सूरह आले इमरान 3:101-200

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Surah Al-Imran with Hindi meaning translation by HindiQuran.in

Surah Ale Imran : Parts

1-100 | 101-200

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بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।

وَكَيْفَ تَكْفُرُونَ وَأَنتُمْ تُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ آيَاتُ اللَّـهِ وَفِيكُمْ رَسُولُهُ ۗ وَمَن يَعْتَصِم بِاللَّـهِ فَقَدْ هُدِيَ إِلَىٰ صِرَاطٍ مُّسْتَقِيمٍ ﴾ 101 ﴿

Transliteration

व कै-फ़ तक़्फुरू-न व अन्तुम् तुल्ला अ़लैकुम् आयातुल्लाहि व फ़ीकुम् रसूलुहू, व मंय्यअ्तसिम् बिल्लाहि फ़-क़द् हुदि-य इला सिरातिम् मुस्तक़ीम *

हिंदी अनुवाद

तथा तुम कुफ़्र कैसे करोगे, जबकि तुम्हारे सामने अललाह की आयतें पढ़ी जा रही हैं और तुममें उसके रसूल[1] मौजूद हैं? और जिसने अल्लाह को[2] थाम लिया, तो उसे सुपथ दिखा दिया गया। 1. अर्थात मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)। 2. अर्थात अल्लाह का आज्ञाकारी हो गया।

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يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اتَّقُوا اللَّـهَ حَقَّ تُقَاتِهِ وَلَا تَمُوتُنَّ إِلَّا وَأَنتُم مُّسْلِمُونَ ﴾ 102 ﴿

Transliteration

या अय्युहल्लज़ी-न आमनुत्तक़ुल्ला-ह हक़् क़-तुक़ातिही व ला तमूतुन्-न इल्ला व अन्तुम् मुस्लिमून

हिंदी अनुवाद

हे ईमान वालो! अल्लाह से ऐसे डरो, जो वास्तव में, उससे डरना हो तथा तुम्हारी मौत इस्लाम पर रहते हुए ही आनी चाहिए।

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وَاعْتَصِمُوا بِحَبْلِ اللَّـهِ جَمِيعًا وَلَا تَفَرَّقُوا ۚ وَاذْكُرُوا نِعْمَتَ اللَّـهِ عَلَيْكُمْ إِذْ كُنتُمْ أَعْدَاءً فَأَلَّفَ بَيْنَ قُلُوبِكُمْ فَأَصْبَحْتُم بِنِعْمَتِهِ إِخْوَانًا وَكُنتُمْ عَلَىٰ شَفَا حُفْرَةٍ مِّنَ النَّارِ فَأَنقَذَكُم مِّنْهَا ۗ كَذَٰلِكَ يُبَيِّنُ اللَّـهُ لَكُمْ آيَاتِهِ لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُونَ ﴾ 103 ﴿

Transliteration

वअ्तसिमू बि-हब्लिल्लाहि जमीअ़ंव्-व ला तफ़र्रक़ू, वज़्कुरू निअ्-मतल्लाहि अ़लैकुम् इज़् कुन्तुम् अअ्दा -अन् फ़-अल्ल-फ़ बै-न क़ुलूबिकुम् फ़-अस्बह्तुम् बिनिअ्मतिही इख़्वानन्, व कुन्तुम् अ़ला शफा हुफ़्रतिम् मिनन्नारि फ़-अन्क़-ज़कुम् मिन्हा, कज़ालि-क युबय्यिनुल्लाहु लकुम् आयातिही लअ़ल्लकुम् तह्तदून

हिंदी अनुवाद

तथा अल्लाह की रस्सी[1] को सब मिलकर दृढ़ता से पकड़ लो और विभेद में न पड़ो तथा अपने ऊपर अललाह के पुरस्कार को याद करो, जब तुम एक-दूसरे के शत्रु थे, तो तुम्हारे दिलों को जोड़ दिया और तुम उसके पुरस्कार के कारण भाई-भाई हो गए तथा तुम अग्नि के गड़हे के किनारे पर थे, तो तुम्हें उससे निकाल दिया। इसी प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए अपनी आयतें उजागर करता है, ताकि तुम मार्गदर्शन पा जाओ। 1. अल्लाह की रस्सी से अभिप्राय क़ुर्आन और नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सुन्नत है। यही दोनों मुसलमानों की एकता और परस्पर प्रेम का सूत्र हैं।

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وَلْتَكُن مِّنكُمْ أُمَّةٌ يَدْعُونَ إِلَى الْخَيْرِ وَيَأْمُرُونَ بِالْمَعْرُوفِ وَيَنْهَوْنَ عَنِ الْمُنكَرِ ۚ وَأُولَـٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ ﴾ 104 ﴿

Transliteration

वल्तकुम् मिन्कुम् उम्मतुंय्यद् अू-न इलल्ख़ैरि व यअ्मुरू-न बिल्मअ्-रूफ़ि व यन्हौ-न अ़निल्मुन्करि, व उलाइ-क हुमुल् मुफ़्लिहून

हिंदी अनुवाद

तथा तुममें एक समुदाय ऐसा अवश्य होना चाहिए, जो भली बातों[1] की ओर बुलाये, भलाई का आदेश देता रहे, बुराई[2] से रोकता रहे और वही सफल होंगे। 1. अर्थात धर्मानुसार बातों का। 2.अर्थात धर्म विरोधी बातों से।

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وَلَا تَكُونُوا كَالَّذِينَ تَفَرَّقُوا وَاخْتَلَفُوا مِن بَعْدِ مَا جَاءَهُمُ الْبَيِّنَاتُ ۚ وَأُولَـٰئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ ﴾ 105 ﴿

Transliteration

व ला तकूनू कल्लज़ी-न तफ़र्रक़ू वख़्त-लफ़ू मिम्-बअ्दि मा जा- अहुमुल्-बय्यिनातु, व उलाइ-क लहुम् अ़ज़ाबुन् अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

तथा उनके[1] समान न हो जाओ, जो खुली निशानियाँ आने के पश्चात्, विभेद तथा आपसी विरोध में पड़ गये और उन्हीं के लिए घोर यातना है। 1. अर्थात अह्ले किताब (यहूदी व ईसाई)।

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يَوْمَ تَبْيَضُّ وُجُوهٌ وَتَسْوَدُّ وُجُوهٌ ۚ فَأَمَّا الَّذِينَ اسْوَدَّتْ وُجُوهُهُمْ أَكَفَرْتُم بَعْدَ إِيمَانِكُمْ فَذُوقُوا الْعَذَابَ بِمَا كُنتُمْ تَكْفُرُونَ ﴾ 106 ﴿

Transliteration

यौ-म तब्यज़्ज़ु वुजूहुंव्-व तस्वद्दु वुजूहुन्, फ़-अम्मल्लज़ीनस्-वद्दत् वुजूहुहुम्, अ-कफ़र्तुम् बअ्-द ईमानिकुम् फ़ज़ूकुल्-अ़ज़ा-ब बिमा कुन्तुम् तक्फ़ुरून

हिंदी अनुवाद

जिस दिन बहुत-से मुख उजले तथा बहुत-से मुख काले होंगे। फिर जिनके मुख काले होंगे (उनसे कहा जायेगाः) क्या तुमने अपने ईमान के पश्चात् कुफ़्र कर लिया था? तो अपने कुफ़्र करने का दण्ड चखो।

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وَأَمَّا الَّذِينَ ابْيَضَّتْ وُجُوهُهُمْ فَفِي رَحْمَةِ اللَّـهِ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ ﴾ 107 ﴿

Transliteration

व अम्मल्लज़ीनब्-यज़्ज़त् वुजूहुहुम् फ़-फ़ी रह्-मतिल्लाहि, हुम् फ़ीहा ख़ालिदून

हिंदी अनुवाद

तथा जिनके मुख उजले होंगे, वे अल्लाह की दया (स्वर्ग) में रहेंगे। व उसमें सदावासी होंगे।

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تِلْكَ آيَاتُ اللَّـهِ نَتْلُوهَا عَلَيْكَ بِالْحَقِّ ۗ وَمَا اللَّـهُ يُرِيدُ ظُلْمًا لِّلْعَالَمِينَ ﴾ 108 ﴿

Transliteration

तिल्-क आयातुल्लाहि नत्लूहा अ़लै-क बिल्हक़्क़ि, व मल्लाहु युरीदु ज़ुल्मल् लिल्आ़लमीन

हिंदी अनुवाद

ये अल्लाह की आयतें हैं, जो हम आपको ह़क़ के साथ सुना रहे हैं तथा अल्लाह संसार वासियों पर अत्याचार नहीं करना चाहता।

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وَلِلَّـهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۚ وَإِلَى اللَّـهِ تُرْجَعُ الْأُمُورُ ﴾ 109 ﴿

Transliteration

व लिल्लाहि मा फ़िस्समावाति व मा फ़िल्अर्ज़ि, व इलल्लाहि तुर्जअुल उमूर

हिंदी अनुवाद

तथा अल्लाह ही का है, जो आकाशों में और जो धरती में है तथा अल्लाह ही की ओर सब विषय फेरे जायेंगे।

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كُنتُمْ خَيْرَ أُمَّةٍ أُخْرِجَتْ لِلنَّاسِ تَأْمُرُونَ بِالْمَعْرُوفِ وَتَنْهَوْنَ عَنِ الْمُنكَرِ وَتُؤْمِنُونَ بِاللَّـهِ ۗ وَلَوْ آمَنَ أَهْلُ الْكِتَابِ لَكَانَ خَيْرًا لَّهُم ۚ مِّنْهُمُ الْمُؤْمِنُونَ وَأَكْثَرُهُمُ الْفَاسِقُونَ ﴾ 110 ﴿

Transliteration

कुन्तुम् ख़ै-र उम्मतिन् उख़रिजत् लिन्नासि तअ्मुरू-न बिल्मअ्-रूफ़ि व तन्हौ-न अ़निल्मुन्करि व तुअ्मिनू-न बिल्लाहि, व लौ आम-न अह्लुल्-किताबि लका-न ख़ैरल्लहुम, मिन्हुमुल् मुअ्मिनू-न व अक्सरुहुमुल् फ़ासिक़ून

हिंदी अनुवाद

तुम, सबसे अच्छी उम्मत हो, जिसे सब लोगों के लिए उत्पन्न किया गया है कि तुम भलाई का आदेश देते हो तथा बुराई से रोकते हो और अल्लाह पर ईमान (विश्वास) रखते[1] हो। यदि अह्ले किताब ईमान लाते, तो उनके लिए अच्छा होता। उनमें कुछ ईमान वाले हैं और अधिक्तर अवज्ञाकारी हैं। 1. इस आयत में मुसलमानों को संबोधित किया गया है, तथा उन्हें उम्मत कहा गया है। किसी जाति अथवा वर्ग और वर्ण के नाम से संबोधित नहीं किया गया है। और इस में यह संकेत है कि मुसलमान उन का नाम है जो सत्धर्म के अनुयायी हों। तथा उन के अस्तित्व का लक्ष्य यह बताया गया है कि वह सम्पूर्ण मानव विश्व को सत्धर्म इस्लाम की ओर बुलायें जो सर्व मानव जाति का धर्म है। किसी विशेष जाति और क्षेत्र अथवा देश का धर्म नहीं है।

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لَن يَضُرُّوكُمْ إِلَّا أَذًى ۖ وَإِن يُقَاتِلُوكُمْ يُوَلُّوكُمُ الْأَدْبَارَ ثُمَّ لَا يُنصَرُونَ ﴾ 111 ﴿

Transliteration

लंय्यज़ुर्रूकुम् इल्ला अज़न्, व इंय्युक़ातिलूकुम् युवल्लूकुमुल् अद्-बार, सुम्- म ला युन्सरून

हिंदी अनुवाद

वे तुम्हें सताने के सिवा कोई हानि पहुँचा नहीं सकेंगे और यदि तुमसे युध्द करेंगे, तो वे तुम्हें पीठ दिखा देंगे। फिर सहायता नहीं दिए जायेंगे।

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ضُرِبَتْ عَلَيْهِمُ الذِّلَّةُ أَيْنَ مَا ثُقِفُوا إِلَّا بِحَبْلٍ مِّنَ اللَّـهِ وَحَبْلٍ مِّنَ النَّاسِ وَبَاءُوا بِغَضَبٍ مِّنَ اللَّـهِ وَضُرِبَتْ عَلَيْهِمُ الْمَسْكَنَةُ ۚ ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ كَانُوا يَكْفُرُونَ بِآيَاتِ اللَّـهِ وَيَقْتُلُونَ الْأَنبِيَاءَ بِغَيْرِ حَقٍّ ۚ ذَٰلِكَ بِمَا عَصَوا وَّكَانُوا يَعْتَدُونَ ﴾ 112 ﴿

Transliteration

ज़ुरिबत् अ़लैहिमुज़्ज़िल्लतु ऐनमा सुक़िफ़ू इल्ला बि-हब्लिम् मिनल्लाहि व हब्लिम्-मिनन्नासि व बाऊ बि-ग़-ज़बिम् मिनल्लाहि व ज़ुरिबत् अ़लैहिमुल्- मस्क-नतु, ज़ालि-क बि-अन्नहुम् कानू यक्फ़ुरु-न बिआयातिल्लाहि व यक़्तुलूनल्-अम्बिया-अ बिग़ैरि हक़्क़िन्, ज़ालि-क बिमा अ़-सव् व कानू यअ्तदून

हिंदी अनुवाद

इन (यहूदियों) पर जहाँ भी रहें, अपमान थोंप दिया गया है, (ये और बात है कि) अल्लाह की शरण[1] अथवा लोगों की शरण में हों[2], ये अल्लाह के प्रकोप के अधिकारी हो गये तथा इनपर दरिद्रता थोंप दी गयी। ये इस कारण हुआ कि ये अल्लाह की आयतों के साथ कुफ़्र कर रहे थे और नबियों का अवैध वध कर रहे थे। ये इस कारण कि इन्होंने अवज्ञा की और (धर्म की) सीमा का उल्लंघन कर रहे थे। 1. अल्लाह की शरण से अभिप्राय इस्लाम धर्म है। 2.दूसरा बचाव का तरीक़ा यह है कि किसी ग़ैर मुस्लिम शक्ति की उन्हें सहायता प्राप्त हो जाये।

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لَيْسُوا سَوَاءً ۗ مِّنْ أَهْلِ الْكِتَابِ أُمَّةٌ قَائِمَةٌ يَتْلُونَ آيَاتِ اللَّـهِ آنَاءَ اللَّيْلِ وَهُمْ يَسْجُدُونَ ﴾ 113 ﴿

Transliteration

लैसू सवाअन्, मिन् अह्-लिल्-किताबि उम्मतुन् क़ाइ-मतुंय्यत्लू-न आयातिल्लाहि आनाअल्लैलि व हुम् यस्जुदून

हिंदी अनुवाद

वे सभी समान नहीं हैं; अह्ले किताब में एक( सत्य पर) स्थित उम्मत[1] भी है, जो अल्लाह की आयतें रातों में पढ़ते हैं तथा सज्दा करते रहते हैं। 1. अर्थात जो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर ईमान लाये। जैसे अब्दुल्लाह बिन सलाम (रज़ियल्लाहु अन्हु) आदि।

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يُؤْمِنُونَ بِاللَّـهِ وَالْيَوْمِ الْآخِرِ وَيَأْمُرُونَ بِالْمَعْرُوفِ وَيَنْهَوْنَ عَنِ الْمُنكَرِ وَيُسَارِعُونَ فِي الْخَيْرَاتِ وَأُولَـٰئِكَ مِنَ الصَّالِحِينَ ﴾ 114 ﴿

Transliteration

युअ्मिनू-न बिल्लाहि वल्यौमिल्-आख़िरि व यअ्मुरू-न बिल्-मअ्-रूफ़ि व यन्हौ-न अ़निल्मुन्करि व युसारिअू-न फ़िल्ख़ैराति, व उलाइ-क मिनस्सालिहीन

हिंदी अनुवाद

अल्लाह तथा अंतिम दिन (प्रलय) पर ईमान रखते हैं, भलाई का आदेश देते हैं, बुराई से रोकते हैं, भलाईयों में अग्रसर रहते हैं और यही सदाचारियों में हैं।

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وَمَا يَفْعَلُوا مِنْ خَيْرٍ فَلَن يُكْفَرُوهُ ۗ وَاللَّـهُ عَلِيمٌ بِالْمُتَّقِينَ ﴾ 115 ﴿

Transliteration

व मा यफ़्अ़लू मिन् ख़ैरिन् फ़-लंय्युक्फ़रूहु, वल्लाहु अ़लीमुम् बिल्-मुत्तक़ीन

हिंदी अनुवाद

वे, जो भी भलाई करेंगे, उसकी उपेक्षा (अनादर) नहीं की जायेगी और अल्लाह आज्ञाकारियों को भली-भाँति जानता है।

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إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا لَن تُغْنِيَ عَنْهُمْ أَمْوَالُهُمْ وَلَا أَوْلَادُهُم مِّنَ اللَّـهِ شَيْئًا ۖ وَأُولَـٰئِكَ أَصْحَابُ النَّارِ ۚ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ ﴾ 116 ﴿

Transliteration

इन्नल्लज़ी-न क-फ़रू लन् तुग़्नि-य अ़न्हुम् अम्वालुहुम् व ला औलादुहुम् मिनल्लाहि शैअन्, व उलाइ-क अस्हाबुन्नारि हुम् फ़ीहा ख़ालिदून

हिंदी अनुवाद

(परन्तु) जो काफ़िर[1] हो गये, उनके धन और उनकी संतान अल्लाह (की यातना) से उन्हें तनिक भी बचा नहीं सकेगी तथा वही नारकी हैं, वही उसमें सदावासी होंगे। 1. अर्थात अल्लाह की आयतों (क़ुर्आन) को नकार दिया।

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مَثَلُ مَا يُنفِقُونَ فِي هَـٰذِهِ الْحَيَاةِ الدُّنْيَا كَمَثَلِ رِيحٍ فِيهَا صِرٌّ أَصَابَتْ حَرْثَ قَوْمٍ ظَلَمُوا أَنفُسَهُمْ فَأَهْلَكَتْهُ ۚ وَمَا ظَلَمَهُمُ اللَّـهُ وَلَـٰكِنْ أَنفُسَهُمْ يَظْلِمُونَ ﴾ 117 ﴿

Transliteration

म-सलु मा युन्फ़िक़ू-न फ़ी हाज़िहिल् हयातिद्दुन्या क-म-सलि रीहिन् फ़ीहा सिर्रुन् असाबत् हर्-स क़ौमिन् ज़-लमू अन्फ़ु-सहुम् फ़-अह्-लकत्हु, व मा ज़-ल-महुमुल्लाहु व लाकिन् अन्फ़ु-सहुम् यज़्लिमून

हिंदी अनुवाद

जो दान, वे इस सांसारिक जीवन में करते हैं, वो उस वायु के समान है, जिसमें पाला हो, जो किसी क़ौम की खेती को लग जाये, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार[1] किया हो और उसका नाश कर दे तथा अल्लाह ने उनपर अत्याचार नहीं किया, परन्तु वे स्वयं अपने ऊपर अत्याचार कर रहे थे। 1. अवैज्ञा तथा अस्वीकार करते रहे थे। इस में यह संकेत है कि अल्लाह पर ईमान के बिना दानों का प्रतिफल परलोक में नहीं मिलेगा।

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يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا لَا تَتَّخِذُوا بِطَانَةً مِّن دُونِكُمْ لَا يَأْلُونَكُمْ خَبَالًا وَدُّوا مَا عَنِتُّمْ قَدْ بَدَتِ الْبَغْضَاءُ مِنْ أَفْوَاهِهِمْ وَمَا تُخْفِي صُدُورُهُمْ أَكْبَرُ ۚ قَدْ بَيَّنَّا لَكُمُ الْآيَاتِ ۖ إِن كُنتُمْ تَعْقِلُونَ ﴾ 118 ﴿

Transliteration

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू ला तत्तख़िज़ू बितान- तम् मिन् दूनिकुम् ला यअ्लूनकुम् ख़बालन्, वद्दू मा अ़नित्तुम् क़द् ब-दतिल्-बग़्ज़ा-उ मिन् अफ़्वाहिहिम्, व मा तुख़्फ़ी सुदूरुहुम् अक्बरु, क़द् बय्यन्ना लकुमुल्-आयाति इन् कुन्तुम् तअ्क़िलून

हिंदी अनुवाद

हे ईमान वालो! अपनों के सिवा किसी को अपना भेदी न बनाओ[1], वे तुम्हारा बिगाड़ने में तनिक भी नहीं चूकेंगे, उनहें वही बात भाती है, जिससे तुम्हें दुःख हो। उनके मुखों से शत्रुता खुल चुकी है तथा जो उनके दिल छुपा रहे हैं, वो इससे बढ़कर है। हमने तुम्हारे लिए आयतों का वर्णन कर दिया है, यदि तुम समझो। 1. अर्थात वह ग़ैर मुस्लिम जिन पर तुम को विश्वास नहीं कि वह तुम्हारे लिये किसी प्रकार की अच्छी भावना रखते हों।

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هَا أَنتُمْ أُولَاءِ تُحِبُّونَهُمْ وَلَا يُحِبُّونَكُمْ وَتُؤْمِنُونَ بِالْكِتَابِ كُلِّهِ وَإِذَا لَقُوكُمْ قَالُوا آمَنَّا وَإِذَا خَلَوْا عَضُّوا عَلَيْكُمُ الْأَنَامِلَ مِنَ الْغَيْظِ ۚ قُلْ مُوتُوا بِغَيْظِكُمْ ۗ إِنَّ اللَّـهَ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ ﴾ 119 ﴿

Transliteration

हा-अन्तुम् उला-इ तुहिब्बूनहुम् व ला युहिब्बूनकुम् व तुअ्मिनू-न बिल्किताबि कुल्लिही, व इज़ा लक़ूकुम् क़ालू आमन्ना, व इज़ा ख़लौ अ़ज़्ज़ू अ़लैकुमुल्-अनामि-ल मिनल्-ग़ैज़ि, क़ुल् मूतू बिग़ैज़िक़ुम्, इन्नल्ला-ह अ़लीमुम् बिज़ातिस्सुदूर

हिंदी अनुवाद

सावधान! तुमही वो हो कि उनसे प्रेम करते हो, जबकि वे तुमसे प्रेम नहीं करते और तुम सभी पुस्तकों पर ईमान रखते हो, जबकि वे जब तुमसे मिलते हैं, तो कहते हैं कि हम ईमान लाये और जब अकेले होते हैं, तो क्रोध से तुमपर उँगलियों की पोरें चबाते हैं। कह दो कि अपने क्रोध से मर जाओ। निःसंदेह अल्लाह सीनों की बातों को जानता है।

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إِن تَمْسَسْكُمْ حَسَنَةٌ تَسُؤْهُمْ وَإِن تُصِبْكُمْ سَيِّئَةٌ يَفْرَحُوا بِهَا ۖ وَإِن تَصْبِرُوا وَتَتَّقُوا لَا يَضُرُّكُمْ كَيْدُهُمْ شَيْئًا ۗ إِنَّ اللَّـهَ بِمَا يَعْمَلُونَ مُحِيطٌ ﴾ 120 ﴿

Transliteration

इन् तम्सस्कुम् ह-स-नतुन् तसुअ्हुम्, व इन् तुसिब्कुम् सय्यि-अतुंय्यफ़्रहू बिहा, व इन् तस्बिरू व तत्तक़ू ला यज़ुर्रुकुम् कैदुहुम् शैअन, इन्नल्ला-ह बिमा यअ्मलू-न मुहीत

हिंदी अनुवाद

यदि तुम्हारा कुछ भला हो, तो उन्हें बुरा लगता है और यदि तुम्हारा कुछ बुरा हो जाये, तो वे उससे प्रसन्न हो जाते हैं। अलबत्ता, यदि तुम सहन करते रहे और आज्ञाकारी रहे, तो उनका छल तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचायेगा। उनके सभी कर्म अल्लाह के घेरे में हैं।

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وَإِذْ غَدَوْتَ مِنْ أَهْلِكَ تُبَوِّئُ الْمُؤْمِنِينَ مَقَاعِدَ لِلْقِتَالِ ۗ وَاللَّـهُ سَمِيعٌ عَلِيمٌ ﴾ 121 ﴿

Transliteration

व इज़् ग़दौ-त मिन् अह्-लिक तुबव्विउल्- मुअ्मिनी-न मक़ाअि-द लिल्क़ितालि, वल्लाहु समीअुन् अ़लीम

हिंदी अनुवाद

तथा (हे नबी! वो समय याद करें) जब आप प्रातः अपने घर से निकले, ईमान वालों को युध्द[1] के स्थानों पर नियुक्त कर रहे थे तथा अल्लाह सब कुछ सुनने-जानने वाला है। 1. साधारण भाष्यकारों ने इसे उह़ुद के युध्द से संबंधित माना है। जो बद्र के युध्द के पश्चात् सन् 3 हिज्री में हुआ। जिस में क़ुरैश ने बद्र की प्राजय का बदला लेने के लिये तीन हज़ार की सेना के साथ उह़ुद पर्वत के समीप पड़ाव डाल दिया। जब आप को इस की सूचना मिली तो मुसलमानों से प्रामर्श किया। अधिकांश की राय हुई कि मदीना नगर से बाहर निकल कर युध्द किया जाये। और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एक हज़ार मुसलमानों को ले कर निकले। जिस में से अब्दुल्लाह बिन उबय्य मुनाफ़िक़ों का मुख्या अपने तीन सौ साथियों के साथ वापिस हो गया। आप ने रणक्षेत्र में अपने पीछे से शत्रु के आक्रमण से बचाव के लिये 70 धनुर्धरों को नियुक्त कर दिया। और उन का सेनापति अब्दुल्लाह बिन जुबैर को बना दिया। तथा यह आदेश दिया कि कदापि इस स्थान को न छोड़ना। युध्द आरंभ होते ही क़ुरैश पराजित हो कर भाग खड़े हुये। यह देख कर धनुर्धरों में से अधिकांश ने अपना स्थान छोड़ दिया। क़ुरैश के सेनापति ख़ालिद पुत्र वलीद ने अपने सवारों के साथ फिर कर धनुर्धरों के स्थान पर आक्रमण कर दिया। फिर आकस्मात् मुसलमानों पर पीछे से आक्रमण कर के उन की विजय को पराजय में बदल दिया। जिस में आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को भी आघात पहुँचा। (तफ़्सीर इब्ने कसीर।)

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إِذْ هَمَّت طَّائِفَتَانِ مِنكُمْ أَن تَفْشَلَا وَاللَّـهُ وَلِيُّهُمَا ۗ وَعَلَى اللَّـهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُونَ ﴾ 122 ﴿

Transliteration

इज़् हम्मत्ता-इ-फ़तानि मिन्कुम् अन् तफ़्शला, वल्लाहु वलिय्युहुमा, व अ़लल्लाहि फ़ल्य-तवक्कलिल् मुअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

तथा (याद करें) जब आपमें से दो गिरोहों[1] ने कायरता दिखाने का विचार किया और अल्लाह उनका रक्षक था तथा ईमान वालों को अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए। 1. अर्थात दो क़बीले बनू सलमा तथा बनू हारिसा ने भी अब्दुल्लाह बिन उबय्य के साथ वापिस हो जाना चाहा। (सह़ीह़ बुख़ारी ह़दीसः4558)

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وَلَقَدْ نَصَرَكُمُ اللَّـهُ بِبَدْرٍ وَأَنتُمْ أَذِلَّةٌ ۖ فَاتَّقُوا اللَّـهَ لَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ ﴾ 123 ﴿

Transliteration

व लक़द् न-स-रकुमुल्लाहु बि-बद् रिंव् अन्तुम् अज़िल्लतुन् फ़त्तक़ुल्ला-ह लअ़ल्लकुम् तश्कुरून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह बद्र में तुम्हारी सहायता कर चुका है, जब तुम निर्बल थे। अतः अल्लाह से डरते रहो, ताकि उसके कृतज्ञ रहो।

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إِذْ تَقُولُ لِلْمُؤْمِنِينَ أَلَن يَكْفِيَكُمْ أَن يُمِدَّكُمْ رَبُّكُم بِثَلَاثَةِ آلَافٍ مِّنَ الْمَلَائِكَةِ مُنزَلِينَ ﴾ 124 ﴿

Transliteration

इज़् तक़ूलु लिल्-मुअ्मिनी-न अलंय्यक्फ़ि-यकुम् अंय्युमिद्दकुम् रब्बुकुम् बि-सलासति आलाफिम् मिनल्-मलाइ-कति मुन्ज़लीन

हिंदी अनुवाद

(हे नबी! वो समय भी याद करें) जब आप ईमान वालों से कह रहे थेः क्या तुम्हारे लिए ये बस नहीं है कि अल्लाह तुम्हें (आकाश से) उतारे हुए, तीन हज़ार फ़रिश्तों द्वारा समर्थन दे?

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بَلَىٰ ۚ إِن تَصْبِرُوا وَتَتَّقُوا وَيَأْتُوكُم مِّن فَوْرِهِمْ هَـٰذَا يُمْدِدْكُمْ رَبُّكُم بِخَمْسَةِ آلَافٍ مِّنَ الْمَلَائِكَةِ مُسَوِّمِينَ ﴾ 125 ﴿

Transliteration

बला इन् तस्बिरू व तत्तक़ू व यअ्तूकुम् मिन् फ़ौरिहिम् हाज़ा युम्दिद्कुम् रब्बुकुम् बि-ख़म्सति आलाफिम् मिनल् मलाइ-कति मुसव्विमीन

हिंदी अनुवाद

क्यों[1] नहीं? यदि तुम सहन करोगे, आज्ञाकारी रहोगे और वे (शत्रु) तुम्हारे पास अपनी उत्तेजना के साथ आ गये, तो तुम्हारा पालनहार तुम्हें (तीन नहीं,) पाँच हज़ार चिन्ह[2] लगे फ़रिश्तों द्वारा समर्थन देगा। 1. अर्थात इतना समर्थन बहुत है। 2. अर्थात उन पर तथा उन के घोड़ों पर चिन्ह लगे होंगे।

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وَمَا جَعَلَهُ اللَّـهُ إِلَّا بُشْرَىٰ لَكُمْ وَلِتَطْمَئِنَّ قُلُوبُكُم بِهِ ۗ وَمَا النَّصْرُ إِلَّا مِنْ عِندِ اللَّـهِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ ﴾ 126 ﴿

Transliteration

व मा ज-अ़-लहुल्लाहु इल्ला बुश्रा लकुम् व लि-तत्मइन् -न क़ुलूबुकुम् बिही, व मन्नस्रु इल्ला मिन् अिन्दिल्लाहिल् अ़ज़ीज़िल् हकीम

हिंदी अनुवाद

और अल्लाह ने इसे तुम्हारे लिए केवल शुभ सूचना बनाया है और ताकि तुम्हारे दिलों को संतोष हो जाये और समर्थन तो केवल अल्लाह ही के पास से है, जो प्रभुत्वशाली तत्वज्ञ है।

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لِيَقْطَعَ طَرَفًا مِّنَ الَّذِينَ كَفَرُوا أَوْ يَكْبِتَهُمْ فَيَنقَلِبُوا خَائِبِينَ ﴾ 127 ﴿

Transliteration

लि-यक़्त-अ़ त रफ़म् मिनल्लज़ी-न क-फ़रू औ यक्बि-तहुम् फ़-यन्क़लिबू ख़ा-इबीन

हिंदी अनुवाद

ताकि[1] वह काफ़िरों का एक भाग काट दे अथवा उन्हें अपमानित कर दे। फिर वे असफल वापस हो जायेँ। 1. अर्थात अल्लाह तुम्हें फ़रिश्तों द्वारा समर्थन इस लिये देगा, ताकि काफ़िरों का कुछ बल तोड़ दे, और उन्हें निष्फल वापिस कर दे।

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لَيْسَ لَكَ مِنَ الْأَمْرِ شَيْءٌ أَوْ يَتُوبَ عَلَيْهِمْ أَوْ يُعَذِّبَهُمْ فَإِنَّهُمْ ظَالِمُونَ ﴾ 128 ﴿

Transliteration

लै-स ल-क मिनल् अम्रि शैउन् औ यतू-ब अ़लैहिम् औ युअ़ज़्ज़ि-बहुम् फ़-इन्नहुम् ज़ालिमून

हिंदी अनुवाद

हे नबी! इस[1] विषय में आपको कोई अधिकार नहीं, अल्लाह चाहे तो उनकी क्षमा याचना स्वीकार[2] करे या दण्ड[3] दे, क्योंकि वे अत्याचारी हैं। 1. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फ़ज्र की नमाज़ में रुकूअ के पश्चात यह प्रार्थना करते थे कि हे अल्लाह! अमुक को अपनी दया से दूर कर दे। इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुखारीः4559) 2. अर्थात उन्हें मार्गदर्शन दे। 3. यदि काफ़िर ही रह जायें।

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وَلِلَّـهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۚ يَغْفِرُ لِمَن يَشَاءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشَاءُ ۚ وَاللَّـهُ غَفُورٌ رَّحِيمٌ ﴾ 129 ﴿

Transliteration

व लिल्लाहि मा फ़िस्समावाति व मा फ़िल्अर्ज़ि, यग़्फ़िरु लिमंय्यशा-उ व युअ़ज़्ज़िबु मंय्यशा-उ, वल्लाहु ग़फ़ूरुर्रहीम

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ही का है, जो कुछ आकाशों तथा धरती में है, वह जिसे चाहे, क्षमा करे और जिसे चाहे, दण्ड दे तथा अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।

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يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا لَا تَأْكُلُوا الرِّبَا أَضْعَافًا مُّضَاعَفَةً ۖ وَاتَّقُوا اللَّـهَ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ ﴾ 130 ﴿

Transliteration

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू ला तअ्कुलुर्रिबा अज़्आ़फ़म् मुज़ा-अ़-फ़तन्, वत्तक़ुल्ला-ह लअ़ल्लकुम् तुफ़्लिहून

हिंदी अनुवाद

हे ईमान वालो! कई-कई गुणा करके ब्याज[1] न खाओ तथा अल्लाह से डरो, ताकि सफल हो जाओ। 1. उह़ुद की पराजय का कारण धन का लोभ बना था। इस लिये यहाँ ब्याज से सावधान किया जा रहा है, जो धन के लोभ का अति भयावह साधन है। तथा आज्ञाकारिता की प्रेरणा दी जा रही है। कई-कई गुणा ब्याज न खाने का अर्थ यह नहीं कि इस प्रकार ब्याज न खाओ, बल्कि ब्याज अधिक हो या थोड़ी सर्वथा ह़राम (वर्जित) है। यहाँ जाहिलिय्यत के युग में ब्याज की जो रीति थी, उस का वर्णन किया गया है। जैसा कि आधुनिक युग में ब्याज पर ब्याज लेने की रीति है।

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وَاتَّقُوا النَّارَ الَّتِي أُعِدَّتْ لِلْكَافِرِينَ ﴾ 131 ﴿

Transliteration

वत्तक़ुन्-नारल्लती उअिद्दत् लिल्-काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

तथा उस अग्नि से बचो, जो काफ़िरों के लिए तैयार की गयी है।

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وَأَطِيعُوا اللَّـهَ وَالرَّسُولَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُونَ ﴾ 132 ﴿

Transliteration

व अतीअुल्ला-ह वर्रसू-ल लअ़ल्लकुम् तुर्हमून

हिंदी अनुवाद

तथा अल्लाह और रसूल के आज्ञाकारी रहो, ताकि तुमपर दया की जाये।

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وَسَارِعُوا إِلَىٰ مَغْفِرَةٍ مِّن رَّبِّكُمْ وَجَنَّةٍ عَرْضُهَا السَّمَاوَاتُ وَالْأَرْضُ أُعِدَّتْ لِلْمُتَّقِينَ ﴾ 133 ﴿

Transliteration

व सारिअू इला मग़्फ़ि-रतिम् मिर्रब्बिकुम् व जन्नतिन् अ़र्जुहस्-समावातु वल्-अर्ज़ु, उअिद्दत् लिल्मुत्तक़ीन

हिंदी अनुवाद

और अपने पालनहार की क्षमा और उस स्वर्ग की ओर अग्रसर हो जाओ, जिसकी चौड़ाई आकाशों तथा धरती के बराबर है, वह आज्ञाकारियों के लिए तैयार की गयी है।

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الَّذِينَ يُنفِقُونَ فِي السَّرَّاءِ وَالضَّرَّاءِ وَالْكَاظِمِينَ الْغَيْظَ وَالْعَافِينَ عَنِ النَّاسِ ۗ وَاللَّـهُ يُحِبُّ الْمُحْسِنِينَ ﴾ 134 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न युन्फ़िक़ू-न फ़िस्सर्रा-इ वज़्ज़र्रा-इ वल्काज़िमीनल्-ग़ै-ज़ वल्आ़फ़ी-न अ़निन्नासि, वल्लाहु युहिब्बुल् मुह्सिनीन

हिंदी अनुवाद

जो सुविधा तथा असुविधा की दशा में दान करते रहते हैं, क्रोध पी जाते और लोगों के दोष क्षमा कर दिया करते हैं और अल्लाह सदाचारियों से प्रेम करता है।

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وَالَّذِينَ إِذَا فَعَلُوا فَاحِشَةً أَوْ ظَلَمُوا أَنفُسَهُمْ ذَكَرُوا اللَّـهَ فَاسْتَغْفَرُوا لِذُنُوبِهِمْ وَمَن يَغْفِرُ الذُّنُوبَ إِلَّا اللَّـهُ وَلَمْ يُصِرُّوا عَلَىٰ مَا فَعَلُوا وَهُمْ يَعْلَمُونَ ﴾ 135 ﴿

Transliteration

वल्लज़ी-न इज़ा फ़-अ़लू फ़ाहि-शतन् औ ज़-लमू अन्फ़ु-सहुम् ज़ करुल्ला-ह फ़स्तग़्फ़रू लिज़ुनूबिहिम्, व मंय्यग़्फ़िरुज़्ज़ुनू-ब इल्लल्लाहु, व लम् युसिर्रु अ़ला मा फ़-अ़लू व हुम् यअ्लमून

हिंदी अनुवाद

और जब कभी वे कोई बड़ा पाप कर जायेँ अथवा अपने ऊपर अत्याचार कर लें, तो अल्लाह को याद करते हैं, फिर अपने पापों के लिए क्षमा माँगते हैं -तथा अल्लाह के सिवा कौन है, जो पापों को क्षमा करे?- और अपने किये पर जान-बूझ कर अड़े नहीं रहते।

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أُولَـٰئِكَ جَزَاؤُهُم مَّغْفِرَةٌ مِّن رَّبِّهِمْ وَجَنَّاتٌ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ وَنِعْمَ أَجْرُ الْعَامِلِينَ ﴾ 136 ﴿

Transliteration

उलाइ-क जज़ाउहुम् मग़्फ़िरतुम् मिर्रब्बिहिम् व जन्नातुन् तज्री मिन् तह्तिहल्-अन्हारु ख़ालिदी-न फ़ीहा, व निअ्-म अज्रूल् आ़मिलीन

हिंदी अनुवाद

उन्हीं का प्रतिफल (बदला) उनके पालनहार की क्षमा तथा ऐसे स्वर्ग हैं, जिनमें नहरें परवाहित हैं, जिनमें वे सदावासी होंगे। तो क्या ही अच्छा है सत्कर्मियों का ये प्रतिफल!

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قَدْ خَلَتْ مِن قَبْلِكُمْ سُنَنٌ فَسِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَانظُرُوا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِينَ ﴾ 137 ﴿

Transliteration

क़द् ख़लत् मिन् क़ब्लिकुम् सु-ननुन्, फ़सीरू फ़िल्अर्ज़ि फ़न्ज़ुरू कै-फ़ का-न आ़क़ि-बतुल् मुकज़्ज़िबीन

हिंदी अनुवाद

तुमसे पहले भी इसी प्रकार हो चुका[1] है। तुम धरती में फिरो और देखो कि झुठलाने वालों का परिणाम कैसा रहा? 1. उहुद की पराजय पर मुसलमानों को दिलासा दी जा रही है जिस में उन के 70 व्यक्ति मारे गये। (तफ़्सीर इब्ने कसीर)

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هَـٰذَا بَيَانٌ لِّلنَّاسِ وَهُدًى وَمَوْعِظَةٌ لِّلْمُتَّقِينَ ﴾ 138 ﴿

Transliteration

हाज़ा बयानुल्-लिन्नासि व हुदंव्-व मौअि-ज़तुल् लिल्मुत्तक़ीन

हिंदी अनुवाद

ये (क़ुर्आन) लोगों के लिए एक वर्णन, मार्गदर्शन और एक शिक्षा है, (अल्लाह से) डरने वालों के लिए।

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وَلَا تَهِنُوا وَلَا تَحْزَنُوا وَأَنتُمُ الْأَعْلَوْنَ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ ﴾ 139 ﴿

Transliteration

व ला तहिनू व ला तह्ज़नू व अन्तुमुल्-अअ्लौ-न इन् कुन्तुम् मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

(इसपराजय से) तुम निर्बल तथा उदासीन न बनो और तुमही सर्वोच्च रहोगे, यदि तुम ईमान वाले हो।

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إِن يَمْسَسْكُمْ قَرْحٌ فَقَدْ مَسَّ الْقَوْمَ قَرْحٌ مِّثْلُهُ ۚ وَتِلْكَ الْأَيَّامُ نُدَاوِلُهَا بَيْنَ النَّاسِ وَلِيَعْلَمَ اللَّـهُ الَّذِينَ آمَنُوا وَيَتَّخِذَ مِنكُمْ شُهَدَاءَ ۗ وَاللَّـهُ لَا يُحِبُّ الظَّالِمِينَ ﴾ 140 ﴿

Transliteration

इंय्यम्सस्कुम् क़र्हुन् फ़-क़द् मस्सल्क़ौ-म क़र्हुम् मिस्लुहू, व तिल्कल्-अय्यामु नुदाविलुहा बैनन्नासि, व लि-यअ्-लमल्लाहुल्लज़ी-न आमनू व यत्तख़ि-ज़ मिन्कुम् शु-हदा-अ, वल्लाहु ला युहिब्बुज़्ज़ालिमीन

हिंदी अनुवाद

यदि तुम्हें कोई घाव लगा है, तो क़ौम (शत्रु)[1] को भी इसी के समान घाव लग चुका है तथा उन दिनों को हम लोगों के बीच फेरते[2] रहते हैं। ताकि अल्लाह उन लोगों को जान ले,[1] जो ईमान लाये और तुममें से साक्षी बनाये और अल्लाह अत्याचारियों से प्रेम नहीं करता। 1. इस में क़ुरैश की बद्र में पराजय और उन के 70 व्यक्तियों के मारे जाने की ओर संकेत है। 2. अर्थात कभी किसी की जीत होती है, कभी किसी की। 3. अर्थात अच्छे बुरे में विवेक (अंतर) कर दे।

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وَلِيُمَحِّصَ اللَّـهُ الَّذِينَ آمَنُوا وَيَمْحَقَ الْكَافِرِينَ ﴾ 141 ﴿

Transliteration

व लियु मह्हिसल्लाहुल्लज़ी-न आमनू व यम्ह-क़ल् काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

तथा ताकि अल्लाह उन्हें शुध्द कर दे, जो ईमान लाये हैं और काफ़िरों को नाश कर दे।

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أَمْ حَسِبْتُمْ أَن تَدْخُلُوا الْجَنَّةَ وَلَمَّا يَعْلَمِ اللَّـهُ الَّذِينَ جَاهَدُوا مِنكُمْ وَيَعْلَمَ الصَّابِرِينَ ﴾ 142 ﴿

Transliteration

अम् हसिब्तुम् अन् तद्ख़ुलुल्-जन्न-त व लम्मा यअ्- लमिल्लाहुल्लज़ी-न जाहदू मिन्कुम् व यअ्-लमस्साबिरीन

हिंदी अनुवाद

क्या तुमने समझ रखा है कि स्वर्ग में प्रवेश कर जाओगे? जबकि अल्लाह ने (परीक्षा करके) उन्हें नहीं जाना है, जिन्होंने तुममें से जिहाद किया है और न सहनशीलों को जाना है?

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وَلَقَدْ كُنتُمْ تَمَنَّوْنَ الْمَوْتَ مِن قَبْلِ أَن تَلْقَوْهُ فَقَدْ رَأَيْتُمُوهُ وَأَنتُمْ تَنظُرُونَ ﴾ 143 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् कुन्तुम् तमन्नौनल्मौ-त मिन् क़ब्लि अन् तल्क़ौहु, फ़-क़द् रऐतुमूहु व अन्तुम् तन्ज़ुरून *

हिंदी अनुवाद

तथा तुम मौत की कामना कर[1] रहे थे, इससे पूर्व कि उसका सामना करो, तो अब तुमने उसे आँखों से देख लिया है और देख रहे हो। 1. अर्थात अल्लाह की राह में शहीद हो जाने की।

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وَمَا مُحَمَّدٌ إِلَّا رَسُولٌ قَدْ خَلَتْ مِن قَبْلِهِ الرُّسُلُ ۚ أَفَإِن مَّاتَ أَوْ قُتِلَ انقَلَبْتُمْ عَلَىٰ أَعْقَابِكُمْ ۚ وَمَن يَنقَلِبْ عَلَىٰ عَقِبَيْهِ فَلَن يَضُرَّ اللَّـهَ شَيْئًا ۗ وَسَيَجْزِي اللَّـهُ الشَّاكِرِينَ ﴾ 144 ﴿

Transliteration

व मा मुहम्मदुन् इल्ला रसूलुन्, क़द् ख़लत् मिन् कब्लिहिर्रुसुलु, अ-फ़-इम्मा-त औ क़ुतिलन्-क़लब्तुम् अ़ला अअ्क़ाबिकुम्, व मंय्यन्क़लिब् अ़ला अ़क़िबैहि फ़-लंय्यज़ुर्रल्ला-ह शैअन्, व स- यज्ज़िल्लाहुश्शाकिरीन

हिंदी अनुवाद

मुह़म्मद केवल एक रसूल हैं, इससे पहले बहुत-से रसूल हो चुके हैं, तो क्या यदि वो मर गये अथवा मार दिये गये, तो तुम अपनी एड़ियों के बल[1] फिर जाओगे? तथा जो अपनी एड़ियों के बल फिर जायेगा, वो अल्लाह को कुछ हानि नहीं पहुँचा सकेगा और अल्लाह शीघ्र ही कृतज्ञों को प्रतिफल प्रदान करेगा। 1. अर्थात इस्लाम से फिर जाओगे। भावार्थ यह है कि सत्धर्म इस्लाम स्थायी है, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के न रहने से समाप्त नहीं हो जायेगा। उह़ुद में जब किसी विरोधी ने यह बात उड़ाई कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) मार दिये गये तो यह सुन कर बहुत से मुसलमान हताश हो गये। कुछ ने कहा कि अब लड़ने से क्या लाभ? तथा मुनाफ़िक़ों ने कहा कि मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) नबी होते तो मार नहीं खाते। इस आयत में यह संकेत है कि दूसरे नबियों के समान आप को भी एक दिन संसार से जाना है। तो क्या तुम उन्हीं के लिये इस्लास को मानते हो और आप नहीं रहेंगे तो इस्लाम नहीं रहेगा?

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وَمَا كَانَ لِنَفْسٍ أَن تَمُوتَ إِلَّا بِإِذْنِ اللَّـهِ كِتَابًا مُّؤَجَّلًا ۗ وَمَن يُرِدْ ثَوَابَ الدُّنْيَا نُؤْتِهِ مِنْهَا وَمَن يُرِدْ ثَوَابَ الْآخِرَةِ نُؤْتِهِ مِنْهَا ۚ وَسَنَجْزِي الشَّاكِرِينَ ﴾ 145 ﴿

Transliteration

व मा का-न लि-नफ़्सिन् अन् तमू-त इल्ला बि-इज़्निल्लाहि किताबम् मुअज्जलन्, व मंय्युरिद् सवाबद्दुन्या नुअ्तिही मिन्हा, व मंय्युरिद् सवाबल्-आख़ि-रति नुअ्तिही मिन्हा, व स-नज्ज़िश्शाकिरीन

हिंदी अनुवाद

कोई प्राणी ऐसा नहीं कि अल्लाह की अनुमति के बिना मर जाये, उसका अंकित निर्धारित समय है। जो सांसारिक प्रतिफल चाहेगा, हम उसे उसमें से कुछ देंगे तथा जो परलोक का प्रतिफल चाहेगा, हम उसे उसमें से देंगे और हम कृतज्ञों को शीघ्र ही प्रतिफल देंगे।

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وَكَأَيِّن مِّن نَّبِيٍّ قَاتَلَ مَعَهُ رِبِّيُّونَ كَثِيرٌ فَمَا وَهَنُوا لِمَا أَصَابَهُمْ فِي سَبِيلِ اللَّـهِ وَمَا ضَعُفُوا وَمَا اسْتَكَانُوا ۗ وَاللَّـهُ يُحِبُّ الصَّابِرِينَ ﴾ 146 ﴿

Transliteration

व क-अय्यिम् मिन् नबिय्यिन् क़ा-त-ल, म-अ़हू रिब्बिय्यू-न कसीरुन्, फ़मा व हनू लिमा असाबहुम् फ़ी सबीलिल्लाहि व मा ज़अुफ़ू व मस्तकानू, वल्लाहु युहिब्बुस्साबिरीन

हिंदी अनुवाद

कितने ही नबी थे, जिनके साथ होकर बहुत-से अल्लाह वालों ने युध्द किया, तो वे अल्लाह की राह में आयी आपदा पर न आलसी हुए, न निर्बल बने और न (शत्रु से) दबे तथा अल्लाह धैर्यवानों से प्रेम करता है।

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وَمَا كَانَ قَوْلَهُمْ إِلَّا أَن قَالُوا رَبَّنَا اغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَإِسْرَافَنَا فِي أَمْرِنَا وَثَبِّتْ أَقْدَامَنَا وَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ ﴾ 147 ﴿

Transliteration

व मा का-न क़ौलहुम् इल्ला अन् क़ालू रब्बनग़्फ़िर् लना ज़ुनूबना व इस्राफ़ना फ़ी अम्रिना व सब्बित् अक़्दामना वन्सुर्ना अ़लल्-क़ौमिल् काफ़िरीन

हिंदी अनुवाद

तथा उनका कथन बस यही था कि उन्होंने कहाः हे हमारे पालनहार! हमारे लिए हमारे पापों को क्षमा कर दे तथा हमारे विषय में हमारी अति को। और हमारे पैरों को दृढ़ कर दे और काफ़िर जाति के विरुध्द हमारी सहायता कर।

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فَآتَاهُمُ اللَّـهُ ثَوَابَ الدُّنْيَا وَحُسْنَ ثَوَابِ الْآخِرَةِ ۗ وَاللَّـهُ يُحِبُّ الْمُحْسِنِينَ ﴾ 148 ﴿

Transliteration

फ़-आताहुमुल्लाहु सवाबद्दुन्या व हुस्-न सवाबिल्-आख़ि-रति, वल्लाहु युहिब्बुल-मुह़्सिनीन

हिंदी अनुवाद

तो अल्लाह ने उन्हें सांसारिक प्रतिफल तथा आख़िरत (परलोक) का अच्छा प्रतिफल प्रदान कर दिया तथा अल्लाह सुकर्मियों से प्रेम करता है।

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يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِن تُطِيعُوا الَّذِينَ كَفَرُوا يَرُدُّوكُمْ عَلَىٰ أَعْقَابِكُمْ فَتَنقَلِبُوا خَاسِرِينَ ﴾ 149 ﴿

Transliteration

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इन् तुतीअुल्लज़ी-न क-फ़रू यरुद्रूकुम् अ़ला अअ्क़ाबिकुम् फ़-तन्क़लिबू ख़ासिरीन

हिंदी अनुवाद

हे ईमान वालो! यदि तुम काफ़िरों की बात मानोगे, तो वे तुम्हें तुम्हारी एड़ियों के बल फेर देंगे और तुम फिर से क्षति में पड़ जाओगे।

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بَلِ اللَّـهُ مَوْلَاكُمْ ۖ وَهُوَ خَيْرُ النَّاصِرِينَ ﴾ 150 ﴿

Transliteration

बलिल्लाहु मौलाकुम्, व हु-व ख़ैरुन्-नासिरीन

हिंदी अनुवाद

बल्कि अल्लाह तुम्हारा रक्षक है तथा वह सबसे अच्छा सहायक है।

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سَنُلْقِي فِي قُلُوبِ الَّذِينَ كَفَرُوا الرُّعْبَ بِمَا أَشْرَكُوا بِاللَّـهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهِ سُلْطَانًا ۖ وَمَأْوَاهُمُ النَّارُ ۚ وَبِئْسَ مَثْوَى الظَّالِمِينَ ﴾ 151 ﴿

Transliteration

सनुल्क़ी फ़ी क़ुलूबिल्लज़ी-न क-फ़रुर्रूअ्-ब बिमा अश्रकू बिल्लाहि मा लम् युनज़्ज़िल् बिही सुल्तानन्, व मअ्वाहुमुन्नारु, व बिअ्-स मस्वज़्ज़ालिमीन

हिंदी अनुवाद

शीघ्र ही हम काफ़िरों के दिलों में तुम्हारा भय डाल देंगे, इस कारण कि उन्होंने अल्लाह का साझी उसे बना लिया है, जिसका कोई तर्क (प्रमाण) अल्लाह ने नहीं उतारा है और इनका आवास नरक है और वह क्या ही बुरा आवास है?

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وَلَقَدْ صَدَقَكُمُ اللَّـهُ وَعْدَهُ إِذْ تَحُسُّونَهُم بِإِذْنِهِ ۖ حَتَّىٰ إِذَا فَشِلْتُمْ وَتَنَازَعْتُمْ فِي الْأَمْرِ وَعَصَيْتُم مِّن بَعْدِ مَا أَرَاكُم مَّا تُحِبُّونَ ۚ مِنكُم مَّن يُرِيدُ الدُّنْيَا وَمِنكُم مَّن يُرِيدُ الْآخِرَةَ ۚ ثُمَّ صَرَفَكُمْ عَنْهُمْ لِيَبْتَلِيَكُمْ ۖ وَلَقَدْ عَفَا عَنكُمْ ۗ وَاللَّـهُ ذُو فَضْلٍ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ ﴾ 152 ﴿

Transliteration

व ल-क़द् स-द-क़कुमुल्लाहु वअ्दहू इज़् तहुस्सूनहुम् बि-इज़्निही, हत्ता इज़ा फ़शिल्तुम् व तनाज़अ्तुम् फ़िल्अम्रि व अ़सैतुम् मिम्-बअ्दि मा अराकुम् मा तुहिब्बू-न, मिन्कुम् मंय्युरीदुदुन्या व मिन्कुम् मंय्युरीदुल्-आख़ि-र-त, सुम्-म स-र-फ़कुम् अ़न्हुम् लि-यब्तलि-यकुम्, व ल-क़द् अ़फ़ा अ़न्कुम्, वल्लाहु ज़ू फ़ज़्लिन् अ़लल् मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

तथा अल्लाह ने तुमसे अपना वचन सच कर दिखाया है, जब तुम उसकी अनुमति से, उनहें काट[1] रहे थे, यहाँ तक कि जब तुमने कायरता दिखायी तथा (रसूल के) आदेश[2] में विभेद कर लिया और अवज्ञा की, इसके पश्चात् कि तुम्हें वह (विजय) दिखा दी, जिसे तुम चाहते थे। तुममें से कुछ संसार चाहते हैं तथा कुछ परलोक चाहते हैं। फिर तुम्हें उनसे फेर दिया, ताकि तुम्हारी परीक्षा ले और तुम्हें क्षमा कर दिया तथा अल्लाह ईमान वालों के लिए दानशील है। 1. अर्थात उह़ुद के आरंभिक क्षणों में। 2. अर्थात कुछ धनुर्धरों ने आप के आदेश का पालन नहीं किया, और परिहार का धन संचित करने के लिये अपना स्थान त्याग दिया, जो पराजय का कारण बन गया। और शत्रु को उस दिशा से आक्रमण करने का अवसर मिल गया।

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إِذْ تُصْعِدُونَ وَلَا تَلْوُونَ عَلَىٰ أَحَدٍ وَالرَّسُولُ يَدْعُوكُمْ فِي أُخْرَاكُمْ فَأَثَابَكُمْ غَمًّا بِغَمٍّ لِّكَيْلَا تَحْزَنُوا عَلَىٰ مَا فَاتَكُمْ وَلَا مَا أَصَابَكُمْ ۗ وَاللَّـهُ خَبِيرٌ بِمَا تَعْمَلُونَ ﴾ 153 ﴿

Transliteration

इज़् तुस्अिदू-न व ला तल्वू-न अ़ला अ-हदिंव्-वर्रसूलु यद्अूकुम् फ़ी उख़्राकुम् फ़-असाबकुम् ग़म्मम्-बिग़म्मिल् लिकैला तह्ज़नू अ़ला मा फ़ातकुम् व ला मा असाबकुम, वल्लाहु ख़बीरुम् बिमा तअ्मलून

हिंदी अनुवाद

(और याद करो) जब तुम चढ़े (भागे) जा रहे थे और किसी की ओर मुड़कर नहीं देख रहे थे और रसूल तुम्हें तुम्हारे पीछे से पुकार[1] रहे थे, तो (अल्लाह ने) तुम्हें शोक के बदले शोक दे दिया, ताकि जो तुमसे खो गया और जो दुख तुम्हें पहुँचा, उसपर उदासीन न हो तथा अल्लाह उससे सूचित है, जो तुम कर रहे हो। 2. बराअ बिन आज़िब कहते हैं कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उह़ुद के दिन अब्दुल्लाह बिन जुबैर को पैदल सेना पर रखा। और वह पराजित हो कर आ गये, इसी के बारे में यह आयत है। उस समय नबी के साथ बारह व्यक्ति ही रह गये। (सह़ीह़ बुख़ारीः4561)

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ثُمَّ أَنزَلَ عَلَيْكُم مِّن بَعْدِ الْغَمِّ أَمَنَةً نُّعَاسًا يَغْشَىٰ طَائِفَةً مِّنكُمْ ۖ وَطَائِفَةٌ قَدْ أَهَمَّتْهُمْ أَنفُسُهُمْ يَظُنُّونَ بِاللَّـهِ غَيْرَ الْحَقِّ ظَنَّ الْجَاهِلِيَّةِ ۖ يَقُولُونَ هَل لَّنَا مِنَ الْأَمْرِ مِن شَيْءٍ ۗ قُلْ إِنَّ الْأَمْرَ كُلَّهُ لِلَّـهِ ۗ يُخْفُونَ فِي أَنفُسِهِم مَّا لَا يُبْدُونَ لَكَ ۖ يَقُولُونَ لَوْ كَانَ لَنَا مِنَ الْأَمْرِ شَيْءٌ مَّا قُتِلْنَا هَاهُنَا ۗ قُل لَّوْ كُنتُمْ فِي بُيُوتِكُمْ لَبَرَزَ الَّذِينَ كُتِبَ عَلَيْهِمُ الْقَتْلُ إِلَىٰ مَضَاجِعِهِمْ ۖ وَلِيَبْتَلِيَ اللَّـهُ مَا فِي صُدُورِكُمْ وَلِيُمَحِّصَ مَا فِي قُلُوبِكُمْ ۗ وَاللَّـهُ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ ﴾ 154 ﴿

Transliteration

सुम्-म अन्ज़-ल अ़लैकुम् मिम्-बअ्दिल्-ग़म्मि अ-म-नतन् नुआ़संय्यग़्शा ता-इ-फ़तम् मिन्कुम्, व ता-इ-फ़तुन् क़द् अहम्मत्हुम् अन्फ़ुसुहुम् यज़ुन्नू-न बिल्लाहि ग़ैरल्-हक़्क़ि ज़न्नल्-जाहिलिय्यति, यक़ूलू-न हल्-लना मिनल्-अम्रि मिन् शैइन्, क़ुल् इन्नल्-अम्-र कुल्लहू लिल्लाहि, युख़्फ़ू-न फ़ी अन्फ़ुसिहिम् मा ला युब्दू-न ल-क, यक़ूलू-न लौ का-न लना मिनल्-अम्रि शैउम् मा क़ुतिल्ना हाहुना, क़ुल् लौ कुन्तुम् फ़ी बुयूतीकुम् ल-ब-रज़ल्लज़ी-न कुति-ब अ़लैहिमुल्क़त्लु इला मज़ाजिअिहिम्, व लि-यब्तलियल्लाहु मा फ़ी सुदूरिकुम् व लियु-मह्हि-स मा फ़ी क़ुलूबिकुम्, वल्लाहु अ़लीमुम् बिज़ातिस्सुदूर

हिंदी अनुवाद

फिर तुमपर शोक के पश्चात् शान्ति (ऊँघ) उतार दी, जो तुम्हारे एक गिरोह[1] को आने लगी और एक गिरोह को अपनी[2] पड़ी हुई थी। वे अल्लाह के बारे में असत्य जाहिलिय्यत की सोच सोच रहे थे। वे कह रहे थे कि क्या हमारा भी कुछ अधिकार है? (हे नबी!) कह दें कि सब अधिकार अल्लाह को है। वे अपने मनों में जो छुपा रहे थे, आपको नहीं बता रहे थे। वे कह रहे थे कि यदि हमारा कुछ भी अधिकार होता, तो यहाँ मारे नहीं जाते। आप कह दें: यदि तुम अपने घरों में रहते, तबभी जिनके (भाग्य में) मारा जाना लिखा है, वे अपने निहत होने के स्थानों की ओर निकल आते और ताकि अल्लाह जो तुम्हारे दिलों में है, उसकी परीक्षा ले तथा जो तुम्हारे दिलों में है, उसे शुध्द कर दे और अल्लाह दिलों के भेदों से अवगत है। 1. अबु तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहाः हम उह़ुद में ऊँघने लगे। मेरी तलवार मेरे हाथ से गिरने लगती और मैं पकड़ लेता, फिर गिरने लगती और पकड़ लेता।(सह़ीह़ बुख़ारीः4562) 2.यह मुनाफ़िक़ लोग थे।

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إِنَّ الَّذِينَ تَوَلَّوْا مِنكُمْ يَوْمَ الْتَقَى الْجَمْعَانِ إِنَّمَا اسْتَزَلَّهُمُ الشَّيْطَانُ بِبَعْضِ مَا كَسَبُوا ۖ وَلَقَدْ عَفَا اللَّـهُ عَنْهُمْ ۗ إِنَّ اللَّـهَ غَفُورٌ حَلِيمٌ ﴾ 155 ﴿

Transliteration

इन्नल्लज़ी-न तवल्लौ मिन्कुम् यौमल्-तक़ल् जम्आ़नि, इन्नमस्तज़ल्लहुमुश्शैतानु बि-बअ्ज़ि मा क-सबू, व ल-क़द् अ़फ़ल्लाहु अ़न्हुम्, इन्नल्ला-ह ग़फ़ूरुन् हलीम

हिंदी अनुवाद

वस्तुतः तुममें से जिन्होंने दो गिरोहों के सम्मुख होने के दिन मुँह फेर लिया, शैतान ने उनहें उनके कुछ कुकर्मों के कारण फिसला दिया तथा अल्लाह ने उन्हें क्षमा कर दिया है। वास्तव में, अल्लाह अति क्षमाशील सहनशील है।

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يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا لَا تَكُونُوا كَالَّذِينَ كَفَرُوا وَقَالُوا لِإِخْوَانِهِمْ إِذَا ضَرَبُوا فِي الْأَرْضِ أَوْ كَانُوا غُزًّى لَّوْ كَانُوا عِندَنَا مَا مَاتُوا وَمَا قُتِلُوا لِيَجْعَلَ اللَّـهُ ذَٰلِكَ حَسْرَةً فِي قُلُوبِهِمْ ۗ وَاللَّـهُ يُحْيِي وَيُمِيتُ ۗ وَاللَّـهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرٌ ﴾ 156 ﴿

Transliteration

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू ला तकूनू कल्लज़ी-न क-फ़रू व क़ालू लि-इख़्वानिहिम् इज़ा ज़-रबू फ़िल्अर्ज़ि औ कानू ग़ुज़्ज़ल्-लौ कानू अिन्दना मा मातू व मा क़ुतिलू, लि-यज्अ़लल्लाहु ज़ालि-क हस्र-तन् फ़ी क़ुलूबिहिम्, वल्लाहु युह्-यी व युमीतु, वल्लाहु बिमा तअ्मलू-न बसीर

हिंदी अनुवाद

हे ईमान वालो! उनके समान न हो जाओ, जो काफ़िर हो गये तथा अपने भाईयों से -जब यात्रा में हों अथवा युध्द में- कहा कि यदि वे हमारे पास होते, तो न मरते और न मारे जाते, ताकि अल्लाह उनके दिलों में इसे संताप बना दे और अल्लाह ही जीवित करता तथा मौत देता है और अल्लाह जो तुम कर रहे हो, उसे देख रहा है।

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وَلَئِن قُتِلْتُمْ فِي سَبِيلِ اللَّـهِ أَوْ مُتُّمْ لَمَغْفِرَةٌ مِّنَ اللَّـهِ وَرَحْمَةٌ خَيْرٌ مِّمَّا يَجْمَعُونَ ﴾ 157 ﴿

Transliteration

व ल-इन् क़ुतिल्तुम् फ़ी सबीलिल्लाहि औ मुत्तुम् ल -मग़्फ़ि-रतुम् मिनल्लाहि व रह्-मतुन् ख़ैरुम् मिम्मा यज्मअून

हिंदी अनुवाद

यदि तुम अल्लाह की राह में मार दिये जाओ अथवा मर जाओ, तो अल्लाह की क्षमा उससे उत्तम है, जो, लोग एकत्र कर रहे हैं।

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وَلَئِن مُّتُّمْ أَوْ قُتِلْتُمْ لَإِلَى اللَّـهِ تُحْشَرُونَ ﴾ 158 ﴿

Transliteration

व ल-इम्मु-त्तुम् औ क़ुतिल्तुम् ल-इलल्लाहि तुह्शरून

हिंदी अनुवाद

तथा यदि तुम मर गये अथवा मार दिये गये, तो अल्लाह ही के पास एकत्र किये जाओगे।

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فَبِمَا رَحْمَةٍ مِّنَ اللَّـهِ لِنتَ لَهُمْ ۖ وَلَوْ كُنتَ فَظًّا غَلِيظَ الْقَلْبِ لَانفَضُّوا مِنْ حَوْلِكَ ۖ فَاعْفُ عَنْهُمْ وَاسْتَغْفِرْ لَهُمْ وَشَاوِرْهُمْ فِي الْأَمْرِ ۖ فَإِذَا عَزَمْتَ فَتَوَكَّلْ عَلَى اللَّـهِ ۚ إِنَّ اللَّـهَ يُحِبُّ الْمُتَوَكِّلِينَ ﴾ 159 ﴿

Transliteration

फ़बिमा रह्-मतिम् मिनल्लाहि लिन्-त लहुम्, व लौ कुन्-त फ़ज़्ज़न् ग़लीज़ल्क़ल्बि लन्फ़ज़्ज़ू मिन् हौलि-क, फ़अ्फ़ु अ़न्हुम् वस्तग़्फ़िर् लहुम् व शाविर्हुम् फ़िल्-अम्रि, फ़-इज़ा अ़ज़म्-त फ़-तवक्कल् अ़लल्लाहि, इन्नल्ला-ह युहिब्बुल मु-तवक्किलीन।

हिंदी अनुवाद

अल्लाह की दया के कारण ही आप उनके लिए[1] कोमल (सुशील) हो गये और यदि आप अक्खड़ तथा कड़े दिल के होते, तो वे आपके पास से बिखर जाते। अतः, उन्हें क्षमा कर दो और उनके लिए क्षमा की प्रार्थना करो तथा उनसे भी मामले में प्रामर्श करो, फिर जब कोई दृढ़ संकल्प ले लो, तो अल्लाह पर भरोसा करो। निःसंदेह, अल्लाह भरोसा रखने वालों से प्रेम करता है। 1. अर्थात अपने साथियों के लिये, जो उह़ुद में रणक्षेत्र से भाग गये।

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إِن يَنصُرْكُمُ اللَّـهُ فَلَا غَالِبَ لَكُمْ ۖ وَإِن يَخْذُلْكُمْ فَمَن ذَا الَّذِي يَنصُرُكُم مِّن بَعْدِهِ ۗ وَعَلَى اللَّـهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُونَ ﴾ 160 ﴿

Transliteration

इंय्यन्सुर्कुमुल्लाहु फ़ला ग़ालि-ब लकुम्, व इंय्यख़्ज़ुल्कुम् फ़-मन् ज़ल्लज़ी यन्सुरुकुम् मिम्- बअ्दिही, व अ़लल्लाहि फ़ल्य-तवक्कलिल् मुअ्मिनून

हिंदी अनुवाद

यदि अल्लाह तुम्हारी सहायता करे, तो तुमपर कोई प्रभुत्व नहीं पा सकता तथा यदि तुम्हारी सहायता न करे, तो फिर कौन है, जो उसके पश्चात तुम्हारी सहायता कर सके? अतः ईमान वालों को अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिये।

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وَمَا كَانَ لِنَبِيٍّ أَن يَغُلَّ ۚ وَمَن يَغْلُلْ يَأْتِ بِمَا غَلَّ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۚ ثُمَّ تُوَفَّىٰ كُلُّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْ وَهُمْ لَا يُظْلَمُونَ ﴾ 161 ﴿

Transliteration

व मा का-न लि-नबिय्यिन् अंय्यग़ुल्-ल, व मंय्यग़्लुल् यअ्ति बिमा ग़ल्-ल यौमल्-क़ियामति, सुम्-म तुवफ़्फ़ा कुल्लु नफ़्सिम् मा क-सबत् व हुम् ला युज़्लमून

हिंदी अनुवाद

किसी नबी के लिए योग्य नहीं कि अपभोग[1] करे और जो अपभोग करेगा, प्रलय के दिन उसे लायेगा। फिर प्रत्येक प्राणी को, उसकी कमाई का भरपूर प्रतिकार (बदला) दिया जायेगा तथा उनपर अत्याचार नहीं किया जायेगा। 1. उह़ुद के दिन जो अपना स्थान छोड़ कर इस विचार से आ गये कि यदि हम न पहुँचे, तो दूसरे लोग ग़नीमत का सब धन ले जायेंगे, उन्हें यह चेतावनी दी जा रही है कि तुमने यह कैसे सोच लिया कि इस धन में से तुम्हारा भाग नहीं मिलेगा, क्या तुम्हें नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अमानत पर भरोसा नहीं है? सुन लो! नबी से किसी प्रकार का अपभोग असम्भव है। यह घोर पाप है जो कोई नबी कभी नहीं कर सकता।

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أَفَمَنِ اتَّبَعَ رِضْوَانَ اللَّـهِ كَمَن بَاءَ بِسَخَطٍ مِّنَ اللَّـهِ وَمَأْوَاهُ جَهَنَّمُ ۚ وَبِئْسَ الْمَصِيرُ ﴾ 162 ﴿

Transliteration

अ-फ़ मनित्त-ब-अ़ रिज़्वानल्लाहि क-मम्बा-अ बि-स-ख़तिम् मिनल्लाहि व मअ्वाहु जहन्नमु, व बिअ्सल्-मसीर

हिंदी अनुवाद

तो क्या जिसने अल्लाह की प्रसन्नता का अनुसरण किया हो, उसके समान हो जायेगा, जो अल्लाह का क्रोध[1] लेकर फिरा और उसका आवास नरक है? 1. अर्थात् पापों में लीन रहा।

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هُمْ دَرَجَاتٌ عِندَ اللَّـهِ ۗ وَاللَّـهُ بَصِيرٌ بِمَا يَعْمَلُونَ ﴾ 163 ﴿

Transliteration

हुम् द-रजातुन् अिन्दल्लाहि, वल्लाहु बसीरुम्-बिमा यअ्मलून

हिंदी अनुवाद

अल्लाह के पास उनकी श्रेणियाँ हैं तथा अल्लाह उसे देख[1] रहा है, जो वे कर रहे हैं। 1. अर्थात लोगों के कर्मों के अनुसार उन की अलग अलग श्रेणियाँ हैं।

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لَقَدْ مَنَّ اللَّـهُ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ إِذْ بَعَثَ فِيهِمْ رَسُولًا مِّنْ أَنفُسِهِمْ يَتْلُو عَلَيْهِمْ آيَاتِهِ وَيُزَكِّيهِمْ وَيُعَلِّمُهُمُ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ وَإِن كَانُوا مِن قَبْلُ لَفِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ ﴾ 164 ﴿

Transliteration

ल-क़द् मन्नल्लाहु अ़लल् मुअ्मिनी-न इज़् ब-अ़-स फ़ीहिम् रसूलम्-मिन् अन्फ़ुसिहिम् यत्लू अ़लैहिम् आयातिही व युज़क्कीहिम् व युअ़ल्लिमुहुमुल्-किता-ब वल्-हिक्म-त, व इन् कानू मिन् क़ब्लु लफ़ी ज़लालिम् मुबीन

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ने ईमान वालों पर उपकार किया है कि उनमें उन्हीं में से एक रसूल भेजा, जो उनके सामने (अल्लाह) की आयतें पढ़ता है, उन्हें शुध्द करता है तथा उन्हें पुस्तक (क़ुर्आन) और ह़िक्मत (सुन्नत) की शिक्षा देता है, यद्यपि वे इससे पहले खुले कुपथ में थे।

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أَوَلَمَّا أَصَابَتْكُم مُّصِيبَةٌ قَدْ أَصَبْتُم مِّثْلَيْهَا قُلْتُمْ أَنَّىٰ هَـٰذَا ۖ قُلْ هُوَ مِنْ عِندِ أَنفُسِكُمْ ۗ إِنَّ اللَّـهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ ﴾ 165 ﴿

Transliteration

अ-व-लम्मा असाबत्कुम् मुसीबतुन् क़द् असब्तुम् मिस्लैहा, क़ुल्तुम् अन्ना हाज़ा, क़ुल् हु-व मिन् अिन्दि अन्फ़ुसिकुम्, इन्नल्ला-ह अ़ला कुल्लि शैइन् क़दीर

हिंदी अनुवाद

तथा जब तुम्हें एक दुःख पहुँचा,[1] जबकि इसके दुगना (दुःख) तुमने (उन्हें) पहुँचाया है[2], तो तुमने कह दिया कि ये कहाँ से आ गया? (हे नबी!) कह दोः ये तुम्हारे पास से[3] आया है। वास्तव में, अल्लाह जो चाहे, कर सकता है। 1. अर्थात उह़ुद के दिन। 2. अर्थात बद्र के दिन। 3. अर्थात तुम्हारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आदेश का विरोध करने के कारण आया, जो धनुर्धरों को दिया गया था।

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وَمَا أَصَابَكُمْ يَوْمَ الْتَقَى الْجَمْعَانِ فَبِإِذْنِ اللَّـهِ وَلِيَعْلَمَ الْمُؤْمِنِينَ ﴾ 166 ﴿

Transliteration

व मा असाबकुम् यौमल्-तक़ल् जम्आ़नि फ़बि-इज़्निल्लाहि व लि-यअ्-लमल् मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

तथा जो भी आपदा, दो गिरोहों के सम्मुख होने के दिन, तुमपर आई, तो वो अल्लाह की अनुमति से (आई)। ताकि वह ईमान वालों को जान ले।

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وَلِيَعْلَمَ الَّذِينَ نَافَقُوا ۚ وَقِيلَ لَهُمْ تَعَالَوْا قَاتِلُوا فِي سَبِيلِ اللَّـهِ أَوِ ادْفَعُوا ۖ قَالُوا لَوْ نَعْلَمُ قِتَالًا لَّاتَّبَعْنَاكُمْ ۗ هُمْ لِلْكُفْرِ يَوْمَئِذٍ أَقْرَبُ مِنْهُمْ لِلْإِيمَانِ ۚ يَقُولُونَ بِأَفْوَاهِهِم مَّا لَيْسَ فِي قُلُوبِهِمْ ۗ وَاللَّـهُ أَعْلَمُ بِمَا يَكْتُمُونَ ﴾ 167 ﴿

Transliteration

व लि-यअ्-लमल्लज़ी-न नाफ़क़ू, व क़ी-ल लहुम् तआ़लौ क़ातिलू फ़ी सबीलिल्लाहि अविद्फ़अू, क़ालू लौ नअ्लमु क़ितालल्- लत्त-बअ्नाकुम, हुम् लिल्कुफ़्रि यौमइज़िन् अक़्रबु मिन्हुम् लिल्-ईमानि, यक़ूलू-न बिअफ़्वाहिहिम् मा लै-स फ़ी क़ुलूबिहिम्, वल्लाहु अअ्लमु बिमा यक्तुमून

हिंदी अनुवाद

और ताकि उन्हें जान ले, जो मुनाफ़िक़ हैं। (जब) उनसे कहा गया कि आओ, अल्लाह की राह में युध्द करो अथवा रक्षा करो, तो उन्होंने कहा कि यदि हम युध्द होना जानते, तो अवश्य तुम्हारा साथ देते। वे उस दिन ईमान से अधिक कुफ़्र के समीप थे, व अपने मुखों से ऐसी बात बोल रहे थे, जो उनके दिलों में नहीं थी तथा अल्लाह, जिसे वे छुपा रहे थे, अधिक जानता था।

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الَّذِينَ قَالُوا لِإِخْوَانِهِمْ وَقَعَدُوا لَوْ أَطَاعُونَا مَا قُتِلُوا ۗ قُلْ فَادْرَءُوا عَنْ أَنفُسِكُمُ الْمَوْتَ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ ﴾ 168 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न क़ालू लि-इख़्वानिहिम् व क़-अ़दू लौ अताअूना मा क़ुतिलू, क़ुल् फ़द्रऊ अ़न् अन्फ़ुसिकुमुल्मौ-त इन् कुन्तुम् सादिक़ीन

हिंदी अनुवाद

इन्होंने ही अपने भाईयों से कहा और (स्वयं घरों में) आसीन रह गयेः यदि वे हमारी बात मानते, तो मारे नहीं जाते! (हे नबी!) कह दोः फिर तो मौत से[1] अपनी रक्षा कर लो, यदि तुम सच्चे हो। 1. अर्थात अपने उपाय से सदाजीवी हो जाओ।

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وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ قُتِلُوا فِي سَبِيلِ اللَّـهِ أَمْوَاتًا ۚ بَلْ أَحْيَاءٌ عِندَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُونَ ﴾ 169 ﴿

Transliteration

व ला तह्सबन्नल्लज़ी-न क़ुतिलू फ़ी सबीलिल्लाहि अम्वातन्, बल् अह्-याउन् अिन्-द रब्बिहिम् युर्ज़क़ून

हिंदी अनुवाद

जो अल्लाह की राह में मार दिये गये, तो तुम उन्हें मरा हुआ न समझो, बल्कि वे जीवित हैं[1], अपने पालनहार के पास जीविका दिये जा रहे हैं। 1. शहीदों का जीवन कैसा होता है? ह़दीस में है कि उन की आत्मायें हरे पक्षियों के भीतर रख दी जाती हैं और वह स्वर्ग में चुगते तथा आनन्द लेते फिरते हैं। (सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीसः1887)

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فَرِحِينَ بِمَا آتَاهُمُ اللَّـهُ مِن فَضْلِهِ وَيَسْتَبْشِرُونَ بِالَّذِينَ لَمْ يَلْحَقُوا بِهِم مِّنْ خَلْفِهِمْ أَلَّا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ ﴾ 170 ﴿

Transliteration

फ़रिही न बिमा आताहुमुल्लाहु मिन् फ़ज़्लिही, व यस्तब्शिरू-न बिल्लज़ी-न लम् यल्हक़ू बिहिम् मिन् ख़ाल्फिहिम्, अल्ला ख़ौफ़ुन् अ़लैहिम् व ला हुम् यह्ज़नून

हिंदी अनुवाद

तथा उससे प्रसन्न हैं, जो अल्लाह ने उन्हें अपनी दया से प्रदान किया है और उनके लिए प्रसन्न (हर्षित) हो रहे हैं, जो उनसे मिले नहीं, उनके पीछे[1] रह गये हैं कि उन्हें कोई डर नहीं होगा और न वे उदासीन होंगे। 1. अर्थात उन मुजाहिदीन के लिये जो अभी संसार में जीवित रह गये हैं।

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يَسْتَبْشِرُونَ بِنِعْمَةٍ مِّنَ اللَّـهِ وَفَضْلٍ وَأَنَّ اللَّـهَ لَا يُضِيعُ أَجْرَ الْمُؤْمِنِينَ ﴾ 171 ﴿

Transliteration

यस्तब्शिरू-न बिनिअ्मतिम् मिनल्लाहि व फ़ज़्लिंव्-व अन्नल्ला-ह ला युज़ीअु अज्रल् मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

वे अल्लाह के पुरस्कार और प्रदान के कारण प्रसन्न हो रहे हैं तथा इसपर कि अल्लाह ईमान वालों का प्रतिफल व्यर्थ नहीं करता।

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الَّذِينَ اسْتَجَابُوا لِلَّـهِ وَالرَّسُولِ مِن بَعْدِ مَا أَصَابَهُمُ الْقَرْحُ ۚ لِلَّذِينَ أَحْسَنُوا مِنْهُمْ وَاتَّقَوْا أَجْرٌ عَظِيمٌ ﴾ 172 ﴿

Transliteration

अल्लज़ीनस्तजाबू लिल्लाहि वर्रसूलि मिम्-बअ्दि मा असाबहुमुल्क़र्हु, लिल्लज़ी-न अह्सनू मिन्हुम् वत्तक़ौ अज्रुन् अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

जिन्होंने अल्लाह और रसूल की पुकार स्वीकार[1] की, इसके पश्चात् कि उन्हें आघात पहुँचा, उनमें से उनके लिए जिन्होंने सुकर्म किया तथा (अल्लाह से) डरे, महा प्रतिफल है। 1. जब काफ़िर उह़ुद से मक्का वापिस हुये तो मदीने से 30 मील दूर "रौह़ाअ" से फिर मदीना वापिस आने का निश्चय किया। जब आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सूचना मिली, तो सेना ले कर "ह़मराउल असद" तक पहुँचे जिसे सुन कर वह भाग गये। इधर मुसलमान सफल वापिस आये। इस आयत में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियों की सराहना की गई है जिन्हों ने उह़ुद में घाव खाने के पश्चात भी नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का साथ दिया। यह आयतें ईसी से संबंधित हैं।

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الَّذِينَ قَالَ لَهُمُ النَّاسُ إِنَّ النَّاسَ قَدْ جَمَعُوا لَكُمْ فَاخْشَوْهُمْ فَزَادَهُمْ إِيمَانًا وَقَالُوا حَسْبُنَا اللَّـهُ وَنِعْمَ الْوَكِيلُ ﴾ 173 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न क़ा-ल लहुमुन्नासु इन्नन्ना-स क़द् ज-मअू लकुम् फ़ख़्शौहुम् फ़-ज़ादहुम् ईमानंव्-व क़ालू हस्बुनल्लाहु व निअ्मल् वकील

हिंदी अनुवाद

ये वे लोग हैं, जिनसे लोगों ने कहा कि तुम्हारे लिए लोगों (शत्रु) ने (वापिस आने का) संकल्प[1] लिया है। अतः उनसे डरो, तो इस (सूचना) ने उनके ईमान को और अधिक कर दिया और उन्होंने कहाः हमें अल्लाह बस है और वह अच्छा काम बनाने वाला है। 1. अर्थात शत्रु ने मक्का जाते हुये राह में सोचा कि मुसलमानों के परास्त हो जाने पर यह अच्छा अवसर था कि मदीने पर आक्रमण करके उन का उनमूलन कर दिया जाये, तथा वापिस आने का निश्चय किया। (तफ़्सीरे क़ुर्तुबी)

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فَانقَلَبُوا بِنِعْمَةٍ مِّنَ اللَّـهِ وَفَضْلٍ لَّمْ يَمْسَسْهُمْ سُوءٌ وَاتَّبَعُوا رِضْوَانَ اللَّـهِ ۗ وَاللَّـهُ ذُو فَضْلٍ عَظِيمٍ ﴾ 174 ﴿

Transliteration

फ़न्क़-लबू बिनिअ्मतिम्-मिनल्लाहि व फ़ज़्लिल्-लम् यम्सस्हुम् सूउंव्-वत्त-बअू रिज़्वानल्लाहि, वल्लाहु ज़ू फ़ज़्लिन् अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

तथा अल्लाह के अनुग्रह एवं दया के साथ[1] वापिस हुए। उन्हें कोई दुःख नहीं पहुँचा तथा अल्लाह की प्रसन्नता पर चले और अल्लाह बड़ा दयाशील है। 1. अर्थात "ह़मराउल असद" से मदीन वापिस हुये।

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إِنَّمَا ذَٰلِكُمُ الشَّيْطَانُ يُخَوِّفُ أَوْلِيَاءَهُ فَلَا تَخَافُوهُمْ وَخَافُونِ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ ﴾ 175 ﴿

Transliteration

इन्नमा ज़ालिकुमुश्शैतानु युख़व्विफ़ु औलिया-अहू, फ़ला तख़ाफ़ूहुम् व ख़ाफ़ूनि इन् कुन्तुम् मुअ्मिनीन

हिंदी अनुवाद

वह शैतान है, जो तुम्हें अपने सहयोगियों से डरा रहा है, तो उनसे[1] न डरो तथा मुझी से डरो यदि तुम ईमान वाले हो। 1. अर्थात मिश्रणवादियों से।

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وَلَا يَحْزُنكَ الَّذِينَ يُسَارِعُونَ فِي الْكُفْرِ ۚ إِنَّهُمْ لَن يَضُرُّوا اللَّـهَ شَيْئًا ۗ يُرِيدُ اللَّـهُ أَلَّا يَجْعَلَ لَهُمْ حَظًّا فِي الْآخِرَةِ ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ ﴾ 176 ﴿

Transliteration

व ला यह्ज़ुन्कल्लज़ी-न युसारिअू-न फ़िल्कुफ्रि, इन्नहुम् लंय्यज़ुर्रुल्ला-ह शैअन्, युरीदुल्लाहु अल्ला यज्अ़-ल लहुम् हज़्ज़न् फ़िल्-आख़िरति, व लहुम् अ़ज़ाबुन् अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

(हे नबी!) आपको वे काफ़िर उदासीन न करें, जो कुफ़्र में अग्रसर हैं, वे अल्लाह को कोई हानि नहीं पहुँचा सकेंगे। अल्लाह चाहता है कि आख़िरत (परलोक) में उनका कोई भाग न बनाये तथा उन्हीं के लिए घोर यातना है।

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إِنَّ الَّذِينَ اشْتَرَوُا الْكُفْرَ بِالْإِيمَانِ لَن يَضُرُّوا اللَّـهَ شَيْئًا وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ ﴾ 177 ﴿

Transliteration

इन्नल्लज़ीनश्-त-रवुल्-क़ुफ़्-र बिल्-ईमानि लंय्यज़ुर्रुल्ला-ह शैअन्, व लहुम् अ़ज़ाबुन् अलीम

हिंदी अनुवाद

वस्तुतः जिन्होंने ईमान के बदले कुफ़्र खरीद लिया, वे अल्लाह को कोई हानि नहीं पहुँचा सकेंगे तथा उन्हीं के दुःखदायी यातना है।

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وَلَا يَحْسَبَنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا أَنَّمَا نُمْلِي لَهُمْ خَيْرٌ لِّأَنفُسِهِمْ ۚ إِنَّمَا نُمْلِي لَهُمْ لِيَزْدَادُوا إِثْمًا ۚ وَلَهُمْ عَذَابٌ مُّهِينٌ ﴾ 178 ﴿

Transliteration

व ला यह्सबन्नल्लज़ी-न क-फ़रू अन्नमा नुम्ली लहुम् ख़ौरुल् लिअन्फ़ुसिहिम्, इन्नमा नुम्ली लहुम् लि-यज़्दादू इस्मन्, व लहुम् अ़ज़ाबुम्- मुहीन

हिंदी अनुवाद

जो काफ़िर हो गये, वे कदापि ये न समझें कि हमारा उन्हें अवसर[1] देना, उनके लिए अच्छा है, वास्तव में, हम उन्हें इसलिए अवसर दे रहे हैं कि उनके पाप[2] अधिक हो जायेँ तथा उन्हीं के लिए अपमानकारी यातना है। 1. अर्थात उन्हें संसारिक सुःख सुविधा देना। भावार्थ यह है कि इस संसार में अल्लाह, सत्योसत्य, न्याय तथा अत्याचार सब के लिये अवसर देता है। परन्तु इस से धोखा नहीं खाना चाहिये, यह देखना चाहिये कि परलोक की सफलता किस में है। सत्य ही स्थायी है तथा असत्य को ध्वस्त हो जाना है। 2. यह स्वभाविक नियम है कि पाप करने से पापाचारी में पाप करने की भावना अधिक हो जाती है।

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مَّا كَانَ اللَّـهُ لِيَذَرَ الْمُؤْمِنِينَ عَلَىٰ مَا أَنتُمْ عَلَيْهِ حَتَّىٰ يَمِيزَ الْخَبِيثَ مِنَ الطَّيِّبِ ۗ وَمَا كَانَ اللَّـهُ لِيُطْلِعَكُمْ عَلَى الْغَيْبِ وَلَـٰكِنَّ اللَّـهَ يَجْتَبِي مِن رُّسُلِهِ مَن يَشَاءُ ۖ فَآمِنُوا بِاللَّـهِ وَرُسُلِهِ ۚ وَإِن تُؤْمِنُوا وَتَتَّقُوا فَلَكُمْ أَجْرٌ عَظِيمٌ ﴾ 179 ﴿

Transliteration

मा कानल्लाहु लि-य-ज़रल् मुअ्मिनी-न अ़ला मा अन्तुम् अ़लैहि हत्ता यमीज़ल्-ख़बी-स मिनत्तय्यिबि, व मा कानल्लाहु लियुत्लि-अ़कुम् अ़लल्-ग़ैबि व लाकिन्नल्ला-ह यज्तबी मिर्रुसुलिही मंय्यशा-उ, फ़-आमिनू बिल्लाहि व रुसुलिही, व इन् तुअ्मिनू व तत्तक़ू फ़-लकुम् अज्रून् अ़ज़ीम

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ऐसा नहीं है कि ईमान वालों को उसी (दशा) पर छोड़ दे, जिसपर तुम हो, जब तक बुरे को अच्छे से अलग न कर दे और अल्लाह ऐसा (भी) नहीं है कि तुम्हें ग़ैब (परोक्ष) से[1] सूचित कर दे, परन्तु अल्लाह अपने रसूलों में से (परोक्ष पर अवगत करने के लिए) जिसे चाहे, चुन लेता है तथा यदि तुम ईमान लाओ और अल्लाह से डरते रहो, तो तुम्हारे लिए बड़ा प्रतिफल है। 1. अर्थात तुम्हें बता दे कि कौन ईमान वाला और कौन दुविधावादी है।

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وَلَا يَحْسَبَنَّ الَّذِينَ يَبْخَلُونَ بِمَا آتَاهُمُ اللَّـهُ مِن فَضْلِهِ هُوَ خَيْرًا لَّهُم ۖ بَلْ هُوَ شَرٌّ لَّهُمْ ۖ سَيُطَوَّقُونَ مَا بَخِلُوا بِهِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ وَلِلَّـهِ مِيرَاثُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۗ وَاللَّـهُ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرٌ ﴾ 180 ﴿

Transliteration

व ला यह्सबन्नल्लज़ी-न यब्ख़लू-न बिमा आताहुमुल्लाहु मिन् फज़्लिही हु-व ख़ैरल्लहुम्, बल् हु-व शर्रूल्लहुम्, सयुतव्वक़ू-न मा बख़िलू बिही यौमल्-क़ियामति, व लिल्लाहि मीरासुस्समावाति वल् अर्ज़ि, वल्लाहु बिमा तअ्मलू-न ख़बीर

हिंदी अनुवाद

वे लोग कदापि ये न समझें, जो उसमें कृपण (कंजसी) करते हैं, जो अल्लाह ने उन्हों अपनी दया से प्रदान किया[1] है कि वह उनके लिए अच्छा है, बल्कि वह उनके लिए बुरा है, जिसमें उन्होंने कृपण किया है। प्रलय के दिन उसे उनके गले का हार[2] बना दिया जायेगा और आकाशों तथा धरती की मीरास (उत्तराधिकार) अल्लाह के[3] लिए है तथा अल्लाह जो कुछ तुम करते हो, उससे सूचित है। 1. अर्थात धन-धान्य की ज़कात नहीं देते। 2. सह़ीह़ बुखारी में अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः जिसे अल्लाह ने धन दिया है, और वह उस की ज़कात नहीं देता तो प्रलय के दिन उस का धन गंजा सर्प बना दिया जायेगा, जो उस के गले का हार बन जायेगा। और उसे अपने जबड़ों से पकड़ेगा, तथा कहेगा कि मैं तुम्हारा कोष हुँ मैं तुम्हारा धन हूँ। (सह़ीह़ बुख़ारीः4565) 3. अर्थात प्रलय के दिन वही अकेला सब का स्वामी होगा।

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لَّقَدْ سَمِعَ اللَّـهُ قَوْلَ الَّذِينَ قَالُوا إِنَّ اللَّـهَ فَقِيرٌ وَنَحْنُ أَغْنِيَاءُ ۘ سَنَكْتُبُ مَا قَالُوا وَقَتْلَهُمُ الْأَنبِيَاءَ بِغَيْرِ حَقٍّ وَنَقُولُ ذُوقُوا عَذَابَ الْحَرِيقِ ﴾ 181 ﴿

Transliteration

ल-क़द् समिअ़ल्लाहु क़ौलल्लज़ी-न क़ालू इन्नल्ला-ह फ़क़ीरूंव्-व नह्नु अग़्निया-उ, सनक्तुबु मा क़ालू व क़त्लहुमुल्-अम्बिया-अ बिग़ैरि हक़्क़िंव्-व नक़ूलु ज़ूक़ू अ़ज़ाबल् हरीक़

हिंदी अनुवाद

अल्लाह ने उनकी बात सुन ली है, जिन्होंने कहा कि अल्लाह निर्धन और हम धनी[1] हैं, उन्होंने जो कुछ कहा है, हम उसे लिख लेंगे और उनके नबियों की अवैध हत्या करने को भी, तथा कहेंगे कि दहन की यातना चखो। 1. यह बात यहूदियों ने कही थी। (देखियेः सूरह बक़रह, आयतः254)

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ذَٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ أَيْدِيكُمْ وَأَنَّ اللَّـهَ لَيْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيدِ ﴾ 182 ﴿

Transliteration

ज़ालि-क बिमा क़द्द-मत् ऐदीकुम् व अन्नल्ला-ह लै-स बिज़ल्लामिल् लिल्-अ़बीद

हिंदी अनुवाद

ये तुम्हारे करतूतों का दुष्परिणाम है तथा वास्तव में, अल्लाह बंदों के लिए तनिक भी अत्याचारी नहीं है।

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الَّذِينَ قَالُوا إِنَّ اللَّـهَ عَهِدَ إِلَيْنَا أَلَّا نُؤْمِنَ لِرَسُولٍ حَتَّىٰ يَأْتِيَنَا بِقُرْبَانٍ تَأْكُلُهُ النَّارُ ۗ قُلْ قَدْ جَاءَكُمْ رُسُلٌ مِّن قَبْلِي بِالْبَيِّنَاتِ وَبِالَّذِي قُلْتُمْ فَلِمَ قَتَلْتُمُوهُمْ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ ﴾ 183 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न क़ालू इन्नल्ला-ह अ़हि-द इलैना अल्ला नुअ्मि-न लि-रसूलिन् हत्ता यअ्ति-यना बिक़ुर्बानिन् तअ्कुलुहुन्नारु, क़ुल् क़द् जा-अकुम् रुसुलुम् मिन् क़ब्ली बिल्-बय्यिनाति व बिल्लज़ी क़ुल्तुम् फ़लि-म क़तल्तुमूहुम् इन् कुन्तुम् सादिक़ीन

हिंदी अनुवाद

जिन्होंने कहाः अल्लाह ने हमसे वचन लिया है कि किसी रसूल का विश्वास न करें, जब तक हमारे समक्ष ऐसी बली न दें, जिसे अग्नि खा[1] जाये। (हे नबी!) आप कह दें कि मुझसे पूर्व बहुत-से रसूल खुली निशानियाँ और वो चीज़ लाये, जो तुमने कही, तो तुमने उनकी हत्या क्यों कर दी, यदि तुम सच्चे हो तो? 1. अर्थात आकाश से अग्नि आ कर जला दे, जो उस के स्वीकार्य होने का लक्षण है।

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فَإِن كَذَّبُوكَ فَقَدْ كُذِّبَ رُسُلٌ مِّن قَبْلِكَ جَاءُوا بِالْبَيِّنَاتِ وَالزُّبُرِ وَالْكِتَابِ الْمُنِيرِ ﴾ 184 ﴿

Transliteration

फ़-इन् कज़्ज़बू-क फ़-क़द् कुज़्ज़ि-ब रुसुलुम् मिन् क़ब्लि-क जाऊ बिल्बय्यिनाति वज़्ज़ुबुरि वल्-किताबिल् मुनीर

हिंदी अनुवाद

फिर यदि इन्होंने[1] आपको झुठला दिया, तो आपसे पहले भी बहुत-से रसूल झुठलाये गये हैं, जो खुली निशानियाँ तथा (आकाशीय) ग्रंथ और प्रकाशक पुस्तकें लाये[2] 1. अर्थात यहूद आदि ने। 2. प्रकाशक जो सत्य को उजागर कर दे।

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كُلُّ نَفْسٍ ذَائِقَةُ الْمَوْتِ ۗ وَإِنَّمَا تُوَفَّوْنَ أُجُورَكُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۖ فَمَن زُحْزِحَ عَنِ النَّارِ وَأُدْخِلَ الْجَنَّةَ فَقَدْ فَازَ ۗ وَمَا الْحَيَاةُ الدُّنْيَا إِلَّا مَتَاعُ الْغُرُورِ ﴾ 185 ﴿

Transliteration

कुल्लु नफ़्सिन् ज़ा-इ-क़तुल्मौति, व इन्नमा तुवफ़्फ़ौ-न उजू-रकुम् यौमल्-क़ियामति, फ़-मन् ज़ुह्ज़ि-ह अ़निन्नारि व उद्ख़िलल्-जन्न-त फ़-क़द् फ़ा-ज़, व मल्हयातुद्-दुन्या इल्ला मताअुल् ग़ुरूर

हिंदी अनुवाद

प्रत्येक प्राणी को मौत का स्वाद चखना है और तुम्हें, तुम्हारे कर्मों का प्रलय के दिन भरपूर प्रतिफल दिया जायेगा, तो (उस दिन) जो व्यक्ति नरक से बचा लिया गया तथा स्वर्ग में प्रवेश पा गया[1], तो वह सफल हो गया तथा सांसारिक जीवन धोखे की पूंजी के सिवा कुछ नहीं है। 1. अर्थात सत्य आस्था और सत्कर्मों के द्वारा इस्लाम के नियमों का पालन करके।

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لَتُبْلَوُنَّ فِي أَمْوَالِكُمْ وَأَنفُسِكُمْ وَلَتَسْمَعُنَّ مِنَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ مِن قَبْلِكُمْ وَمِنَ الَّذِينَ أَشْرَكُوا أَذًى كَثِيرًا ۚ وَإِن تَصْبِرُوا وَتَتَّقُوا فَإِنَّ ذَٰلِكَ مِنْ عَزْمِ الْأُمُورِ ﴾ 186 ﴿

Transliteration

लतुब्लवुन् न फ़ी अम्वालिकुम् व अन्फ़ुसिकुम्, व ल-तस्मअुन्-न मिनल्लज़ी-न ऊतुल्-किता-ब मिन् क़ब्लिकुम् व मिनल्लज़ी-न अश्रकू अज़न् कसीरन्, व इन् तस्बिरू व तत्तक़ू फ़-इन्-न ज़ालि-क मिन् अ़ज़्मिल उमूर

हिंदी अनुवाद

(हे ईमान वालो!) तुम्हारे धनों तथा प्राणों में तुम्हारी परीक्षा अवश्य ली जायेगी और तुम उनसे अवश्य बहुत सी दुःखद बातें सुनोगे, जो तुमसे पूर्व पुस्तक दिये गये तथा उनसे जो मिश्रणवादी[1] हैं। अब यदि तुमने सहन किया और (अल्लाह से) डरते रहे, तो ये बड़ी साहस की बात होगी। 1. मिश्रणवादी अर्थात मूर्तियों के पुजारी, जो पूजा अर्चना तथा अल्लाह के विशेष गुणों में अन्य को उस का साझी बनाते हैं।

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وَإِذْ أَخَذَ اللَّـهُ مِيثَاقَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ لَتُبَيِّنُنَّهُ لِلنَّاسِ وَلَا تَكْتُمُونَهُ فَنَبَذُوهُ وَرَاءَ ظُهُورِهِمْ وَاشْتَرَوْا بِهِ ثَمَنًا قَلِيلًا ۖ فَبِئْسَ مَا يَشْتَرُونَ ﴾ 187 ﴿

Transliteration

व इज़् अ-ख़ज़ल्लाहु मिसाक़ल्लज़ी-न ऊतुल्-किता-ब लतु-बय्यिनुन्नहू लिन्नासि व ला तक्तुमूनहू, फ़-न-बज़ूहु वरा-अ ज़ुहूरिहिम् वश्तरौ बिही स-मनन् क़लीलन्, फ़-बिअ्-स मा यश्तरून

हिंदी अनुवाद

तथा (हे नबी! याद करो) जब अल्लाह ने उनसे दृढ़ वचन लिया था, जो पुस्तक[1] दिये गये कि तुम अवश्य इसे लोगों के लिए उजागर करते रहोगे और इसे छुपाओगे नहीं। तो उन्होंने इस वचन को अपने पीछे डाल दिया (भंग कर दिया) और उसके बदले तनिक मूल्य खरीद[2] लिया। तो वे कितनी बुरी चीज़ खरीद रहे हैं? 1. जो पुस्तक दिये गये, अर्थातः यहूद और नसारा (ईसाई) जिन्हें तौरात तथा इंजील दी गई। 2. अर्थात तुच्छ संसारिक लाभ के लिये सत्य का सौदा करने लगे।

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لَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ يَفْرَحُونَ بِمَا أَتَوا وَّيُحِبُّونَ أَن يُحْمَدُوا بِمَا لَمْ يَفْعَلُوا فَلَا تَحْسَبَنَّهُم بِمَفَازَةٍ مِّنَ الْعَذَابِ ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ ﴾ 188 ﴿

Transliteration

ला तह्सबन्नल्लज़ी-न यफ़्रहू-न बिमा अतव्-व युहिब्बू – न अंय्युह्-मदू बिमा लम् यफ़्अ़लू फ़ला तह्सबन्नहुम् बि-मफ़ाज़तिम् मिनल्-अ़ज़ाबि, व लहुम् अ़ज़ाबुन् अलीम

हिंदी अनुवाद

(हे नबी!) जो[1] अपने करतूतों पर प्रसन्न हो रहे हैं और चाहते हैं कि उन कर्मों के लिए सराहे जायें, जो उन्होंने नहीं किये। आप उन्हें कदापि न समझें कि यातना से बचे रहेंगे तथा (वास्तविकता ये कि) उन्हीं के लिए दुःखदायी यातना है। 1. अबू सईद रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि कुछ द्विधावादी रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के युग में आप युध्द के लिये निकलते तो आप का साथ नहीं देते थे। और इस पर प्रसन्न होते थे और जब आप वापिस होते तो बहाने बनाते और शपथ लेते थे। और जो नहीं किया है, उस की सराहना चाहते थे। इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारीः4567)

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وَلِلَّـهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۗ وَاللَّـهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ ﴾ 189 ﴿

Transliteration

व लिल्लाहि मुल्कुस्समावाति वल्अर्ज़ि, वल्लाहु अ़ला कुल्लि शैइन क़दीर

हिंदी अनुवाद

तथा आकाशों और धरती का राज्य अल्लाह ही का है तथा अल्लाह जो चाहे, कर सकता है।

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إِنَّ فِي خَلْقِ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَاخْتِلَافِ اللَّيْلِ وَالنَّهَارِ لَآيَاتٍ لِّأُولِي الْأَلْبَابِ ﴾ 190 ﴿

Transliteration

इन्-न फ़ी ख़ल्क़िस्समावाति वल्अर्ज़ि वख़्तिलाफ़िल्लैलि वन्नहारि ल-आयातिल्-लिउलिल् अल्बाब

हिंदी अनुवाद

वस्तुतः आकाशों तथा धरती की रचना और रात्रि तथा दिवस के एक के पश्चात् एक आते-जाते रहने में, मतिमानों के लिए बहुत सी निशानियाँ (लक्षण)[1] हैं। 1. अर्थात अल्लाह के राज्य, स्वामित्व तथा एकमात्र पूज्य होने के।

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الَّذِينَ يَذْكُرُونَ اللَّـهَ قِيَامًا وَقُعُودًا وَعَلَىٰ جُنُوبِهِمْ وَيَتَفَكَّرُونَ فِي خَلْقِ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ رَبَّنَا مَا خَلَقْتَ هَـٰذَا بَاطِلًا سُبْحَانَكَ فَقِنَا عَذَابَ النَّارِ ﴾ 191 ﴿

Transliteration

अल्लज़ी-न यज़्कुरूनल्ला-ह क़ियामंव्-व क़ुअूदंव्-व अ़ला जुनूबिहिम् व य-तफ़क्करू-न फ़ी ख़ल्किस्समावाति वल्अर्ज़ि, रब्बना मा ख़लक़्-त हाज़ा बातिलन्, सुब्हान-क फ़क़िना अ़ज़ाबन्नार

हिंदी अनुवाद

जो खड़े, बैठे तथा सोए (प्रत्येक स्थिति में,) अल्लाह की याद करते तथ आकाशों और धरती की रचना में विचार करते रहते हैं। (कहते हैः) हे हमारे पालनहार! तूने ये सब[1] व्यर्थ नहीं रचा है। हमें अग्नि के दण्ड से बचा ले। 1. अर्थात यह विचित्र रचना तथा व्यवस्था अकारण नहीं तथा आवश्यक है कि इस जीवन के पश्चात भी कोई जीवन हो जिस में इस जीवन के कर्मों के परिणाम सामने आयें।

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رَبَّنَا إِنَّكَ مَن تُدْخِلِ النَّارَ فَقَدْ أَخْزَيْتَهُ ۖ وَمَا لِلظَّالِمِينَ مِنْ أَنصَارٍ ﴾ 192 ﴿

Transliteration

रब्बना इन्न-क मन् तुद्ख़िलिन्-ना-र फ़-क़द् अख़्ज़ैतहू, व मा लिज़्ज़ालिमी-न मिन् अन्सार

हिंदी अनुवाद

हे हमारे पालनहार! तूने जिसे नरक में झोंक दिया, उसे अपमानित कर दिया और अत्याचारियों का कोई सहायक न होगा।

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رَّبَّنَا إِنَّنَا سَمِعْنَا مُنَادِيًا يُنَادِي لِلْإِيمَانِ أَنْ آمِنُوا بِرَبِّكُمْ فَآمَنَّا ۚ رَبَّنَا فَاغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَكَفِّرْ عَنَّا سَيِّئَاتِنَا وَتَوَفَّنَا مَعَ الْأَبْرَارِ ﴾ 193 ﴿

Transliteration

रब्बना इन्नना समिअ्ना मुनादियंय्युनादी लिल्ईमानि अन् आमिनू बि-रब्बिकुम् फ़-आमन्ना, रब्बना फ़ग़्फिर् लना ज़ुनूबना व कफ़्फ़िर अ़न्ना सय्यिआतिना व तवफ़्फ़ना मअ़ल् अब्रार

हिंदी अनुवाद

हे हमारे पालनहार! हमने एक[1] पुकारने वाले को ईमान के लिए पुकारते हुए सुना कि अपने पालनहार पर ईमान लाओ, तो हम ईमान ले आये। हे हमारे पालनहार! हमारे पाप क्षमा कर दे तथा हमारी बुराईयों को अनदेखी कर दे तथा हमारी मौत पुनीतों (सदाचारियों) के साथ हो। 1. अर्थात अन्तिम नबी मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को।

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رَبَّنَا وَآتِنَا مَا وَعَدتَّنَا عَلَىٰ رُسُلِكَ وَلَا تُخْزِنَا يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ إِنَّكَ لَا تُخْلِفُ الْمِيعَادَ ﴾ 194 ﴿

Transliteration

रब्बना व आतिना मा व-अ़त्तना अ़ला रुसुलि-क व ला तुख़्ज़िना यौमल्-क़ियामति, इन्न-क ला तुख़्लिफ़ुल मीआ़द

हिंदी अनुवाद

हे हमारे पालनहार! हमें, तूने रसूलों द्वारा जो वचन दिया है, हमें वो प्रदान कर तथा प्रलय के दिन हमें अपमानित न कर, वास्तव में तू वचन विरोधी नहीं है।

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فَاسْتَجَابَ لَهُمْ رَبُّهُمْ أَنِّي لَا أُضِيعُ عَمَلَ عَامِلٍ مِّنكُم مِّن ذَكَرٍ أَوْ أُنثَىٰ ۖ بَعْضُكُم مِّن بَعْضٍ ۖ فَالَّذِينَ هَاجَرُوا وَأُخْرِجُوا مِن دِيَارِهِمْ وَأُوذُوا فِي سَبِيلِي وَقَاتَلُوا وَقُتِلُوا لَأُكَفِّرَنَّ عَنْهُمْ سَيِّئَاتِهِمْ وَلَأُدْخِلَنَّهُمْ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ ثَوَابًا مِّنْ عِندِ اللَّـهِ ۗ وَاللَّـهُ عِندَهُ حُسْنُ الثَّوَابِ ﴾ 195 ﴿

Transliteration

फ़स्तजा-ब लहुम् रब्बुहुम् अन्नी ला उज़ीअु अ़-म-ल आ़मिलिम् मिन्कुम् मिन् ज़-करिन् औ उन्सा, बअ्ज़ुकुम् मिम्-बअ्ज़िन्, फ़ल्लज़ी-न हाजरू व उख़्रिजू मिन् दियारिहिम् व ऊज़ू फ़ी सबीली व क़ातलू व क़ुतिलू ल-उकफ़्फ़िरन्-न अ़न्हुम् सय्यिआतिहिम् व ल-उद्ख़िलन्नहुम् जन्नातिन् तज्री मिन् तह्तिहल् अन्हारु, सवाबम् मिन् अिन्दिल्लाहि, वल्लाहु अिन्दहू हुस्नुस्सवाब

हिंदी अनुवाद

तो उनके पालनहार ने उनकी (प्रार्थना) सुन ली, (तथा कहा किः) निःसंदेह मैं किसी कार्यकर्ता के कार्य को व्यर्थ नहीं करता[1], नर हो अथवा नारी। तो जिन्होंने हिजरत (प्रस्थान) की, अपने घरों से निकाले गये, मेरी राह में सताये गये और युध्द किया तथा मारे गये, तो हम अवश्य उनके दोषों को क्षमा कर देंगे तथा उन्हें ऐसे स्वर्गों में प्रवेश देंगे, जिनमें नहरें बह रही हैं। ये अल्लाह के पास से उनका प्रतिफल होगा और अल्लाह ही के पास अच्छा प्रतिफल है। 1. अर्थात अल्लाह का यह नियम है कि वह सत्कर्म अकारथ नहीं करता, उस का प्रतिफल अवश्य देता है।

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لَا يَغُرَّنَّكَ تَقَلُّبُ الَّذِينَ كَفَرُوا فِي الْبِلَادِ ﴾ 196 ﴿

Transliteration

ला यग़ुर्रन्न-क त-क़ल्लुबुल्लज़ी-न क-फ़रू फ़िल्बिलाद

हिंदी अनुवाद

(हे नबी!) नगरों में काफ़िरों का (सुविधा के साथ) फिरना आपको धोखे में न डाल दे।

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مَتَاعٌ قَلِيلٌ ثُمَّ مَأْوَاهُمْ جَهَنَّمُ ۚ وَبِئْسَ الْمِهَادُ ﴾ 197 ﴿

Transliteration

मताअुन् क़लीलुन्, सुम्-म मअ्वाहुम् जहन्न-मु, व बिअ्सल् मिहाद

हिंदी अनुवाद

ये तनिक लाभ[1] है, फिर उनका स्थान नरक है और वह क्या ही बुरा आवास है! 1. अर्थात सामयिक संसारिक आनंद है।

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لَـٰكِنِ الَّذِينَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ لَهُمْ جَنَّاتٌ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا نُزُلًا مِّنْ عِندِ اللَّـهِ ۗ وَمَا عِندَ اللَّـهِ خَيْرٌ لِّلْأَبْرَارِ ﴾ 198 ﴿

Transliteration

लाकिनिल्लज़ीनत्तक़ौ रब्बहुम् लहुम् जन्नातुन् तज्री मिन् तह्तिहल् अन्हारु ख़ालिदी-न फ़ीहा नुज़ुलम् मिन् अिन्दिल्लाहि, व मा अिन्दल्लाहि ख़ैरुल्- लिल्- अब्रार

हिंदी अनुवाद

परन्तु जो अपने पालनहार से डरे, तो उनके लिए ऐसे स्वर्ग हैं, जिनमें नहरें प्रवाहित हैं। उनमें वे सदावासी होंगे। ये अल्लाह के पास से अतिथि सत्कार होगा तथा जो अल्लाह के पास है, पुनीतों के लिए उत्तम है।

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وَإِنَّ مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ لَمَن يُؤْمِنُ بِاللَّـهِ وَمَا أُنزِلَ إِلَيْكُمْ وَمَا أُنزِلَ إِلَيْهِمْ خَاشِعِينَ لِلَّـهِ لَا يَشْتَرُونَ بِآيَاتِ اللَّـهِ ثَمَنًا قَلِيلًا ۗ أُولَـٰئِكَ لَهُمْ أَجْرُهُمْ عِندَ رَبِّهِمْ ۗ إِنَّ اللَّـهَ سَرِيعُ الْحِسَابِ ﴾ 199 ﴿

Transliteration

व इन्- न मिन् अह्-लिल्-किताबि ल-मंय्युमिनु बिल्लाहि व मा उन्ज़ि-ल इलैकुम् व मा उन्ज़ि-ल इलैहिम् ख़ाशिई-न लिल्लाहि, ला यश्तरू-न बिआयातिल्लाहि स-मनन् क़लीलन्, उलाइ-क लहुम् अज्रुहुम् अिन्-द रब्बिहिम्, इन्नल्ला-ह सरीअुल् हिसाब

हिंदी अनुवाद

और निःसंदेह अह्ले किताब (अर्थात यहूद और ईसाई) में से कुछ ऐसे भी हैं, जो अल्लाह पर ईमान रखते हैं और तुम्हारी ओर जो उतारा गया है, उसपर भी, अल्लाह से डरे रहते हैं और उसकी आयतों को थोड़ी थोड़ी क़ीमतों पर बेचते भी नहीं[1]। उनका बदला उनके रब के पास है। निःसंदेह अल्लाह जल्दी ही हिसाब लेने वाला है। 1. अर्थात यह यहूदियों और ईसाइयों का दूसरा समुदाय है, जो अल्लाह पर और उस की किताबों पर सह़ीह़ प्रकार से ईमान रखता था। और सत्य को स्वीकार करता था। तथा इस्लाम और रसूल तथा मुसलमानों के विपरीत साज़िशें नहीं करता था। और चन्द टकों के कारण अल्लाह के आदेशों में हेर फेर नहीं करता था।

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يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اصْبِرُوا وَصَابِرُوا وَرَابِطُوا وَاتَّقُوا اللَّـهَ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ ﴾ 200 ﴿

Transliteration

या अय्युहल्लज़ी-न आमनुस्बिरू व साबिरू व राबितू, वत्तक़ुल्ला-ह लअ़ल्लकुम् तुफ़्लिहून

हिंदी अनुवाद

हे ईमान वालो! तुम धैर्य रखो[1], एक-दूसरे को थामे रखो, जिहाद के लिए तैयार रहो और अल्लाह से डरते रहो, ताकि तुम अपने उद्देश्य को पहुँचो। 1. अर्थात अल्लाह और उस के रसूल की फ़रमाँ बरदारी करके और अपनी मनमानी छोड़ कर धैर्य करो। और यदि शत्रु से लड़ाई हो जाये तो उस में सामने आने वाली परेशानियों पर डटे रहना बहुत बड़ा धैर्य है। इसी प्रकार शत्रु के बारे में सदैव चौकन्ना रहना भी बहुत बड़े साहस का काम है। इसी लिये ह़दीस में आया है कि अल्लाह के रास्ते में एक दिन मोर्चे बन्द रहना इस दुनिया और इस की तमाम चीज़ों से उत्तम है। (सह़ीह़ बुख़ारी)

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