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कुरआन मजीद

Quran in Hindi

11. सूरह हूद 1-123

यह सूरह मक्की है, इस में 123 आयतें हैं।


सूरह हुद | Surah Hud in Hindi

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

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الر ۚ كِتَابٌ أُحْكِمَتْ آيَاتُهُ ثُمَّ فُصِّلَتْ مِن لَّدُنْ حَكِيمٍ خَبِيرٍ ﴾ 1 ﴿

Transliteration

अलिफ्-लाम्-रा, किताबुन् उह्किमत् आयातुहू सुम्-म फुस्सिलत् मिल्लदुन् हकीमिन् ख़बीर

हिंदी अनुवाद

अलिफ, लाम, रा। ये पुस्तक है, जिसकी आयतें सुदृढ़ की गयीं, फिर सविस्तार वर्णित की गयी हैं, उसकी ओर से, जो तत्वज्ञ, सर्वसूचित है।

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أَلَّا تَعْبُدُوا إِلَّا اللَّهَ ۚ إِنَّنِي لَكُم مِّنْهُ نَذِيرٌ وَبَشِيرٌ ﴾ 2 ﴿

Transliteration

अल-ला तअ्बुदू इल्लल्ला-ह, इन्ननी लकुम् मिन्हु नज़ीरूंव्-व बशीर

हिंदी अनुवाद

कि अल्लाह के सिवा किसी की इबादत (वंदना) न करो। वास्तव में, मैं उसकी ओर से तुम्हें सचेत करने वाला तथा शुभ सूचना देने वाला हूँ।

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وَأَنِ اسْتَغْفِرُوا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوبُوا إِلَيْهِ يُمَتِّعْكُم مَّتَاعًا حَسَنًا إِلَىٰ أَجَلٍ مُّسَمًّى وَيُؤْتِ كُلَّ ذِي فَضْلٍ فَضْلَهُ ۖ وَإِن تَوَلَّوْا فَإِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ كَبِيرٍ ﴾ 3 ﴿

Transliteration

व अनिस्तग़्फिरू रब्बकुम् सुम्-म तूबू इलैहि युमत्तिअ्कुम् मताअ़न् ह-सनन् इला अ-जलिम् मुसम्मंव् व युअ्ति कुल-ल ज़ी फ़ज़्लिन् फ़ज़्लहू, व इन् तवल्लौ फ़-इन्नी अख़ाफु अ़लैकुम् अ़ज़ा-ब यौमिन् कबीर

हिंदी अनुवाद

और ये है कि अपने पालनहार से क्षमा याचना करो, फिर उसी की ओर ध्यानमग्न हो जाओ। वह तुम्हें एक निर्धारित अवधि तक अच्छा लाभ पहुँचाएगा और प्रत्येक श्रेष्ठ को उसकी श्रेष्ठता प्रदान करेगा और यदि तुम मुँह फेरोगे, तो मैं तुमपर एक बड़े दिन की यातना से डरता हूँ।

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‏ إِلَى اللَّهِ مَرْجِعُكُمْ ۖ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ ﴾ 4 ﴿

Transliteration

इलल्लाहि मर्जिअुकुम्, व हु-व अला कुल्लि शैइन् क़दीर

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही की ओर तुमसब को पलटना है और वह जो चाहे, कर सकता है।

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أَلَا إِنَّهُمْ يَثْنُونَ صُدُورَهُمْ لِيَسْتَخْفُوا مِنْهُ ۚ أَلَا حِينَ يَسْتَغْشُونَ ثِيَابَهُمْ يَعْلَمُ مَا يُسِرُّونَ وَمَا يُعْلِنُونَ ۚ إِنَّهُ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ ﴾ 5 ﴿

Transliteration

अला इन्नहुम् यस्-नून सुदू-रहुम् लियस्तख़्फू मिन्हु, अला ही-न यस्त़ग़्शू-न सियाबहुम्, यअ्लमु मा युसिर्रू-न व मा युअ्लिनू-न, इन्नहू अ़लीमुम्-बिज़ातिस्सुदूर

हिंदी अनुवाद

सुनो! ये लोग अपने सीनों को मोड़ते हैं, ताकि उस[1] से छुप जायेँ, सुनो! जिस समय वे अपने कपड़ों से स्वयं को ढाँपते हैं, तबभी वह (अल्लाह) उनके छुपे को जानता है तथा उनके खुले को भी। वास्तव में, वह उसे भी भली-भाँति जानने वाला[1] है, जो सीनों में (भेद) है। 1. अर्थात अल्लाह से। 2. आयत का भावार्थ यह है कि मिश्रणवादी अपने दिलों में कुफ़्र को यह समझ कर छुपाते हैं कि अल्लाह उसे नहीं जानेगा। जब कि वह उन के खुले छुपे और उन के दिलों के भेदों तक को जानता है।

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وَمَا مِن دَابَّةٍ فِي الْأَرْضِ إِلَّا عَلَى اللَّهِ رِزْقُهَا وَيَعْلَمُ مُسْتَقَرَّهَا وَمُسْتَوْدَعَهَا ۚ كُلٌّ فِي كِتَابٍ مُّبِينٍ ﴾ 6 ﴿

Transliteration

व मा मिन् दाब्बतिन् फ़िल्अर्ज़ि इल्ला अ़लल्लाहि रिज़्क़ुहा व यअ्लमु मुस्तक़र्रहा व मुस्तौद-अ़हा, कुल्लुन् फ़ी किताबिम् मुबीन

हिंदी अनुवाद

और धरती में कोई चलने वाला नहीं है, परन्तु उसकी जीविका अल्लाह के ऊपर है तथा वह उसके स्थायी स्थान तथा सौंपने के स्थान को जानता है। सबकुछ एक खुली पुस्तक में अंकित है[1]1. अर्थात अल्लाह, प्रत्येक व्यक्ति की जीवन-मरण आदि की सब दशाओं से अवगत है।

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وَهُوَ الَّذِي خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ فِي سِتَّةِ أَيَّامٍ وَكَانَ عَرْشُهُ عَلَى الْمَاءِ لِيَبْلُوَكُمْ أَيُّكُمْ أَحْسَنُ عَمَلًا ۗ وَلَئِن قُلْتَ إِنَّكُم مَّبْعُوثُونَ مِن بَعْدِ الْمَوْتِ لَيَقُولَنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا إِنْ هَٰذَا إِلَّا سِحْرٌ مُّبِينٌ ﴾ 7 ﴿

Transliteration

व हुवल्लज़ी ख़-लक़स्-समावाति वल्अर्-ज़ फ़ी सित्तति अय्यामिंव्-व का-न अरशुहू अलल्मा-इ लि-यब्लुवकुम् अय्युकुम् अह्सनु अ-मलन्, व ल-इन् क़ुल्-त इन्नकुम् मब्अूसू-न मिम्-बअ्दिल्-मौति ल-यक़ूलन्नल्लज़ी-न क-फरू इन् हाज़ा इल्ला सिहरूम्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

और वही है, जिसने आकाशों तथा धरती की उत्पत्ति छः दिनों में की। उस समय उसका सिंहासन जल पर था, ताकि तुम्हारी परीक्षा ले कि तुममें किसका कर्म सबसे उत्तम है। और (हे नबी!) यदि आप, उनसे कहें कि वास्तव में तुम सभी मरण के पश्चात् पुनः जीवित किये जाओगे, तो जो काफ़िर हो गये, अवश्य कह देंगे कि ये तो केवल खुला जादू है।

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وَلَئِنْ أَخَّرْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ إِلَىٰ أُمَّةٍ مَّعْدُودَةٍ لَّيَقُولُنَّ مَا يَحْبِسُهُ ۗ أَلَا يَوْمَ يَأْتِيهِمْ لَيْسَ مَصْرُوفًا عَنْهُمْ وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ ‎ ﴾ 8 ﴿

Transliteration

व ल-इन् अख़्ख़रना अन्हुमुल्-अ़ज़ा-ब इला उम्मतिम् मअ्दूदतिल्-ल यक़ूलुन्-न मा यह़्बिसुहू, अला यौ-म यअ्तीहिम् लै-स मस्रूफन् अन्हुम् व हा-क़ बिहिम् मा कानू बिही यस्तह्ज़िऊन *

हिंदी अनुवाद

और यदि, हम उनसे यातना में किसी विशेष अवधि तक देर कर दें, तो अवश्य कहेंगे कि उसे क्या चीज़ रोक रही है? सुन लो! वह जिस दिन उनपर आ जायेगी, तो उनसे फिरेगी नहीं और उन्हें वह (यातना) घेर लेगी, जिसकी वे हँसी उड़ा रहे थे।

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وَلَئِنْ أَذَقْنَا الْإِنسَانَ مِنَّا رَحْمَةً ثُمَّ نَزَعْنَاهَا مِنْهُ إِنَّهُ لَيَئُوسٌ كَفُورٌ ﴾ 9 ﴿

Transliteration

व ल-इन् अज़क़्नल इन्सा-न मिन्ना रह्-मतन् सुम्-म न-ज़अ्नाहा मिन्हु, इन्नहू ल-यऊसुन् कफूर

हिंदी अनुवाद

और यदि, हम मनुष्य को अपनी कुछ दया चखा दें, फिर उसे उससे छीन लें, तो हताशा कृतघ्न हो जाता है।

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وَلَئِنْ أَذَقْنَاهُ نَعْمَاءَ بَعْدَ ضَرَّاءَ مَسَّتْهُ لَيَقُولَنَّ ذَهَبَ السَّيِّئَاتُ عَنِّي ۚ إِنَّهُ لَفَرِحٌ فَخُورٌ ﴾ 10 ﴿

Transliteration

व ल-इन् अज़क़्नाहु नअ्मा-अ बअ्द ज़र्रा-अ मस्सत्हु ल-यक़ूलन्-न ज़-हबस्सय्यिआतु अ़न्नी इन्नहू ल-फ़रिहुन् फ़खूर

हिंदी अनुवाद

और यदि, हम उसे सुख चखा दें, दुःख के पश्चात्, जो उसे पहुँचा हो, तो अवश्य कहेगा कि मेरा सब दुःख दूर हो गया। वास्तव में, वह प्रफुल्ल होकर अकड़ने लगता है[1]1. इस में मनुष्य की स्वभाविक दशा की ओर संकेत है।

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إِلَّا الَّذِينَ صَبَرُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ أُولَٰئِكَ لَهُم مَّغْفِرَةٌ وَأَجْرٌ كَبِيرٌ ﴾ 11 ﴿

Transliteration

इल्लल्लज़ी-न स-बरू व अमिलुस्सालिहाति, उलाइ-क लहुम् मग़्फि-रतुंव्-व अज्-रून् कबीर

हिंदी अनुवाद

परन्तु, जिन्होंने धैर्य धारण किया और सुकर्म किये, तो उनके लिए क्षमा और बड़ा प्रतिफल है।

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فَلَعَلَّكَ تَارِكٌ بَعْضَ مَا يُوحَىٰ إِلَيْكَ وَضَائِقٌ بِهِ صَدْرُكَ أَن يَقُولُوا لَوْلَا أُنزِلَ عَلَيْهِ كَنزٌ أَوْ جَاءَ مَعَهُ مَلَكٌ ۚ إِنَّمَا أَنتَ نَذِيرٌ ۚ وَاللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ وَكِيلٌ ﴾ 12 ﴿

Transliteration

फ़-लअल्ल-क तारिकुम् बअ्-ज़ मा यूहा इलै-क व ज़ाइकुम बिही सद्रू-क अंय्यक़ूलू लौ ला उन्ज़ि-ल अलैहि कन्जुन औ जा-अ म-अ़हू म लकुन्, इन्नमा अन्-त नज़ीरून्, वल्लाहु अला कुल्लि शैइंव्-वकील

हिंदी अनुवाद

तो (हे नबी!) संभवतः आप उसमें से कुछ को, जो आपकी ओर प्रकाशना की जा रही है, त्याग देने वाले हैं और इसके कारण आपका दिल सिकुड़ रहा है कि वे कहते हैं कि इसपर कोई कोष क्यों नहीं उतारा गया या इसके साथ कोई फरिश्ता क्यों (नहीं) आया? (तो सुनिए) आपकेवल सचेत करने वाले हैं और अल्लाह ही प्रत्येक चीज़ पर रक्षक है।

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أَمْ يَقُولُونَ افْتَرَاهُ ۖ قُلْ فَأْتُوا بِعَشْرِ سُوَرٍ مِّثْلِهِ مُفْتَرَيَاتٍ وَادْعُوا مَنِ اسْتَطَعْتُم مِّن دُونِ اللَّهِ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ ﴾ 13 ﴿

Transliteration

अम् यक़ूलूनफ़्तराहु, क़ुल् फ़अतू बिअ़शरि सु-वरिम्-मिस्लिही मुफ़्त रयातिंव्वद्अू मनिस्त-तअ्तुम् मिन् दूनिल्लाहि इन् कुन्तुम् सादिक़ीन

हिंदी अनुवाद

क्या वह कहते हैं कि उसने इस (क़ुर्आन) को स्वयं बना लिया है? आप कह दें कि इसीके समान दस सूरतें बना लाओ[1]और अल्लाह के सिवा, जिसे हो सके, बुला हो, यदि तुम लोग सच्चे हो। 1. अल्लाह का यह चैलेंज है कि अगर तुम को शंका है कि यह क़ुर्आन मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने स्वयं बना लिया है तो तुम इस जैसी दस सूरतें ही बना कर दिखा दो। और यह चैलेंज प्रलय तक के लिये है। और कोई दस तो क्या इस जैही एक सूरह भी नहीं ला सकता। (देखियेः सूरह यूनुस, आयतः38 तथा सूरह बक़रह, आयतः23)

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فَإِلَّمْ يَسْتَجِيبُوا لَكُمْ فَاعْلَمُوا أَنَّمَا أُنزِلَ بِعِلْمِ اللَّهِ وَأَن لَّا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ فَهَلْ أَنتُم مُّسْلِمُونَ ﴾ 14 ﴿

Transliteration

फ-इल्लम् यस्तजीबू लकुम् फअ्लमू अन्नमा उन्ज़ि-ल बिअिल्मिल्लाहि व अल्ला इला-ह इल्ला हु-व, फ़-हल् अन्तुम् मुस्लिमून

हिंदी अनुवाद

फिर यदि वे उत्तर न दें, तो विश्वास कर लो कि उसे (क़ुर्आन को) अल्लाह के ज्ञान के साथ ही उतारा गया है और ये कि कोई वंदनीय (पूज्य) नहीं है, परन्तु वही। तो क्या तुम मुस्लिम होते हो?

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مَن كَانَ يُرِيدُ الْحَيَاةَ الدُّنْيَا وَزِينَتَهَا نُوَفِّ إِلَيْهِمْ أَعْمَالَهُمْ فِيهَا وَهُمْ فِيهَا لَا يُبْخَسُونَ ﴾ 15 ﴿

Transliteration

मन् का-न युरीदुल् हयातद्दुन्या व जीन-तहा नुवफ्फ़ि इलैहिम् अअ्मालहुम् फ़ीहा व हुम् फ़ीहा ला युब्ख़सून

हिंदी अनुवाद

जो व्यक्ति सांसारिक जीवन तथा उसकी शोभा चाहता हो, हम उनके कर्मों का (फल) उसीमें चुका देंगे और उनके लिए (संसार में) कोई कमी नहीं की जायेगी।

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أُولَٰئِكَ الَّذِينَ لَيْسَ لَهُمْ فِي الْآخِرَةِ إِلَّا النَّارُ ۖ وَحَبِطَ مَا صَنَعُوا فِيهَا وَبَاطِلٌ مَّا كَانُوا يَعْمَلُونَ ﴾ 16 ﴿

Transliteration

उलाइ-कल्लज़ी-न लै-स लहुम् फिल्-आख़िरति इल्लन्नारू, व हबि-त मा स-नअू फ़ीहा व बातिलुम्-मा कानू यअ्मलून

हिंदी अनुवाद

यही वो लोग हैं, जिनका परलोक में अग्नि के सिवा कोई भाग नहीं होगा और उन्होंने जो कुछ किया, वह व्यर्थ हो जायेगा और वे जो कुछ कर रहे हैं, असत्य सिध्द होने वाला है।

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أَفَمَن كَانَ عَلَىٰ بَيِّنَةٍ مِّن رَّبِّهِ وَيَتْلُوهُ شَاهِدٌ مِّنْهُ وَمِن قَبْلِهِ كِتَابُ مُوسَىٰ إِمَامًا وَرَحْمَةً ۚ أُولَٰئِكَ يُؤْمِنُونَ بِهِ ۚ وَمَن يَكْفُرْ بِهِ مِنَ الْأَحْزَابِ فَالنَّارُ مَوْعِدُهُ ۚ فَلَا تَكُ فِي مِرْيَةٍ مِّنْهُ ۚ إِنَّهُ الْحَقُّ مِن رَّبِّكَ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يُؤْمِنُونَ ﴾ 17 ﴿

Transliteration

अ-फ-मन् का-न अला बय्यिनतिम् मिर्रब्बिही व यत्लूहु शाहिदुम् मिन्हु व मिन् क़ब्लिही किताबु मूसा इमामंव्- व रह्-मतन्, उलाइ-क युअ्मिनू-न बिही, व मंय्यक्फुर बिही मिनल् अह़्ज़ाबि फन्नारू मौअिदुहू, फला तकु फी मिर यतिम् मिन्हु, इन्नहुल-हक़्क़ु मिर्रब्बि-क व लाकिन्-न अक्सरन्नासि ला युअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

तो क्या जो अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण[1] रखता हो और उसके साथ ही एक गवाह (साक्षी)[1] भी उसकी ओर से आ गया हो और इससे पहले मूसा की पुस्तक मार्गदर्शक तथा दया बनकर आ चुकी हो, ऐसे लोग तो इस (क़ुर्आन) पर ईमान रखते हैं और सम्प्रदायों मेंसे, जो इसे अस्वीकार करेगा, तो नरक ही उसका वचन-स्थान है। अतः आप, इसके बारे में किसी संदेह में न पड़ें। वास्तव में, ये आपके पालनहार की ओर से सत्य है। परन्तु अधिक्तर लोग ईमान (विश्वास) नहीं रखते। 1. अर्थात जो अपने अस्तित्व तथा विश्व की रचना और व्यवस्था पर विचार कर के यह जानता था कि इस का स्वामी तथा शासक केवल अल्लाह ही है, उस के अतिरिक्त कोई अन्य नहीं हो सकता। 2. अर्थात नबी और क़ुर्आन।

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وَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرَىٰ عَلَى اللَّهِ كَذِبًا ۚ أُولَٰئِكَ يُعْرَضُونَ عَلَىٰ رَبِّهِمْ وَيَقُولُ الْأَشْهَادُ هَٰؤُلَاءِ الَّذِينَ كَذَبُوا عَلَىٰ رَبِّهِمْ ۚ أَلَا لَعْنَةُ اللَّهِ عَلَى الظَّالِمِينَ ﴾ 18 ﴿

Transliteration

व मन् अज़्लमु मिम्-मनिफ़्तरा अ़लल्लाहि कज़िबन्, उलाइ-क युअ्-रज़ू-न अ़ला रब्बिहिम् व यक़ूलुल्-अश्हादु हा-उलाइल्लज़ी न क-ज़बू अ़ला रब्बिहिम्, अला लअ्नतुल्लाहि अ़लज़्ज़ालिमीन

हिंदी अनुवाद

और उससे बड़ा अत्याचारी कौन होगा, जो अल्लाह पर मिथ्यारोपण करे? वही लोग, अपने पालनहार के समक्ष लाये जायेंगे और साक्षी (फ़रिश्ते) कहेंगे कि इन्होंने अपने पालनहार पर झूठ बोले। सुनो! अत्याचारियों पर अल्लाह की धिक्कार है।

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الَّذِينَ يَصُدُّونَ عَن سَبِيلِ اللَّهِ وَيَبْغُونَهَا عِوَجًا وَهُم بِالْآخِرَةِ هُمْ كَافِرُونَ ﴾ 19 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न यसुद्दू-न अन् सबीलिल्लाहि व यब्ग़ूनहा अि-वजन्, व हुम् बिल्आख़िरति हुम् काफ़िरून

हिंदी अनुवाद

वही लोग, अल्लाह की राह से रोक रहे हैं और उसे टेढ़ा बनाना चाहते हैं। वही परलोक को न मानने वाले हैं।

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أُولَٰئِكَ لَمْ يَكُونُوا مُعْجِزِينَ فِي الْأَرْضِ وَمَا كَانَ لَهُم مِّن دُونِ اللَّهِ مِنْ أَوْلِيَاءَ ۘ يُضَاعَفُ لَهُمُ الْعَذَابُ ۚ مَا كَانُوا يَسْتَطِيعُونَ السَّمْعَ وَمَا كَانُوا يُبْصِرُونَ ﴾ 20 ﴿

Transliteration

उलाइ-क लम् यकूनू मुअ्जिज़ी-न फ़िल्अर्ज़ि व मा का-न लहुम् मिन् दूनिल्लाहि मिन् औलिया-अ• युज़ा अ़फु लहुमुल अ़ज़ाबु, मा कानू यस्ततीअूनस्सम्-अ वमा कानू युब्सिरून

हिंदी अनुवाद

वे लोग धरती में विवश करने वाले नहीं थे और न उनका अल्लाह के सिवा कोई सहायक था। उनके लिए दुगनी यातना होगी। वे न सुन सकते थे, न देख सकते थे।

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أُولَٰئِكَ الَّذِينَ خَسِرُوا أَنفُسَهُمْ وَضَلَّ عَنْهُم مَّا كَانُوا يَفْتَرُونَ ﴾ 21 ﴿

Transliteration

उलाइ-कल्लज़ी-न ख़सिरू अन्फु-सहुम् व ज़ल्-ल अन्हुम् मा कानू यफ़्तरून

हिंदी अनुवाद

उन्होंने ही स्वयं अपना विनाश कर लिया और उनसे वो बात खो गयी, जो वे बना रहे थे।

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لَا جَرَمَ أَنَّهُمْ فِي الْآخِرَةِ هُمُ الْأَخْسَرُونَ ﴾ 22 ﴿

Transliteration

ला ज-र-म अन्नहुम् फिल-आख़िरति हुमुल्-अख़्सरून

हिंदी अनुवाद

ये आवश्यक है कि परलोक में यही सर्वाधिक विनाश में होंगे।

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إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَأَخْبَتُوا إِلَىٰ رَبِّهِمْ أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ الْجَنَّةِ ۖ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ ﴾ 23 ﴿

Transliteration

इन्नल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति व अख़्बतू इला रब्बिहिम्, उलाइ-क अस्हाबुल्-जन्नति, हुम् फ़ीहा ख़ालिदून

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, जो ईमान लाये और सदाचार किये तथा अपने पालनहार की ओर आकर्शित हुए, वही स्वर्गीय हैं और वे उसमें सदैव रहेंगे।

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مَثَلُ الْفَرِيقَيْنِ كَالْأَعْمَىٰ وَالْأَصَمِّ وَالْبَصِيرِ وَالسَّمِيعِ ۚ هَلْ يَسْتَوِيَانِ مَثَلًا ۚ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ ‎ ﴾ 24 ﴿

Transliteration

म-सलुल्-फ़रीक़ैनि कल् अअ्मा वल्-असम्मि वल्बसीरि वस्समीअि, हल् यस्तवियानि म-सलन्, अ-फ़ला तज़क्करून *

हिंदी अनुवाद

दोनों समुदाय की दशा ऐसी है, जैसे एक अन्धा और बहरा हो और दूसरा देखने और सुनने वाला हो। तो क्या दोनों की दशा समान हो सकती है? क्या तुम (इस अन्तर को) नहीं समझते[1]? 1. कि दोनों का परिणाम एक नहीं हो सकता। एक को नरक में और दूसरे को स्वर्ग में जाना है। ( देखियेः सूरह ह़श्र, आयतः 20)

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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوْمِهِ إِنِّي لَكُمْ نَذِيرٌ مُّبِينٌ ﴾ 25 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् अरसल्ना नूहन् इला क़ौमिही, इन्नी लकुम् नज़ीरूम् मुबीन

हिंदी अनुवाद

और हमने नूह़ को उसकी जाति की ओर रसूल बनाकर भेजा। उन्होंने कहाः वास्तव में, मैं तुम्हारे लिए खुले रूप से सावधान करने वाला हूँ।

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‏ أَن لَّا تَعْبُدُوا إِلَّا اللَّهَ ۖ إِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ أَلِيمٍ ﴾ 26 ﴿

Transliteration

अल्ला तअ्बुदू इल्लल्ला-ह, इन्नी अख़ाफु अ़लैकुम् अ़ज़ा-ब यौमिन् अलीम

हिंदी अनुवाद

कि इबादत (वंदना) केवल अल्लाह ही की करो। मैं तुम्हारे ऊपर दुःख दायी दिन की यातना से डरता हूँ।

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فَقَالَ الْمَلَأُ الَّذِينَ كَفَرُوا مِن قَوْمِهِ مَا نَرَاكَ إِلَّا بَشَرًا مِّثْلَنَا وَمَا نَرَاكَ اتَّبَعَكَ إِلَّا الَّذِينَ هُمْ أَرَاذِلُنَا بَادِيَ الرَّأْيِ وَمَا نَرَىٰ لَكُمْ عَلَيْنَا مِن فَضْلٍ بَلْ نَظُنُّكُمْ كَاذِبِينَ ﴾ 27 ﴿

Transliteration

फ़क़ालल् म-लउल्लज़ी-न क-फरू मिन् क़ौमिही मा नरा-क इल्ला ब-शरम् मिस्-लना वमा नराकत्त-ब-अ-क इल्लल्लज़ी-न हुम् अराज़िलुना बादियर्-रअ्यि, व मा नरा लकुम् अ़लैना मिन फ़ज्लिम-बल् नज़ुन्नुकुम् काज़िबीन

हिंदी अनुवाद

तो उन प्रमुखों ने, जो उनकी जाति में से काफ़िर हो गये, कहाः हमतो तुझे अपने ही जैसा मानव पुरुष देख रहे हैं और हम देख रहे हैं कि तुम्हारा अनुसरण केवन वही लोग कर रहे हैं, जो हममें नीच हैं। वो भी बिना सोचे-समझे और हम अपने ऊपर तुम्हारी कोई प्रधानता भी नहीं देखते, बल्कि हम तुम्हें झूठा समझते हैं।

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قَالَ يَا قَوْمِ أَرَأَيْتُمْ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٍ مِّن رَّبِّي وَآتَانِي رَحْمَةً مِّنْ عِندِهِ فَعُمِّيَتْ عَلَيْكُمْ أَنُلْزِمُكُمُوهَا وَأَنتُمْ لَهَا كَارِهُونَ ﴾ 28 ﴿

Transliteration

क़ा-ल या क़ौमि अ-रऐतुम् इन् कुन्तु अला बय्यिनतिम्-मिर्रब्बी व आतानी रह्-म-तिन् अिन्दिही फ़-अुम्मियत् अलैकुम, अनुल्ज़िमुकुमूहा व अन्तुम् लहा कारिहून

हिंदी अनुवाद

उस (अर्थात् नूह़) ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! तुमने इस बात पर विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और मुझे उसने अपने पास से एक दया[1] प्रदान की हो, फिर वह तुम्हें सुझायी न दे, तो क्या हम उसे तुमसे चिपका[1] दें, जबकि तुम उसे नहीं चाहते? 1. अर्थात नबूवत और मार्गदर्शन। 2. अर्थात मैं बलपूर्वक तुम्हें सत्य नहीं मनवा सकता।

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وَيَا قَوْمِ لَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مَالًا ۖ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى اللَّهِ ۚ وَمَا أَنَا بِطَارِدِ الَّذِينَ آمَنُوا ۚ إِنَّهُم مُّلَاقُو رَبِّهِمْ وَلَٰكِنِّي أَرَاكُمْ قَوْمًا تَجْهَلُونَ ﴾ 29` ﴿

Transliteration

व या क़ौमि ला अस् अलुकुम् अ़लैहि मालन्, इन् अज्रि-य इल्ला अ़लल्लाहि व मा अ-ना बितारिदिल्लज़ी-न आमनू, इन्नहुम् मुलाक़ू रब्बिहिम् व लाकिन्नी अराकुम् क़ौमन् तज्हलून

हिंदी अनुवाद

और हे मेरी जाति के लोगो! मैं इस (सत्य के प्रचार) पर तुमसे कोई धन नहीं माँगता। मेरा बदला तो अल्लाह के ऊपर है और मैं उन्हें (अपने यहाँ से) धुतकार नहीं सकता, जो ईमान लाये हैं, निश्चय वे अपने पालनहार से मिलने वाले हैं, परन्तु मैं देख रहा हूँ कि तुम जाहिलों जैसी बातें कर रहे हो।

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وَيَا قَوْمِ مَن يَنصُرُنِي مِنَ اللَّهِ إِن طَرَدتُّهُمْ ۚ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ ﴾ 30 ﴿

Transliteration

व या क़ौमि मंय्यन्सुरूनी मिनल्लाहि इन् तरत्तुहुम्, अ-फला तज़क्करून

हिंदी अनुवाद

और हे मेरी जाति के लोगो! कौन अल्लाह की पकड़ से[1] मुझे बचायेगा, यदि मैं उन्हें अपने पास से धुतकार दूँ? क्या तुम सोचते नहीं हो? 1. अर्थात अल्लाह की पकड़ से, जिस के पास ईमान और कर्म की प्रधानता है, धन-धान्य की नहीं।

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‏ وَلَا أَقُولُ لَكُمْ عِندِي خَزَائِنُ اللَّهِ وَلَا أَعْلَمُ الْغَيْبَ وَلَا أَقُولُ إِنِّي مَلَكٌ وَلَا أَقُولُ لِلَّذِينَ تَزْدَرِي أَعْيُنُكُمْ لَن يُؤْتِيَهُمُ اللَّهُ خَيْرًا ۖ اللَّهُ أَعْلَمُ بِمَا فِي أَنفُسِهِمْ ۖ إِنِّي إِذًا لَّمِنَ الظَّالِمِينَ ﴾ 31 ﴿

Transliteration

व ला अक़ूलु लकुम् अिन्दी ख़ज़ाइनुल्लाहि व ला अअ्लमुल-ग़ै-ब वला अक़ूलु इन्नी म-लकुंव्-वला अक़ूलु लिल्लज़ी-न तज़्दरी अअ्युनुकुम् लंय्युअ्ति-यहुमुल्लाहु खैरन्, अल्लाहु अअ्लमु बिमा फी अन्फुसिहिम्, इन्नी इज़ल्-लमिनज़्ज़ालिमीन

हिंदी अनुवाद

और मैं तुमसे ये नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के कोषागार (ख़ज़ाने) हैं और न मैं गुप्त बातों का ज्ञान रखता हूँ और ये भी नहीं कहता कि मैं फ़रिश्ता हूँ और ये भी नहीं कहता कि जिन्हें तुम्हारी आँखें घृणा से देखती हैं, अल्लाह उन्हें कोई भलाई नहीं देगा। अल्लाह अधिक जानता है, जो कुछ उनके दिलों में है। यदि मैं ऐसा कहूँ, तो निश्चय अत्याचारियों में हो जाऊँगा।

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قَالُوا يَا نُوحُ قَدْ جَادَلْتَنَا فَأَكْثَرْتَ جِدَالَنَا فَأْتِنَا بِمَا تَعِدُنَا إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ ﴾ 32 ﴿

Transliteration

क़ालू या नूहु क़द् जादल्तना फ़-अक्सर् त जिदालना फ़अतिना बिमा तअिदुना इन् कुन् त मिनस्सादिक़ीन

हिंदी अनुवाद

उन्होंने कहाः हे नूह़! तूने हमसे झगड़ा किया और बहुत झगड़ लिया, अब वो (यातना) ला दो, जिसकी धमकी हमें देते हो, यदि तुम सच बोलने वालों में हो।

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قَالَ إِنَّمَا يَأْتِيكُم بِهِ اللَّهُ إِن شَاءَ وَمَا أَنتُم بِمُعْجِزِينَ ﴾ 33 ﴿

Transliteration

क़ा-ल इन्नमा यअ्तीकुम् बिहिल्लाहु इन् शा-अ व मा अन्तुम् बिमुअ्जिज़ीन

हिंदी अनुवाद

उसने कहाः उसे तो तुम्हारे पास अल्लाह ही लायेगा, यदि वह चाहेगा और तुम (उसे) विवश करने वाले नहीं हो।

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وَلَا يَنفَعُكُمْ نُصْحِي إِنْ أَرَدتُّ أَنْ أَنصَحَ لَكُمْ إِن كَانَ اللَّهُ يُرِيدُ أَن يُغْوِيَكُمْ ۚ هُوَ رَبُّكُمْ وَإِلَيْهِ تُرْجَعُونَ ﴾ 34 ﴿

Transliteration

व ला यन्फ़अुकुम् नुस्ही इन् अरत्तु अन् अन्स-ह लकुम् इन् कानल्लाहु युरीदु अंय्युग़्वि-यकुम, हु-व रब्बुकुम्, व इलैहि तुर्जअून

हिंदी अनुवाद

और मेरी शुभ-चिन्ता तुम्हें कोई लाभ नहीं पहुँचा सकती, यदि मैं तुम्हारा हित चाहूँ, जबकि अल्लाह तुम्हें कुपथ करना चाहता हो और तुम उसी की ओर लौटाये जाओगे।

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أَمْ يَقُولُونَ افْتَرَاهُ ۖ قُلْ إِنِ افْتَرَيْتُهُ فَعَلَيَّ إِجْرَامِي وَأَنَا بَرِيءٌ مِّمَّا تُجْرِمُونَ ‎ ﴾ 35 ﴿

Transliteration

अम् यक़ूलूनफ्तराहु, क़ुल इनिफ्तरैतुहू फ़-अलय्-य इजरामी व अ-ना बरीउम्-मिम्मा तुज्रिमून *

हिंदी अनुवाद

क्या वे कहते हैं कि उसने ये बात स्वयं बना ली है? तुम कहो कि यदि मैंने इसे स्वयं बना लिया है, तो मेरा अपराध मुझी पर है और मैं निर्दोष हूँ, उस अपराध से, जो तुम कर रहे हो।

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‏ وَأُوحِيَ إِلَىٰ نُوحٍ أَنَّهُ لَن يُؤْمِنَ مِن قَوْمِكَ إِلَّا مَن قَدْ آمَنَ فَلَا تَبْتَئِسْ بِمَا كَانُوا يَفْعَلُونَ ﴾ 36 ﴿

Transliteration

व ऊहि-य इला नूहिन् अन्नहू लंय्युअ्मि-न मिन् क़ौमि-क इल्ला मन् क़द् आम-न फ़ला तब्तइस् बिमा कानू यफअ़लून

हिंदी अनुवाद

और नूह़ की ओर वह़्यी (प्रकाशना) की गयी कि तुम्हारी जाति मेंसे ईमान नहीं लायेंगे, उनके सिवा, जो ईमान ला चुके हैं। अतः उससे दुःखी न बनो, जो वे कर रहे हैं।

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وَاصْنَعِ الْفُلْكَ بِأَعْيُنِنَا وَوَحْيِنَا وَلَا تُخَاطِبْنِي فِي الَّذِينَ ظَلَمُوا ۚ إِنَّهُم مُّغْرَقُونَ ‎ ﴾ 37 ﴿

Transliteration

वस्-नअिल-फुल्-क बिअअ्युनिना व वह़्यिना व ला तुख़ातिब्-नि फ़िल्लज़ी-न ज़-लमू, इन्नहुम् मुग्रक़ून

हिंदी अनुवाद

और हमारी आँखों के सामने हमारी वह़्यी के अनुसार एक नाव बनाओ और मुझसे उनके बारे में कुछ[1] न कहना, जिन्होंने अत्याचार किया है। वास्तव में, वे डूबने वाले हैं। 1. अर्थात प्रार्थना और सिफ़ारिश न करना।

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وَيَصْنَعُ الْفُلْكَ وَكُلَّمَا مَرَّ عَلَيْهِ مَلَأٌ مِّن قَوْمِهِ سَخِرُوا مِنْهُ ۚ قَالَ إِن تَسْخَرُوا مِنَّا فَإِنَّا نَسْخَرُ مِنكُمْ كَمَا تَسْخَرُونَ ﴾ 38 ﴿

Transliteration

व यस्-नअुल्फुल्-क, व कुल्लमा मर्र अ़लैहि म लउम्मिन् क़ौमिही सख़िरू मिन्हु, क़ा-ल इन् तस्ख़रू मिन्ना फ़-इन्ना नस्ख़रू मिन्कुम् कमा तस्ख़रून

हिंदी अनुवाद

और वह नाव बनाने लगा और जबभी उसकी जाति के प्रमुख उसके पास से गुज़रते, तो उसकी हँसी उड़ाते। नूह़ ने कहाः यदि तुम हमारी हँसी उड़ाते हो, तो हमभी ऐसे ही (एक दिन) तुम्हारी हँसी उड़येंगे।

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فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ مَن يَأْتِيهِ عَذَابٌ يُخْزِيهِ وَيَحِلُّ عَلَيْهِ عَذَابٌ مُّقِيمٌ ‎ ﴾ 39 ﴿

Transliteration

फ़सौ-फ़ तअ्लमू-न, मंय्यअ्तीहि अज़ाबुंय्युख़्ज़ीहि व यहिल्लु अलैहि अ़ज़ाबुम् मुक़ीम

हिंदी अनुवाद

फिर तुम्हें शीघ्र ही ज्ञान हो जायेगा कि किसपर अपमानकारी यातना आयेगी और स्थायी दुःख किसपर उतरेगा?

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حَتَّىٰ إِذَا جَاءَ أَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّورُ قُلْنَا احْمِلْ فِيهَا مِن كُلٍّ زَوْجَيْنِ اثْنَيْنِ وَأَهْلَكَ إِلَّا مَن سَبَقَ عَلَيْهِ الْقَوْلُ وَمَنْ آمَنَ ۚ وَمَا آمَنَ مَعَهُ إِلَّا قَلِيلٌ ‎ ﴾ 40 ﴿

Transliteration

हत्ता इज़ा जा-अ अम्रुना व फ़ारत्तन्नूरू, क़ुल्नह् मिल् फ़ीहा मिन् कुल्लिन् ज़ौजैनिस्-नैनि व अह़्ल-क इल्ला मन् स-ब-क़ अ़लैहिल् क़ौलु व मन् आम-न, व मा आम-न म-अ़हू इल्ला क़लील

हिंदी अनुवाद

यहाँ तक कि जब हमारा आदेश आ गया और तन्नूर उबलने लगा, तो हमने (नूह़ से) कहाः उसमें प्रत्येक प्रकार के जीवों के दो जोड़े रख लो और अपने परिजनों को, उनके सिवा, जिनके बारे में पहले बता दिया गाय है और जो ईमान लाये हैं और उसके साथ थोड़े ही ईमान लाये थे।

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وَقَالَ ارْكَبُوا فِيهَا بِسْمِ اللَّهِ مَجْرَاهَا وَمُرْسَاهَا ۚ إِنَّ رَبِّي لَغَفُورٌ رَّحِيمٌ ﴾ 41 ﴿

Transliteration

व क़ालर् कबू फ़ीहा बिस्मिल्लाहि मज् रेहा व मुरसाहा, इन्-न रब्बी ल ग़फूरुर्रहीम

हिंदी अनुवाद

और उस (नूह़) ने कहाः इसमें सवार हो जाओ, अल्लाह के नाम ही से इसका चलना तथा इसे रुकना है। वास्तव में, मेरा पालनहार बड़ा क्षमाशील दयावान् है।

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وَهِيَ تَجْرِي بِهِمْ فِي مَوْجٍ كَالْجِبَالِ وَنَادَىٰ نُوحٌ ابْنَهُ وَكَانَ فِي مَعْزِلٍ يَا بُنَيَّ ارْكَب مَّعَنَا وَلَا تَكُن مَّعَ الْكَافِرِينَ ﴾ 42 ﴿

Transliteration

व हि-य तज्री बिहिम् फ़ी मौजिन् कल्जिबालि, व नादा नूहु-निब्-नहू व का-न फ़ी मअ्ज़िलिंय-या बुनय्यर्कब् म-अ़ना व ला तकुम् म-अ़ल् काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

और वह उन्हें लिए पर्वत जैसी ऊँची लहरों में चलती रही और नूह़ ने अपने पुत्र को पुकारा, जबकि वह उनसे अलग थाः हे मेरे पुत्र! मेरे साथ सवार हो जा और काफ़िरों के साथ न रह।

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قَالَ سَآوِي إِلَىٰ جَبَلٍ يَعْصِمُنِي مِنَ الْمَاءِ ۚ قَالَ لَا عَاصِمَ الْيَوْمَ مِنْ أَمْرِ اللَّهِ إِلَّا مَن رَّحِمَ ۚ وَحَالَ بَيْنَهُمَا الْمَوْجُ فَكَانَ مِنَ الْمُغْرَقِينَ ﴾ 43 ﴿

Transliteration

क़ा-ल स-आवी इला ज-बलिंय्यअ्सिमुनी मिनल्मा-इ, क़ा-ल ला आसिमल्यौ-म मिन् अम्रिल्लाहि इल्ला मर्रहि-म, व हा-ल बैनहुमल् मौजु फका-न मिनल् मुग़्-र-क़ीन

हिंदी अनुवाद

उसने कहाः मैं किसी पर्वत की ओर शरण ले लूँगा, जो मुझे जल से बचा लेगा। नूह़ ने कहाः आज अल्लाह के आदेश (यातना) से कोई बचाने वाला नहीं, परनु जिसपर वह (अल्लाह) दया करे और दोनों के बीच एक लहर आड़े आ गयी और वह डूबने वालों में हो गया।

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وَقِيلَ يَا أَرْضُ ابْلَعِي مَاءَكِ وَيَا سَمَاءُ أَقْلِعِي وَغِيضَ الْمَاءُ وَقُضِيَ الْأَمْرُ وَاسْتَوَتْ عَلَى الْجُودِيِّ ۖ وَقِيلَ بُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظَّالِمِينَ ﴾ 44 ﴿

Transliteration

व क़ी-ल या अरज़ुब्लई मा-अकि व या समा-उ अक़्लिई व ग़ीज़ल-मा-उ व क़ुज़ियल्-अम्रू वस्तवत् अलल् – जूदिय्यि व क़ी-ल बुअ्दल् लिल्-क़ौमिज़्ज़ालिमीन

हिंदी अनुवाद

और कहा गयाः हे धरती! अपना जल निगल जा और हे आकाश! तू थम जा औ जल उतर गया और आदेश पूरा कर दिया गया और नाव “जूदी[1]” पर ठहर गयी और कहा गया कि अत्याचारियों के लिए (अल्लाह की दया से) दूरी है। 1. “जूदी” एक वर्वत का नाम है जो कुर्दिस्तान में “इब्ने उमर” द्वीप के उत्तर-पूर्व ओर स्थित है। और आज भी जूदी के नाम से ही प्रसिध्द है।

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وَنَادَىٰ نُوحٌ رَّبَّهُ فَقَالَ رَبِّ إِنَّ ابْنِي مِنْ أَهْلِي وَإِنَّ وَعْدَكَ الْحَقُّ وَأَنتَ أَحْكَمُ الْحَاكِمِينَ ﴾ 45 ﴿

Transliteration

व नादा नूहुर्-रब्बहू फ़क़ा-ल रब्बि इन्नब्-नी मिन् अह़्ली व इन्-न वअ्द-कल्-हक़्क़ु व अन्-त अह़्कमुल्-हाकिमीन

हिंदी अनुवाद

तथा नूह़ ने अपने पालनहार से प्रार्थना की और कहाः मेरे पालनहार! मेरा पुत्र मेरे परिजनों में से है। निश्चय तेरा वचन सत्य है तथा तू ही सबसे अच्छा निर्णय करने वाला है।

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قَالَ يَا نُوحُ إِنَّهُ لَيْسَ مِنْ أَهْلِكَ ۖ إِنَّهُ عَمَلٌ غَيْرُ صَالِحٍ ۖ فَلَا تَسْأَلْنِ مَا لَيْسَ لَكَ بِهِ عِلْمٌ ۖ إِنِّي أَعِظُكَ أَن تَكُونَ مِنَ الْجَاهِلِينَ ﴾ 46 ﴿

Transliteration

क़ा-ल या नूहु इन्नहू लै-स मिन् अह़्लि-क, इन्नहू अ-मलुन् ग़ैरू सालिहिन, फ़ला तस्अल्नि मा लै-स ल-क बिही अिल्मुन, इन्नी अअिज़ु-क अन् तकू-न मिनल्-जाहिलीन

हिंदी अनुवाद

उस (अल्लाह) ने उत्तर दियाः वह तेरा परिजन नहीं। (क्योंकि) वह कुकर्मी है। अतः मुझसे उस चीज़ का प्रश्न न कर, जिसका तुझे कोई ज्ञान नहीं। मैं तुझे बताता हूँ कि अज्ञानों में न हो जा।

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قَالَ رَبِّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ أَنْ أَسْأَلَكَ مَا لَيْسَ لِي بِهِ عِلْمٌ ۖ وَإِلَّا تَغْفِرْ لِي وَتَرْحَمْنِي أَكُن مِّنَ الْخَاسِرِينَ ﴾ 47 ﴿

Transliteration

क़ा-ल रब्बि इन्नी अअूज़ु बि-क अन् अस्अ-ल-क मा लै-स ली बिही अिल्मुन्, व इल्ला तग़्फिर् ली व तरहम्-नी अकुम् मिनल्-ख़ासिरीन

हिंदी अनुवाद

नूह़ ने कहाः मेरे पालनहार! मैं तेरी शरण चाहता हूँ कि मैं तुझसे ऐसी चीज़ की माँग करूँ, जिस (की वास्तविक्ता) का मुझे कोई ज्ञान नहीं है[1] और यदि तूने मुझे क्षमा नहीं किया और मुझपर दया न की, तो मैं क्षतिग्रस्तों में हो जाऊँगा। 1. अर्थात जब नूह़ (अलैहिस्सलाम) को बता दिया गया कि तुम्हारा पुत्र ईमान वालों में से नहीं है, इस लिये वह अल्लाह के अज़ाब से बच नहीं सकता तो नूह़ तुरन्त अल्लाह से क्षमा माँगने लगे।

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قِيلَ يَا نُوحُ اهْبِطْ بِسَلَامٍ مِّنَّا وَبَرَكَاتٍ عَلَيْكَ وَعَلَىٰ أُمَمٍ مِّمَّن مَّعَكَ ۚ وَأُمَمٌ سَنُمَتِّعُهُمْ ثُمَّ يَمَسُّهُم مِّنَّا عَذَابٌ أَلِيمٌ ﴾ 48 ﴿

Transliteration

क़ी-ल या नूहुह्बित बिसलामिम् मिन्ना व ब-रकातिन् अलै-क व अ़ला उ-ममिम् मिम्-मम्म-अ-क, व उ-ममुन् सनुमत्तिअुहुम् सुम्-म यमस्सुहुम् मिन्ना अ़ज़ाबुन् अलीम

हिंदी अनुवाद

कहा गया कि हे नूह़! उतर जा, हमारी ओर से रक्षा ओर सम्पन्नता के साथ, अपने ऊपर तथा तेरे साथ के समुदायों के ऊपर और कुछ समुदाय ऐसे हैं, जिन्हें हम सांसारिक जीवन सामग्री प्रदान करेंगें, फिर उन्हें हमारी दुःखदायी यातना पहुँचेगी।

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تِلْكَ مِنْ أَنبَاءِ الْغَيْبِ نُوحِيهَا إِلَيْكَ ۖ مَا كُنتَ تَعْلَمُهَا أَنتَ وَلَا قَوْمُكَ مِن قَبْلِ هَٰذَا ۖ فَاصْبِرْ ۖ إِنَّ الْعَاقِبَةَ لِلْمُتَّقِينَ ﴾ 49 ﴿

Transliteration

तिल्-क मिन् अम्बाइल्-ग़ैबि नूहीहा इलै-क, मा कुन् -त तअ्लमुहा अन्-त वला क़ौमु-क मिन् क़ब्लि हाज़ा, फस्बिर, इन्नल् आक़ि-ब-त लिल्मुत्तक़ीन *

हिंदी अनुवाद

यही ग़ैब की बातें हैं, जिन्हें (हे नबी!) हम आपकी ओर प्रकाशना (वह़्यी) कर रहे हैं। इससे पूर्व न तो आप इन्हें जानते थे और न आपकी जाति। अतः आप सहन करें। वास्तव में, अच्छा परिणाम आज्ञाकारियों के लिए है।

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‏ وَإِلَىٰ عَادٍ أَخَاهُمْ هُودًا ۚ قَالَ يَا قَوْمِ اعْبُدُوا اللَّهَ مَا لَكُم مِّنْ إِلَٰهٍ غَيْرُهُ ۖ إِنْ أَنتُمْ إِلَّا مُفْتَرُونَ ﴾ 50 ﴿

Transliteration

व इला आदिन् अख़ाहुम हूदन, क़ा-ल या क़ौमिअ्बुदुल्ला-ह मा लकुम् मिन् इलाहिन् ग़ैरूहू, इन् अन्तुम् इल्ला मुफ़्तरून

हिंदी अनुवाद

और “आद” (जाति) की ओर उनके भाई हूद को भेजा, उसने कहाः हे मेरी जाति को लोगो! अल्लाह की इबादत (वंदना) करो। उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। तुम इसके सिवा कुछ नहीं हो कि झूठी बातें घड़ने वाले हो[1]. 1. अर्थात अल्लाह के सिवा तुमने जो पूज्य बना रखे हैं वह तुम्हारे मन घड़त पूज्य हैं।

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يَا قَوْمِ لَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ أَجْرًا ۖ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى الَّذِي فَطَرَنِي ۚ أَفَلَا تَعْقِلُونَ ﴾ 51 ﴿

Transliteration

या क़ौमि ला अस् अलुकुम् अ़लैहि अज्रन्, इन् अज्रि-य इल्ला अ़लल्लज़ी फ़-त-रनी, अ-फ़ला तअ्क़िलून

हिंदी अनुवाद

हे मेरी जाति के लोगो! मैं तुमसे इसपर कोई बदला नहीं चाहता; मेरा पारिश्रमिक (बदला) उसी (अल्लाह) पर है, जिसने मुझे पैदा किया है। तो क्या तुम (इतनी) बात भी नहीं समझते[1]? 1. अर्थात यदि तुम समझ रखते तो अवश्य सोचते कि एक व्यक्ति अपने किसी संसारिक स्वार्थ के बिना क्यों हमें रातो दिन उपदेश दे रहा है और सारे दुःख झेल रहा है? उस के पास कोई ऐसी बात अवश्य होगी जिस के लिये अपनी जान जोखिम में डाल रहा है।

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وَيَا قَوْمِ اسْتَغْفِرُوا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوبُوا إِلَيْهِ يُرْسِلِ السَّمَاءَ عَلَيْكُم مِّدْرَارًا وَيَزِدْكُمْ قُوَّةً إِلَىٰ قُوَّتِكُمْ وَلَا تَتَوَلَّوْا مُجْرِمِينَ ﴾ 52 ﴿

Transliteration

व या क़ौमिस्तग़्फिरू रब्बकुम् सुम्-म तूबू इलैहि युरसिलिस्समा-अ अ़लैकुम मिद्रारंव् व यज़िद्कुम् क़ुव्व-तन् इला क़ुव्वतिकुम वला त-तवल्लौ मुज्रिमीन

हिंदी अनुवाद

हे मेरी जाति के लोगो! अपने पालनहार से क्षमा माँगो। फिर उसकी ओर ध्यानमग्न हो जाओ। वह आकाश से तुमपर धारा प्रवाह वर्षा करेगा और तुम्हारी शक्ति में अधिक शक्ति प्रदान करेगा और अपराधी होकर मुँह न फेरो।

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قَالُوا يَا هُودُ مَا جِئْتَنَا بِبَيِّنَةٍ وَمَا نَحْنُ بِتَارِكِي آلِهَتِنَا عَن قَوْلِكَ وَمَا نَحْنُ لَكَ بِمُؤْمِنِينَ ﴾ 53 ﴿

Transliteration

क़ालू या हूदु मा जिअ्तना बि-बय्यि-नतिंव्-व मा नह्नु बितारिकी आलि-हतिना अन् क़ौलि-क व मा नह्नु ल-क बिमुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

उन्होंने कहाः हे हूद! तुम हमारे पास कोई स्पष्ट (खुला) प्रमाण नहीं लाये तथा हम तुम्हारी बात के कारण अपने पूज्यों को त्यागने वाले नहीं हैं और न हम तुम्हारा विश्वास करने वाले हैं।

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إِن نَّقُولُ إِلَّا اعْتَرَاكَ بَعْضُ آلِهَتِنَا بِسُوءٍ ۗ قَالَ إِنِّي أُشْهِدُ اللَّهَ وَاشْهَدُوا أَنِّي بَرِيءٌ مِّمَّا تُشْرِكُونَ ﴾ 54 ﴿

Transliteration

इन्नक़ूलु इल्लअ्-तरा-क बअ्ज़ु आलि-हतिना बिसूइन्, क़ा-ल इन्नी हा उशहिदुल्ला-ह वश्हदू अन्नी बरीउम्-मिम्मा तुश्रिकून

हिंदी अनुवाद

हम तो यही कहेंगे कि तुझे हमारे किसी देवता ने बुराई के साथ पकड़ लिया है। हूद ने कहाः मैं अल्लाह को (गवाह) बनाता हूँ और तुम भी साक्षी रहो कि मैं उस शिर्क (मिश्रणवाद) से विरक्त हूँ, जो तुम कर रहे हो।

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مِن دُونِهِ ۖ فَكِيدُونِي جَمِيعًا ثُمَّ لَا تُنظِرُونِ ﴾ 55 ﴿

Transliteration

मिन् दूनिही फ़कीदूनी जमीअ़न् सुम् -म ला तुन्ज़िरून

हिंदी अनुवाद

उस (अल्लाह) के सिवा। तुम सब मिलकर मेरे विरुध्द षड्यंत्र रच लो, फिर मुझे कुछ भी अवसर न दो[1]1. अर्थात तुम और तुम्हारे सब देवी-देवता मिल कर भी मेरा कुछ बिगाड़ नहीं सकते। क्यों कि मेरा भरोसा जिस अल्लाह पर है पूरा संसार उस के नियंत्रण में है, उस के आगे किसी की शक्ति नहीं कि किसी का कुछ बिगाड़ सके।

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إِنِّي تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ رَبِّي وَرَبِّكُم ۚ مَّا مِن دَابَّةٍ إِلَّا هُوَ آخِذٌ بِنَاصِيَتِهَا ۚ إِنَّ رَبِّي عَلَىٰ صِرَاطٍ مُّسْتَقِيمٍ ﴾ 56 ﴿

Transliteration

इन्नी तवक्कल्तु अ़लल्लाहि रब्बी व रब्बिकुम्, मा मिन् दाब्बतिन् इल्ला हु-व आख़िज़ुम् बिनासि-यतिहा, इन्-न रब्बी अ़ला सिरातिम् मुस्तक़ीम

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, मैंने अल्लाह पर, जो मेरा पालनहार और तुम्हारा पालनहार है, भरोसा किया है। कोई चलने वाला जीव ऐसा नहीं, जो उसके अधिकार में न हो, वास्तव में, मेरा पालनहार सीधी राह[1] पर है। 1. अर्थात उस की राह अत्याचार की राह नहीं हो सकती कि तुम दुराचारी और कुपथ में रह कर सफल रहो और मैं सदाचारी रह कर हानि में पड़ूँ।

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فَإِن تَوَلَّوْا فَقَدْ أَبْلَغْتُكُم مَّا أُرْسِلْتُ بِهِ إِلَيْكُمْ ۚ وَيَسْتَخْلِفُ رَبِّي قَوْمًا غَيْرَكُمْ وَلَا تَضُرُّونَهُ شَيْئًا ۚ إِنَّ رَبِّي عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ حَفِيظٌ ﴾ 57 ﴿

Transliteration

फ-इन् तवल्लौ फ़-क़द् अब्लग़्तुकुम् मा उर्सिल्तु बिही इलैकुम्, व यस्तख़्लिफु रब्बी क़ौमन् ग़ैरकुम्, व ला तज़ुर्रुनहू शैअन्, इन्-न रब्बी अ़ला कुल्लि शैइन् हफ़ीज़

हिंदी अनुवाद

फिर यदि तुम विमुख रह गये, तो मैंने तुम्हें वह उपदेश पहुँचा दिया है, जिसके साथ मुझे भेजा गया है और मेरा पालनहार तुम्हारा स्थान तुम्हारे सिवा किसी[1] और जाति को दे देगा और तुम उसे कुछ हानि नहीं पहुँचा सकोगे, वास्तव में, मेरा पालनहार प्रत्येक चीज़ का रक्षक है। 1. अर्थात तुम्हें ध्वस्त निरस्त कर देगा।

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وَلَمَّا جَاءَ أَمْرُنَا نَجَّيْنَا هُودًا وَالَّذِينَ آمَنُوا مَعَهُ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَنَجَّيْنَاهُم مِّنْ عَذَابٍ غَلِيظٍ ﴾ 58 ﴿

Transliteration

व लम्मा जा-अ अम्रूना नज्जैना हूदंव्वल्लज़ी-न आमनू म-अ़हू बिरह्-मतिम्-मिन्ना, व नज्जैनाहुम् मिन् अ़ज़ाबिन् ग़लीज़

हिंदी अनुवाद

और जब हमारा आदेश आ पहुँचा, तो हमने हूद को और उनको, जो उसके साथ ईमान लाये, अपनी दया से बचा लिया और हमने उन्हें घोर यातना से बचा लिया।59

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وَتِلْكَ عَادٌ ۖ جَحَدُوا بِآيَاتِ رَبِّهِمْ وَعَصَوْا رُسُلَهُ وَاتَّبَعُوا أَمْرَ كُلِّ جَبَّارٍ عَنِيدٍ ﴾ 59 ﴿

Transliteration

व तिल-क आदुन्, ज-हदू बिआयाति रब्बिहिम् व असौ रूसु-लहु वत्त-बअू अम्-र कुल्लि जब्बारिन् अ़नीद

हिंदी अनुवाद

वही (जाति) “आद” है, जिसने अपने पालनहार की आयतों (निशानियों) का इन्कार किया और उसके रसूलों की बात नहीं मानी और प्रत्येक सच के विरोधी के पीछे चलते रहे।

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وَأُتْبِعُوا فِي هَٰذِهِ الدُّنْيَا لَعْنَةً وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ أَلَا إِنَّ عَادًا كَفَرُوا رَبَّهُمْ ۗ أَلَا بُعْدًا لِّعَادٍ قَوْمِ هُودٍ ‎ ﴾ 60 ﴿

Transliteration

व उत्बिअू फ़ी हाज़िहिद्दुन्या लअ्न-तंव् -व यौमल् -क़ियामति, अला-इन्-न आदन् क-फरू रब्बहुम, अला बुअ्दल् लिआदिन क़ौमि हूद*

हिंदी अनुवाद

और इस संसार में धिक्कार उनके साथ लगा दी गयी तथा प्रलय के दिन भी लगी रहेगी। सुनो! आद ने अपने पालनहार को अस्वीकार किया। सुनो! हूद की जाति आद के लिए दूरी हो[1]! 1. अर्थात अल्लाह की दया से दूरी। इस का प्रयोग धिक्कार और विनाश के अर्थ में होता है।

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قَالُوا يَا صَالِحُ قَدْ كُنتَ فِينَا مَرْجُوًّا قَبْلَ هَٰذَا ۖ أَتَنْهَانَا أَن نَّعْبُدَ مَا يَعْبُدُ آبَاؤُنَا وَإِنَّنَا لَفِي شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُونَا إِلَيْهِ مُرِيبٍ ﴾ 61 ﴿

Transliteration

व इला समू-द अख़ाहुम् सालिहन्, क़ा-ल या क़ौमिअ्बुदुल्ला-ह मा लकुम् मिन् इलाहिन् ग़ैरूहू, हु-व अन्श-अकुम् मिनल्अर्ज़ि वस्तअ्म-रकुम् फ़ीहा फ़स्तग़्फिरूहु सुम्-म तूबू इलैहि, इन्-न रब्बी क़रीबुम् मुजीब

हिंदी अनुवाद

और समूद[1] की ओर उनके भाई सालेह़ को भेजा। उसने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (वंदना) करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। उसीने तुम्हें धरती से उत्पन्न किया और तुम्हें उसमें बसा दिया, अतः उससे क्षमा माँगो और उसी की ओर ध्यानमग्न हो जाओ। वास्तव में, मेरा पालनहार समीप है ( और दुआयें) स्वीकार करने वाला है[2]1. यह जाति तबूक और मदीना के बीच “अल-ह़िज्र” में आबाद थी। 2. देखियेः सूरह बक़रह, आयतः186

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قَالُوا يَا صَالِحُ قَدْ كُنتَ فِينَا مَرْجُوًّا قَبْلَ هَٰذَا ۖ أَتَنْهَانَا أَن نَّعْبُدَ مَا يَعْبُدُ آبَاؤُنَا وَإِنَّنَا لَفِي شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُونَا إِلَيْهِ مُرِيبٍ ﴾ 62 ﴿

Transliteration

क़ालू या सालिहु क़द् कुन्-त फ़ीना मरजुव्वन् क़ब्-ल हाज़ा अतन्हाना अन्-नअ्बु-द मा यअ्बुदु आबाउना व इन्नना लफ़ी शक्किम् मिम्मा तद्अूना इलैहि मुरीब

हिंदी अनुवाद

उन्होंने कहाः हे सालेह! हमारे बीच इससे पहले तुझसे बड़ी आशा थी, क्या तू हमें इस बात से रोक रहा है कि हम उसकी पूजा करें, जिसकी पूजा हमारे बाप-दादा करते रहे? तू जिस चीज़ (एकेश्वरवाद) की ओर बुला रहा है, वास्तव में, उसके बारे में हमें संदेह है, जिसमें हमें द्विधा है।

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قَالَ يَا قَوْمِ أَرَأَيْتُمْ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٍ مِّن رَّبِّي وَآتَانِي مِنْهُ رَحْمَةً فَمَن يَنصُرُنِي مِنَ اللَّهِ إِنْ عَصَيْتُهُ ۖ فَمَا تَزِيدُونَنِي غَيْرَ تَخْسِيرٍ ﴾ 63 ﴿

Transliteration

क़ा-ल या क़ौमि अ-रऐतुम् इन् कुन्तु अला बय्यि – नतिम् मिर्रब्बी व आतानी मिन्हु रह्-मतन् फ़ मंय्यन्सुरूनी मिनल्लाहि इन् अ़सैतुहू, फ़मा तज़ीदू -ननी ग़ै-र तख़्सीर

हिंदी अनुवाद

उस (सालेह़) ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! तुमने विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट खुले प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी दया प्रदान की हो, तो कौन है, जो अल्लाह के मुक़ाबले में मेरी सहायता करेगा, यदि मैं उसकी अवज्ञा करूँ? तुम मुझे घाटे में डालने के सिवा कुछ नहीं दे सकते।

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وَيَا قَوْمِ هَٰذِهِ نَاقَةُ اللَّهِ لَكُمْ آيَةً فَذَرُوهَا تَأْكُلْ فِي أَرْضِ اللَّهِ وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوءٍ فَيَأْخُذَكُمْ عَذَابٌ قَرِيبٌ ‎ ﴾ 64 ﴿

Transliteration

व या क़ौमि हाज़िही नाक़तुल्लाहि लकुम् आयतन् फ़-ज़रूहा तअ्कुल् फी अरज़िल्लाहि व ला तमस्सूहा बिसूइन् फ़-यअ्ख़ु-ज़कुम् अ़ज़ाबुन क़रीब

हिंदी अनुवाद

और हे मेरी जाति के लोगो! ये अल्लाह[1] की ऊँटनी तुम्हारे लिए एक निशानी है, इसे छोड़ दो, अल्लाह की धरती में चरती फिरे और इसे कोई दुःख न पहुँचाओ, अन्यथा तुम्हें तुरन्त यातना पकड़ लेगी। 1. उसे अल्लाह की ऊँटनी इस लिये कहा गया है कि उसे अल्लाह ने उन के लिये एक पर्वत से निकाला था। क्योंकि उन्हों ने उस की माँग की थी कि यदि पर्वत से ऊँटनी निकलेगी तो हम ईमान लायेंगे। (तफ़्सीरे क़ुर्तुबी)

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فَعَقَرُوهَا فَقَالَ تَمَتَّعُوا فِي دَارِكُمْ ثَلَاثَةَ أَيَّامٍ ۖ ذَٰلِكَ وَعْدٌ غَيْرُ مَكْذُوبٍ ﴾ 65 ﴿

Transliteration

फ़-अ़-क़रूहा फ़क़ा-ल तमत्तअू फ़ी दारिकुम् सलास -त अय्यामिन्, ज़ालि-क वअ्दुन ग़ैरू मक्ज़ूब

हिंदी अनुवाद

तो उन्होंने उसे मार डाला। तब सालेह़ ने कहाः तुम अपने नगर में तीन दिन और आनन्द ले लो! ये वचन झूठ नहीं है।

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فَلَمَّا جَاءَ أَمْرُنَا نَجَّيْنَا صَالِحًا وَالَّذِينَ آمَنُوا مَعَهُ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَمِنْ خِزْيِ يَوْمِئِذٍ ۗ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ الْقَوِيُّ الْعَزِيزُ ﴾ 66 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा जा-अ अम्रुना नज्जैना सालिहंव्-वल्लज़ी-न आमनू म-अ़हू बिरह्-मतिम्-मिन्ना व मिन् ख़िज़्यि यौमिइज़िन्, इन्-न रब्ब-क हुवल् क़विय्युल अ़ज़ीज़

हिंदी अनुवाद

फिर जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने सालेह़ को और जो लोग उसके साथ ईमान लाये, अपनी दया से, उस दिन के अपमान से बचा लिया। वास्तव में, आपका पालनहार ही शक्तिशाली प्रभुत्वशाली है।

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وَأَخَذَ الَّذِينَ ظَلَمُوا الصَّيْحَةُ فَأَصْبَحُوا فِي دِيَارِهِمْ جَاثِمِينَ ﴾ 67 ﴿

Transliteration

व अ-ख़ज़ल्लज़ी न ज़ लमुस्सैहतु फ़-अस्बहू फी दियारिहिम् जासिमीन

हिंदी अनुवाद

और अत्याचारियों को कड़ी ध्वनि ने पकड़ लिया और वे अपने घरों में औंधे पड़े रह गये।

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كَأَن لَّمْ يَغْنَوْا فِيهَا ۗ أَلَا إِنَّ ثَمُودَ كَفَرُوا رَبَّهُمْ ۗ أَلَا بُعْدًا لِّثَمُودَ ﴾ 68 ﴿

Transliteration

कअल्लम् य़ग़्नौ फ़ीहा, अला इन्-न समू-द क-फरू रब्बहुम, अला बुअ्दल् लि-समूद *

हिंदी अनुवाद

जैसै वे वहाँ कभी बसे ही नहीं थे। सावधान! समूद ने अपने पालनहार को अस्वीकार कर दिया। सुन लो! समूद के लिए दूरी हो।

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وَلَقَدْ جَاءَتْ رُسُلُنَا إِبْرَاهِيمَ بِالْبُشْرَىٰ قَالُوا سَلَامًا ۖ قَالَ سَلَامٌ ۖ فَمَا لَبِثَ أَن جَاءَ بِعِجْلٍ حَنِيذٍ ﴾ 69 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् जाअत् रूसुलुना इब्राही-म बिल्बुश्रा क़ालू सलामन्, क़ा-ल सलामुन् फ़मा लबि-स अन् जा-अ बिअिज्लिन् हनीज़

हिंदी अनुवाद

और हमारे फ़रिश्ते इब्राहीम के पास शुभ सूचना लेकर आये। उन्होंने सलाम किया, तो उसने उत्तर में सलाम किया। फिर देर न हुई कि वह एक भुना हुआ वछड़ा[1] ले आये। 1. अर्थात अतिथि सत्कार के लिये।

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فَلَمَّا رَأَىٰ أَيْدِيَهُمْ لَا تَصِلُ إِلَيْهِ نَكِرَهُمْ وَأَوْجَسَ مِنْهُمْ خِيفَةً ۚ قَالُوا لَا تَخَفْ إِنَّا أُرْسِلْنَا إِلَىٰ قَوْمِ لُوطٍ ﴾ 70 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा रआ ऐदि-यहुम् ला तसिलु इलैहि नकि-रहुम् व औज-स मिन्हुम् ख़ीफ़-तन्, क़ालू ला तख़फ् इन्ना उरसिल्ना इला क़ौमि लूत

हिंदी अनुवाद

फिर जब देखा कि उनके हाथ उसकी ओर नहीं बढ़ते, तो उनकी ओर से संशय में पड़ गया और उनसे दिल में भय का अनुभव किया। उन्होंने कहाः भय न करो। हम लूत[1]की जाति की ओर भेजे गये हैं। 1. लूत अलैहिस्सलाम को भाष्यकारों ने इब्राहीम अलैहिस्सलाम का भतीजा बताया है, जिन को अल्लाह ने सदूम की ओर नबी बना कर भेजा।

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وَامْرَأَتُهُ قَائِمَةٌ فَضَحِكَتْ فَبَشَّرْنَاهَا بِإِسْحَاقَ وَمِن وَرَاءِ إِسْحَاقَ يَعْقُوبَ ﴾ 71 ﴿

Transliteration

वम्र अतुहू क़ाइ-मतुन् फ़-ज़हिकत् फ़-बश्शर्नाहा बि-इस्हा-क, व मिंव्वरा-इ इस्हा-क़ यअ्क़ूब

हिंदी अनुवाद

और उस (इब्राहीम) की पत्नी खड़ी होकर सुन रही थी। वह हँस पड़ी[1], तो उसे हमने इस्ह़ाक़ (के जन्म) की शुभ सूचना[2] दी और इस्ह़ाक़ के पश्चात् याक़ुब की। 1. कि भय की कोई बात नहीं है। 2. फ़रिश्तों द्वारा।

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قَالَتْ يَا وَيْلَتَىٰ أَأَلِدُ وَأَنَا عَجُوزٌ وَهَٰذَا بَعْلِي شَيْخًا ۖ إِنَّ هَٰذَا لَشَيْءٌ عَجِيبٌ ﴾ 72 ﴿

Transliteration

क़ालत् या वैलता अ-अलिदु व अ-ना अ़जूजुंव् व हाज़ा बअ्ली शैख़न्, इन्-न हाज़ा लशैउन् अ़जीब

हिंदी अनुवाद

वह बोलीः हाय मेरा दुर्भाग्य! क्या मेरी संतान होगी, जबकि मैं बुढ़िया हूँ और मेरा ये पति भी बूढ़ा है? वास्तव में, ये बड़े आश्चर्य की बात है।

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قَالُوا أَتَعْجَبِينَ مِنْ أَمْرِ اللَّهِ ۖ رَحْمَتُ اللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ عَلَيْكُمْ أَهْلَ الْبَيْتِ ۚ إِنَّهُ حَمِيدٌ مَّجِيدٌ ﴾ 73 ﴿

Transliteration

क़ालू अतअ्जबी-न मिन् अमरिल्लाहि रह्-मतुल्लाहि व ब-रकातुहू अ़लैकुम् अह़्लल्बैति, इन्नहू हमीदुम्-मजीद

हिंदी अनुवाद

फ़रिश्तों ने कहाः क्या तू अल्लाह के आदेश से आश्चर्य करती है? हे घर वालो! तुम सब पर अल्लाह की दया तथा सम्पन्नता है, निसंदेह वह अति प्रशंसित, श्रेष्ठ है।

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‏ فَلَمَّا ذَهَبَ عَنْ إِبْرَاهِيمَ الرَّوْعُ وَجَاءَتْهُ الْبُشْرَىٰ يُجَادِلُنَا فِي قَوْمِ لُوطٍ ﴾ 74 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा ज़-ह-ब अन् इब्राहीमर्-रौअु व जाअत्हुल्-बुशरा युजादिलुना फ़ी क़ौमि लूत

हिंदी अनुवाद

फिर जब इब्राहीम से भय दूर हो गया और उसे शुभ सूचना मिल गयी, तो वह लूत की जाति के बारे में हमसे आग्रह करने लगा[1]1. अर्थात प्रार्थना करने लगा कि लूत की जाति को और संभलने का अवसर दिया जाये। हो सकता है कि वह ईमान लायें।

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إِنَّ إِبْرَاهِيمَ لَحَلِيمٌ أَوَّاهٌ مُّنِيبٌ ‎ ﴾ 75 ﴿

Transliteration

इन्-न इब्राही-म ल-हलीमुन् अव्वाहुम् मुनीब

हिंदी अनुवाद

वास्तव में, इब्राहीम बड़ा सहनशील, कोमल हृदय तथा अल्लाह की ओर ध्यानमग्न रहने वाला था।

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يَا إِبْرَاهِيمُ أَعْرِضْ عَنْ هَٰذَا ۖ إِنَّهُ قَدْ جَاءَ أَمْرُ رَبِّكَ ۖ وَإِنَّهُمْ آتِيهِمْ عَذَابٌ غَيْرُ مَرْدُودٍ ﴾ 76 ﴿

Transliteration

या इब्राहीमु अअ्-रिज़् अन् हाज़ा, इन्नहू क़द् जा-अ अम्रु रब्बि-क, व इन्नहुम् आतीहिम् अ़ज़ाबुन ग़ैरू मरदूद

हिंदी अनुवाद

 (फ़रिश्तों ने कहाः) हे इब्राहीम! इस बात को छोड़ो, वास्तव में, तेरे पालनहार का आदेश[1] आ गया है तथा उनपर ऐसी यातना आने वाली, है जो टलने वाली नहीं है। 1. आर्थात यातना का आदेश।

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وَلَمَّا جَاءَتْ رُسُلُنَا لُوطًا سِيءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَقَالَ هَٰذَا يَوْمٌ عَصِيبٌ ‎ ﴾ 77 ﴿

Transliteration

व लम्मा जाअत् रूसुलुना लूतन् सी-अ बिहिम् व ज़ा-क़ बिहिम् ज़रअंव्-व क़ा-ल हाज़ा यौमुन् अ़सीब

हिंदी अनुवाद

और जब हमारे फ़रिश्ते लूत के पास आये, तो उनका आना उसे बुरा लगा और उनके कारण व्याकूल हो गया और कहाः ये तो बड़ी विपता का[1] दिन है। 1. फ़रिश्ते सुन्दर किशोरों के रूप में आये थे। और लूत अलैहिस्सलाम की जाति का आचरण यह था कि वह बालमैथुन में रूचि रखती थी। इस लिये उन्हों ने उन को पकड़ने की कोशिश की। इसी लिये इन अतिथियों के आने पर लूत अलैहिस्सलाम व्याकूल हो गये थे।

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وَجَاءَهُ قَوْمُهُ يُهْرَعُونَ إِلَيْهِ وَمِن قَبْلُ كَانُوا يَعْمَلُونَ السَّيِّئَاتِ ۚ قَالَ يَا قَوْمِ هَٰؤُلَاءِ بَنَاتِي هُنَّ أَطْهَرُ لَكُمْ ۖ فَاتَّقُوا اللَّهَ وَلَا تُخْزُونِ فِي ضَيْفِي ۖ أَلَيْسَ مِنكُمْ رَجُلٌ رَّشِيدٌ ﴾ 78 ﴿

Transliteration

व जा-अहू क़ौमुहू युह्-रअू-न इलैहि, व मिन् क़ब्लु कानू यअ्मलूनस्-सय्यिआति, क़ा-ल या क़ौमि हा-उला-इ बनाती हुन्-न अत्हरू लकुम् फत्तक़ुल्ला-ह व ला तुख़्ज़ूनि फी ज़ैफी, अलै-स मिन्कुम् रजुलुर्रशीद

हिंदी अनुवाद

और उसकी जाति के लोग दौड़ते हुए उसके पास आ गये और इससे पूर्व वह कुकर्म[1] किया करते थे। लूत ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! ये मेरी[2] पुत्रियाँ हैं, वे तुम्हारे लिए अधिक पवित्र हैं, अतः अल्लाह से डरो और मेरे अतिथियों के बारे में मुझे अपमानित न करो। क्या तुममें कोई भला मनुष्य नहीं है? 1. अर्थात बालमैथुन। (तफ़्सीरे क़ुर्तुबी) 2. अर्थात बस्ती की स्त्रियाँ। क्यों कि जाति का नबी उन के पिता के समान होता है। (तफ़्सीरे क़ुर्तुबी)

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قَالُوا لَقَدْ عَلِمْتَ مَا لَنَا فِي بَنَاتِكَ مِنْ حَقٍّ وَإِنَّكَ لَتَعْلَمُ مَا نُرِيدُ ﴾ 79 ﴿

Transliteration

क़ालू ल-क़द् अलिम्-त मा लना फ़ी बनाति-क मिन् हक़्क़िन व इन्न-क ल-तअ्लमु मा नुरीद

हिंदी अनुवाद

उन लोगों ने कहाः तुमतो जानते ही हो कि हमारा तुम्हारी पुत्रियों में कोई अधिकार नहीं[1]। तथा वास्तव में, तुम जानते ही हो कि हम क्या चाहते हैं। 1. अर्थात हमें स्त्रियों में कोई रूचि नहीं है।

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قَالَ لَوْ أَنَّ لِي بِكُمْ قُوَّةً أَوْ آوِي إِلَىٰ رُكْنٍ شَدِيدٍ ﴾ 80 ﴿

Transliteration

क़ा-ल लौ अन्-न ली बिकुम् क़ुव्वतन् औ आवी इला रूक्निन् शदीद

हिंदी अनुवाद

उस (लूत) ने कहाः काश मेरे पास बल होता! या कोई दृढ़ सहारा होता, जिसकी शरण लेता!

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قَالُوا يَا لُوطُ إِنَّا رُسُلُ رَبِّكَ لَن يَصِلُوا إِلَيْكَ ۖ فَأَسْرِ بِأَهْلِكَ بِقِطْعٍ مِّنَ اللَّيْلِ وَلَا يَلْتَفِتْ مِنكُمْ أَحَدٌ إِلَّا امْرَأَتَكَ ۖ إِنَّهُ مُصِيبُهَا مَا أَصَابَهُمْ ۚ إِنَّ مَوْعِدَهُمُ الصُّبْحُ ۚ أَلَيْسَ الصُّبْحُ بِقَرِيبٍ ‎ ﴾ 81 ﴿

Transliteration

क़ालू या लूतु इन्ना रूसुलु रब्बि-क लंय्यसिलू इलै-क फ़-अस्रि बिअह्-लि-क बिक़ित्अिम्-मिनल्लैलि व ला यल्तफित् मिन्कुम् अ हदुन् इल्लम्-र-अ-त-क, इन्नहू मुसीबुहा मा असाबहुम, इन्-न मौअि-दहुमु स्सुब्हु, अलैसस्-सुबहु बि-क़रीब

हिंदी अनुवाद

फ़रिश्तों ने कहाः हे लूत! हम तेरे पालनहार के भेजे हुए (फ़रिश्ते) हैं। वे कदापि तुझतक नहीं पहुँच सकेंगे। जब कुछ रात रह जाये, तो अपने परिवार के साथ निकल जा और तुममें से कोई फिरकर न देखे। परन्तु तेरी पत्नी (साथ नहीं जायेगी)। उसपर भी वही बीतने वाला है, जो उनपर बीतेगा। उनकी यातना का निर्धारित समय प्रातः काल है। क्या प्रातः काल समीप नहीं है?

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فَلَمَّا جَاءَ أَمْرُنَا جَعَلْنَا عَالِيَهَا سَافِلَهَا وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهَا حِجَارَةً مِّن سِجِّيلٍ مَّنضُودٍ ﴾ 82 ﴿

Transliteration

फ़-लम्मा जा-अ अम्रुना जअ़ल्ना आलि-यहा साफ़ि-लहा व अम्तर्ना अलैहा हिजा-रतम् मिन् सिज्जीलिम्-मन्ज़ूदिम

हिंदी अनुवाद

फिर जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने उस बस्ती को तहस-नहस कर दिया और उनपर पकी हुई कंकरियों की बारिश कर दी।

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مُّسَوَّمَةً عِندَ رَبِّكَ ۖ وَمَا هِيَ مِنَ الظَّالِمِينَ بِبَعِيدٍ ﴾ 83 ﴿

Transliteration

मुसव्व मतन् अिन्-द रब्बि-क, व मा हि-य मिनज़्ज़ालिमी-न बि बईद *

हिंदी अनुवाद

जो तेरे पालनहार के यहाँ चिन्ह लगायी हुयी थी और वह[1] (बस्ती) अत्याचारियों[2] से कोई दूर नहीं है। 1. अर्थात सदूम, जो समूद की बस्ती थी। 2. अर्थात आज भी जो उन की नीति पर चल रहे हैं उन पर ऐसी ही यातना आ सकती है।

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وَإِلَىٰ مَدْيَنَ أَخَاهُمْ شُعَيْبًا ۚ قَالَ يَا قَوْمِ اعْبُدُوا اللَّهَ مَا لَكُم مِّنْ إِلَٰهٍ غَيْرُهُ ۖ وَلَا تَنقُصُوا الْمِكْيَالَ وَالْمِيزَانَ ۚ إِنِّي أَرَاكُم بِخَيْرٍ وَإِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ مُّحِيطٍ ‎ ﴾ 84 ﴿

Transliteration

व इला मद्-यन अख़ाहुम् शुऐबन्, क़ा-ल या क़ौमि अ्बुदुल्ला-ह मा लकुम मिन् इलाहिन् ग़ैरूहू, व ला तन्क़ुसुल-मिक्या-ल वल्मीज़ा-न इन्नी अराकुम् बिख़ैरिंव्-व इन्नी अख़ाफु अलैकुम् अ़ज़ा-ब यौमिम् मुहीत

हिंदी अनुवाद

और मद्यन की ओर उनके भाई शोऐब को भेजा। उसने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (वंदना) करो। उसके सिवा कोई तुम्हारा पूज्य नहीं है और नाप-तोल में कमी न करो[1]. मैं तुम्हें सम्पन्न देख रहा हूँ। इसलिए मुझे डर है कि तुम्हें कहीं यातना न घेर ले। 1. शोऐब की जाति में शिर्क (मिश्रणवाद) के सिवा नाप तौल में कमी करने का रोग भी था।

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وَيَا قَوْمِ أَوْفُوا الْمِكْيَالَ وَالْمِيزَانَ بِالْقِسْطِ ۖ وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ أَشْيَاءَهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِي الْأَرْضِ مُفْسِدِينَ ﴾ 85 ﴿

Transliteration

व या क़ौमि औफुल-मिक्या-ल वल्मीज़ा-न बिल-क़िस्ति व ला तब्ख़सुन्ना-स अश्या-अहुम् व ला तअ्सौ फ़िल्अर्ज़ी मुफ़्सिदीन

हिंदी अनुवाद

हे मेरी जाति के लोगो! नाप-तोल न्यायपुर्वक पूरा करो और लोगों को उनकी चीज़ कम न दो तथा धरती में उपद्रव फैलाते न फिरो।

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بَقِيَّتُ اللَّهِ خَيْرٌ لَّكُمْ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ ۚ وَمَا أَنَا عَلَيْكُم بِحَفِيظٍ ﴾ 86 ﴿

Transliteration

बक़िय्यतुल्लाहि ख़ैरुल्लकुम् इन् कुन्तुम मुअ्मिनी-न, व मा अ-ना अ़लैकुम् बि हफ़ीज़

हिंदी अनुवाद

अल्लाह की दी हुई बचत, तुम्हारे लिए अच्छी है, यदि तुम ईमान वाले हो और मैं तुमपर कोई रक्षक नहीं हूँ।

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قَالُوا يَا شُعَيْبُ أَصَلَاتُكَ تَأْمُرُكَ أَن نَّتْرُكَ مَا يَعْبُدُ آبَاؤُنَا أَوْ أَن نَّفْعَلَ فِي أَمْوَالِنَا مَا نَشَاءُ ۖ إِنَّكَ لَأَنتَ الْحَلِيمُ الرَّشِيدُ ﴾ 87 ﴿

Transliteration

क़ालू या शुऐबु अ-सलातु-क तअ्मुरू-क अन् नत्रु-क मा यअ्बुदु आबाउना औ अन् नफ़्अ-ल फ़ी अम्वालिना मा नशा-उ, इन्न-क ल-अन्तल् हलीमुर्रशीद

हिंदी अनुवाद

उन्होंने कहाः हे शोऐब! क्या तेरी नमाज़ (इबादत) तुझे आदेश दे रही है कि हम उसे त्याग दें, जिसकी पूजा हमारे बाप-दादा करते रहे? अथवा अपने धनों में जो चाहें करें? वास्तव में, तू बड़ा ही सहनशील तथा भला व्यक्ति है!

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قَالَ يَا قَوْمِ أَرَأَيْتُمْ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٍ مِّن رَّبِّي وَرَزَقَنِي مِنْهُ رِزْقًا حَسَنًا ۚ وَمَا أُرِيدُ أَنْ أُخَالِفَكُمْ إِلَىٰ مَا أَنْهَاكُمْ عَنْهُ ۚ إِنْ أُرِيدُ إِلَّا الْإِصْلَاحَ مَا اسْتَطَعْتُ ۚ وَمَا تَوْفِيقِي إِلَّا بِاللَّهِ ۚ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَإِلَيْهِ أُنِيبُ ﴾ 88 ﴿

Transliteration

क़ा-ल या क़ौमि अ-रऐतुम् इन् कुन्तु अ़ला बय्यि- नतिम् मिर्रब्बी व र-ज़-क़नी मिन्हु रिज़्क़न् ह-सनन्, व मा उरीदु अन् उख़ालि-फकुम् इला मा अन्हाकुम् अ़न्हु, इन् उरीदु इल्लल्-इस्ला-ह मस्त तअ्तु, व मा तौफ़ीक़ी इल्ला बिल्लाहि, अ़लैहि तवक्कल्तु व इलैहि उनीब

हिंदी अनुवाद

शोऐब ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! तुम बताओ, यदि मैं अपने पालनहार की ओर से प्रत्यक्ष प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अच्छी जीविका प्रदान की हो, (तो कैसे तुम्हारा साथ दूँ?) मैं नहीं चाहता कि उसके विरुध्द करूँ, जिससे तुम्हें रोक रहा हूँ। मैं जहाँ तक हो सके, सुधार ही चाहता हूँ और ये जो कुछ करना चाहता हूँ, अल्लाह के योगदान पर निर्भर करता है। मैंने उसीपर भरोसा किया है और उसी की ओर ध्यानमग्न रहता हूँ।

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وَيَا قَوْمِ لَا يَجْرِمَنَّكُمْ شِقَاقِي أَن يُصِيبَكُم مِّثْلُ مَا أَصَابَ قَوْمَ نُوحٍ أَوْ قَوْمَ هُودٍ أَوْ قَوْمَ صَالِحٍ ۚ وَمَا قَوْمُ لُوطٍ مِّنكُم بِبَعِيدٍ ﴾ 89 ﴿

Transliteration

व या क़ौमि ला यज्रिमन्नकुम् शिक़ाक़ी अंय्युसी-बकुम् मिस्लु मा असा-ब क़ौ-म नूहिन् औ क़ौ-म हूदिन् औ क़ौ-म सालिहिन्, व मा क़ौमु लूतिम्-मिन्कुम् बि-बईद

हिंदी अनुवाद

हे मेरी जाति के लोगो! तुम्हें मेरा विरोध इस बात पर न उभार दे कि तुमपर वही यातना आ पड़े, जो नूह़ की जाति, हूद की जाति अथवा सालेह़ की जाति पर आई और लूत की जाति तुमसे कुछ दूर नहीं है।

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وَاسْتَغْفِرُوا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوبُوا إِلَيْهِ ۚ إِنَّ رَبِّي رَحِيمٌ وَدُودٌ ﴾ 90 ﴿

Transliteration

वस्तग़्फिरू रब्बकुम् सुम्-म तूबू इलैहि, इन्-न रब्बी रहीमुंव्वदूद

हिंदी अनुवाद

और अपने पालनहार से क्षमा माँगो, फिर उसी की ओर ध्यानमग्न हो जाओ। वास्तव में, मेरा पालनहार अति क्षमाशील तथा प्रेम करने वाला है।

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قَالُوا يَا شُعَيْبُ مَا نَفْقَهُ كَثِيرًا مِّمَّا تَقُولُ وَإِنَّا لَنَرَاكَ فِينَا ضَعِيفًا ۖ وَلَوْلَا رَهْطُكَ لَرَجَمْنَاكَ ۖ وَمَا أَنتَ عَلَيْنَا بِعَزِيزٍ ﴾ 91 ﴿

Transliteration

क़ालू या शुऐबु मा नफ़्क़हु कसीरम्-मिम्मा तक़ूलु व इन्ना ल-नरा-क फीना ज़ईफ़न्, व लौ ला रह्तु-क ल-रजम्-ना-क, वमा अन्-त अलैना बि-अज़ीज़

हिंदी अनुवाद

उन्होंने कहाः हे शोऐब! तुम्हारी बहुत-सी बात हम नहीं समझते और हम, तुम्हें अपने बीच निर्बल देख रहे हैं और यदि, भाई बन्धु न होते, तो हम तुम्हें पथराव करके मार डालते और तुम, हमपर कोई भारी तो नहीं हो।

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قَالَ يَا قَوْمِ أَرَهْطِي أَعَزُّ عَلَيْكُم مِّنَ اللَّهِ وَاتَّخَذْتُمُوهُ وَرَاءَكُمْ ظِهْرِيًّا ۖ إِنَّ رَبِّي بِمَا تَعْمَلُونَ مُحِيطٌ ﴾ 92 ﴿

Transliteration

क़ा-ल या क़ौमि अ-रह्ती अ-अ़ज़्ज़ु अलैकुम् मिनल्लाहि, वत्तख़ज़्तुमूहु वरा-अकुम् ज़िह्-रिय्यन्, इन्-न रब्बी बिमा तअ्मलू-न मुहीत

हिंदी अनुवाद

शोऐब ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! क्या मेरे भाई बन्धु तुमपर अल्लाह से अधिक भारी हैं कि तुमने उसे पीठ पीछे डाल दिया है[1]? निश्चय मेरा पालनहार उसे (अपने ज्ञान के) घेरे में लिए हुए है, जो तुम कर रहे हो। 1. अर्थात तुम मेरे भाई बन्धु के भय से मेरे विरुध्द कुछ करने से रुक गये तो क्या वह तुम्हारे विचार में अल्लाह से अधिक प्रभाव रखते हैं?

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وَيَا قَوْمِ اعْمَلُوا عَلَىٰ مَكَانَتِكُمْ إِنِّي عَامِلٌ ۖ سَوْفَ تَعْلَمُونَ مَن يَأْتِيهِ عَذَابٌ يُخْزِيهِ وَمَنْ هُوَ كَاذِبٌ ۖ وَارْتَقِبُوا إِنِّي مَعَكُمْ رَقِيبٌ ‎ ﴾ 93 ﴿

Transliteration

व या क़ौमिअ्-मलू अला मकानतिकुम् इन्नी आमिलुन्, सौ-फ़ तअ्लमू-न, मंय्यअ्तीहि अज़ाबुंय्युख़्ज़ीहि व मन् हु-व काज़िबुन्, वर्तक़िबू इन्नी म-अ़कुम् रक़ीब

हिंदी अनुवाद

और हे मेरी जाति के लोगो! तुम अपने स्थान पर काम करो, मैं (अपने स्थान पर) काम कर रहा हूँ। तुम्हें शीघ्र ही ज्ञान हो जायेगा कि किसपर ऐसी यातना आयेगी, जो उसे अपमानित कर दे तथा कौन झूठा है? तुम प्रतीक्षा करो, मैं (भी) तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करने वाला हूँ।

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وَلَمَّا جَاءَ أَمْرُنَا نَجَّيْنَا شُعَيْبًا وَالَّذِينَ آمَنُوا مَعَهُ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَأَخَذَتِ الَّذِينَ ظَلَمُوا الصَّيْحَةُ فَأَصْبَحُوا فِي دِيَارِهِمْ جَاثِمِينَ ﴾ 94 ﴿

Transliteration

व लम्मा जा-अ-अम्रुना नज्जैना शुऐबंव्-वल्लज़ी-न आमनू म अ़हू बिरह्-मतिम्-मिन्ना व अ-ख-ज़तिल्लज़ी-न ज़-लमुस्सैहतु फ़-अस्बहू फी दियारिहिम् जासिमीन

हिंदी अनुवाद

और जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने शोऐब को और जो उसके साथ ईमान लाये थे, अपनी दया से बचा लिया और अत्याचारियों को बड़ी ध्वनि ने पकड़ लिया। फिर वे अपने घरों में औंधे मुँह पड़े रह गये।

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كَأَن لَّمْ يَغْنَوْا فِيهَا ۗ أَلَا بُعْدًا لِّمَدْيَنَ كَمَا بَعِدَتْ ثَمُودُ ﴾ 95 ﴿

Transliteration

कअल्लम् य़ग़्नौ फ़ीहा, अला बुअ्दल् लिमद्-य-न कमा बअिदत् समूद *

हिंदी अनुवाद

जैसे वे कभी उनमें बसे ही न रहे हों। सुन लो! मद्यन वाले भी वैसे ही दूर फेंक दिये गये, जैसे समूद दूर फेंक दिये गये।

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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا مُوسَىٰ بِآيَاتِنَا وَسُلْطَانٍ مُّبِينٍ ﴾ 96 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् अरसल्ना मूसा बिआयातिना व सुल्तानिम्-मुबीन

हिंदी अनुवाद

और हमने मूसा को अपनी निशानियों (चमत्कार) तथा खुले तर्क के साथ भेजा।

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إِلَىٰ فِرْعَوْنَ وَمَلَئِهِ فَاتَّبَعُوا أَمْرَ فِرْعَوْنَ ۖ وَمَا أَمْرُ فِرْعَوْنَ بِرَشِيدٍ ‎﴿ ﴾ 97 ﴿

Transliteration

इला फिरऔ-न व म-लइही फत्तबअू अम्-र फ़िरऔ-न, वमा अम्-रू फ़िरऔ-न बि-रशीद

हिंदी अनुवाद

फ़िरऔन और उसके प्रमुखों की ओर। तो उन्होंने फ़िरऔन की आज्ञा का अनुसरण (पालन) किया। जबकि फ़िरऔन की आज्ञा सुधरी हुई न थी।

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يَقْدُمُ قَوْمَهُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فَأَوْرَدَهُمُ النَّارَ ۖ وَبِئْسَ الْوِرْدُ الْمَوْرُودُ ﴾ 98 ﴿

Transliteration

यक़्दुमु क़ौमहू यौमल-क़ियामति फ़औ-र-दहुमुन्ना-र, व बिअ्सल विरदुल-मौरूद

हिंदी अनुवाद

वह प्रलय के दिन अपनी जाति के आगे चलेगा और उनको नरक में उतारेगा और वह क्या ही बुरा उतरने का स्थान है?

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وَأُتْبِعُوا فِي هَٰذِهِ لَعْنَةً وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ ۚ بِئْسَ الرِّفْدُ الْمَرْفُودُ ﴾ 99 ﴿

Transliteration

व उत्बिअू फ़ी हाज़िही लअ्-नतंव्-व यौमल् क़ियामति, बिअ्सर्रिफ्दुल मरफूद

हिंदी अनुवाद

और वे धिक्कार के पीछे लगा दिये गये, इस संसार में भी और प्रलय के दिन भी। कैसा बुरा पुरस्कार है, जो उन्हें दिया जायेगा?

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ذَٰلِكَ مِنْ أَنبَاءِ الْقُرَىٰ نَقُصُّهُ عَلَيْكَ ۖ مِنْهَا قَائِمٌ وَحَصِيدٌ ﴾ 100 ﴿

Transliteration

ज़ालि-क मिन् अम्बाइल्क़ुरा नक़ुस्सुहू अ़लै-क मिन्हा क़ाइमुंव्-व हसीद

हिंदी अनुवाद

हे नबी! ये उन बस्तियों के समाचार हैं, जिनका वर्णन हम आपसे कर रहे हैं। उनमें से कुछ निर्जन खड़ी और कुछ उजड़ चुकी हैं।

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وَمَا ظَلَمْنَاهُمْ وَلَٰكِن ظَلَمُوا أَنفُسَهُمْ ۖ فَمَا أَغْنَتْ عَنْهُمْ آلِهَتُهُمُ الَّتِي يَدْعُونَ مِن دُونِ اللَّهِ مِن شَيْءٍ لَّمَّا جَاءَ أَمْرُ رَبِّكَ ۖ وَمَا زَادُوهُمْ غَيْرَ تَتْبِيبٍ ﴾ 101 ﴿

Transliteration

व मा ज़लम्-ना हुम् व लाकिन् ज़-लमू अन्फु-सहुम् फ़मा अग्–नत् अन्हुम् आलि-हतुहुमुल्लती यद्अू-न मिन् दूनिल्लाहि मिन् शैइल्-लम्मा जा-अ अम्-रू रब्बि-क, वमा ज़ादूहुम् ग़ै-र तत्बीब

हिंदी अनुवाद

और हमने उनपर अत्याचार नहीं किया, परन्तु उन्होंने स्वयं अपने ऊपर अत्याचार किया। तो उनके वे पूज्य, जिन्हें व अल्लाह के सिवा पुकार रहे थे, उनके कुछ काम नहीं आये, जब आपके पालनहार का आदेश आ गया और उन्होंने उन्हें हानि पहुँचाने के सिवा और कुछ नहीं किया[1]1. अर्थात यह जातियाँ अपने देवी-देवता की पूजा इस लिये करती थीं कि वह उन्हें लाभ पहुँचायेंगे। किन्तु उन की पूजा ही उन पर अधिक यातना का कारण बन गई।

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وَكَذَٰلِكَ أَخْذُ رَبِّكَ إِذَا أَخَذَ الْقُرَىٰ وَهِيَ ظَالِمَةٌ ۚ إِنَّ أَخْذَهُ أَلِيمٌ شَدِيدٌ ﴾ 102 ﴿

Transliteration

व कज़ालि-क अख़्ज़ु रब्बि-क इज़ा अ-ख़ज़ल्-क़ुरा व हि-य ज़ालि-मतुन्, इन्-न अख़्ज़हू अलीमुन् शदीद

हिंदी अनुवाद

और इसी प्रकार, तेरे पालनहार की पकड़ होती है, जब वह किसी अत्याचार करने वालों की बस्ती को पकड़ता है। निश्चय उसकी पकड़ दुःखदायी और कड़ी होती[1] है। 1. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कथन है कि अल्लाह अत्याचारी को अवसर देता है, यहाँ तक कि जब उसे पकड़ता है तो उस से बचता नहीं, और आप ने फिर यही आयत पढ़ी। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्याः4686)

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إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً لِّمَنْ خَافَ عَذَابَ الْآخِرَةِ ۚ ذَٰلِكَ يَوْمٌ مَّجْمُوعٌ لَّهُ النَّاسُ وَذَٰلِكَ يَوْمٌ مَّشْهُودٌ ﴾ 103 ﴿

Transliteration

इन्-न फ़ी ज़ालि-क लआयतल् लिमन् ख़ा-फ़ अ़ज़ाबल् आख़िरति, ज़ालि-क यौमुम् मज्मूअुल्, लहुन्नासु व ज़ालि-क यौमुम्-मश्हूद

हिंदी अनुवाद

निश्चय इसमें एक निशानी है, उसके लिए जो परलोक की यातना से डरे। वह ऐसा दिन होगा, जिसके लिए सभी लोग एकत्र होंगे तथा उस दिन सब उपस्थित होंगे।

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وَمَا نُؤَخِّرُهُ إِلَّا لِأَجَلٍ مَّعْدُودٍ ﴾ 104 ﴿

Transliteration

व मा नु-अख़्ख़िरूहू इल्ला लि-अ जलिम् मअ्दूद

हिंदी अनुवाद

और उसे हम केवल एक निर्धारित अवधि के लिए देर कर रहे हैं।

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‏ يَوْمَ يَأْتِ لَا تَكَلَّمُ نَفْسٌ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ فَمِنْهُمْ شَقِيٌّ وَسَعِيدٌ ‎ ﴾ 105 ﴿

Transliteration

यौ-म यअ्ति ला तकल्लमु नफ्सुन् इल्ला बि-इज़्-निही, फ़-मिन्हुम् शक़िय्युंव व सईद

हिंदी अनुवाद

जब वह दिन आ जायेगा, तो अल्लाह की अनुमति बिना कोई प्राणी बात नहीं करेगा, फिर उनमें से कुछ अभागे होंगे और कुछ भाग्यवान होंगे।

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فَأَمَّا الَّذِينَ شَقُوا فَفِي النَّارِ لَهُمْ فِيهَا زَفِيرٌ وَشَهِيقٌ ﴾ 106 ﴿

Transliteration

फ़-अम्मल्लज़ी न शक़ू फ़फ़िन्नारि लहुम् फ़ीहा ज़फ़ीरूंव्-व शहीक़

हिंदी अनुवाद

फिर जो भाग्यहीन होंगे, वही नरक में होंगे, उन्हीं की उसमें चीख और पुकार होगी।

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خَالِدِينَ فِيهَا مَا دَامَتِ السَّمَاوَاتُ وَالْأَرْضُ إِلَّا مَا شَاءَ رَبُّكَ ۚ إِنَّ رَبَّكَ فَعَّالٌ لِّمَا يُرِيدُ ﴾ 107 ﴿

Transliteration

ख़ालिदी न फीहा मा दामतिस्समावातु वलअर्ज़ु इल्ला मा शा-अ रब्बु-क, इन्-न रब्ब-क फ़अ्आलुल्लिमा युरीद

हिंदी अनुवाद

वे उसमें सदावासी होंगे, जब तक आकाश तथा धरती अवस्थित हैं। परन्तु ये कि आपका पालनहार कुछ और चाहे। वास्तव में, आपका पालनहार जो चाहे, करने वाला है।

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وَأَمَّا الَّذِينَ سُعِدُوا فَفِي الْجَنَّةِ خَالِدِينَ فِيهَا مَا دَامَتِ السَّمَاوَاتُ وَالْأَرْضُ إِلَّا مَا شَاءَ رَبُّكَ ۖ عَطَاءً غَيْرَ مَجْذُوذٍ ﴾ 108 ﴿

Transliteration

व अम्मल्लज़ी-न सुअिदू फ़फ़िल्-जन्नति ख़ालिदी-न फ़ीहा मा दामतिस्समावातु वल् अर्ज़ु इल्ला मा शा-अ रब्बु-क, अताअन् ग़ै-र मज्जूज़

हिंदी अनुवाद

और जो भाग्यवान हैं, वे स्वर्ग ही में सदैव रहेंगे, जब तक आकाश तथा धरती स्थित हैं। परन्तु आपका पालनहर कुछ और चाहे, ये प्रदान है अनवरत (निरन्तर)।

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فَلَا تَكُ فِي مِرْيَةٍ مِّمَّا يَعْبُدُ هَٰؤُلَاءِ ۚ مَا يَعْبُدُونَ إِلَّا كَمَا يَعْبُدُ آبَاؤُهُم مِّن قَبْلُ ۚ وَإِنَّا لَمُوَفُّوهُمْ نَصِيبَهُمْ غَيْرَ مَنقُوصٍ ﴾ 109 ﴿

Transliteration

फला तकु फ़ी मिर्यतिम् मिम्मा यअ्बुदु हा-उला-इ, मा यअ्बुदू-न इल्ला कमा यअ्बुदु आबाउहुम् मिन् क़ब्लु, व इन्ना लमुवफ्फूहुम् नसीबहुम् ग़ै-र मन्क़ूस *

हिंदी अनुवाद

अतः (हे नबी!) आप उसके बारे में किसी संदेह में न हों, जिसे वे पूजते हैं। वे उसी प्रकार पूजते हैं, जैसे इससे पहले इनके बाप-दादा पूजते[1] रहे हैं। वस्तुतः, हम उन्हें उनका बिना किसी कमी के पूरा भाग देने वाले हैं। 1. अर्थात इन की पूजा निर्मूल और बाप दादा की परम्परा पर आधारित है, जिस का सत्य से कोई संबंध नहीं है।

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وَلَقَدْ آتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ فَاخْتُلِفَ فِيهِ ۚ وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِن رَّبِّكَ لَقُضِيَ بَيْنَهُمْ ۚ وَإِنَّهُمْ لَفِي شَكٍّ مِّنْهُ مُرِيبٍ ﴾ 110 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् आतैना मूसल् किता-ब फ़ख़्तुलि-फ़ फ़ीहि, वलौ ला कलि-मतुन् स-बक़त् मिर्रब्बि-क लक़ुज़ि-य बैनहुम, व इन्नहुम् लफ़ी शक्किम मिन्हु मुरीब

हिंदी अनुवाद

और हमने मूसा को पुस्तक (तौरात) प्रदान की। तो उसमें विभेद किया गया और यदि आपके पालनहार ने पहले से एक बात[1] निश्चित न की होती, तो उनके बीच निर्णय कर दिया गया होता और वास्तव में, वे[2] उसके बारे में संदेह और शंका में हैं। 1. अर्थात यह कि संसार में प्रत्येक को अपनी इच्छानुसार कर्म करने का अवसर दिया जायेगा। 2. अर्थात मिश्रणवादी क़ुर्आन के विषय में।

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وَإِنَّ كُلًّا لَّمَّا لَيُوَفِّيَنَّهُمْ رَبُّكَ أَعْمَالَهُمْ ۚ إِنَّهُ بِمَا يَعْمَلُونَ خَبِيرٌ ﴾ 111 ﴿

Transliteration

व इन्-न कुल्लल्-लम्मा लयुवफ्फियन्नहुम् रब्बु-क अअ्मालहुम, इन्नहू बिमा यअ्मलू-न ख़बीर

हिंदी अनुवाद

और प्रत्येक को आपका पालनहार अवश्य उनके कर्मों का पूरा बदला देगा। क्योंकि वह उनके कर्मों से सूचित है।

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فَاسْتَقِمْ كَمَا أُمِرْتَ وَمَن تَابَ مَعَكَ وَلَا تَطْغَوْا ۚ إِنَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرٌ ﴾ 112 ﴿

Transliteration

फ़स्तक़िम् कमा उमिर्-त व मन् ता-ब म-अ-क वला तत्ग़ौ, इन्नहू बिमा तअ्मलू-न बसीर

हिंदी अनुवाद

अतः (हे नबी!) जैसे आपको आदेश दिया गया है, उसपर सुदृढ़ रहिये और वे भी जो आपके साथ तौबा (क्षमा याचना) करके हो लिए हैं और सीमा का उल्लंघन न[1] करो, क्योंकि वह (अल्लाह) तुम्हारे कर्मों को देख रहा है। 1. अर्थात धर्मादेश की सीमा का।

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وَلَا تَرْكَنُوا إِلَى الَّذِينَ ظَلَمُوا فَتَمَسَّكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُم مِّن دُونِ اللَّهِ مِنْ أَوْلِيَاءَ ثُمَّ لَا تُنصَرُونَ ﴾ 113 ﴿

Transliteration

व ला तर्कनू इलल्लज़ी-न ज़-लमू फ़-तमस्सकुमुन्नारू, वमा लकुम् मिन् दूनिल्लाहि मिन् औलिया-अ सुम्-म ला तुन्सरून

हिंदी अनुवाद

और अत्याचारियों की ओर न झुक पड़ो। अन्यथा तुम्हें भी अग्नि स्पर्श कर लेगी और अल्लाह के सिवा तुम्हारा कोई सहायक नहीं, फिर तुम्हारी सहायता नहीं की जायेगी।

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وَأَقِمِ الصَّلَاةَ طَرَفَيِ النَّهَارِ وَزُلَفًا مِّنَ اللَّيْلِ ۚ إِنَّ الْحَسَنَاتِ يُذْهِبْنَ السَّيِّئَاتِ ۚ ذَٰلِكَ ذِكْرَىٰ لِلذَّاكِرِينَ ﴾ 114 ﴿

Transliteration

व अक़िमिस्सला-त त-र फयिन्नहारि व ज़ु-लफम् मिनल्लैलि, इन्नल-ह-सनाति युज़्हिब्-नस् सय्यिआति, ज़ालि-क ज़िक्रा लिज़्ज़ाकिरीन

हिंदी अनुवाद

तथा आप नमाज़ की स्थापना करें, दिन के सिरों पर और कुछ रात बीतने[1] पर। वास्तव में, सदाचार दुराचारों को दूर कर देते[1] हैं। ये एक शिक्षा है, शिक्षा ग्रहण करने वालों के लिए। 1. नमाज़ के समय के सविस्तार विवरण के लिये देखियेः सूरह बनी इस्राईल, आयतः78, सूरह ताहा, आयतः130, तथा सूरह रूम, आयतः 17-18 2. ह़दीस में आता है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः यदि किसी के द्वार पर एक नहर जारी हो जिस में वह पाँच बार स्नान करता हो तो क्या उस के शरीर पर कुछ मैल रह जायेगा? इसी प्रकार पाँचों नमाज़ों से अल्लाह भूल-चूक को दूर (क्षमा) कर देता है। (बुख़ारीः528, मुस्लिमः667) किन्तु बड़े-बड़े पाप जैसे शिर्क, हत्या इत्यादि बिना तौबा के क्षमा नहीं किये जाते।

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وَاصْبِرْ فَإِنَّ اللَّهَ لَا يُضِيعُ أَجْرَ الْمُحْسِنِينَ ﴾ 115 ﴿

Transliteration

वस्बिर् फ़-इन्नल्ला-ह ला युज़ीअु अज्रल्-मुह़्सिनीन

हिंदी अनुवाद

तथा आप धैर्य से काम लें, क्योंकि अल्लाह सदाचारियों का प्रतिफल व्यर्थ नहीं करता।

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فَلَوْلَا كَانَ مِنَ الْقُرُونِ مِن قَبْلِكُمْ أُولُو بَقِيَّةٍ يَنْهَوْنَ عَنِ الْفَسَادِ فِي الْأَرْضِ إِلَّا قَلِيلًا مِّمَّنْ أَنجَيْنَا مِنْهُمْ ۗ وَاتَّبَعَ الَّذِينَ ظَلَمُوا مَا أُتْرِفُوا فِيهِ وَكَانُوا مُجْرِمِينَ ﴾ 116 ﴿

Transliteration

फ़लौ ला का-न मिनल्क़ुरूनि मिन् क़ब्लिकुम् उलू बक़िय्यतिंय्यन्हौ-न अनिल्फ़सादि फिल्अर्ज़ि इल्ला क़लीलम् मिम्-मन् अन्जैना मिन्हुम्, वत्त-बअ़ल्लज़ी-न ज़-लमू मा उत्रिफू फ़ीहि व कानू मुज्रिमीन

हिंदी अनुवाद

तो तुमसे पहले युगों में ऐसे सदाचारी क्यों नहीं हुए, जो धरती में उपद्रव करने से रोकते? परन्तु ऐसा बहुत थोड़े युगों में हुआ, जिन्हें हमने बचा लिया और अत्याचारी उस स्वाद के पीछे पड़े रहे, जो धन-धान्य दिये गये थे और वे अपराधि बन कर रहे।

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وَمَا كَانَ رَبُّكَ لِيُهْلِكَ الْقُرَىٰ بِظُلْمٍ وَأَهْلُهَا مُصْلِحُونَ ﴾ 117 ﴿

Transliteration

वमा का-न रब्बु-क लियुह़्लिकल्-क़ुरा बिज़ुल्मिंव्-व अह्लुहा मुस्लिहून

हिंदी अनुवाद

और आपका पालनहार ऐसा नहीं है कि बस्तियों को अत्याचार से ध्वस्त कर दे, जबकि उनके वासी सुधारक हूँ।

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وَلَوْ شَاءَ رَبُّكَ لَجَعَلَ النَّاسَ أُمَّةً وَاحِدَةً ۖ وَلَا يَزَالُونَ مُخْتَلِفِينَ ﴾ 118 ﴿

Transliteration

व लौ शा-अ रब्बु-क ल-ज अ़लन्ना-स उम्मतंव्-वाहि-दतंव्-व ला यज़ालू-न मुख़्तलिफ़ीन

हिंदी अनुवाद

और यदि आपका पालनहार चाहता, तो सब लोगों को एक समुदाय बना देता और वे सदा विचार विरोधी रहेंगे।

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إِلَّا مَن رَّحِمَ رَبُّكَ ۚ وَلِذَٰلِكَ خَلَقَهُمْ ۗ وَتَمَّتْ كَلِمَةُ رَبِّكَ لَأَمْلَأَنَّ جَهَنَّمَ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ أَجْمَعِينَ ‎ ﴾ 119 ﴿

Transliteration

इल्ला मर्राहि-म रब्बु-क, व लिज़ालि-क ख-ल-क़हुम्, व तम्मत् कलि-मतु रब्बि-क ल-अम्ल-अन्-न जहन्न-म मिनल्-जिन्नति वन्नासि अज्मईन

हिंदी अनुवाद

परन्तु जिसपर आपका पालनहार दया करे और इसीके लिए उन्हें पैदा किया है[1] और आपके पालनहार की बात पूरी हो गयी कि मैं नरक को सब जिन्नों तथा मानवों से अवश्य भर दूँगा[1]. 1. अर्थात एक ही सत्धर्म पर सब को कर देता। परन्तु उस ने प्रत्येक को अपने विचार की स्वतंत्रता दी है कि जिस धर्म या विचार को चाहे अपनाये ताकि प्रलय के दिन सत्धर्म को ग्रहण न करने पर उन्हें यातना का स्वाद चखाया जाये। 2. क्योंकि इस स्वतंत्रता का ग़लत प्रयोग कर के अधिक्तर लोग सत्धर्म को छोड़ बैठे।

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وَكُلًّا نَّقُصُّ عَلَيْكَ مِنْ أَنبَاءِ الرُّسُلِ مَا نُثَبِّتُ بِهِ فُؤَادَكَ ۚ وَجَاءَكَ فِي هَٰذِهِ الْحَقُّ وَمَوْعِظَةٌ وَذِكْرَىٰ لِلْمُؤْمِنِينَ ﴾ 120 ﴿

Transliteration

व कुल्लन् नक़ुस्सु अ़लै-क मिन् अम्बाइर्रूसुलि मा नुसब्बितु बिही फुआद-क, व जाअ-क फी हाज़िहिल्-हक़्क़ु व मौअि-ज़तुंव्-व ज़िक्रा लिल्मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

और (हे नबी!) ये नबियों की सब कथाएं हम आपको सुना रहे हैं, जिनके द्वारा आपके दिल को सुदृढ़ कर दें और इस विषय में आपके पास सत्य आ गया है और ईमान वालों के लिए एक शिक्षा और चेतावनी है।

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وَقُل لِّلَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ اعْمَلُوا عَلَىٰ مَكَانَتِكُمْ إِنَّا عَامِلُونَ ﴾ 121 ﴿

Transliteration

व क़ुल लिल्लज़ी-न ला युअ्मिनून अ्मलू अ़ला मकानतिकुम्, इन्ना आ़मिलून

हिंदी अनुवाद

और (हे नबी!) आप उनसे कह दें, जो ईमान नहीं लाते कि तुम अपने स्थान पर काम करते रहो। हम अपने स्थान पर काम करते हैं।

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وَانتَظِرُوا إِنَّا مُنتَظِرُونَ ﴾ 122 ﴿

Transliteration

वन्तज़िरू, इन्ना मुन्तज़िरून

हिंदी अनुवाद

तथा तुम प्रतीक्षा[1] करो, हमभी प्रतीक्षा करने वाले हैं। 1. अर्थात अपने परिणाम की।

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وَلِلَّهِ غَيْبُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَإِلَيْهِ يُرْجَعُ الْأَمْرُ كُلُّهُ فَاعْبُدْهُ وَتَوَكَّلْ عَلَيْهِ ۚ وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُونَ ﴾ 123 ﴿

Transliteration

व लिल्लाहि ग़ैबुस्समावाति वल्अर्ज़ि व इलैहि युर्जअुल् -अम्रू कुल्लुहू फ़अ्बुद्हु व तवक्कल् अ़लैहि व मा रब्बु-क बिग़ाफ़िलिन् अम्मा तअ्मलून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही के अधिकार में आकाशों तथा धरती की छिपी हुई चीज़ों का ज्ञान है और प्रत्येक विषय उसी की ओर लोटाये जाते हैं। अतः आप उसी की इबादत (वंदना) करें और उसीपर निर्भर रहें। आपका पालनहार उससे अचेत नहीं है, जो तुम कर रहे हो।

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