अनुवाद

तो उसने झाँसा दे दिया अपनी जाति को और सबने उसकी बात मान ली। वास्तव में, वे थे ही अवज्ञाकारी लोग।

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فَلَمَّا آسَفُونَا انتَقَمْنَا مِنْهُمْ فَأَغْرَقْنَاهُمْ أَجْمَعِينَ ‎ ﴾ 55 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा आ-सफ़ूनन्- त-क़म्ना मिन्हुम् फ़-अग़्रक़्नाहुम् अज्मईन

हिंदी अनुवाद

फिर जब उन्होंने हमें क्रोधित कर दिया, तो हमने उनसे बदला ले लिया और सबको डुबो दिया।

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‏ فَجَعَلْنَاهُمْ سَلَفًا وَمَثَلًا لِّلْآخِرِينَ ﴾ 56 ﴿

Transliteration

फ़-जअ़ल्लाहुम् स-लफ़ंव्-व म- सलल्-लिल्आख़िरीन

हिंदी अनुवाद

और बना दिया हमने उनको गया-गुज़रा और एक उदाहरण, पश्चात् के लोगों के लिए।

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وَلَمَّا ضُرِبَ ابْنُ مَرْيَمَ مَثَلًا إِذَا قَوْمُكَ مِنْهُ يَصِدُّونَ ﴾ 57 ﴿

Transliteration

व लम्मा ज़ुरिबब्नु मर्य-म म-सलन् इज़ा क़ौमु-क मिन्हु यसिद् दून

हिंदी अनुवाद

तथा जब दिया गया मर्यम के पुत्र का[1] उदाहरण, तो सहसा आपकी जाति उससे प्रसन्न होकर शोर मचाने लगी। 1. आयत संख्या 45 में कहा है कि पहले नबियों की शिक्षा पढ़ कर देखो कि क्या किसी ने यह आदेश दिया है कि अल्लाह अत्यंत कृपाशील के सिवा दूसरों की इबादत की जाये? इस पर मुश्रिकों ने कहा कि ईसा (अलैहिस्सलाम) की इबादत क्यों की जाती है? क्या हमारे पूज्य उन से कम हैं?

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وَقَالُوا أَآلِهَتُنَا خَيْرٌ أَمْ هُوَ ۚ مَا ضَرَبُوهُ لَكَ إِلَّا جَدَلًا ۚ بَلْ هُمْ قَوْمٌ خَصِمُونَ ﴾ 58 ﴿

Transliteration

व क़ालू अ-आलि-हतुना ख़ैरुन् अम् हु-व, मा ज़-रबूहु ल-क इल्ला ज-दलन्, बल् हुम् क़ौमुन् ख़सिमून

हिंदी अनुवाद

तथा मुश्रिकों ने कहा कि हमारे देवता अच्छे हैं या वे? उन्होंने नहीं दिया ये (उदाहरण) आपको, परन्तु कुतर्क (झगड़ने) के लिए। बल्कि, वे हैं ही बड़े झगड़ालू लोग।

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‏ إِنْ هُوَ إِلَّا عَبْدٌ أَنْعَمْنَا عَلَيْهِ وَجَعَلْنَاهُ مَثَلًا لِّبَنِي إِسْرَائِيلَ ‎ ﴾ 59 ﴿

Transliteration

इन् हु-व इल्ला अ़ब्दुन् अन्अ़म्ना अ़लैहि व ज-अ़ल्नाहु म-सलल्-लि-बनी इस्राईल

हिंदी अनुवाद

नहीं है वह[1] (ईसा), परन्तु एक भक्त (दास) जिसपर हमने उपकार किया तथा उसे इस्राईल की संतान के लिए एक आदर्श बनाया। 1. इस आयत में बताया जा रहा है कि यह मुश्रिक ईसा (अलैहिस्सलाम) के उदाहरण पर बड़ा शोर मचा रहे हैं। और उसे कुतर्क स्वरूप प्रस्तुत कर रहे हैं। जब कि वह पूज्य नहीं, अल्लाह के दास हैं। जिन पर अल्लाह ने पुरस्कार किया और इस्राईल की संतान के लिये एक आदर्श बना दिया।

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وَلَوْ نَشَاءُ لَجَعَلْنَا مِنكُم مَّلَائِكَةً فِي الْأَرْضِ يَخْلُفُونَ ﴾ 60 ﴿

Transliteration

व लौ नशा-उ ल-जअ़ल्ना मिन्कुम् मलाइ-कतन् फ़िल्अर्ज़ि यख़्लुफ़ून

हिंदी अनुवाद

और यदि हम चाहते, तो बना देते तुम्हारे बदले फ़रिश्ते धरती में, जो एक-दूसरे का स्थान लेते।

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وَإِنَّهُ لَعِلْمٌ لِّلسَّاعَةِ فَلَا تَمْتَرُنَّ بِهَا وَاتَّبِعُونِ ۚ هَٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِيمٌ ﴾ 61 ﴿

Transliteration

व इन्नहू ल-अिल्मुल्-लिस्सा-अ़ति फ़ला तम्तरुन्-न बिहा वत्तबिअूनि, हाज़ा सिरातुम्-मुस्तक़ीम

हिंदी अनुवाद

तथा वास्तव में, वह (ईसा) एक बड़ा लक्षण[1] हैं प्रलय का। अतः, कदापि संदेह न करो प्रलय के विषय में और मेरी ही बात मानो। यही सीधी राह है। 1. ह़दीस शरीफ़ में आया है प्रलय की बड़ी दस निशानियों में से ईसा (अलैहिस्सलाम) का आकाश से उतरना भी एक निशानी है। (सह़ीह़ मुस्लिमः 2901)

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وَلَا يَصُدَّنَّكُمُ الشَّيْطَانُ ۖ إِنَّهُ لَكُمْ عَدُوٌّ مُّبِينٌ ﴾ 62 ﴿

Transliteration

व ला यसुद्दन्नकुमुश् – शैतानु इन्नहू लकुम् अ़दुव्युम्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

तथा तुम्हें कदापि न रोक दे शैतान। निश्चय वह तुम्हारा खुला शत्रु है।

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وَلَمَّا جَاءَ عِيسَىٰ بِالْبَيِّنَاتِ قَالَ قَدْ جِئْتُكُم بِالْحِكْمَةِ وَلِأُبَيِّنَ لَكُم بَعْضَ الَّذِي تَخْتَلِفُونَ فِيهِ ۖ فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ ﴾ 63 ﴿

Transliteration

व लम्मा जा-अ ईसा बिल्बय्यिनाति क़ा-ल क़द् जिअ्तुकुम् बिल्-हिक्मति व लि-उबय्यि-न लकुम् बअ्ज़ल्लज़ी तख़्तलिफ़ू-न फ़ीहि फ़त्तक़ुल्ला-ह व अ़तीअून

हिंदी अनुवाद

और जब आ गया ईसा खुली निशानियाँ लेकर, तो कहाः मैं लाया हूँ तुम्हारे पास ज्ञान और ताकि उजागर कर दूँ तुम्हारे लिए वह कुछ बातें, जिनमें तुम विभेद कर रहे हो। अतः, अल्लाह से डरो और मेरा ही कहा मानो।

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إِنَّ اللَّهَ هُوَ رَبِّي وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوهُ ۚ هَٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِيمٌ ﴾ 64 ﴿

Transliteration

इन्नल्ला-ह हु-व रब्बी व रब्बुकुम् फ़अ्बुदूहु, हाज़ा सिरातुम्-मुस्तक़ीम

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, अल्लाह ही मेरा पालनहार तथा तुम्हारा पालनहार है। अतः, उसी की वंदना (इबादत) करो यही सीधी राह है।

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فَاخْتَلَفَ الْأَحْزَابُ مِن بَيْنِهِمْ ۖ فَوَيْلٌ لِّلَّذِينَ ظَلَمُوا مِنْ عَذَابِ يَوْمٍ أَلِيمٍ ﴾ 65 ﴿

Transliteration

फ़ख़्त-लफ़ल्-अह्ज़ाबु मिम्-बैनिहिम् फ़वैलुल्-लिल्लज़ी-न ज़-लमू मिन् अ़ज़ाबि यौमिन् अलीम

हिंदी अनुवाद

फिर विभेद कर लिया गिरोहों[1] ने आपस में। तो विनाश है उनके लिए जिन्होंने अत्याचार किया, दुःखदायी दिन की यातना से। 1. इस्राईली समुदायों में कुछ ने ईसा (अलैहिस्सलाम) को अल्लाह का पुत्र, किसी ने प्रभु तथा किसी ने उसे तीन का तीसरा (तीन खुदाओं में से एक) कहा। केवल एक ही समुदाय ने उन्हें अल्लाह का भक्त तथा नबी माना।

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هَلْ يَنظُرُونَ إِلَّا السَّاعَةَ أَن تَأْتِيَهُم بَغْتَةً وَهُمْ لَا يَشْعُرُونَ ﴾ 66 ﴿

Transliteration

हल् यन्ज़ुरू-न इल्लस्सा-अ़-त अन् तअ्ति-यहुम् बग़्-ततंव् व हुम् ला यश्अुरून

हिंदी अनुवाद

क्या वे बस इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं कि प्रलय उनपर सहसा आ पड़े और उन्हें (उसका) संवेदन (भी) न हो?

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الْأَخِلَّاءُ يَوْمَئِذٍ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ إِلَّا الْمُتَّقِينَ ﴾ 67 ﴿

Transliteration

अल्-अख़िल्ला-उ यौमइज़िम्-बअ्ज़ुहुम् लिबअ्ज़िन् अ़दुव्वुन् इल्लल्-मुत्तक़ीन

हिंदी अनुवाद

सभी मित्र उस दिन एक-दूसरे के शत्रु हो जायेंगे, आज्ञाकारियों के सिवा।

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يَا عِبَادِ لَا خَوْفٌ عَلَيْكُمُ الْيَوْمَ وَلَا أَنتُمْ تَحْزَنُونَ ﴾ 68 ﴿

Transliteration

या अिबादि ला ख़ौफ़ुन् अ़लैकुमुल्-यौ-म व ला अन्तुम् तह्ज़नून

हिंदी अनुवाद

हे मेरे भक्तो! कोई भय नहीं है तुमपर आज और न तुम उदासीन होगे।

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الَّذِينَ آمَنُوا بِآيَاتِنَا وَكَانُوا مُسْلِمِينَ ﴾ 69 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न आमनू बिआयातिना व कानू मुस्लिमीन

हिंदी अनुवाद

जो ईमान लाये हमारी आयतों पर तथा आज्ञाकारी बनकर रहे।

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ادْخُلُوا الْجَنَّةَ أَنتُمْ وَأَزْوَاجُكُمْ تُحْبَرُونَ ‎ ﴾ 70 ﴿

Transliteration

उद्खुलुल्-जन्न-त अन्तुम् व अज़्वाजुकुम् तुह्बरून

हिंदी अनुवाद

प्रवेश कर जाओ स्वर्ग में, तुम तथा तुम्हारी पत्नियाँ। तुम्हें प्रसन्न रखा जायेगा

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يُطَافُ عَلَيْهِم بِصِحَافٍ مِّن ذَهَبٍ وَأَكْوَابٍ ۖ وَفِيهَا مَا تَشْتَهِيهِ الْأَنفُسُ وَتَلَذُّ الْأَعْيُنُ ۖ وَأَنتُمْ فِيهَا خَالِدُونَ ﴾ 71 ﴿

Transliteration

युताफ़ु अ़लैहिम् बिसिहाफ़िम्-मिन् ज़-हबिंव्-व अक्वाबिन् व फ़ीहा मा तश्तहीहिल्-अन्फ़ुसु व त-लज़्ज़ुल्- अअ्युनु व अन्तुम् फ़ीहा ख़ालिदून

हिंदी अनुवाद

फिरायी जायेंगी उनपर सोने की थालें तथा प्याले और उसमें वह सब कुछ होगा, जिसे उनका मन चाहेगा और जिसे उनकी आँखें देखकर आनन्द लेंगी और तुमसब उसमें सदैव रहोगे।

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وَتِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِي أُورِثْتُمُوهَا بِمَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ ﴾ 72 ﴿

Transliteration

व तिल्कल जन्नतुल्लती ऊरिस्तुमूहा बिमा कुन्तुम तअमलून

हिंदी अनुवाद

और ये स्वर्ग है, जिसके तुम उत्तराधिकारी बनाये गये हो, अपने कर्मों के बदले, जो तुम कर रहे थे।

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لَكُمْ فِيهَا فَاكِهَةٌ كَثِيرَةٌ مِّنْهَا تَأْكُلُونَ ﴾ 73 ﴿

Transliteration

लकुम् फ़ीहा फ़ाकि-हतुन् कसी-रतुम् मिन्हा तअ्कुलून

हिंदी अनुवाद

तुम्हारे लिए इसमें बहुत-से मेवे हैं जिनमें से तुम खाते रहोगे।

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إِنَّ الْمُجْرِمِينَ فِي عَذَابِ جَهَنَّمَ خَالِدُونَ ﴾ 74 ﴿

Transliteration

इन्नल्-मुज्रिमी-न फ़ी अ़ज़ाबि जहन्न-म ख़ालिदून

हिंदी अनुवाद

निःसंदेह अपराधी नरक की यातना में सदावासी होंगे।

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‏ لَا يُفَتَّرُ عَنْهُمْ وَهُمْ فِيهِ مُبْلِسُونَ ﴾ 75 ﴿

Transliteration

ला युफ़त्-तरु अ़न्हुम् व हुम् फ़ीहि मुब्लिसून

हिंदी अनुवाद

उनसे (यातना) हल्की नहीं की जायेगी तथा वे उसमें निराश होंगे।

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وَمَا ظَلَمْنَاهُمْ وَلَٰكِن كَانُوا هُمُ الظَّالِمِينَ ﴾ 76 ﴿

Transliteration

व मा ज़लम्नाहुम् व लाकिन् कानू हुमुज़्ज़लिमीन

हिंदी अनुवाद

और हमने अत्याचार नहीं किया उनपर, परन्तु वही अत्याचारी थे।

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وَنَادَوْا يَا مَالِكُ لِيَقْضِ عَلَيْنَا رَبُّكَ ۖ قَالَ إِنَّكُم مَّاكِثُونَ ‎ ﴾ 77 ﴿

Transliteration

व नादौ या मालिक़ु लि- यक्ज़ि अ़लैना रब्बु-क, क़ा-ल इन्नकुम् माकिसून

हिंदी अनुवाद

तथा वे पुकारेंगे कि हे मालिक![1] हमारा काम ही तमाम कर दे तेरा परालनहार। वह कहेगाः तुम्हें इसी दशा में रहना है। 1. मालिक, नरक के अधिकारी फ़रिश्ते का नाम है।

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لَقَدْ جِئْنَاكُم بِالْحَقِّ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَكُمْ لِلْحَقِّ كَارِهُونَ ﴾ 78 ﴿

Transliteration

ल-क़द् जिअ्नाकुम् बिल्हक़्क़ि व लाकिन् न अक्स रकुम् लिल्हक़्क़ि कारिहून

हिंदी अनुवाद

(अल्लाह कहेगाः) हम तुम्हारे पास सत्य[1] लाये, किन्तु तुममें से अधिक्तर को सत्य अप्रिय था। 1. अर्थात नबियों द्वारा।

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أَمْ أَبْرَمُوا أَمْرًا فَإِنَّا مُبْرِمُونَ ﴾ 79 ﴿

Transliteration

अम् अब्रमू अम्रन् फ़-इन्ना मुब्रिमून

हिंदी अनुवाद

क्या उन्होंने किसी बात का निर्णय कर लिया है?[1] तो हम भी निर्णय कर देंगे।[2] 1. अर्थात सत्य के इन्कार का। 2. अर्थात उन्हें यातना देने का।

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أَمْ يَحْسَبُونَ أَنَّا لَا نَسْمَعُ سِرَّهُمْ وَنَجْوَاهُم ۚ بَلَىٰ وَرُسُلُنَا لَدَيْهِمْ يَكْتُبُونَ ﴾ 80 ﴿

Transliteration

अम् यह्सबू-न अन्ना ला नस्मअु सिर्रहुम् व नज्वाहुम्, बला व रुसुलुना लदैहिम् यक्तुबून

हिंदी अनुवाद

क्या वे समझते हैं कि हम नहीं सुनते हैं उनकी गुप्त बातों तथा प्रामर्श को? क्यों नहीं, बल्कि हमारे फ़रिश्ते उनके पास ही लिख रहे हैं।

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قُلْ إِن كَانَ لِلرَّحْمَٰنِ وَلَدٌ فَأَنَا أَوَّلُ الْعَابِدِينَ ﴾ 81 ﴿

Transliteration

क़ुल् इन् का-न लिर्रह्मानि व-लदुन् फ़-अ-न अव्वलुल्- आ़बिदीन

हिंदी अनुवाद

(हे नबी!) आप उनसे कह दें कि यदि अत्यंत कृपाशील (अल्लाह) की कोई संतान होती, तो सबसे पहले मैं उसका पुजारी होता।

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سُبْحَانَ رَبِّ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا يَصِفُونَ ﴾ 82 ﴿

Transliteration

सुब्हा-न रब्बिस्समावाति वल्अर्ज़ि रब्बिल् अ़र्शि अ़म्मा यसिफ़ून

हिंदी अनुवाद

पवित्र है आकाशों तथा धरती का पालनहार, सिंहासन का स्वामी उन बातों से, जो वे कहते हैं!

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فَذَرْهُمْ يَخُوضُوا وَيَلْعَبُوا حَتَّىٰ يُلَاقُوا يَوْمَهُمُ الَّذِي يُوعَدُونَ ‎ ﴾ 83 ﴿

Transliteration

फ़-ज़र्हुम् यख़ूज़ू व यल्अ़बू हत्ता युलाक़ू यौमहुमुल्लज़ी यू- अ़दून

हिंदी अनुवाद

तो आप उन्हें छोड़ दें, वे वाद-विवाद तथा खेल-कूद करते रहें, यहाँ तक कि अपने उस दिन से मिल जायें, जिससे उन्हें डराया जा रहा है।

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وَهُوَ الَّذِي فِي السَّمَاءِ إِلَٰهٌ وَفِي الْأَرْضِ إِلَٰهٌ ۚ وَهُوَ الْحَكِيمُ الْعَلِيمُ ‎ ﴾ 84 ﴿

Transliteration

व हुवल्लज़ी फ़िस्समा-इ इलाहुंव्-व फ़िल्अर्ज़ि इलाहुन्, व हुवल् हकीमुल् अ़लीम

हिंदी अनुवाद

वही है, जो आकाश में वंदनीय और धरती में वंदनीय है और वही ह़िक्मत और ज्ञान वाला है।

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وَتَبَارَكَ الَّذِي لَهُ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا وَعِندَهُ عِلْمُ السَّاعَةِ وَإِلَيْهِ تُرْجَعُونَ ﴾ 85 ﴿

Transliteration

व तबा-रकल्लज़ी लहू मुल्कुस्समावाति वल्अर्ज़ि व मा बैनहुमा व अिन्दहू अिल्मुस्सा- अ़ति व इलैहि तुर्जअून

हिंदी अनुवाद

शुभ है वह, जिसके अधिकार में आकाशों तथा धरती का राज्य है तथा जो कुछ दोनों के मध्य है तथा उसी के पास प्रलय का ज्ञान है और उसी की ओर तुमसब प्रत्यागत किये जाओगे।

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وَلَا يَمْلِكُ الَّذِينَ يَدْعُونَ مِن دُونِهِ الشَّفَاعَةَ إِلَّا مَن شَهِدَ بِالْحَقِّ وَهُمْ يَعْلَمُونَ ﴾ 86 ﴿

Transliteration

व ला यम्लिकुल्- लज़ी-न यद्अू-न मिन् दूनिहिश्- शफ़ा-अ़-त इल्ला मन् शहि-द बिल्हक़्क़ि व हुम् यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

तथा नहीं अधिकार रखते हैं, जिन्हें वे पुकारते हैं अल्लाह के अतिरिक्त, सिफ़ारिश का। हाँ, (सिफ़ारिश के योग्य वे हैं) जो सत्य[1] की गवाही दें और (उसे) जानते भी हों। 1. सत्य से अभिप्राय धर्म-सूत्र "ला इलाहा इल्लल्लाह" है। अर्थात जो इसे जान-बूझ कर स्वीकार करते हों तो शफ़ाअत उन्हीं के लिये होगी। उन काफ़िरों के लिये नहीं जो मूर्तियों को पुकारते हैं। अथवा इस से अभिप्राय यह है कि सिफ़ारिश का अधिकार उन को मिलेगा जिन्हों ने सत्य को स्वीकार किया है। जैसे अम्बिया, धर्मात्मा तथा फ़रिश्तों को, न की झूठे उपास्यों को जिन को मुश्रिक अपना सिफ़ारिशी समझते हैं।

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وَلَئِن سَأَلْتَهُم مَّنْ خَلَقَهُمْ لَيَقُولُنَّ اللَّهُ ۖ فَأَنَّىٰ يُؤْفَكُونَ ﴾ 87 ﴿

Transliteration

व ल-इन स-अल्-तहुम् मन् ख़-ल-क़हुम ल-यक़ूलुन्नल्लाहु फ़-अन्ना युअ्फ़कून

हिंदी अनुवाद

और यदि आप उनसे प्रश्न करें कि किसने पैदा किया है उन्हें? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। तो फिर वे कहाँ फिरे जा रहे हैं?[1] 1. अर्थात अल्लाह की उपासना से।

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وَقِيلِهِ يَا رَبِّ إِنَّ هَٰؤُلَاءِ قَوْمٌ لَّا يُؤْمِنُونَ ﴾ 88 ﴿

Transliteration

व क़ीलिही या रब्बि इन्-न हा उला-इ क़ौमुल्ला युअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

तथा रसूल की ये बात कि, हे मेरे पालनहार! ये वे लोग हैं, जो ईमान नहीं लाते।

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فَاصْفَحْ عَنْهُمْ وَقُلْ سَلَامٌ ۚ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ ﴾ 89 ﴿

Transliteration

फ़स्फ़ह् अ़न्हुम् व क़ुल् सलामुन्, फ़सौ-फ़ यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

तो आप उनसे विमुख हो जायें तथा कह दें कि सलाम[1] है। शीघ्र ही उन्हें ज्ञान हो जायेगा। 1. अर्थात उन से न उलझें।

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